11/04/2025
अगर मैं एक आँख का मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाऊँ और दूसरी आँख को "बाद में देखते हैं" कहकर छोड़ दूँ, तो क्या मज़ेदार मुसीबतें झेलनी पड़ेंगी? चलो, हँसते-हँसते गिनते हैं:
आँखों का तकरार (अनिसोमेट्रोपिया):
एक आँख तो चाँद-सी चमकेगी, दूसरी मोतियाबिंद की धुंध में "कहाँ जा रहे हो?" पूछेगी। दूरी नापना ऐसा होगा जैसे भूतनाथ सीढ़ियाँ चढ़ रहा हो—लड़खड़ाहट फ्री!
आँखों की जिम्नास्टिक:
दिमाग दोनों आँखों को एक साथ समझाने की कोशिश में पसीना-पसीना हो जाएगा। नतीजा? सिरदर्द और थकान, अच्छी देखने वाली आंख में थकान ज्यादा (पानी आना, लाल होना इत्यादि) जैसे दो बॉलीवुड हीरो एक ही सीन में फाइट कर रहे हों।
डबल-डबल देखना:
एक आँख कहेगी "साफ दिख रहा है," दूसरी बोलेगी "अरे, ये तो धुंधला है!" दिमाग बोलेगा, "भाई, एक बार में दो फिल्में मत दिखाओ!" डबल विजन का मज़ा लो!
3D का सपना चकनाचूर:
दोनों आँखों का तालमेल बिगड़ा तो गेंद पकड़ने जाओगे और हवा में हाथ मारोगे। क्रिकेट खेलना भूल जाओ, वरना अंपायर हँस-हँसकर लोटपोट हो जाएगा।
लाइट में लफड़ा:
ऑपरेशन वाली आँख तो रंगों को ऐसे देखेगी जैसे होली हो, लेकिन दूसरी आँख लाइट में चमक-धमक देखकर बोलेगी, "ये क्या डिस्को चल रहा है?" रात में तो हालत और खराब!
चश्मे का झमेला:
चश्मा लगाओ, फिर भी दूसरी आँख बोलेगी, "मेरे लिए कुछ स्पेशल करो!" मोतियाबिंद बढ़ा तो चश्मा भी हार मान लेगा, और तुम रह जाओगे "अब क्या करें" सोचते हुए।
दिमागी ड्रामा:
एक आँख का सुपरहिट शो और दूसरी का फ्लॉप—ये कंफ्यूजन ऐसा होगा जैसे दो टीवी चैनल एक साथ चल रहे हों। रोज़ मूड खराब, गारंटी!
मज़ेदार सलाह:
डॉक्टर से मिलो: दूसरी आँख का ऑपरेशन जल्दी करवाओ, वरना ये आँखों का "एक अनार, दो बीमार" वाला खेल चलेगा।
चश्मा ट्राय करो: थोड़ा-बहुत बैलेंस बन सकता है, लेकिन मोतियाबिंद ने अगर ज़िद पकड़ी तो वो बोलेगा, "मैं नहीं मानूँगा!"
खतरनाक काम टालो: रात में गाड़ी चलाने या किताब पढ़ने का प्लान है? अरे, पहले दोनों आँखों को एक पेज पर लाओ!
शिकायत पर नज़र: अगर आँखें ज़्यादा ड्रामा करें—डबल विजन, चक्कर, या "ये क्या हो रहा है"—तो डॉक्टर को फोन घुमा दो।
दूसरी आँख का ऑपरेशन कब?
डॉक्टर लोग कहते हैं, पहली सर्जरी के तीन दिन के बाद दूसरी करवा लो, वरना ये आँखों का तमाशा लंबा चलेगा। मोतियाबिंद अगर "मैं बड़ा हो रहा हूँ" कहने लगा, तो देर मत करो। अपनी आँखों की कॉमेडी जल्दी खत्म करवाओ, और फिर ज़िंदगी को फुल HD में देखो!
Posted by: विक्रम सिंह©