Aayusya maan Bharat

Aayusya maan Bharat Dr. Dharmveer singh chauhan Medical science

18/01/2024

प्राण प्रतिष्ठा। - वेद सिर्फ, एक अव्यक्त, सर्वशक्तिमान परमात्मा को ही मानता है। और परमात्मा अपने प्रभाव आत्मा द्वारा पुनर्जन्म कराता है।मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम,पैगंबर रूप में इस दुनिया में आए और सब का कल्याण कर, चले गए लेकिन उनका सूक्ष्म शरीर या जीवात्मा या प्राण सदा इस दुनिया में रहेंगे।किसी भी मूर्ति में किसी जीव के दर्शन के लिए ,उस मूर्ति में प्राण प्रतिष्ठा क्रिया कर्म, किया जाता है।

16/01/2024

सामान्य मंदिर मस्जिद को तो छोड़ो,वो तो कही भी बनाए जा सकते,लेकिन अगर अयोध्या, मथुरा आदि में, आक्रांताओं द्वारा मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद है, तो उसे सौहार्द से ही हटाकर, वहां दोनों पक्षों को मंदिर बना देना चाहिए।युग पुरुष ,जो हम सब के पूर्वज है - श्री राम और श्री कृष्ण जी भी तो हिंदुओं के भगवान कहिए या अवतार, नबी कहिए या पैगंबर, उनकी जन्मस्थली पर विवाद नहीं होना चाहिए। प्यार से रहो बहकावे में मत आओ,लेकिन कुछ राजनेता हमें चैन से नही बैठने देंगे, और हमे लड़ाते रहेंगे।हम सभी को महर्षि ब्रह्मा जी,श्री राम,श्री कृष्ण जी,ऋषभ देव,गोतम बुद्ध, ईसा मसीह,मोहमद साहब,गुरु नानक देव आदि का सम्मान करना चाहिए।

31/12/2023

(१)गाड़ी या गाड़ी के इंजन की उम्र 10 - 15 साल बहुत कम है यह बढ़ानी चाहिए। (२) 60 साल से अधिक उम्र के हर बुजुर्गों की पेंशन होनी चाहिए। (३) पाठ्यक्रम में, वेद और फर्स्ट एड की शिक्षा अनिवार्य होनी चाहिए। (४) गरीब और असहाय को ही,खाद्यान्न का अनुदान मिलना चाहिए। (५) सरकार, निश्चित गन्ना मूल्य का भुगतान,सपलाई के १५ दिन के अन्दर ही सुनिश्चित करे। (६) बेसहारा गोवंश की उचित व्यवस्था निश्चित हो। (७) प्राइमरी स्कूलों में खाने के लिए सिर्फ उबले हुए चने (बाकली) ही काफी है।

23/10/2023

माध्यमिक शिक्षा पाठ्यक्रम में मेडिकल फर्स्ट एड और शॉर्ट रूप में वेद अध्यन अनिवार्य होना चाहिए।

20/10/2023

टॉप 10 एनाल्जेसिक। - (१)डाइक्लोफिनेक। - ५०ही१०० एम जी ।एसक्लोफेनक इसका और शुद्ध रूप है।मांसपेशियों और जोड़ों में सुजान और दर्द तथा बुखार को दूर करता है।यह निमसूलाइड और ब्रूफेन से अच्छी औषधि मानी गई है।डी पी जेसिक के नाम से कॉम्बिनेशन आता है। पशु में इसके प्रयोग से गिद्धों पर बुरा असर डालती है। (२) पेरासिटामोल - एक सुरक्षित दर्द और बुखार निवारक औषधि है।यह एसेटामिनाफेन ही है। (३) इबूप्रोफेन - यह बुखार और पेशीय और जोड़ों के दर्द तथा दांत दर्द आदि में फायदा करती है डाइक्लोफिनेक ,निम्सुलाइड, ibuprofen,एस्प्रिन आदि दवाई, डेंगू और कोरोना में प्रतिबंध की,क्योंकि यह प्लेटलेट्स कम करते हैं ।पेरासिटामोल ही निर अपवाद दवाई है, जो ऐसी स्थिति में लेना सुरक्षित है। (४) डिस्प्रिन - यह एस्प्रिन ही है,जो रक्त को पतला करती है तथा हृदय आघात को रोकते हैं ।आधा सीसी सर दर्द, दांत दर्द,नसों में दर्द,मासिक धर्म का दर्द आदि में फायदा करती है। (५) piroxicam 20 - इसकी suganril tab आती है जो मासपेशीयो और जोड़ों की जकड़न,दर्द, सूजन, मासिक धर्म दर्द, बुखार में फायदा करती है। जीवाणुओं को भी नष्ट करता है। (६)। chlorzoxazone - मोच आना,नस पर नस चढ़ना, तीव्र मासपेशियो,जोड़ों में दर्द मांसपेशियों को शिथिल करता है,अल्पकाली राहत देता है। (७) डायसाइक्लोमीन - यह मेफ्टाल स्पास (डाइसाइक्लोमिन +मेफेनेमिक)और spasmoproxivon प्लस का एक घटक है जो स्टमक,इंटेस्टाइन यानी पेट के दर्द में पेशियों को शिथिल कर,विशेष फायदा करता है।यह अफीम से बनी दवा,खांसी और दस्त में भी पर्योगर्थ।निंद्रालू है। (८) ट्रामाडोल ५०-१०० एम जी - यह spasmoproxivon प्लस (ट्रामाडॉल + डाइसाइक्लोमिन+पैरासिटामोल) का एक घटक है,जो अलग भी आती है।यह तेज बदन दर्द,पेट दर्द में,थोड़े समय को राहत देता है।यह निंद्रालु है । (९) फोर्टविन (पेंटाजेसिन) butarfenol के समान है।जो निंद्रलु है।यह तेज पेट तथा बदन दर्द की बहुत अच्छी दवाई है। (१०) नेपरोक्सन (Naproxen ५००एम जी) सर्वोत्तम शक्तिशाली दर्द,सूजन,मोच,गठिया,घुटनों का दर्द, बुखार में उपयोगी।रक्त पतला करती है।

20/10/2023

In the education curriculum, before Intermediate, to preserve our culture, medical first aid and in short Veda study should be made mandatory.

14/10/2023

टॉप 10 एंटीबायोटिक। - नंबर 1 एमोक्सीसिलिन (पेनिसिलिन ग्रुप - अमोक्सेसिलिन ६२५ एम जी )दांत,निमोनिया, दिमागी सूजन, टाइफाइड बुखार, गला, कान, चर्म संक्रमण तथा रूमेटिक फीवर आदि में प्रयोग अर्थ। नंबर दो - एजीथ्रोमाइसीन (इरिथ्रोमाइसिन)निमोनिया,टाइफाइड, चर्म रोग ,मुहासे, मसूड़े के एब्सेस आदि संक्रमण। नंबर 3 - सिफिक्सिम 200 एमजी - टाइफाइड निमोनिया, मेनिनजाइटिस, मूत्र संस्थान रोग।यह ब्रॉड स्पेक्ट्रम एंटीबायोटिक है ।नंबर ४ - एमिकासिन (जेंटामाइसिन, मिकासिनआदि )तीव्र संक्रमण ग्राम नेगेटिव ,पेट, मूत्र संस्थान, सेप्टिक आदि में प्रयोग अर्थ। नंबर पांच - डॉक्सीसाइक्लिन (टेरामिसिनआदि) तीव्र मुहासे, खांसी जुकाम,कुछ जननांग संक्रमण, हैजा, प्लेग, में भी प्रयोग अर्थ ।लंबे समय तक काम करता है। दिन में एक खुराक भी काफी है। नंबर 6 - सिप्रोफ्लाक्सासिन (लेवोफ्लोक्सासी ,मॉक्सिफ्लॉक्स)टायफाइड, आंत संक्रमण ,सुजाक और जॉइंट्स सेप्टिक , लंबे समय देने पर साइड इफेक्ट बनते हैं। नंबर 7 - ओफ्लाक्सासिन २००एम जी - टाइफाइड बुखार, निमोनिया,मूत्र वह संस्थान,नाक, गला, चर्म आदि संक्रमण के लिए। नंबर 8 - clandamycin. -मुहासे, हड्डी,पेट के संक्रमण तथा दांत संक्रमण जहां दूसरा एंटीबायोटिक काम ना करें। नंबर 9 - मेट्रोजिल - प्रोटोजोआ ,एनएरोबिक बैक्टीरिया, वेजाइनोसिस, दांत मसूड़े में फोड़ा होना। नंबर 10 - Ertapenen - रेजिस्टेंट बैक्टीरिया, पेट, जनन अंग के संक्रमण, निमोनिया, चर्म रोग आदि में प्रयोग अर्थ । कुछ दूसरे एंटीबायोटिक जैसे क्लॉर्मफेनिकोल,सेप्ट्रान आदि तथा vancomycin 500 एमजी इंजेक्शन गंभीर संक्रमण में हॉस्पिटल में ही प्रयोग करना चाहिए।

12/10/2023

वायरस की टॉप तीन दवाई - वायरस संक्रमण - वायरस संक्रमण की कोई एंटीवायरस दवाई, वायरस से छुटकारा नहीं दिला सकती, यह वाइरस को निष्क्रिय बना सकती है। केवल लाक्षणिक चिकित्सा ही की जाती है।कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां का भी सहारा लेना चाहिए। संक्रमित शरीर स्वयं,रक्त की लिंफोसाइट और श्वेतकणिकाओं द्वारा, इंटरफेरॉन हार्मोन उत्पन्न कर, वायरस को मारता है। वायरस की टॉप तीन दवाई - ( १) Aciclovit tab & ointments - अथवा पेंसिक्लोविर का प्रयोग हर्पीज जोस्टर ,हर्पीज सिंपलेक्सऔर चिकनपाक्स वायरस में किया जाता है। (२) peramivin tab. इंफ्लूंजा,फ्लू आदि में दे।tamu flu भी यही कार्य करती है। (३) Adenovirus - Hepatitis B में पर्योगार्थ।यह रोग अगर छ महा में हट गया तो ठीक अन्यथा जीवन भर रहता है।

11/10/2023

फंगस इंफेक्शन की सटीक चिकित्सा - फंगल इंफेक्शन की पांच टॉप औषधि। फंगस की दवाई के साथ कोर्टिको स्ट्रायड बेटनेसोल आदि का प्रयोग कभी न करें । विटामिन ए और b12 का प्रयोग उपयोगी होता है। नंबर एक - किटाकोनाजोले पहले नंबर की दवाई है।शैंपू, साबुन,लोशन और मुंह से गोली भी ली जा सकती है। यह योनि,जीभ, त्वचा पर दाद,चकते, डैंड्रफ,रेसेस आदि होना। पेट डिस्टर्ब होना आदि में प्रयोग की जाती है। 200 एमजी रोज एक हफ्ते से 6 माह तक रोग अनुसार ले सकते हैं ।नंबर दो - टरबीना फैन नाखून में फंगस संक्रमण के लिए बारह हफ्ते तक ले।दाद,चर्म रोग में दो से 6 हफ्ते तक रोग अनुसार ले सकते हैं।नंबर ३ - Itraconazole tab. 200 एमजी। शुरू में 3 दिन सुबह शाम और फिर 200 एमजी रोज सभी फंगस रोग त्वचा,मुंह,गला,योनि, नाखून, फेफड़ा मैं उपयोगी है।नंबर ४ - फ्लूकोनाजोले चर्म रोग,नाखून मुंह,योनि फंगस संक्रमण में उपयोगी।आंखों की दवाई के रूप में भीआती है।डेढ़ सौ एमजी हफ्ते में एक बार भी लेना उपयोगी है। वैसे दिन में 150 एमजी एक बार तीन दिन तक भी ले सकते हैं।हार्ट,लीवर,गुर्दे के रोगी में सावधानी बरते। नंबर ५ - क्लोट्रामिजोल - चर्म रोग में क्रीम,पाउडर रूप तथा योनि में रखने के लिए गोली रूप में भी आती है। कुछ और भी दवाई फंगस संक्रमण के लिए दी जाती हैं जैसे लूली कोनाजॉल - क्रीम तथा लोशन के रूप में आती है, जो दाद के लिए सबसे अच्छी दवाई है। माईकॉनाजोले , पूसा को नाजोल ,ऑक्सीकॉनाजोल,एंफोटेरिसी 3.5 एमजी से 5 एमजी तक,घातक फंगस इंफेक्शन यानी ब्लैक फंगस आदि में प्रयोग की जाती है।पूसा कोनाजोल, ऑक्सिकॉाजोले आदि । टेटमोसोल साबुन या पाउडर का भी प्रयोग किया जाता है। नीम व हल्दी भी एंटीबायोटिक और एंटी फंगल मानी जाती है। टी ट्री आयल भी योनि की खुजली में फायदा करता है।

10/10/2023

डेंगू बुखार - कारण। - दिन में काटने वाले ,साफ पानी में रहने वाले, दो-तीन फीट ऊंचाई तक उड़ने वाले, भूरे रंग के मादा कुलेक्स मच्छर के द्वारा, Arbo वायरस ग्रुप के कारण, महामारी रूप में एक दूसरे को यह रोग फैल जाता है ।लक्षण - बुखार शुरू में तेज 102 से 105 तक, बीच में साधारण और बाद में फिर तेज हो जाता है ।जो कुल सात आठ दिन तक रहता है ।भूख न लगना, खसरे के समान शरीर पर दाने, रेसेज, चलने में असमर्थता, श्वेत कण व प्लेटलेट्स का कम हो जाना, इस रोग के मुख्य लक्षण है। एलिसा टेस्ट से 5 दिन बाद डेंगू का पता लग सकता है। चिकित्सा। - एलोपैथिक में रोग की कोई विशिष्ट चिकित्सा नहीं है। फलों का रस, ग्लूकोस,102 से ऊपर के बुखार को उतारने के लिए पेरासिटामोल दे सकते हैं।इससे कम बुखार को उतारने की जरूरत नही,वो सब ठीक हो जायेगा।और कोई दूसरी बुखार उतारने की दवा न दे। तीन चार हजार प्लेटलेट्स रहने पर अवश्य ही प्लेटलेट चढ़वाए। 10000 होने पर चढ़वा ले तो और अच्छा। बकरी का दूध ,जूस , पतली मूंग की दाल, साबूदाने की खीर,पपीता, अनार,चुकंदर का जूस,संतरा ,अंगूर,गिलोय वटी, टैब प्लेट्जा या सिरप हिमालय कंपनी का या जाइरेक्स प्ले टैक्स प्लस टेबलेट का प्रयोग बहुत उपयोगी है।इस बुखार में गिलोय तथा पपीता बहुत उपयोगी है।

09/10/2023

प्लेटलेट्स - प्लेटलेट्स अस्थि मज्जा यानि बोन मैरो में बनता है। हर रोज बोन मैरो लाखों प्लेटलेट्स बनाता है, जिनका जीवन 10 दिन ही माना गया है ।प्रति माइक्रो लीटर डेढ़ से 4.5 लाख प्लेटलेट्स स्वस्थ आदमी में होनी चाहिए। 40000 तक प्लेटलेट्स कम होने में कोई खतरा नहीं है, लेकिन हां 20000 से कम का लेवल खतरनाक हो सकता है। यह रक्त का ही एक कण है । कारण। - वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण रोग, मलेरिया, एनीमिया, डेंगू बुखार, गठिया रोग, हेपेटाइटिस, कैंसर, इम्यूनो थ्रांबोसाइटोपेनिया । लक्षण - मल मूत्र मसूड़ों उल्टी आदि में खून आना। शरीर में थकावट, सांस में दिक्कत,बुखार,त्वचा पर नीले भूरे लाल रंग के धब्बे। चिकित्सा - प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए - पपीता फल या पत्ते,आवंला, गिलोय,अनार,पालक, चुकंदर दूध ,पौष्टिक ,आयरन युक्त भोजन । आयुर्वेदिक औषधि - जैसे jayrex pletx plus tab. Platnza tab or syp.(Himaya co.)कॉर्टिकोस्टेरॉइड जैसे प्रेड़नीस लोन, डेक्सामेथासोन, विटामिन बी12, सी,के आदि का प्रयोग करें। Inj. augplate ,पलेटलेट्स बढ़ाने के लिए दे।पानी खूब पीएं,नियमित व्यायाम करें । विटामिन डी प्लेट्स काम करता है ।इससे बचे।प्लेटलेट्स काउंट किट से आप घर पर भी प्लेट्स चेक कर सकते हैं । धन्यवाद

07/10/2023

सनातन धर्म या सनातन संस्कार - सदा से चला आ रहा विशुद्ध ज्ञान है । 460 करोड़ साल पहले धरती के अस्तित्व मेंआने के बाद,आज से सवा सौ करोड़ साल पहले,धरती पर एक कोशीय जीव का जन्म हुआ और सवा लाख साल पहले जर्मन के लिएंडर थल नामक एक स्थान से, पहला मानव कंकाल मिला जो दो पैरों पर चलता था। समय बिता गया,आज से 50000 साल पहले मानव ने भाषाई बोलचाल की और कुत्ता वह घोड़ा पाला।लगभग 10000 - 11000 साल पहले परमात्मा के दिए दिव्य ज्ञान से महर्षि ब्रह्मा के उपदेश का संकलन कर अग्नि वायु आदित्य को अंगिरा ऋषियों ने वेदों की रचना की । त्रेता में श्री राम व द्वापर में श्री कृष्ण जी ने वेदों का पठन-पाठन कर,महा मानव की उपाधि प्राप्त की ।और जो एक है,नित्य है अव्यक्त है और ज्ञानी है सिर्फ उसे ही परमात्मा यानि भगवान माना और आज हम उन्हीं का अनुसरण कर सामाजिक व्यवस्था बनाए हुए हैं ।सनातन वैदिक धर्म से भी पुराना है, उपरोक्त का वाख्यान करना ही सनातन धर्म है ,लेकिन कुछ अज्ञानी निज स्वार्थी ,पाखंडियों ने सनातन और वेद की कठिनभाषा का सही अर्थ न समझ कर ,उनका अर्थ गलत निकल कर विशुद्ध सनातन व वैदिक धर्म का सत्यानाश कर दिया। शिवजी की मूर्ति को दूध पिला दिया, लिंग की पूजा करवा दी, अनेक भगवान बना दिए ,बुराड़ी दिल्ली में तो भाटिया परिवार के 11 लोगों को,धनवान बनाने के चक्कर में, फांसी लगाने को मजबूर कर दिया।इन्होंने सनातन धर्म का सत्यानाश कर दिया ।और मजबूरन कुछ विद्वानों ने दुखी होकर अपने अलग-अलग पंथ बना लिये - जैसे मुस्लिम, बौद्ध, ईसाई आदि,जो सिर्फ एक भगवान होना मानते है। महर्षि ब्रह्मा,शिव,विष्णु,इंद्र,गणेश,राम,कृष्ण बुद्ध को महर्षि या महामानव कहो,भगवान नही,वह तो सिर्फ एक है । जय भारत

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