06/05/2025
मेडिकल फील्ड की वास्तविकता एक गाँव के मध्यम वर्गीय व्यक्ति को जरूर पता होनी चाहिए !!!
जिस हिसाब से सरकारी एवम् प्राइवेट कॉलेजों की संख्या धड़ल्ले से बढ़ रही हैं उस हिसाब से आने वाला समय MBBS डिग्री धारियों के लिए बहुत कठिन होने वाला हैं ।
MBBS की फीस प्राइवेट कॉलेज में करोड में हैं ।
राजमेस (सरकार द्वारा सोसायटी के माध्यम से संचालित) कॉलेजों में करोड़( NRI कोटा) से लेकर लाखों (पे सीट ) एवम् हजारों (फ्री सीट) हैं ।
सरकारी कॉलेजों में भी हजारों में हैं फीस ।
ये सब 5 साल से ज्यादा धन एवं समय MBBS में खराब करने के बाद रोजगार नहीं हैं और हैं तो ठेके की नौकरी , और वह भी प्लेसमेंट एजेंसी के थ्रू सरकार ले रही हैं,,,,जिसमें महीने के 28000 रूपये दे रही हैं प्लेसमेंट एजेंसी को ,,,जो MBBS डॉक्टर को लगभग 25000 देगी 😃
जिसको आगे MD या MS करने हैं ,वो 3 साल और खराब करे 😀
उसके बाद भी मन नहीं भरा हो तो 3 साल और खराब करके DM या MCh करे 😀
उसके बाद में भी मन नहीं भरा हो तो 1 साल की SR शिप करे !!!
और अंत में आधी से ऊपर उम्र होने पर प्रैक्टिस के मैदान में कूद जाए 😀
कुछ DM / MCh मेडिकल दुकानों पर गांवों में कैंप लगाते पाए जाएंगे जो उम्र आधे पड़ाव में जैसे तैसे करके डॉक्टरी के बाद के देखे ख्वाबों को पूरा करने की जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं 🕵️♂️
बाकि आगे आने वाल समय और भी भयंकर होने वाला हैं....
इसीलिए मध्यम वर्गीय लोग कोचिंग व्यापारियों और दूसरों की देखा देखी भेड़ चाल में ना फंसे!!! कर्ज लेकर बच्चे को MBBS में ना धकेले!!!
हां सरकारी फ्री सीट मिल रही हो तो ठीक हैं , MBBS को नॉर्मल बेसिक मेडिकल डिग्री मान कर करवा सकते हैं । ज्यादा उम्मीद ना रखें !!!
वास्तविकता यही हैं !!!!!
पॉजिटिव रहे ,,,,आगे बढ़ते रहे 👍
NEET में सलेक्शन ना हो तो भी बहुत से अन्य रास्ते हैं 👍👍