03/10/2025
🔴 *शारदीय नवरात्रि अनुष्ठान की महापूर्णाहुति कन्या पूजन के साथ संपन्न*
*या देवी सर्वभूतेषु, शक्ति रूपेण संस्थिताः*
*नमस्तस्यै नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः*
शारदीय नवरात्रि के महापावन पर्व पर आज *परम पूज्य गुरुदेव पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जी एवं वंदनीय माता भगवती देवी शर्मा* के दिव्य संरक्षण में गायत्री चेतना केन्द्र बेंगलुरु मे नवरात्रि अनुष्ठान की महापूर्णाहुति कन्या पूजन के साथ संपन्न हुई। यज्ञीय कार्यक्रम का शुभारंभ दिव्य शक्ति धाराओं की उपस्थिति में प्रज्ञा गीत *मां भगवती परमेश्वरी शरणागतों को प्यार दो* के साथ हुआ। यज्ञीय कार्यक्रम का *संचालन रीता रजक, गायत्री गोयल, अर्पिता कटरे, प्रमिला और जयश्री चौहान* ने वैदिक मंत्रों के साथ बहुत ही सुंदर और सारगर्भित ढंग से किया। *मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की महिमा पर प्रकाश डालते हुए अर्पिता* ने नवरात्रि के महत्व को समझाया। *दशहरा विजयादशमी पर रीता रजक* ने परम पूज्य गुरुदेव के 18 सत्संकल्प को दशहरे से जोड़ते हुए बताया कि किस तरह हमारे अंदर जो रावण बैठा है उसका सर्वनाश करना होगा, रावण अर्थात आसुरी शक्तियां और भगवान राम के जीवन से सद्गुणों को आत्मसात करना होगा तभी हम *विजयादशमी का विजयमाल अपने गले* में पहन पाएंगे। और *रामराज्य अर्थात् परम पूज्य गुरुदेव के संकल्प मानव में देवत्व और धरती पर स्वर्ग का अवतरण* में अपना महत्वपूर्ण योगदान कर पाएंगे।
संस्कारों की परंपरा के अंतर्गत आज गायत्री चेतना केंद्र में यज्ञीय वातावरण में *दीक्षा संस्कार, जन्म दिवस, अन्नप्राशन, पुंसवन संस्कार* संपन्न हुए। *श्री अश्विनी कटरे जी , कमलेश खरे जी ने सभी संस्कारों के महत्व* पर प्रकाश डालते हुए उन्हें संपन्न कराया। यज्ञीय वातावरण में नवदुर्गा के पावन पर्व पर *नवदुर्गा स्वरूप कन्याओं का पूजन अर्चन बहुत ही भावपूर्ण, श्रद्धा भक्ति* के साथ सभी माताओं बहनों और भाइयों ने किया। बहुत ही सुंदर परंपरा हमारे भारतीय संस्कृति की।
*नवरात्रि के पूर्णाहुति* पर्व पर *शांतिकुंज प्रतिनिधि और दक्षिण भारत के समन्वयक आदरणीय नरेंद्र ठाकुर जी* का प्रथम आगमन *दक्षिण भारत बेंगलुरु चेतना केंद्र* में हुआ। उन्होंने सर्वप्रथम *यज्ञ कार्यक्रम* में अपनी भागीदारी की। सभी भाई- बहनों- परिजनों ने तेरा तुझको अर्पण के भाव से यज्ञ भगवान को अपने आहुति समर्पित की और सभी ने अपने अनुष्ठान की पूर्णाहुति संपन्न की। शांति पाठ के साथ यज्ञीय कार्यक्रम का समापन हुआ।
▪️इसके पश्चात द्वितीय फ्लोर पर प्रज्ञा गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। शोभा राजपुरोहित, गायत्री गोयल और शांतिकुंज के भाइयों द्वारा प्रज्ञा गीत की प्रस्तुति की गई। तत्पश्चात *शांतिकुंज प्रतिनिधि नरेंद्र ठाकुर जी, बेंगलुरु चेतना केंद्र के वरिष्ठ प्रतिनिधि श्री हरिशंकर राजपुरोहित जी, कर्नाटक राज्य के समन्वयक शेखर चतुर्वेदी जी एवं सभी वरिष्ठ परिजनों* ने वैदिक मंत्रों के साथ दीप प्रज्जवलन का क्रम संपन्न किया। आदरणीय नरेन्द्र ठाकुर जी का अभिनंदन आदरणीय हरि शंकर राजपुरोहित जी के द्वारा तिलक लगाकर तिलक एवं दुपट्टे से किया गया। डॉ श्री अमिताभ सराफ जी एवं ने भी नरेंद्र ठाकुर जी का अभिनंदन किया। श्री संग्राम सिंह जी, एनकेपी सिंह जी ने शांतिकुंज के संगीत के भाईयों का एंव श्रीमती शोभा राजपुरोहित जी का स्वागत रीता रजक ने किया।
▪️ आदरणीय नरेंद्र ठाकुर जी ने शांतिकुंज से गुरु सत्ता, श्रद्धेया डॉक्टर साहब- जीजी एवं चिन्मय भैया का आशीर्वाद सभी को प्रदान करते हुए अपने उद्बोधन का शुभारंभ किया। चलो गुरुदेव के सपने सजाने की शपथ ले ले के ब्रह्म वाक्य से करते हुए दक्षिण भारत के प्रत्येक व्यक्ति के निर्माण और कल्याण की कामना के साथ गायत्री महामंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की लघु साधना एंव युग निर्माण सत्संकल्प के 18 सूत्रों का पठन सभी से कराया। अपने उद्बोधन में कहा कि हम सभी का कर्त्तव्य है कि दक्षिण भारत की धरती पर ज्ञान यज्ञ की लाल मशाल के प्रकाश से कोई भी वंचित न रह पाए- इस संकल्प के साथ कर्नाटक राज्य के सभी गांव तक गुरुदेव के विचारों को पहुंचाने का आश्वासन दिया। एवं दक्षिण भारत की धरती पर प्रथम शुभागमन पर आदरणीय ठाकुर जी ने अपनी खुशी एवं सुखद अनुभूति को जाहिर किया। इसके बाद राजपुरोहित समाज के उन सभी परिजनों का तिलक लगाकर सम्मान किया, जिन्होंने अपने समय और अंश का सदुपयोग गुरु कार्यों में करने का संकल्प लिया। अंत में चेतना केंद्र की गतिविधियों को केंद्र एवं केंद्र के बाहर संचालित करने वाले चेतना केंद्र के मुख्य प्रतिनिधि अश्विनी कटरे जी का जन्म दिवस मनाया गया। अंत में सभी ने दिव्य ज्योति कलश का पूजन कर अपनी पुष्पांजलि समर्पित करते हुए गुरु कार्यों को आगे बढ़ने का संकल्प लिया। डॉ अमिताभ सराफ जी ने आभार व्यक्त किया एंव शांति पाठ के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
*सभी पर गुरु कृपा सतत रूप से बनी रहे यही भाव गुरु चरणों में*
*गायत्री परिवार बेंगलुरु कर्नाटक*🙏🙏