23/07/2025
आजकल एक बेहद दुखद सच्चाई सामने आ रही है — जैसे ही किसी मरीज़ की मौत होती है, लोग डॉक्टरों को दोष देने लगते हैं। उन्हें ऐसे देखा जाता है जैसे वे हत्यारे हों, जैसे उन्होंने जानबूझकर किसी की जान ली हो।
पर क्या कोई डॉक्टर कभी अपने ही मरीज़ को नुकसान पहुँचा सकता है?
एक मरीज़ को स्वस्थ देखना, उसे अपने पैरों पर चलते हुए घर जाते देखना, डॉक्टर के लिए सबसे बड़ी ख़ुशी होती है। उस मुस्कान में, उस दुआ में, वही तो असली कमाई है।
लोग ये भूल चुके हैं कि डॉक्टरों ने ये नाम, ये शिक्षा, ये पहचान बहुत संघर्षों से पाई है। सालों की पढ़ाई, दिन-रात की मेहनत, अपनों से दूर रहकर लोगों की सेवा करना — ये सब यूं ही नहीं मिला।
डॉक्टर भगवान बनने की इच्छा नहीं रखते,
पर कम से कम इंसान तो समझिए।
हर मरीज़ की मौत से एक डॉक्टर का भी दिल टूटता है। बदनामी, झूठे इल्ज़ाम, हिंसा — ये किसी समाधान का रास्ता नहीं है।
हम एक बेहतर समाज की उम्मीद रखते हैं — जहां इंसानियत ज़िंदा हो, और डॉक्टरों को उनका हक़ — सम्मान — मिले।
🙏 डॉक्टरों का सम्मान कीजिए।
🙏 इंसानियत का सम्मान कीजिए।
*Dietitian Ritu Tiwari Bansal*
#डॉक्टर_का_सम्मान_कीजिए ी_इंसान_हैं