chikitsa geyan

chikitsa geyan prevention is better than cure

08/09/2025

14 दिन तक चीनी छोड़ने के फायदे

1 से 3 दिन🤔

सिर दर्द हो सकता है पेट दर्द हो सकता है थकान लग सकती है
8 से 10 दिन,🤔

डाइजेशन में सुधार कब्ज, ब्लोटिंग से छुटकारा पेट से जुड़ी अन्य समस्याओं से छुटकारा
4 से 7 दिन🤔

शरीर तरोताजा महसूस करेगा ऊर्जावान महसूस करेंगे शुगर लेवल कंट्रोल में रहेगा
11 से 14 दिन🤔

मीठा खाने की इच्छा कम होगी शरीर बेहतर महसूस करेगा नींद से जुड़ी समस्याएं समाप्त

04/09/2025

शरीर के 7 चुपचाप बदलते संकेत जो भविष्य की बीमारी की ओर इशारा करते हैं।

बार-बार मुंह सूखना।

संकेतः डिहाइड्रेशन या डायबिटीज़ की शुरुआत।

उपायः दिन में 3-4 बार नारियल पानी पिएं।

हल्की-हल्की खुजली पूरे शरीर में।

संकेतः खून की सफाई कमज़ोर या लिवर से जुड़ी परेशानी।

उपायः गिलोय + नीम का रस सुबह लें।

सुबह उठते ही सिर भारी लगना।

संकेतः नींद की गुणवत्ता खराब या पाचन कमजोर।

उपायः रात को गुनगुना दूध केसर लें, देर रात करें।

बाइल बंद

पेट थोड़े से खाने में भी फूल जाना।

संकेतः केतः आंतों की गड़बड़ी या गैस ट्रैप।

उपायः अजवाइन काला नमक का सेवन करें, खाने के बाद वज्रासन में बैठें।

| छोटे-छोटे घाव देर से भरना

- संकेतः शुगर या खून में पोषण की कमी।

उपायः गुड़ + तिल खाएं, आंवला जूस लें।

चेहरे की रंगत फीकी पड़ना।

संकेतः खून की कमी (एनीमिया)

उपायः चुकंदर + सेब + गाजर का जूस पिएं।

। हर समय बेचैनी या घबराहट रहना।

संकेतः हार्मोन या न्यूरो लेवल असंतुलन।

उपायः ब्राह्मी, अश्वगंधा, ध्यान और सुबह की वॉक।

04/09/2025
03/09/2025

S***M ANALYSIS (स्पर्म एनालिसिस रिपोर्ट पढ़ने का तरीका)

1. वीर्य की मात्रा (Semen Volume)

नॉर्मल: 1.5 ml से 6 ml के बीच

- कम होने पर (Hypospermia): स्पर्म काउंट कम हो सकता है बच्चा होने की संभावना घटती है।

- ज़्यादा होने पर (Hyperspermia): स्पर्म डायल्यूट (पतला) हो सकता है।

2. स्पर्म काउंट (S***m Count / Concentration)

नॉर्मलः कम से कम 15 मिलियन / ml या उससे अधिक

- कम होने पर (Oligospermia): बच्चा होने में मुश्किल हो सकती है।

3. मोबिलिटी (Motility गति/चलने की क्षमता)

प्रोग्रेसिव मोबिलिटी (PR): सही दिशा में तेजी से चलने वाले स्पर्म नॉर्मलः कम से कम 40% स्पर्म सक्रिय होने चाहिए, जिनमें 32% प्रोग्रेसिव हों।

- लो मोबिलिटी (Asthenozoospermia): स्पर्म धीमे या अचल हैं गर्भधारण मुस्किल।

4. मॉफॉलॉजी (Morphology - आकार)

नॉर्मलः कम से कम 4% स्पर्म का आकार और संरचना सामान्य होना चाहिए।

- अबनॉर्मलः हेड, टेल या मिडपीस में गड़बड़ी फर्टिलिटी पर असर।

5. लिक्विफिकेशन टाइम (Liquefaction Time)

नॉर्मल: 20-30 मिनट में वीर्य पतला होना चाहिए।

- अगर देर से पतला हो इन्फेक्शन या प्रोस्टेट समस्या हो सकती है।

6. pH लेवल

नॉर्मल: 7.2-8.0

- लो pH: ब्लॉकेज (अवरोध) की संभावना

- हाई pH: इन्फेक्शन की संभावना

7. अन्य चीजें (Others)

-WBC (White Blood Cells): ज़्यादा होने पर इन्फेक्शन का संकेत

- डेड स्पर्म (Dead S***m %): 50% से कम होने चाहिए
डॉ राज शर्मा

01/09/2025

🫀घरपर रक्तचाप या ब्लड प्रेशर कैसे चेक करे 🫀
खाने के तुरंत बाद ब्लड प्रेशर चेक ना करें. खाने के कम से कम 2 घंटे बाद ही बीपी को चेक करें.
चाय, कॉफी, एक्सरसाइज या फिर स्मोकिंग करने के आधे घंटे के बाद ही बीपी चेक करें.
अपनी यूरिनरी ब्लैडर खाली करने के बाद ही बीपी चेक कराएं.
बाजू को हार्ट के लेवल पर रखें. हाथ को कुर्सी पर रखें या फिर लेट कर चेक कराएं. ताकि बाजू और हार्ट का लेवल सेम रहे.
ब्लड प्रेशर मशीन के कफ को कपड़े पर ना बांधे, सीधे स्किन पर बांध कर चेक करें.
दोनों हाथों का ब्लड प्रेशर चेक करें, जिसकी रीडिंग ज्यादा हो उसी को लेना है.
दोबारा रीडिंग लेने के लिए 5 मिनट का गैप जरूर करें.
🫀बीपी लो होने पर क्या खाएं?
नमक
पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स लें
कॉफी और चाय
हरी पत्तेदार सब्जियां और फल
नट्स और सीड्स
प्रोटन फूड
छोटे-छोटे मील दिन में कई बार लें.

🫀बीपी हाई होने पर क्या खाएं?
फल और सब्जियां खाएं
पूरा अनाज लें
लो-फैट डेयरी प्रोडक्ट्स
नट्स और सीड्स
मछली और पोल्ट्री प्रोडक्ट्स खाएं
कम नमक खाएं
हर्बल टी या ग्रीन टी पिएं

25/08/2025

जरूरी सूचना बलिया जिला अस्पताल सहित सभी सीएचसी प पीएचसी पर एआरवी व आरआईजी मौजूद है। कुत्ता, बंदर, बिल्ली व सियार काटने से जख्मी होकर आने वाले मरीजों को एआरवी लगाया जाता है। जिले के 32 अस्पतालों के स्टॉक में 2365 एआरवी मौजूद है। - डॉ. संजीव वर्मन, सीएमओ बलिया।

यूरिक एसिड क्या होता है?यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना एक तत्व होता है, जो ...
25/08/2025

यूरिक एसिड क्या होता है?

यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना एक तत्व होता है, जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड के रुप में प्राप्त होता है। जब किडनी सही तरह फिल्टर नहीं कर पाती है, तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित होकर हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। हड्डियों के बीच यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से गाउट हो जाता है, जो एक प्रकार का गठिया रोग ही होता है जिसमें शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द रहने लगता है।

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