05/09/2022
आज शिक्षक दिवस है
अपने सभी शिक्षकों और उन सभी जिनसे मैंने कुछ भी सीखा है
उन सभी को नत नत मस्तक होकर भाव समर्पित करता हूं
"गुरु बिना हम कुछ नहीं
गुरु बिना हम क्षीण
गुरु मिटाए अज्ञान तमस
गुरु ज्ञान का दीप।।"
कबीरा वे नर अंध हैं, जो गुरु को माने और।
हरि रूठे गुरु ठौर है, गुरु रूठे नहीं ठौर॥
मित्र हमारे शिक्षक होते हैं, काश शिक्षक हमारे मित्र होते। हमारे चरित्र का मूल्यांकन हमारे मित्रों को देखकर किया जाता है, काश हमारे शिक्षक हमारे मूल्यांकन का आधार होते। मित्र स्कूल को घर बना देते हैं और शिक्षक घर को स्कूल। मित्र जीवन को परखना सिखाते हैं और शिक्षक परीक्षा को ही जीवन बना देते हैं।
सम्भवतः यही कारण है जो शिक्षण समाप्त होते ही शिक्षकों से हमारा नाता लगभग समाप्त हो जाता है बहुधा हम उन्हें भूल भी जाते हैं, किंतु हमारे सहपाठियों में से कुछ हमारे मित्र बन जाते हैं और जीवन भर उनसे हमारा रिश्ता बना रहता है वे हमें याद रहते हैं।
हमें स्मरण रखना चाहिए- शिक्षा प्रतिकूल को अनुकूल, अमित्र को मित्र बनाने की कला है ना कि मित्र को अमित्र और अनुकूल को प्रतिकूल बनाने का पाठ।
शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं उन शिक्षकों को जो मित्र के जैसे होते हैं व उन मित्रों को जो शिक्षकों की भाँति अगम्य को भी सुगम बना देते हैं!!
शिक्षित व्यक्ति उसे नहीं कहा जाता जो मात्र स्वयं को शिक्षित करे, अपितु उसे कहा जाता है जो स्वयं के साथ-साथ अपने से जुड़े हुए प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित करने के लिए प्रयास करे।
मैं बचपन से शिक्षक की गति, मति और प्रगति का साक्षी रहा हूँ, उन्हीं के जीवन से मुझे यह प्रेरणा मिलती रही कि सफल व्यक्ति उसे नहीं कहा जाता जो कभी गिरे ही नहीं बल्कि उसे कहा जाता है जो गिरने के बाद भी फिर से उठ खड़े होने का हौसला रखता है।व्यक्ति बड़े काम को करने से बड़ा नहीं होता बल्कि जो काम हाथ में है उसे कुशलतापूर्वक सम्पन्न करने से बड़ा होता है- Size of work नहीं Quality of effort ही हमारी सफलता का मूलमंत्र है ।