सफेद दाग लाइलाज नही Dr. S P Singh Sangipur 9451404794

सफेद दाग लाइलाज नही Dr. S P Singh Sangipur 9451404794 "" Skin Specialist ""
सफेद दाग लाइलाज नही है ।।
Dr. S P Singh
Sangipur Pratapgarh UP
9451404794 Setting Standard of Education For Pratapgarh.

फलों का रस दिलाएगा बीमारी से मुक्ति: जानिए किस बीमारी में कौन सा रस है लाभकारीआम धारणा है कि जब हम बीमार होते हैं, तो ज्...
09/03/2025

फलों का रस दिलाएगा बीमारी से मुक्ति: जानिए किस बीमारी में कौन सा रस है लाभकारी

आम धारणा है कि जब हम बीमार होते हैं, तो ज्यूस पीने से हमें आराम मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस बीमारी में कौन सा रस फायदेमंद हो सकता है? यदि नहीं, तो इस जानकारी को जानकर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

1. भूख लगाने के लिए:
प्रातःकाल खाली पेट नींबू का पानी पीने से भूख बढ़ती है। साथ ही, खाने से पहले अदरक को कद्दूकस करके सैंधा नमक के साथ लें।

2. रक्तशुद्धि के लिए:
रक्त को शुद्ध करने के लिए नींबू, गाजर, गोभी, लौकी, चुकंदर, पालक, सेव, तुलसी, नीम और बेल के पत्तों का रस बेहद लाभकारी है।

3. दम (Asthma):
लहसुन, अदरक, तुलसी, चुकंदर, गोभी, गाजर, मीठी द्राक्ष का रस, भाजी का सूप या मूंग का सूप और बकरी का शुद्ध दूध फायदेमंद हैं। घी, तेल, और मक्खन से बचें।

4. उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure):
गाजर, अंगूर, मोसम्मी और ज्वारों का रस उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है। मानसिक और शारीरिक आराम भी आवश्यक है।

5. निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure):
मीठे फलों का रस जैसे अंगूर, मोसम्मी और दूध का सेवन करें, लेकिन खट्टे फलों से बचें।

6. पीलिया (Jaundice):
अंगूर, सेव, रसभरी, मोसम्मी, अंगूर की अनुपलब्धि पर लाल मुनक्के और किशमिश का पानी उपयोगी है। गन्ने का रस भी पी सकते हैं। केले में चूना लगाकर भी सेवन करें।

7. मुहाँसों के दाग (Acne Marks):
लौकी, गाजर, तरबूज, प्याज, तुलसी, घृतकुमारी और पालक का रस लाभकारी है।

8. संधिवात (Arthritis):
लहसुन, अदरक, गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी, हरा धनिया, नारियल का पानी, सेव और गेहूँ के ज्वारे का रस फायदेमंद है।

9. एसीडिटी (Acidity):
लौकी, गाजर, पालक, ककड़ी, तुलसी का रस, अंगूर, मौसम्मी और दूध भी लाभकारी होते हैं।

10. कैंसर (Cancer):
गेहूँ के ज्वारे, गाजर और अंगूर का रस कैंसर से बचाव में सहायक हो सकता है।

11. सुंदरता के लिए:
सुबह और दोपहर में नारियल का पानी या बबूल का रस लें। नारियल का सेवन करें।

12. फोड़े-फुन्सियाँ (Boils):
गाजर, पालक, ककड़ी, गोभी और नारियल का रस फोड़े-फुन्सियों को ठीक करने में मदद करता है।

13. कोलाइटिस (Colitis):
गाजर, पालक और अन्नानास का रस फायदेमंद है। चुकंदर, नारियल, ककड़ी और गोभी का रस भी उपयोगी होता है।

14. अल्सर (Ulcer):
अंगूर, गाजर और गोभी का रस अल्सर को ठीक करने में मदद कर सकता है।

15. सर्दी-कफ (Cold and Cough):
मूली, अदरक, लहसुन, तुलसी और गाजर का रस सर्दी और कफ के लिए उत्तम है।

16. ब्रोन्काइटिस (Bronchitis):
पपीता, गाजर, अदरक, तुलसी, अनन्नास का रस और मूंग का सूप ब्रोन्काइटिस में राहत देता है।

17. दाँत निकलते बच्चे के लिए:
अन्नानास का रस थोड़ा नींबू डालकर बच्चों को 100-125 ग्राम रोजाना दें।

18. रक्तवृद्धि के लिए:
मौसम्मी, अंगूर, पालक, टमाटर, अनार, चुकंदर, सेव, रसभरी का रस रात को लाभकारी होता है। रात को खजूर का पानी भी पिएं।

19. महिलाओं को मासिक धर्म कष्ट:
अंगूर, अन्नानास और रसभरी का रस महिलाओं के मासिक धर्म में आराम देने में मदद करता है।

20. आँखों के तेज के लिए:
गाजर और हरे धनिया का रस आँखों की रोशनी को बेहतर बनाने के लिए उत्तम है।

21. अनिद्रा (Insomnia):
अंगूर और सेव का रस, पीपरामूल और शहद के साथ अनिद्रा को दूर करने में मदद करता है।

22. वजन बढ़ाने के लिए:
पालक, गाजर, चुकंदर, नारियल और गोभी के रस का मिश्रण, दूध, दही, सूखा मेवा, अंगूर और सेवों का रस वजन बढ़ाने में सहायक है।

23. डायबिटीज (Diabetes):
गोभी, गाजर, नारियल, करेला और पालक का रस डायबिटीज के नियंत्रण में मदद करता है।

24. पथरी (Kidney Stones):
ककड़ी का रस पथरी के लिए सबसे अच्छा है। सेव, गाजर और कद्दू का रस भी सहायक है।

25. सिरदर्द (Headache):
ककड़ी, चुकंदर, गाजर, नारियल के रस का मिश्रण सिरदर्द को कम करता है।

26. किडनी का दर्द (Kidney Pain):
गाजर, पालक, ककड़ी, अदरक और नारियल का रस किडनी के दर्द में राहत देता है।

27. फ्लू (Flu):
अदरक, तुलसी, गाजर का रस फ्लू में सहायक है।

28. वजन घटाने के लिए:
अन्नानास, गोभी, तरबूज, लौकी और नींबू का रस वजन घटाने के लिए फायदेमंद है।

29. पायरिया (Pyorrhea):
गेहूँ के ज्वारे, गाजर, नारियल, ककड़ी, पालक और सोया की भाजी का रस पायरिया में राहत देता है। कच्चा अधिक खाएं।

30. बवासीर (Hemorrhoids):
मूली का रस, अदरक का रस घी डालकर, और नारियल पानी बवासीर के इलाज में सहायक है।

नोट: अगर आपको इनमें से किसी रस से एलर्जी है, तो चिकित्सक से सलाह लेकर ही उसका सेवन करें।

अब आप जानते हैं कि किस बीमारी में कौन सा रस उपयोगी हो सकता है। इसे अपनी जीवनशैली में शामिल करके आप स्वस्थ और फिट रह सकते हैं।

बदलते मौसम में सेहत का ख्याल रखना वाकई में महत्वपूर्ण है। आपकी सुझाई गई टिप्स पहले से ही बहुत सहायक हैं। इसके अतिरिक्त, ...
05/03/2025

बदलते मौसम में सेहत का ख्याल रखना वाकई में महत्वपूर्ण है। आपकी सुझाई गई टिप्स पहले से ही बहुत सहायक हैं। इसके अतिरिक्त, यहां कुछ और सुझाव दिए गए हैं जो आपकी सेहत को और बेहतर बनाएंगे:

हर्बल चाय का सेवन करें: तुलसी की पत्तियों और अदरक से बनी हर्बल चाय सेहत के लिए फायदेमंद है। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है और मौसमी बीमारियों से बचाती है।

स्वच्छता का ध्यान रखें: बदलते मौसम में स्वच्छता बनाए रखना बेहद जरूरी है। नियमित स्नान करें, खाने से पहले हाथ धोएं, और साफ-सुथरे स्थान पर ही भोजन करें। यह मौसमी बीमारियों से बचाव में मदद करेगा।

सक्रिय रहें: नियमित व्यायाम, जैसे योग, टहलना या हल्की स्ट्रेचिंग, से शरीर गर्म रहता है और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।

भरपूर नींद लें: प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रहती है, जिससे बीमारियों से बचाव होता है।

साइलेंट किलर डायबिटीज - अब चिंता नहीं, समाधान है!डायबिटीज, जिसे हम साइलेंट किलर कहते हैं, आजकल एक सामान्य समस्या बन गई ह...
05/03/2025

साइलेंट किलर डायबिटीज - अब चिंता नहीं, समाधान है!

डायबिटीज, जिसे हम साइलेंट किलर कहते हैं, आजकल एक सामान्य समस्या बन गई है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है। कुदरती और आयुर्वेदिक तरीके से इसे पूरी तरह से कंट्रोल या खत्म किया जा सकता है।

यहां दो आसान और प्रभावी तरीके हैं, जो आपके रक्त शर्करा (सुगर) को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:

1. दालचीनी से सुगर लेवल को कंट्रोल करें:

एक आधा चम्मच दालचीनी पाउडर को 1/2 गिलास गर्म पानी में डालें।

इसे सुबह उठते ही बिना मुँह धोए पिएं और यह प्रक्रिया 30 दिनों तक लगातार करें।

30 दिनों के अंदर ही आपका सुगर लेवल नॉर्मल हो सकता है।

2. आयुर्वेदिक मिश्रण से पूरी तरह से राहत पाएं:

सभी सामग्री को धूप में सुखाकर पाउडर बना लें:

100 ग्राम मेथी दाना

100 ग्राम तेज पत्ता

150 ग्राम जामुन की गुठली

250 ग्राम बेलपत्र के पत्ते

इन सभी को मिला कर पाउडर तैयार करें। इस पाउडर का सेवन करें:

रोज सुबह और शाम, खाली पेट, एक से डेढ़ चम्मच गरम पानी के साथ।

इसे लगातार 90 दिनों तक अपनाएं।

ध्यान रखें: सुबह उठकर पेट साफ करने के बाद इसे लें।

और क्या करें?

सुबह शाम टहलने जरूर जाएं।

योग अपनाएं: जैसे मंडूकासन, शशकासन, भुजंगासन, और प्राणायाम।

विश्वास रखें, यह उपाय धीरे-धीरे आपको डायबिटीज से मुक्ति दिला सकते हैं।

अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें और इन उपायों को अपनाकर अपनी जिंदगी को बेहतर बनाएं।

*सर्दी-जुकाम से राहत पाने के घरेलू उपचा*जुकाम* से पीड़ित होने के कई कारण हो सकते हैं। मौसम में बदलाव होने पर कई लोगों को...
02/03/2025

*सर्दी-जुकाम से राहत पाने के घरेलू उपचा
*जुकाम* से पीड़ित होने के कई कारण हो सकते हैं। मौसम में बदलाव होने पर कई लोगों को जुकाम हो जाती है, तो अनेक लोग अधिक ठण्डी चीज खाने, नमी युक्त वातावरण में रहने से भी जुकाम से ग्रस्त हो जाते हैं। आमतौर पर जुकाम होने पर लोग सीधे एलोपैथिक दवा का प्रयोग करते हैं, लेकिन आप जुकाम का इलाज घरेलू उपायों से भी कर सकते हैं।

एक-दो नहीं बल्कि अनेक घरेलू नुस्खे हैं, जिनसे आप जुकाम से राहत पा सकते हैं।

जुकाम क्या है?
जुकाम को नजला भी कहते हैं। यह श्वसन तंत्र का संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। इसमें व्यक्ति की नाक प्रभावित होती है। सामान्य जुकाम वायरस के संक्रमण के कारण होता है। जुकाम होने का सबसे आम कारण राइनोवायरस का संक्रमण है। जुकाम में व्यक्ति को नाक से पानी बहने, छींक आने, गले की खराश, नाक बन्द होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जुकाम होने के लक्षण
जुकाम में लोगों को ऐसी परेशानियां होती हैंः-

नाक से पानी बहना
नाक में खुजली होना
गले में खराश
नाक बंद होना
सिर में दर्द एवं भारीपन
आँखों में जलन
खाँसी
बुखार
छींक आना

हल्दी और दूध से जुकाम का इलाज
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना बंद हो जाता है।

तुलसी के सेवन से जुकाम का उपचार
जुकाम में तुलसी अमृत के समान फल देती है। खाँसी और जुकाम होने पर 5-7 पत्तियें को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को पिएं।
नाक बंद होने पर तुलसी की मंजरियों को रुमाल में सूंघने से नाक खुल कर आराम मिलता है।
छोटे बच्चों में जुकाम हेने पर 6-7 बूंद अदरक एवं तुलसी का रस शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक को रोकने दोनों में सहायक है।

जुकाम का घरेलू इलाज मेथी और अलसी से
मेथी और अलसी को 3-4 ग्राम की मात्रा में लेकर 1 गिलास पानी में उबालें। जब अच्छी तरह उबल जाए, तब इसकी 3-4 बूंद को दोनों नाक में डालें। इससे जुकाम में आराम मिलता है।

जुकाम का घरेलू इलाज हल्दी और अजवायन से
दस ग्राम हल्दी और दस ग्राम अजवायन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पिएं। इससे जुकाम में तुरंत आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम हो जाता है।

काली मिर्च का प्रयोग जुकाम में लाभदायक
काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम में आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम होता है।
आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर एक गिलास गर्म दूध के साथ दिन में दो बार पिएं।

सरसों का तेल जुकाम में फायदेमंद
सोते समय दोनों नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम रोगन या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।

अदरक के प्रयोग से जुकाम में लाभ
कफयुक्त खाँसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं।
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है।
1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने की समस्या से आराम मिलता है.

जुकाम में फायदा पहुंचाता है लहसुन
लहसुन में एलिसिन नामक रसायन होता है, जो एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-फंगल होता है। यह सर्दी-जुकाम के संक्रमण को दूर करता है। इसके लिए 4-5 लहसुन की कलियों को घी में भूनकर खाएं।

गाय के घी से जुकाम में आराम
गाय का शुद्ध देशी घी को पिघलाकर 2 बूंद सुबह नाक में डालें। ऐसा नियमित रूप से तीन महीने तक करें। पुराना जुकाम भी ठीक हो जाता है।

जुकाम में मुनक्के से लाभ
7-8 मुनक्के पानी में डालकर उबालें। जब पानी आधा रह जाए तब मुनक्के निकालकर खाएं, और पानी को पी लें। इससे बहती नाक की समस्या से आराम मिलता है.

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं...**1. वात:- शरीर में गैस बनना।**2. पित्त:- शरीर की गर्मी ...
01/03/2025

आयुर्वेद के अनुसार किसी भी तरह के रोग होने के 3 कारण होते हैं...*

*1. वात:- शरीर में गैस बनना।*
*2. पित्त:- शरीर की गर्मी बढ़ना।*
*3. कफ:- शरीर में बलगम बनना।*

किसी भी रोग के होने का कारण एक भी हो सकता है और दो भी हो सकता है या दोनों का मिश्रण भी हो सकता है या तीनों दोषों के कारण भी रोग हो सकता है।

*वात होने का कारण -*
गलत भोजन, बेसन, मैदा, बारीक आटा तथा अधिक दालों का सेवन करने से शरीर में वात दोष उत्पन्न हो जाता है।
दूषित भोजन, अधिक मांस का सेवन तथा बर्फ का सेवन करने के कारण वात दोष उत्पन्न हो जाता है।
आलसी जीवन, सूर्यस्नान, तथा व्यायाम की कमी के कारण पाचन क्रिया कमजोर हो जाती है जिसके कारण वात दोष उत्पन्न हो जाता है।
इन सभी कारणों से पेट में कब्ज (गंदी वायु) बनने लगती है और यही वायु शरीर में जहां भी रुकती है, फंसती है या टकराती है, वहां दर्द होता है। यही दर्द वात दोष कहलाता है।

*पित्त होने का कारण -*
पित्त दोष होने का कारण मूल रुप से गलत आहार है जैसे- चीनी, नमक तथा मिर्चमसाले का अधिक सेवन करना।
नशीली चीजों तथा दवाईयों का अधिक सेवन करने के कारण पित्त दोष उत्पन्न होता है।
दूषित भोजन तथा केवल पके हुए भोजन का सेवन करने से पित्त दोष उत्पन्न होता है।
भोजन में कम से कम 75 से 80 प्रतिशत क्षारीय पदार्थ (फल, सब्जियां इत्यादि अपक्वाहार) तथा 20 से 25 प्रतिशत अम्लीय पक्वाहार पदार्थ होने चाहिए। जब इसके विपरीत स्थिति होती है तो शरीर में अम्लता बढ़ जाती हैं और पित्त दोष उत्पन्न हो जाता है।

*कफ होने का कारण* -
तेल, मक्खन तथा घी आदि चिकनाई वाली चीजों को हजम करने के लिए बहुत अधिक कार्य करने तथा व्यायाम की आवश्यकता होती है और जब इसका अभाव होता है तो पाचनक्रिया कम हो जाती है और पाचनक्रिया की क्षमता से अधिक मात्रा में चिकनाई वाली वस्तुएं सेवन करते है तो कफ दोष उत्पन्न हो जाता है।
रात के समय में दूध या दही का सेवन करने से कफ दोष उत्पन्न हो जाता है।

*वात, पित्त और कफ के कारण होने वाले रोग निम्नलिखित हैं-*

*वात के कारण होने वाले रोग -*
अफारा, टांगों में दर्द, पेट में वायु बनना, जोड़ों में दर्द, लकवा, साइटिका, शरीर के अंगों का सुन्न हो जाना, शिथिल होना, कांपना, फड़कना, टेढ़ा हो जाना, दर्द, नाड़ियों में खिंचाव, कम सुनना, वात ज्वर तथा शरीर के किसी भी भाग में अचानक दर्द हो जाना आदि।
*पित्त के कारण होने वाले रोग -*
पेट, छाती, शरीर आदि में जलन होना, खट्टी डकारें आना, पित्ती उछलना (एलर्जी), रक्ताल्पता (खून की कमी), चर्म रोग (खुजली, फोड़े तथा फुन्सियां आदि), कुष्ठरोग, जिगर के रोग, तिल्ली की वृद्धि हो जाना, शरीर में कमजोरी आना, गुर्दे तथा हृदय के रोग आदि।

*कफ के कारण होने वाले रोग -*
बार-बार बलगम निकलना, सर्दी लगना, श्वसन संस्थान सम्बंधी रोग (खांसी, दमा आदि), शरीर का फूलना, मोटापा बढ़ना, जुकाम होना तथा फेफड़ों की टी.बी. आदि।

*वात से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार-*

*आहार चिकित्सा-*

वात से पीड़ित रोगी को अपने भोजन में रेशेदार भोजन (बिना पकाया हुआ भोजन) फल, सलाद तथा पत्तेदार सब्जियों का अधिक प्रयोग करना चाहिए।

मुनक्का अंजीर, बेर, अदरक, तुलसी, गाजर, सोयाबीन, सौंफ तथा छोटी इलायची का भोजन में अधिक उपयोग करना चाहिए जिसके फलस्वरूप रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

रोगी व्यक्ति को प्रतिदिन सुबह के समय में लहसुन की 2-4 कलियां खानी चाहिए तथा अपने भोजन में मक्खन का उपयोग करना चाहिए इसके फलस्वरूप वात रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

*उपवास -*
वात रोग से पीड़ित रोगी को सबसे पहले कुछ दिनों तक सब्जियों या फलों का रस पीकर उपवास रखना चाहिए तथा इसके बाद अन्य चिकित्सा करनी चाहिए।

पित्त से पीड़ित रोगी का प्राकृतिक चिकित्सा से उपचार

आहार चिकित्सा

पित्त रोग से पीड़ित रोगी को प्रतिदिन सब्जियों तथा फलों का रस पीना चाहिए।

पित्त रोग से पीड़ित रोगी को भूख न लग रही हो तो केवल फलों का रस तथा सब्जियों का रस पीना चाहिए और सलाद का अपने भोजन में उपयोग करना चाहिए। इसके फलस्वरूप उसका रोग जल्दी ही ठीक हो जाता है।

रोगी व्यक्ति को पूरी तरह स्वस्थ होने तक बिना पका हुआ भोजन करना चाहिए।

पित्त रोग से पीड़ित रोगी को खट्टी, मसालेदार, नमकीन चीजें तथा मिठाईयां नहीं खानी चाहिए क्योंकि इन चीजों के सेवन से पित्त रोग और बिगड़ जाता है।

पित्त के रोगी के लिए गाजर का रस पीना बहुत ही लाभकारी होता है, इसलिए रोगी को प्रतिदिन सुबह तथा शाम के समय में कम से कम 1 गिलास गाजर का रस पीना चाहिए l

बदलते मौसम में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इन हेल्थ टिप्स को अपनाकर आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं:1. पर्याप्त पानी प...
17/02/2025

बदलते मौसम में सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। इन हेल्थ टिप्स को अपनाकर आप हमेशा स्वस्थ रह सकते हैं:

1. पर्याप्त पानी पिएं - मौसम के बदलते वक्त में शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। रोज़ 8 गिलास पानी पिएं।

2. मौसमी फल और सब्जियां खाएं - गर्मी में तरबूज, ककड़ी और सर्दी में गाजर, शलगम का सेवन करें।

3. प्रतिदिन योग और ध्यान करें - शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग और ध्यान करें।

4. साफ सफाई का ध्यान रखें - बीमारियों से बचने के लिए अपने आस-पास की सफाई का ध्यान रखें।

5. ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें - किशमिश, अखरोट, बादाम जैसे ड्राई फ्रूट्स सेहत को बढ़ावा देते हैं।

6. ठंडी चीजों से बचें - सर्दियों में ठंडी चीजों से बचें, ताकि सेहत पर नकारात्मक असर न पड़े।

इन आसान टिप्स को अपनाकर आप बदलते मौसम में भी अपनी सेहत को बनाए रख सकते हैं। स्वस्थ रहें!

अलसी - कुदरत का चमत्कारी उपहार!अलसी (Flax Seeds) एक शक्तिशाली और स्वस्थ आहार है जो कई रोगों से निजात दिलाने में मदद करता...
11/02/2025

अलसी - कुदरत का चमत्कारी उपहार!

अलसी (Flax Seeds) एक शक्तिशाली और स्वस्थ आहार है जो कई रोगों से निजात दिलाने में मदद करता है। इसका सेवन करने से न केवल आपके शरीर को लाभ होगा, बल्कि आपकी आयु भी बढ़ेगी। जानिए अलसी के अद्भुत फायदे:

1. स्वस्थ शरीर और आयु वृद्धि - अलसी में ओमेगा-3, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी ग्रुप और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखते हैं।

2. मधुमेह के लिए आदर्श - अलसी में शर्करा की मात्रा नगण्य होती है, जिससे यह डायबिटीज रोगियों के लिए उपयुक्त है।

3. ब्लड शुगर नियंत्रण - अलसी का काढ़ा ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है।

4. थाइरॉयड और पेरालिसीस - अलसी का काढ़ा थाइरॉयड और पेरालिसीस के लिए फायदेमंद है।

5. बालों की सेहत - रोज़ सुबह खाली पेट आधा चमच अलसी खाने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं।

6. जोड़ों के दर्द से राहत - काढ़ा पीने से जोड़ों के दर्द, साईटिका और नसों के दबाव में राहत मिलती है।

7. वजन कम करें - अलसी के सेवन से शरीर की अतिरिक्त चर्बी घटती है।

8. कैंसर से बचाव - कैंसर के इलाज में भी अलसी का काढ़ा फायदेमंद साबित हो सकता है।

9. पेट के रोगों में लाभ - अलसी कब्ज, पेट दर्द और अन्य पेट से जुड़ी समस्याओं में रामबाण इलाज है।

10. थकान और कमजोरी से मुक्ति - अलसी का काढ़ा थकान और कमजोरी को दूर करता है।

सेवन विधि:

2 चमच अलसी + 3 ग्लास पानी में उबालें। जब आधा पानी बच जाए, तब छानकर पिएं।

अपने शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखें - अलसी का काढ़ा रोज़ सेवन करें और चमत्कारी लाभ पाएं!

#अलसी #स्वास्थ्य #स्वस्थजीवन #चमत्कारीफायदे #खुदकीदेखभाल #प्राकृतिकउपचार #मधुमेह #बालोंकीदेखभाल

पैरों के तलवों में तेल मालिश से मिलते हैं अद्भुत लाभ! 🦶पैरों के तलवों की तेल मालिश न केवल एक साधारण उपचार है, बल्कि यह श...
08/02/2025

पैरों के तलवों में तेल मालिश से मिलते हैं अद्भुत लाभ! 🦶

पैरों के तलवों की तेल मालिश न केवल एक साधारण उपचार है, बल्कि यह शरीर के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इसे अपने जीवन में शामिल करके आप कई स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

💪 स्वास्थ्य लाभ:

1. पीठ और जोड़ों के दर्द में राहत - तेल की मालिश से सिरदर्द और दांतों को भी मजबूती मिलती है।

2. आंखों की रोशनी में सुधार - नियमित रूप से तलवों की मसाज से आंखों की रोशनी में लाभ मिलता है।

3. रक्त संचार में सुधार - पैरों की मालिश से रक्त संचार में वृद्धि होती है और रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ती है।

4. बेहतर नींद - पैरों की मालिश से नींद बेहतर होती है और थकान दूर होती है।

5. पेट की समस्याओं में राहत - मालिश करने से पेट की समस्याएं भी कम होती हैं।

💡 और भी लाभ:

पैरों में दर्द हो तो तेल मालिश से राहत मिलती है।

पैरों की सूजन और थकान कम होती है।

बवासीर और कब्ज जैसी समस्याओं में भी तेल मालिश मददगार है।

यह एक प्राकृतिक उपाय है, जो नींद को बेहतर और आरामदायक बनाता है।

कैसे करें मालिश? रात को सोने से पहले अपने पैरों के तलवों पर सरसों, जैतून, नारियल या किसी भी तेल से 3 मिनट तक मालिश करें। इसे एक आदत बना लें और देखिए कि कैसे आपकी सेहत में सुधार आता है!

अब से, हर रात पैरों के तलवों की तेल से मालिश करें और अपनी सेहत को बेहतर बनाएं!

#पैरोंकीमालिश #स्वास्थ्यकेलाभ #नींद #मालिश #फिटनेस #प्राकृतिकउपचार

मौसम बदल रहा है और साथ ही गले और छाती में जमा कफ की समस्याएँ भी बढ़ने लगी हैं।गर्मियों और सर्दियों के इस परिवर्तनशील मौस...
05/02/2025

मौसम बदल रहा है और साथ ही गले और छाती में जमा कफ की समस्याएँ भी बढ़ने लगी हैं।
गर्मियों और सर्दियों के इस परिवर्तनशील मौसम में, बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सभी को कफ, जुखाम और सर्दी-खांसी का सामना करना पड़ता है। परन्तु, हम घर पर ही कुछ देसी, प्राकृतिक और सरल नुस्खों से इससे छुटकारा पा सकते हैं।

1. काली मिर्च और शहद का जादू:
दो कप पानी में 30 काली मिर्च पीस कर उबालें, जब पानी एक चौथाई रह जाये तो छान कर 1 चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करें। यह नुस्खा कफ और खांसी से राहत देगा।

2. लहसुन:
लहसुन का सेवन गले में जमा कफ को बाहर निकालता है। टी. बी. के रोग में भी इससे राहत मिलती है।

3. अदरक का चूसना:
अदरक के छोटे टुकड़े को मुंह में रखकर चूसने से कफ आसानी से बाहर निकल जाता है।

4. बच्चों के लिए गाय का घी:
बच्चों की छाती में जमा कफ निकालने के लिए गाय के घी से मालिश करें। यह उपाय कफ को बाहर निकालने में मदद करेगा।

5. शहद और नींबू:
एक चम्मच शहद और दो चम्मच नींबू का रस हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं। नींबू बलगम को काटने का काम करेगा और शहद गले को आराम देगा।

इन प्राकृतिक नुस्खों को अपनाकर इस बदलते मौसम में कफ और जुखाम की समस्या से राहत पाएं! 🌿🫖

यहां मच्छरों से छुटकारा पाने के कुछ आसान और घरेलू नुस्खे दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर को मच्छरों से मुक्त रख सक...
01/02/2025

यहां मच्छरों से छुटकारा पाने के कुछ आसान और घरेलू नुस्खे दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप अपने घर को मच्छरों से मुक्त रख सकते हैं:

1. नींबू-सरसों का तेल: नींबू के छिलके में सरसों का तेल और लौंग-कपूर डालकर जलाने से मच्छर पास नहीं फटकते।

2. तुलसी के पत्ते: तुलसी की पत्तियां घर के दरवाजे और खिड़की पर रखने से मच्छर दूर रहते हैं।

3. कॉफी स्प्रे: 1 चम्मच कॉफी को पानी में मिलाकर स्प्रे तैयार करें और मच्छरों को भगा दें।

4. लहसुन: लहसुन के पानी को घर में छिड़कने से मच्छर दूर भागते हैं।

5. नीम, गूगल और कपूर का धुआं: इनका धुआं मच्छरों को दूर करता है और कपूर से घर में सकारात्मकता आती है।

इन आसान उपायों को अपनाकर आप मच्छरों से निजात पा सकते हैं और अपने घर को मच्छरों से सुरक्षित रख सकते हैं। 🌿🦟

शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल? पहचानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय!कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर दिल की बीमारियों का कारण ...
24/01/2025

शरीर में बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल? पहचानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय!

कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर दिल की बीमारियों का कारण बन सकता है। हालांकि, आप इसे शरीर में होने वाले कुछ लक्षणों के जरिए पहचान सकते हैं। अगर आपको दिखाई दें ये लक्षण, तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं / सांस फूलना, अत्यधिक पसीना आना, पैरों में दर्द, सिर में लगातार दर्द, वजन बढ़ना, बॉईल या स्किन टैग निकलना , ब्लड प्रैशर का बढ़ना , जोड़ों में दर्द, सीने में दर्द या बैचेनी होना , धड़कन का तेज होना
सावधान रहें और समय रहते अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को चेक करवाकर स्वास्थ्य का ध्यान रखें।

आंवला - स्वास्थ्य का खजानाआंवला, जिसे हम विटामिन C का भंडार कहते हैं, हमारी सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद है। इसके लाभों क...
24/01/2025

आंवला - स्वास्थ्य का खजाना

आंवला, जिसे हम विटामिन C का भंडार कहते हैं, हमारी सेहत के लिए अत्यंत फायदेमंद है। इसके लाभों की कोई सीमा नहीं है। तीन ऋतुओं में पककर पूर्ण रूप से विकसित होने वाला आंवला, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और अनेकों रोगों से लड़ने में सक्षम होता है।

आंवला का सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है, जैसे:

डायबिटीज: शहद के साथ आंवला का सेवन रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है।

पेट की समस्याएं: आंवला एसिडिटी, कब्ज और पेट के अन्य विकारों में लाभकारी है।

पथरी: आंवला का पाउडर पथरी को गलाने में मदद करता है।

हीमोग्लोबिन की कमी: खून की कमी को दूर करने के लिए आंवला का रस फायदेमंद है।

आंखों की रोशनी: मोतियाबिंद और आंखों की अन्य समस्याओं में आंवला का सेवन लाभकारी है।

बुखार और हिचकी: आंवला का रस बुखार और हिचकी से राहत दिलाता है।

त्वचा और बालों के लिए: आंवला त्वचा को निखारता है और बालों को मजबूत और चमकदार बनाता है।

तो, अब आंवला का नियमित रूप से सेवन करें और खुद को स्वस्थ और ताजगी से भरपूर पाएं। यह आपके शरीर और मन को पूरी तरह से निखारने में मदद करेगा।

स्वास्थ्य का खजाना - आंवला
💪🍀

#आंवला #स्वास्थ्य #प्राकृतिकऔषधि #विटामिनC #स्वास्थ्यसुझाव

Address

Bela Pratapgarh
PIN-230139

Opening Hours

Monday 9am - 7pm
Tuesday 9am - 7pm
Wednesday 9am - 7pm
Thursday 9am - 7pm
Friday 9am - 7pm
Saturday 9am - 7pm
Sunday 9am - 7pm

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when सफेद दाग लाइलाज नही Dr. S P Singh Sangipur 9451404794 posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram

Category