30/05/2021
कोविड-19, वैक्सीन और बच्चे
पिछले साल जब यह महामारी शुरू हुई थी तो शुरुआती आंकड़ों से ऐसा लग रहा था कि बच्चों में यह बीमारी शायद कम फैलेगी और बच्चे यह बीमारी आगे नहीं बढ़ा पाएंगे। इसका कोई समुचित वैज्ञानिक आधार नहीं था और यह थ्योरी समय के साथ फेल हो गयी। नए आंकड़ों में तो अब भी बच्चों में संक्रमण की दर वयस्कों से कम है पर अब लगभग यह बात तय है कि बच्चों को यदि वयस्कों की तरह समान अवसर उपलब्ध हों तो वह भी उतने ही संक्रमित हो सकते हैं और उतना ही संक्रमण दूसरों को बाँट सकते हैं।
बात करते हैं सबसे छोटे बच्चों, यानी नवजात शिशुओं के बारे में। नवजात शिशुओं में संक्रमण फिलहाल माँ के पेट से होते हुए नहीं देखा गया, पर जन्म के दौरान और तुरंत बाद में बच्चों को संक्रमण हो सकता है। यह माँ से भी हो सकता है और किसी नर्सिंग स्टाफ़ या डॉक्टर से भी। ज़्यादातर मामलों में नवजात शिशु लक्षणविहीन ही रहते हैं पर कुछ मामलों में उन्हे गंभीर बीमारी हो सकती है और आईसीयू में रखना पड़ सकता है। बहुत कम मामलों में मृत्यु भी देखी गयी है।
कोविड धनात्मक माँ के प्रसव के बाद नवजात को माँ से अलग रखते हैं जब तक उसकी कोविड रिपोर्ट नहीं आ जाती। इस दौरान बच्चे को स्तनपान की अनुमति है परंतु जरूरी है कि माँ पूरा ध्यान रखे। दूध पिलाने से पहले डबल मास्क लगाए, हाथ और स्तन साफ करे ( सैनिटाइज़र का यदि इस्तेमाल हो तो स्तन को पुनः साफ पानी से अच्छे से धो लें अन्यथा शिशु के पेट में सैनिटाइज़र जाने खतरा रहेगा ) संभव हो तो दूध पिलाने के बाद शिशु को दूसरे कमरे में रखें। यदि शिशु की रिपोर्ट भी धनात्मक होती है तो उसे माँ के साथ ( रूमिंग इन ) कर सकते हैं।
इस दौरान बच्चे पर नज़र रखें। उसका तापमान, सांस की गति, ऑक्सीज़न की मात्रा, हाथ-पैरों में नीलापन, दूध पीने में परेशानी, सुस्त होना आदि लक्षणों पर गौर करें और शंका होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
दुनिया में कहीं भी नवजात शिशुओं के कोविड टीकों पर अभी कोई काम नहीं चल रहा है तो निकट भविष्य में उनके लिए टीके बाज़ार में नहीं उपलब्ध होने वाले। माओं को लगने वाले टीके नवजात शिशुओं में कितना बचाव कर पाएंगे यह अभी देखना होगा।
नवजात शिशुओं में एक और बीमारी पर नज़र रखनी होगी जिसके बारे में अभी ज्यादा ज्ञान नहीं है, वह है MIS-N ( Multisystem Inflammatory Syndrome Of Neonates ) यह बीमारी बड़े बच्चों में देखी जा रही है और कई मामलों में जानलेवा भी होती है। इसके बारे में ज्यादा विस्तार से आगे जानेंगे। अभी इतना समझना काफी है कि नवजात शिशु, जिसकी माँ या वह खुद कोविड पॉज़िटिव हैं उसे अगले 2 से 6 हफ्तों में फिर से यह बीमारी दूसरे रूप में उभर सकती है जिसका मुख्य लक्षण बुखार है। शिशुओं में इसके लक्षण बड़े बच्चों से भिन्न हो सकते हैं।
नवजात शिशुओं को बचाने के लिए अभी हमारे पास उनकी माओं और स्वास्थ्य कर्मियों के टीकाकरण के अलावा फिलहाल कोई हथियार नहीं है। अपने बच्चों को कोविड से सुरक्षित करने के लिए गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली माओं को आगे बढ़कर वैक्सीन लगवानी चाहिए।
तब तक खुद को और अपने बच्चे को बचाने के वही तरीके -
भीड़ में न जाएँ
मास्क लगाएँ।
- डॉ प्रदीप कुमार शुक्ल
#कोरोना_में_दुनिया
(सआभार)