01/04/2021
Eh के38 मूल औषधियों का संक्षिप्त सार
SCROFOLOSO GROUP
इस समूह में कुल 9 औषधियाँ हैं।
Scrofoloso 1:- यह हर प्रकार की बीमारी की राम बाण दवा है। यह मुख्य रूप से रस प्रकृति वाले रोगियों के लिए अमृत मानी जाती है। यह शरीर से विष और विजातीय पदार्थों को बाहर निकालने का भी काम करती है। चूंकि यह शरीर से विष को बाहर निकालती है इस लिए यदि स्वस्थ मनुष्य भी इसका सेवन करता रहे तो वह भयंकर रोगों से बच सकता है।
Scrofoloso 2:- यह मुँह के जितने भी रोग हैं, उनमें उपयोगी है। लेकिन यह विशेषकर पूरे पाचन तंत्र और ब्लैडर के लिए बनायी गयी है। खास कर के जब मूत्राशय में पथरी हो तो यह विशेष कर काम करती है। इसे स्त्री रोगों की भी विशेष औषधि माना जाता है।
Scrofoloso 3:- यह यकृत और सभी प्रकार की ग्रंथियों की विशेष औषधि है। यह शरीर की सभी कोमल त्वचा पर गंभीरता से काम करती है। यकृत, प्लीहा, गुर्दे, पैनक्रियाज़, थाइमस, पिच्युटरी, थाइराइड, और श्वेद ग्रंथियों की भी प्रमुख औषधि है। इसे पुरुषों के यौन रोगों की अच्छी औषधि कहा गया है।
Scrofoloso 5:- यह चयापचय संबंधी रोगों का नाश करती है। S5 पेट से संबन्धित सभी रोगों का नाश करती है। साथ ही यह त्वचा रोगों की भी विशेष औषधि है।
Scrofoloso 6:- S6 गुर्दे के रोगों की विशेष औषधि है। यह गुर्दे की पथरी में विशेष लाभकारी है। साथ ही शरीर की सभी लसिका ग्रंथियों जिन पर S3 काम करती है, वहाँ S6 यह समान रूप से काम करती है।
Scrofoloso10:- S10 चयापचय की सबसे गुणकारी औषधि मानी जाती है। अगर S1 को खाने से पहले और S10 को खाने के बाद रोगी को दिया जाए तो हर प्रकार के रोगों में उत्पन्न कमजोरी दूर हो जाती है। यदि स्वस्थ व्यक्ति S1 के साथ हर दिन S10 का प्रयोग करता रहे तो हर प्रकार के Organic या आंगिक रोगों से हमेशा के लिए मुक्त रह सकता है। S10 दस्त में भी कारगर औषधि है।
Scrofoloso11:- इसे एंटि मल डी मर भी कहा जाता है। यह पेट के रोगों की मुख्य दवा है। आमतौर पर होने वाली उल्टी , यात्रा के दौरान होने वाली उल्टी, या गर्भावस्था के दौरान होने वाली उल्टी में बहुत कारगर है।
Scrofoloso 12:- S12 नेत्र रोगों की सबसे उत्तम औषधि है। इसके इसी गुण के कारण इसे Marina नाम दिया गया है। यह खास कर ब्लूयू एलेक्ट्रिसिटी और ग्रीन एलेक्ट्रिसिटी के साथ हर तरह के नेत्र रोगों, आँखों की कमजोरी, निकट दृष्टि दोष, मोतियाबिंद, या दृष्टिपटल नाश conjunctivitis या आँख आना, eritis जैसे रोगों में बहुत कारगर है।
S Lass:- यह आंतों की विशेष औषधि मानी जाती है। मूल रूप से यह कब्ज़नाशक है। किसी भी रोग के बाद आंतों को सक्रिय करने के लिए यह उपयुक्त मानी जाती है।
CANCEROSO GROUP
Canceroso1:- C1 शरीर के उत्तकों में होने वाली किसी भी प्रकार की सड़न को रोकती है साथ ही शरीर में हर तरह के रोगों को बढ़ने से रोकती है।यह उत्तकों में आने वाले किसी भी प्रकार के विकार को नष्ट कर देती है। C1 को S1 का मुख्य सहयोगी माना जाता है।
Canceroso2:- यह S2 की सहयाओगी दावा है और S2 के साथ मिल कर बहुत ही अच्छा काम कति है। जहां-जहां s2 काम करती है वहाँ- वहाँ C2 का प्रयोग रोग को ठीक करने मे तेजी से मदद करती है। खास कर मूत्राशय की पथरी, मुँह के रोग, पाचन और कई स्थानों पर स्त्री रोगों में यह काफी कारगर है।
Scrofoloso3:- C3 यकृत और मानव शरीर मे पायी जाने वाली हर ग्रंथि की विशेष औषधि है। साथ ही यह पुरुषों मे होने वाले यौन रोगों की खास औषधि है। यकृत, प्लीहा, गुर्दे, पैनक्रियाज़, थाइमस, पिच्युटरी, थाइराइड, और श्वेद ग्रंथियों में भी यह S3 की तरह कारगर औषधि है। कई बार s2 के साथ और कई बार s2 के प्रभावी नहीं होने पर इसका प्रयोग करते हैं।
Cansoroso 4:- C4 मूलरूप से अस्थि विकार की औषधि है। साथ ही इसे आंतों के रोगों के साथ-साथ अस्थि रोगों पर भी S6 के साथ प्रयोग में लाया जाता है।
Cansoroso5:- यह सभी प्रकार के कैंसर (अंदुरुनी तथा बाहरी) को रोकने मे सहायता करती है। त्वचा संबंधी रोगों में यह विशेष लाभकारी है।s5 और GE के साथ यह सभी प्रकार के त्वचा के रोगों को ठीक करती है।
Canceroso6:- C6 शरीर की सभी ग्रंथियों (glands)केई आरओजीओएन में GE, YE के साथ प्रभावी है।
Canceroso10:- यह GIT (पाचन) की बहुत अच्छी दवा है। विशेष कर आंतों के रोगों को यह समूल नष्ट कर देती है।
Canceroso13:-यह छाती (फेफड़ों) के रोगों में किसी भी प्रक्रार की सड़न या गलने की प्रक्रिया के साथ ही कफ आदि का समूल नाश करती है। इसे BE, P1, P3, P4, GE आदि के साथ प्रयोग करने पर फेफड़ों के रोगों का समूल नाश किया जा सकता है।
Canceroso15:- C15 पाचन तंत्र में होने वाली किसी भी तरह की सड़न-गलन को रोकने वाली मानक औषधि है। इसे S ग्रुप की अन्य औषधियों के साथ प्रयुक्त करने पर पाचन अंगों को उसके प्रकृतिक रूप मे क्रियाशील होने और अंग को पहले की तरह बनाने में कारगर है।
Canceroso17:- यह किसी भी प्रकार के क्षयरोग (TB) को ठीक करने की क्षमता रखती है।जिस अंग मे TB हो उस अंग की विशेष औषधि के साथ c17 का प्रयोग करने पर उस अंग से TB का समूल नाश हो जाता है। इसका विशेष प्रभाव गुर्दों पर भी है।
PATTRALE GROUP
Pettorale1:- P1 फेफड़ों की सबसे उत्तम औषधि है। फेफड़ों के किसी भी तरह के रोग में P1 का प्रयोग C1, C3, BE या GE के साथ जरूरत के अनुसार करने पर रोग ठीक हो जाता है।
Pattorale2:- यह विशेष रूप से TB Brounchus, Bronchioles(aircells) और फेफड़ों के क्षय रोग में C1, C17, BE तथा GE के साथ बहुत बढ़िया काम करती है।
Pettorale3 :- यह बच्चों और महिलाओं के फेफड़ों के रोगों की प्रभावी दावा है। यह BE के साथ बहुत जल्द असर करती है।
Pettorale4:- यह फेफड़ों कीआंतरिक और वाह्य झिल्लियों की बीमारियों, संक्रमण या रोगों को को बहुत ही कारगर तरीके से ठीक करता है। साथ ही P4 उम्र बढ़ने के साथ होनेवाले या वृद्धावस्था सभी तरह के संक्रमण को पूरी तरह से ठीक करता है।इन रोगों में BE और RE का प्रयोग बेहतर परिणाम देता है।
ANGIOITICO GROUP
Angioitico1:- A1 रक्त की खास दावा है। रक्त की प्रकृति, रक्त की बनावट के साथ-साथ यह हृदय के बाँये अंतर कोशों के रोगों में BE, YE, C1, तथा S1 के साथ मिल कर इस हिस्से के हर प्रकार के रोगों को ठीक करती है।
Angioitico2:- A2 हृदय के दाँये हिस्से पर बहुत बढ़िया काम करती है। हृदय के दाँये हिस्से के रक्त प्रवाह के साथ-साथ अन्य रोगों पर BE, YE, C1, तथा C10 के साथ बहुत ही बढ़िया परिणाम देती है।
Angioitico3:- यह रक्त प्रकृति की खास दवा है।यह हृदय के रक्त प्रवाह, खून की कमी में C1, RE, YE, तथा BE(इनका प्रयोग जरूरत के अनुसार करना है) के साथ अच्छा काम करती है। यह रक्त की बनावट और उयससे जुड़े सभी रोगों की अच्छी औषधि है।
FEVRIFUGE GROUP
Fevrifuge1:- F1 स्नायुतंत्र की विशेष दावा है। इसका प्रभाव Motorial nerne और Sensory Nerve, sympathetic तहा Para Symphethetic नर्वस सिस्टेम पर विशेष होता है। यह किसी भी प्रकार के Neuralgia (नसों से संबन्धित रोग, विकृति या दर्द) में WE, या RE के साथ तत्काल परिणाम देती है। WE,YE, तथा RE के साथ यह बहुत ही बढ़िया परिणाम देती है। बुखार मे F1 का प्रयोग विशेष रूप से YE के साथ किया जाता है।
Fevrifuge:-2 F2 भी F1 की तरह ही नर्वस सिस्टम की विशेष दवा है, लेकिन इसका इस्तेमाल विशेष तौर पर वाह्य रूप से अधिक किया जाता है। बाहरी तौर पर F1 भी F2 की तरह ही प्रभावी है।
VERMIFUGO GROUP
Vermifugo1:- VER1 कृमि नाशक औषधि है।शरीर में होने वाले कृमि जन्य रोगों का यह नाश करती है।किसी भी परकार की एलर्जी या कृमि रोग में Ver1 YE के साथ अच्छा कम करती है।
Vermifugo2:- Ver2 वास्तव में Ver1 की सहयोगी औषधि है। जहाँ-जहाँ Ver1 का प्रयोग YE के साथ आंतरिक रूप से होता है, वहाँ-वहाँ Ver2 का प्रयोग बाहरी रूप से होता है।
LINFATICO GROUP
इस समूह मे मात्र 1 औषधि है।
Linfotico1:- Linf1 शरीर की सभी ग्रंथियों पर काम करती है। यह सभी प्रकार के ग्रंथि रोग में या जहाँ ग्रंथियां उत्तेजित हो रहीं हों वहाँ यह S Group, WE, और GE के साथ प्रभावी रूप से काम करता है।
VENERIO GROUP
इस समूह में भी मात्र एक ही औषधि है।
Venerio1:- यह अनुवांशिक रोगों की विशेष औषधि है। इसका प्रयोग पैतृक गुण- दोषों के कारण शरीर में उत्पन्न विकारों या रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
वैसे इसे spirochetal, antigonorrhoeic,और anti-Syphlitic औषधि माना जाता है।
इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रो होमियो पैथी में 6 Electricities भी हैं, जो शरीर के विभिन्न अंगों पर अलग अलग काम करती है।
1:- श्वसन प्रणाली या Respiratory Tract - BE एवं GE।
2:- जठरांत्र प्रणाली या Gastrointestinal Tract- WE एवं YE।
3:- हृदय प्रणाली या Cardiovascular System- RE एवं YE।
4:- मूत्र प्रणाली या Urinary Tract- YE एवं GE
5:- तंत्रिका तंत्र या Nervous System- WE एवं YE।
6:- त्वचा या शरीर का सम्पूर्ण आवरण- APP एवं GE