Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale

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Shree sewa yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏आईये आज हम आपको बीपी की समस्या से छुटकारा ...
11/07/2025

Shree sewa yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
आईये आज हम आपको बीपी की समस्या से छुटकारा कैसे पाएं के बारे मे अवगत करवाते है
*क्या पानी पीने से ब्लड प्रेशर कम होता है? जानें हाई बीपी में कितना पानी पीना चाहिए*

हाई बीपी की समस्या, आज कल हर दूसरे व्यक्ति को है। दरअसल, इसका सीधा कारण है खराब लाइफस्टाइल। लेकिन, अगर आप अपनी लाइफस्टाइल में छोटी-छोटी चीजों को शामिल करें और कुछ बदलाव करें तो इस समस्या से बच सकते हैं। जी हां, ऐसा ही एक बदलाव है हाई बीपी में पानी पीना। दरअसल, जिन लोगों को हाई बीपी की दिक्कत होती है उनके लिए पानी पीना इसे तेजी से कम करने और कंट्रोल में रखने में मदद करता है। क्योंकि, ये जहां तेज ब्लड प्रेशर को कम करता है वहीं, ब्लड वेसेल्स को रिलेक्स करने में भी मददगार है।

क्या पानी पीने से ब्लड प्रेशर कम होता है
American Heart Association (AHA) की मानें तो पानी शरीर में बीपी बैलेंस करने का सबसे आसान उपाय है। इससे न सिर्फ आप हाई बीपी की समस्या से बच सकते हैं बल्कि, लो बीपी की दिक्कत से भी बच सकते हैं। जी हां, पानी खून में फ्ल्यूड की मात्रा बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन को सही करने में मदद करता है। इसके अलावा ये दिल के काम काज को बेहतर बनाता और प्रेशर से बचाता है। ये ब्लड वेसेल्स को अंदर से हेल्दी रखता है और इसे चौड़ा करता है, जिससे हाई बीपी की समस्या कम होती है। इसके अलावा पानी बॉडी टेंप्रेचर को बैलेंस करने और हाइपरटेंशन से बचाव में भी मददगार है।

हाई बीपी में कितना पानी पीना चाहिए
हाई बीपी की समस्या वाले लोगों को हर दिन कम से कम 8 गिलास पानी पीना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा 10 से 12 गिलास पानी पी सकते हैं। ये बीपी कंट्रोल करने और दिल के साथ शरीर के तमाम अंगों को भी हेल्दी रखने में मददगार साबित होगी। तो, जैसे ही बीपी बढ़े आराम से बैठ कर ठंडा पानी पिएं।

*ऐसे और भी कई आयुर्वेद में बताये गए एवं माने हुए सुप्रसिद् व रोजमर्रा जीवन में काम आने वाले कारगर नुस्ख़े पढ़ने और लाभ प्राप्त करने के लिए हमारे Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara wale पेज को फ़ॉलो करते रहिये
किसी भी प्रकार के रोग हेतु व किसी भी तरह की आयुर्वेदिक दवाई के लिए हमारे मुख्य वैद्य श्री P. N. YOGI जी से सम्पर्क करें।
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Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏 भागदौड़ भरी जिंदगी में खाना समयानुसार नहीं...
30/05/2025

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
भागदौड़ भरी जिंदगी में खाना समयानुसार नहीं खाने से या बाहरी कुछ जंक फ़ूड खाने से या अत्यधिक बैठे रहने से अपचन जैसी समस्या हों जाती है
आईये आज हम आपको अपचन को घरेलू तरीको से कैसे दूर किया जा सकता है के बारे अवगत करवाते है

*अपच से राहत के घरेलू उपाय *

अपच से बचाव के लिए सौंफ भी बेहद गुणकारी है। बहुत मसालेदार और वसा वाले खाने से होने वाली अपच को बेहद जल्दी ठीक कर देती है। अपच से बचाव के लिए सौंफ के दानों को तवे पर हल्का सा गर्म करें और उसका पाउडर बना लें। पानी के साथ इस पाउडर को दिन में दो बार लें। सौंफ के दानों से तैयार चाय या सौंफ को यूं ही मुंह में डालकर चबाने से भी अपच से राहत मिलती है। साथ ही यह माउथ फ्रेशनर की तरह काम भी करती है।

अदरक में मौजूद पाचन रस और एंजाइम खाने को पचाने में बेहद लाभकारी हैं। अपच से राहत के लिए अदरक के छोटे छाटे टुकड़ों पर नमक डालकर उन्हें यूं ही चबाया जा सकता है। इसके अलावा दो चम्मच अदरक के रस में नींबू का रस, थोड़ा सा काला और थोड़ा सा सफेद नमक मिलाकर बिना पानी के पीने से बेहद राहत मिलती है। इसके अलावा अदरक के रस और शहद को गुनगुने पानी के साथ भी लिया जा सकता है। अदरक की चाय भी बेहद लाभकारी होती है। इतना ही नहीं खाना बनाने में अदरक का प्रयोग मसाले के तौर पर करने से भी अदरक बेहद लाभ देता है।

पुदीना या कैमोमाइल की हर्बल या ग्रीन टी भी पाचन शक्ति को दुरूस्त रखती है। खाना खाने के बाद एक कप हर्बल टी पीने से खाना जल्दी पचता है और पेट में वसा भी जमा नहीं होती। ऐसे में आपका वजन भी ठीक रहता है। लेकिन खाने के बाद सामान्य चाय या कॉफी से बचना चाहिए।

सेब के सिरके में यूं तो एसिडिक गुण होते हैं लेकिन यह एसिड से राहत देने में भी प्रभावी है। अपच से राहत के लिए एक चम्मच कच्चे और अनफिल्टर्ड सेब के सिरके को एक कप पानी में मिलाएं। इसके बाद इसमें एक चम्मच कच्चा शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। अपच से राहत मिलेगी।

सेब के सिरके में यूं तो एसिडिक गुण होते हैं लेकिन यह एसिड से राहत देने में भी प्रभावी है। अपच से राहत के लिए एक चम्मच कच्चे और अनफिल्टर्ड सेब के सिरके को एक कप पानी मे मिलाये।इसके बाद इसमें एक चम्मच कच्चा शहद मिलाएं।इस पेय को दीन में दो से तीन बार सेवन पिएं अपच में राहत मिलेगी।
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Note -:किसी भी रोग हेतु या किसी प्रकार की आयुर्वेदिक दवाई हेतु हमारे मुख्य वैद्य जी से निशुल्क परामर्श करें
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Shree sewa yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara wale की ओर से आप सभी को नमस्कार🙏🙏🙏🙏 आई आज हम आपको अवगत कराते हैं आंखों के नीचे...
29/05/2025

Shree sewa yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara wale की ओर से आप सभी को नमस्कार🙏🙏🙏🙏 आई आज हम आपको अवगत कराते हैं आंखों के नीचे काले घेरों का रामबाण इलाज
घरेलू उपाय:
नींबू और पेट्रोलियम जेली:
पेट्रोलियम जेली में नींबू के रस की कुछ बूंदें मिलाकर आंखों के आसपास लगाएं और एक घंटे बाद धो लें.
ठंडा सेंक:
ठंडी पट्टियां या खीरे के टुकड़े लगाने से सूजन और काले घेरों को कम किया जा सकता है.
टी बैग:
कैफीन वाले टी बैग का उपयोग करने से रक्त संचार में सुधार और सूजन कम हो सकती है.
एलोवेरा जेल:
एलोवेरा जेल आंखों के आसपास की त्वचा को शांत और नमी प्रदान करता है.
नारियल तेल:
नारियल तेल से आंखों के आसपास हल्के हाथों से मालिश करने से काले घेरे कम हो सकते हैं और त्वचा को नमी मिलती है.
जीवनशैली में परिवर्तन:
पर्याप्त नींद: हर रात 7-8 घंटे की नींद लें.
हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी पिएं.
तनाव कम करें: योग, ध्यान, या नियमित व्यायाम करें.
स्क्रीन टाइम कम करें: मोबाइल, कंप्यूटर या टीवी से थोड़ी-थोड़ी देर में ब्रेक लें.
स्वस्थ आहार: विटामिन सी, के, और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
अन्य सुझाव:
आई क्रीम:
रेटिनॉल, हाइलूरोनिक एसिड, या विटामिन सी वाली आई क्रीम का उपयोग करें.
धूप से बचाव:
UV किरणों से बचाव के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करें.
एक्सफोलिएशन:
त्वचा को साफ करने के लिए हाइड्राफेशियल जैसे उपचार करवाएं.
प्रोफेशनल कंसल्टेशन:
यदि घरेलू उपचार पर्याप्त नहीं हैं, तो त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें.
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Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की और से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏जैसे की सभी जानते हो की गर्मी का मौसम आ गय...
28/05/2025

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की और से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
जैसे की सभी जानते हो की गर्मी का मौसम आ गया है इसलिए आज हम आपको गर्मियों का बहुत ही अच्छा व शरीर को तंदरुस्त रखने वाला फल जो की गर्मियों मे सब्जी मंडी मे आसानी से उपलब्ध होता है आईये आज हम आपको अवगत करवाते है खरबूजे से होने वाले फायदों के बारे में
परिचय (Introduction)

खरबूजा को लैटिन में कुकमिस मलो के नाम से जाना जाता है। खरबूजा, ककड़ी और फूट सभी एक ही जाति के फल हैं। खरबूजा गर्मी के महीनों में होता है और इसका सेवन करना लाभकारी होता है। खरबूजा मीठा होता है।

खरबूजा और फूट के गुण समान होते हैं। गर्मी के मौसम में ठंडे फलों के रूप में खरबूजे का प्रयोग खाने में अधिक किया जाता है। खरबूजा कच्चा होने पर हरे रंग का होता है और उस पर काली व कत्थई पटि्टयां होती हैं। पकने पर खरबूजा हरा व कुछ पीला हो जाता है और इसके ऊपर वाली पटि्टयां सफेद हो जाती हैं। खरबूजा अन्दर से लाल होता है और इसमें छोटे-छोटे बीज होते हैं। खरबूजे की खेती बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब व राजस्थान में अधिक होती है।

गुण (Property)

यह मन व मस्तिष्क को ठंडा व शांत करने वाला, प्यास को दूर करने वाला, पेशाब लाने वाला, शक्ति देने वाला, कब्ज दूर करने वाला, शीतल, वीर्यवर्धक होता है। यह पागलपन को खत्म करता है, पसीना लाता है, पेशाब साफ करता है, भूख बढ़ाता है एवं पेट की गर्मी व खराबी को दूर करता है। यह गुर्दे के रोग को खत्म करता है, पथरी को गलाता है, जलोदर एवं पीलिया रोग को समाप्त करता है। इसका प्रयोग छाती का दर्द और यकृत की सूजन को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके बीजों को पीसकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की चमक बढ़ती है। पका हुआ खरबूजा खाने से कब्ज दूर होती है।

हानिकारक प्रभाव (Harmful effects)

खरबूजा अधिक मात्रा में खाने से आंते कमजोर हो जाती है। हैजा फैलने पर इसका सेवन अधिक करने से हैजा की संभावना बढ़ जाती है। गर्म प्रकृति वालों को खरबूजा अधिक सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आंखों में दर्द हो सकता हैं।

विभिन्न रोगों में उपचार (Treatment of various diseases)

पथरी:

खरबूजा या फूट की जड़ को ठंडे पानी के साथ पीसकर 7 दिनों तक सुबह के समय पीने से पथरी गलकर निकल जाती है।
1 चम्मच खरबूजे का छीला हुआ बीज, 15 दाने बड़ी इलायची तथा 2 चम्मच मिश्री के साथ पीस लें और इसे 1 कप पानी में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम पीएं। इससे गुर्दे की पथरी गल जाती है।
मूत्रकृच्छ्र (पेशाब करने में परेशानी):

खरबूजा या फूट के बीजों को खाने से मूत्रकृच्छ रोग ठीक होता है।

गैस्ट्रिक (अल्सर):

खरबूजे का रस निकालकर खाली पेट पीने से गैस्ट्रिक रोग समाप्त होता है।

कब्ज:

कब्ज से पीड़ित रोगी को पक्का खरबूजा खाना चाहिए। इससे कब्ज नष्ट होती है।

गुर्दे का रोग:

खरबूजे के बीजों को छीलकर पीस लें और पानी में मिलाकर हल्का सा गर्म करके पीएं। इसका प्रयोग कुछ दिनों तक करने से गुर्दों का रोग ठीक हो जाता है।

जिगर का रोग:

खरबूजा सेवन करने से जिगर की सूजन दूर होती है।

रक्तपित्त:

खरबूजे के बीजों को कूटकर पानी में 12 घंटे तक भिगोएं और फिर इसमें सौंफ की जड़, कासनी की जड़ व मिश्री मिलाकर शर्बत बना लें। इस शर्बत का सेवन करने से रक्तपित्त का रोग ठीक होता है।

आग से जल जाना:

खरबूजे के बीज को पीसकर सिर पर लगाने और शरीर पर मालिश करने से आग की जलन दूर होती है।

सिर का दर्द:

खरबूजे के बीजों को गाय के घी व मिश्री में मिला लें और इसे बर्फी की तरह जमाकर सुबह-शाम लगभग 50-50 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इसके बाद गाय के दूध में गाय का घी मिलाकर पीएं। इससे सिर का दर्द ठीक होता है।

शरीर की कमजोरी:

खरबूजा 250 ग्राम की मात्रा में खाकर ऊपर से एक किलो पानी का शर्बत बनाकर पीने से शरीर शक्तिशाली बनता है।

गर्दन में दर्द:

खरबूजे के पत्ते को गर्म करके उस पर थोड़ा सा तेल लगा कर गर्दन पर लपेटकर ऊपर से पट्टी बांधने से गर्दन का दर्द दूर होता है।

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Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी को शरी...
14/04/2025

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी को शरीर में कोई ना कोई समस्या होती रहती है जिनमे से एक है सिर दर्द आईये आज हम आपको महंगी महंगी दवाई ना खाकर घरेलू तरिके से किसी प्रकार सिर दर्द से छुटकारा पाया जा सकता है के कुछ तरिके बताते है
सर दर्द से राहत के लिए:

1 . तेज़ पत्ती की काली चाय में निम्बू का रस निचोड़ कर पीने से सर दर्द में अत्यधिक लाभ होता है .

2 . नारियल पानी में या चावल धुले पानी में सौंठ पावडर का लेप बनाकर उसे सर पर लेप करने भी सर दर्द में आराम पहुंचेगा .

3 . सफ़ेद चन्दन पावडर को चावल धुले पानी में घिसकर उसका लेप लगाने से भी फायेदा होगा .

4 . सफ़ेद सूती का कपडा पानी में भिगोकर माथे पर रखने से भी आराम मिलता है .

5 . लहसुन पानी में पीसकर उसका लेप भी सर दर्द में आरामदायक होता है .

6 . लाल तुलसी के पत्तों को कुचल कर उसका रस दिन में माथे पर 2, 3 बार लगाने से भी दर्द में राहत देगा .

7 . चावल धुले पानी में जायेफल घिसकर उसका लेप लगाने से भी सर दर्द में आराम देगा .

8 . हरा धनिया कुचलकर उसका लेप लगाने से भी बहुत आराम मिलेगा .

9 . सफ़ेद सूती कपडे को सिरके में भिगोकर माथे पर रखने से भी दर्द में राहत मिलेगी .
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वर्षों का अनुभव वैद्यराज पंकज योगी जी

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की और से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏दाँत में दर्द किसी भी समय और किसी को भी हो...
12/04/2025

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की और से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
दाँत में दर्द किसी भी समय और किसी को भी हो सकता है
आईये आज हम आपको दाँत के दर्द के घरेलू और आयुर्वेदिक नुसखों से अवगत करवाते है
दांत दर्द के लिए आयुर्वेदिक उपायों में नमक के पानी से कुल्ला करना, लहसुन, लौंग, हल्दी, और सरसों का तेल इस्तेमाल करना शामिल हैं.
आयुर्वेदिक उपाय
नमक के पानी से कुल्ला
नमक में जीवाणुरोधी और सूजनरोधी गुण होते हैं. इससे दांतों के बीच फंसा खाना बाहर आता है और दांतों की सूजन कम होती है.
लहसुन
लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. आप लहसुन की कलिया चबाकर खा सकते हैं या लहसुन की चाय बनाकर पी सकते हैं.
लौंग
लौंग में औषधीय गुण होते हैं. यह दांतों का दर्द दूर करता है और सूजन कम करता है.
हल्दी
हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक है. हल्दी, नमक, और सरसों के तेल का पेस्ट दर्द वाले दांत पर लगाने से दर्द से तुरंत आराम मिलता है.
सरसों का तेल
सरसों के तेल में हल्दी और सोडा मिलाकर दांतों को रगड़ने से दांतों की समस्याएं दूर होती हैं.
दांतों और मसूड़ों के लिए विटामिन डी भी बहुत ज़रूरी है. विटामिन डी की कमी से मसूड़ों की सूजन, कैविटी, और मसूड़ों की बीमारी जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
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Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏आईये आज हम आपको अवगत करवाते है गर्मी के मौ...
11/04/2025

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
आईये आज हम आपको अवगत करवाते है गर्मी के मौसम में मुँह के छालों से छुटकारा कैसे पाएं
आमतौर पर पाया गया है गर्मी के मौसम में रोजाना तला हुआ या जंक फ़ूड खाने से जो पेट में गर्मी होती है मुँह में छाले होने का सबसे मुख्य कारण होता है
1. मुंह में छाले:
मुंह में छाले:

मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। संतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान-मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है। आइए हम आपको मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपचार बताते हैं।

मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार–

शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें।

मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए।
छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों परलगाने चाहिए।

अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।

अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं

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08/04/2025

Shree Sewa Yogi Ayurvedic Pharmacy-Barara Wale की ओर से आप सभी को नमस्कार 🙏🙏🙏🙏
जैसे कि आप सभी जानते हैं कि गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है और गर्मी के मौसम में भिन्न-भिन्न प्रकार के फल वह फ्रूट हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं उनमें से एक है बेल
बेल जो की एक बहुत ही लाभकारी फल है हमारे स्वास्थ्य के लिए तो आईये आज हम आपका अवगत कराते हैं बल से होने वाले शारीरिक लाभ के बारे में
बेलपत्र का फल, जिसे बेल या बिल्व भी कहते हैं, एक औषधीय फल है जो भारत में पाया जाता है. यह फल कई स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है, जैसे कि पाचन में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, और शरीर को ठंडक प्रदान करना.
बेल के फल के कुछ प्रमुख लाभ:
पाचन में सुधार:
बेल का फल पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज, अपच, और एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना:
बेल में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
शरीर को ठंडक प्रदान करना:
बेल की तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह शरीर को ठंडक प्रदान करता है और गर्मियों में लू से बचाता है.
डायबिटीज के लिए फायदेमंद:
बेल में मौजूद फाइबर और अन्य पोषक तत्व डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद होते हैं.
हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा:
बेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.
बेल के फल का सेवन:
बेल का फल पके हुए और ताज़े दोनों तरह से खाया जा सकता है.
बेल का जूस भी बहुत फायदेमंद होता है, खासकर गर्मियों में.
बेल के फल को घी के साथ मिलाकर खाने से दिल भी स्वस्थ रहता है.
धार्मिक महत्व:
बेलपत्र, जो बेल के पेड़ के पत्ते होते हैं, भगवान शिव को बहुत प्रिय होते हैं.
शिवरात्रि के दिन बेलपत्र के पत्ते और फल को भगवान शिव को अर्पित किया जाता है.
बेल वृक्ष को भी धार्मिक महत्व प्राप्त है और इसे भगवान शिव का प्रिय वृक्ष माना जाता है.
सावधानियां:
बेल की तासीर ठंडी होती है, इसलिए ठंडे मौसम में इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए.
यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो बेल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें.
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07/04/2025
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30/03/2025

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आपके लिए मुख्य वैद्य श्री P. N. Yogi जी द्वारा अपने पुरे अनुभव का इस्तेमाल करते हुए भिन्न भिन्न प्रकार की जड़ी बूटीओं से निर्मित PAIN RELIFE आयुर्वेदिक कैप्सूल जो शरीर के किसी भी तरह के दर्द की अचूक रामबाण औषधी बिना किसी साइड इफ़ेक्ट के 👍
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