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"श्री विश्वहरी आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्वास्थ्य, जीवनशैली और प्राकृतिक उपचार का केंद्र है। अनुभवी वैद्य की देखरेख में यहाँ पंचकर्म, नाड़ी परीक्षण, हर्बल औषधियाँ, दर्द प्रबंधन, क्रॉनिक बीमारियों एवं महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान उपलब्ध है।

फैटी लिवर एक गंभीर बीमारी 👉फैटी लिवर (Fatty Liver) एक सामान्य लेकिन गंभीर बन सकने वाली स्थिति है, जिसमें यकृत (लिवर) में...
08/09/2025

फैटी लिवर एक गंभीर बीमारी

👉फैटी लिवर (Fatty Liver) एक सामान्य लेकिन गंभीर बन सकने वाली स्थिति है, जिसमें यकृत (लिवर) में वसा जमा हो जाती है। यह अक्सर बिना लक्षण के होता है, लेकिन समय रहते पहचान और जीवनशैली सुधार से पूरी तरह नियंत्रित और सुधारा जा सकता है।

👉मुख्य प्रकार
A) मेटाबोलिक (NAFLD/MAFLD):
बिना शराब सेवन करने वालों में, मोटापा, मधुमेह, हाई कोलेस्ट्रॉल और खराब खानपान इसके प्रमुख कारण हैं।

B) एल्कोहलिक फैटी लिवर:
लंबे समय तक अत्यधिक शराब सेवन से होता है।

लक्षण-
1) आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते।

2) कुछ लोगों में थकान, कमजोरी, या ऊपरी दाईं ओर पेट में हल्का दर्द हो सकता है।

कारण
1) मोटापा और अधिक कैलोरी वाला भोजन
2) अत्यधिक शराब सेवन
3) डायबिटीज़, हाई शुगर और हाई कोलेस्ट्रॉल
4) कुछ दवाइयाँ और चयापचय विकार

संभावित जटिलताएँ
-सिरोसिस (लिवर कठोर होना)
-लिवर फेल्योर
-लिवर कैंसर

निदान
मेडिकल हिस्ट्री
ब्लड टेस्ट (LFT, शुगर, लिपिड प्रोफाइल)
अल्ट्रासाउंड
कभी-कभी लिवर बायोप्सी

रोकथाम और उपचार
1) शराब पूरी तरह छोड़ना
2) वजन नियंत्रित करना और धीरे-धीरे कम करना
3) संतुलित आहार (कम वसा, हाई फाइबर, प्रोटीनयुक्त)
4)नियमित हल्का-फुल्का व्यायाम और भोजन के बाद छोटी सैर
5) डायबिटीज़ और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल में रखना

सारांश
फैटी लिवर शुरुआती अवस्था में खतरनाक नहीं होता और जीवनशैली में सुधार से पूरी तरह नियंत्रित किया जा सकता है। समय रहते सावधानी और नियमित जांच बहुत ज़रूरी है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें -
वैद्य पवन कुमार वर्मा
श्री विश्वहरी आयुर्वेदिक चिकिसलाय व पंचकर्म केंद्र
पारस टावर पानी टंकी चौराहा बहराइच
Mob. 9451786976📞

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की हार्दिक शुभकामनाएँ! यह पावन दिन सबके जीवन में खुशियाँ, शांति और समृद्धि लेकर आए। पैगंबर साहब के आदर...
05/09/2025

ईद-ए-मिलाद-उन-नबी की हार्दिक शुभकामनाएँ! यह पावन दिन सबके जीवन में खुशियाँ, शांति और समृद्धि लेकर आए। पैगंबर साहब के आदर्शों पर चलकर हम सभी अपने जीवन को और उत्तम बना सकें। ईद मुबारक!

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥"शिक्षा वह दीपक है जो अज्ञा...
05/09/2025

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥

"शिक्षा वह दीपक है जो अज्ञान के अंधकार को दूर करता है। जैसे शिक्षक जीवन में मार्गदर्शक होते हैं, वैसे ही हम अपने रोगियों को आयुर्वेद के ज्ञान से स्वस्थ जीवन की ओर उन्मुख करते हैं।
इस शिक्षक दिवस पर हम सभी गुरुओं और शिक्षकों को नमन करते हैं, जिनके आशीर्वाद से जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि आती है।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!"

भोजन के बाद हल्की वॉक (शतपावली)🚶🚶 आयुर्वेदिक ग्रंथों और वैज्ञानिक शोध समान रूप से इसके विविध स्वास्थ्य लाभों का समर्थन क...
30/08/2025

भोजन के बाद हल्की वॉक (शतपावली)🚶🚶

आयुर्वेदिक ग्रंथों और वैज्ञानिक शोध समान रूप से इसके विविध स्वास्थ्य लाभों का समर्थन करते हैं।

A) आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
👉चरक संहिता और अन्य ग्रंथ स्पष्ट रूप से भोजन के बाद “शतपावली” (लगभग 100 कदम चलना) की संस्तुति करते हैं।

👉हल्की वॉक से जठराग्नि (digestive fire) जाग्रत रहती है, जिससे भोजन के पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है और पाचन सुधरता है।

👉इससे शरीर में अम (टॉक्सिन) नहीं बनता, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और भारीपन या आलस्य दूर होता है।

👉आयुर्वेद के अनुसार ज्यादा या तेज वॉक पाचन पर विपरीत असर डाल सकती है; हल्की, धीरे-धीरे चलने वाली वॉक ही लाभदायक है।

👉विभिन्न दोषों (वात, पित्त, कफ) के अनुसार वॉक की अवधि व गति निर्धारित की जाती है—कफ वाले व्यक्ति को वॉक अधिक लाभदायक है, जबकि वात व पित्त के लिए हल्की व सीमित वॉक ही सही है।

B) आधुनिक विज्ञान का समर्थन
👉भोजन के बाद 10–15 मिनट की हल्की वॉक से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है—विशेषकर डायबिटीज़ रोगियों के लिए यह फायदेमंद है।

👉वॉक पाचन में सहायता करती है, गैस, कब्ज, और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

👉नियमित वॉक से वजन नियंत्रण में सहायता मिलती है एवं मोटापा कम होता है।

👉रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य सुधरता है और मानसिक ताजगी व मूड भी अच्छा रहता है।

👉शोध बताते हैं कि जो लोग खाना खाने के बाद 10-15 मिनट वॉक करते हैं, उनके GI लक्षण (गैस आदि) दवाओं की तुलना में ज़्यादा सुधरते हैं।

🌏भोजन के बाद वॉक के मुख्य फायदे
👉पाचन शक्ति सुधार: भारीपन, अपच, और गैस से बचाव।

👉ब्लड शुगर कंट्रोल: शुगर लेवल सामान्य रखने में सहायता, डायबिटीज़ वाले लाभान्वित होते हैं।

👉वजन घटाने में मदद: चर्बी जमने से रोकथाम और वजन नियंत्रित रहता है।

👉दिल व दिमाग को राहत: मानसिक तनाव कम होता है, मूड बेहतर रहता है, और नींद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

✅ज़रूरी नियम

1) हमेशा हल्की वॉक करें—तेज़ चलना, दौड़ना, या भारी व्यायाम नुकसानदेह हो सकता है।

2) वॉक की अवधि 10–15 मिनट पर्याप्त है; ज्यादा वॉक या भारी गतिविधि से बचें।

3) आरामदायक चप्पल या जूते पहनें और खाली पैरों न चलें।

प्रेरणादायक आयुर्वेदिक श्लोक🧾
"भोजनांतं विहारं तु, पचनार्थं हितं स्मृतम्।"

🕶️निष्कर्ष📝
भोजन के बाद 100 कदम चलना—शतपावली—आयुर्वेद व आधुनिक विज्ञान दोनों के अनुसार पाचन, वजन, शुगर कंट्रोल और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रभावी व सरल उपाय है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें -
वैद्य पवन कुमार वर्मा

भोजन के बाद हल्की वॉक (शतपावली)🚶🚶 आयुर्वेदिक ग्रंथों और वैज्ञानिक शोध समान रूप से इसके विविध स्वास्थ्य लाभों का समर्थन क...
30/08/2025

भोजन के बाद हल्की वॉक (शतपावली)🚶🚶

आयुर्वेदिक ग्रंथों और वैज्ञानिक शोध समान रूप से इसके विविध स्वास्थ्य लाभों का समर्थन करते हैं।

A) आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
👉चरक संहिता और अन्य ग्रंथ स्पष्ट रूप से भोजन के बाद “शतपावली” (लगभग 100 कदम चलना) की संस्तुति करते हैं।

👉हल्की वॉक से जठराग्नि (digestive fire) जाग्रत रहती है, जिससे भोजन के पोषक तत्वों का अवशोषण बढ़ता है और पाचन सुधरता है।

👉इससे शरीर में अम (टॉक्सिन) नहीं बनता, रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और भारीपन या आलस्य दूर होता है।

👉आयुर्वेद के अनुसार ज्यादा या तेज वॉक पाचन पर विपरीत असर डाल सकती है; हल्की, धीरे-धीरे चलने वाली वॉक ही लाभदायक है।

👉विभिन्न दोषों (वात, पित्त, कफ) के अनुसार वॉक की अवधि व गति निर्धारित की जाती है—कफ वाले व्यक्ति को वॉक अधिक लाभदायक है, जबकि वात व पित्त के लिए हल्की व सीमित वॉक ही सही है।

B) आधुनिक विज्ञान का समर्थन
👉भोजन के बाद 10–15 मिनट की हल्की वॉक से ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है—विशेषकर डायबिटीज़ रोगियों के लिए यह फायदेमंद है।

👉वॉक पाचन में सहायता करती है, गैस, कब्ज, और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

👉नियमित वॉक से वजन नियंत्रण में सहायता मिलती है एवं मोटापा कम होता है।

👉रक्त संचार बेहतर होता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य सुधरता है और मानसिक ताजगी व मूड भी अच्छा रहता है।

👉शोध बताते हैं कि जो लोग खाना खाने के बाद 10-15 मिनट वॉक करते हैं, उनके GI लक्षण (गैस आदि) दवाओं की तुलना में ज़्यादा सुधरते हैं।

🌏भोजन के बाद वॉक के मुख्य फायदे
👉पाचन शक्ति सुधार: भारीपन, अपच, और गैस से बचाव।

👉ब्लड शुगर कंट्रोल: शुगर लेवल सामान्य रखने में सहायता, डायबिटीज़ वाले लाभान्वित होते हैं।

👉वजन घटाने में मदद: चर्बी जमने से रोकथाम और वजन नियंत्रित रहता है।

👉दिल व दिमाग को राहत: मानसिक तनाव कम होता है, मूड बेहतर रहता है, और नींद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

✅ज़रूरी नियम

1) हमेशा हल्की वॉक करें—तेज़ चलना, दौड़ना, या भारी व्यायाम नुकसानदेह हो सकता है।

2) वॉक की अवधि 10–15 मिनट पर्याप्त है; ज्यादा वॉक या भारी गतिविधि से बचें।

3) आरामदायक चप्पल या जूते पहनें और खाली पैरों न चलें।

प्रेरणादायक आयुर्वेदिक श्लोक🧾
"भोजनांतं विहारं तु, पचनार्थं हितं स्मृतम्।"

🕶️निष्कर्ष📝
भोजन के बाद 100 कदम चलना—शतपावली—आयुर्वेद व आधुनिक विज्ञान दोनों के अनुसार पाचन, वजन, शुगर कंट्रोल और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए प्रभावी व सरल उपाय है।

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें -
वैद्य पवन कुमार वर्मा
श्री विश्वहरी आयुर्वेदिक चिकिसलाय व पंचकर्म केंद्र
पारस टावर पानी टंकी चौराहा बहराइच
Mob. 9451786976📞

29/08/2025

वमन क्या है?
वमन पंचकर्म का एक प्रमुख उपचार है, जिसमें चिकित्सकीय तरीके से उल्टी कराकर शरीर से अधिशेष और दोषयुक्त कफ दोष तथा विषाक्त पदार्थों का निष्कासन किया जाता है। यह प्रक्रिया शरीर के ऊपरी हिस्सों, जैसे पेट, फेफड़े और गले से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर शरीर को शुद्ध करती है।

वमन का उद्देश्य
शरीर में जमा हुए अधिशेष कफ और अम्ल पदार्थों को शरीर से निकालना।

पाचन तंत्र को सुधारना और अग्नि (पाचन शक्ति) को जागृत करना।

श्वास संबंधी रोगों जैसे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, खांसी में राहत प्रदान करना।

त्वचा रोगों जैसे पिंपल्स, एक्जिमा, सोरायसिस में सुधार।

मानसिक तनाव, आलस्य और भारीपन की भावना को कम करना।

मोटापे और शरीर में जमा अतिरिक्त वसा को नियंत्रित करना।

वमन की प्रक्रिया
इसमें पहले शरीर को तेल मालिश (अभ्यंग) और स्टीम से गर्माया जाता है ताकि टॉक्सिन्स शरीर के ऊपरी हिस्सों में आ जाएं। फिर चिकित्सक द्वारा विशेष औषधि दी जाती है जिससे रोगी को नियंत्रित उल्टी करवाई जाती है। इससे शरीर के अंदर के विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।

वमन के लाभ
गहरा विषहरण और शरीर की सफाई।

फ़ेफड़ों और श्वास मार्ग की सफाई।

पाचन शक्ति और भूख में सुधार।

त्वचा की रोगों में सुधार।

वजन नियंत्रण और ऊर्जा में वृद्धि।

मानसिक स्पष्टता और तनावमुक्ति।

वमन एक अत्यंत प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है, जो शरीर में जमा विषाक्तता को दूर कर समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।

Address

Pani TAnki Chauraha

271801

Opening Hours

Monday 10:00 - 19:00
Tuesday 10:00 - 19:00
Wednesday 10:00 - 19:00
Thursday 10:00 - 19:00
Friday 10:00 - 19:00
Saturday 10:00 - 19:00

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