12/03/2021
#शरीर को डिटॉक्स करना यानी शरीर के अंदर जमा हो चुके विषैले तत्वों को निकालने में शरीर की मदद करना...। जब हम अपने शरीर की उम्र और उसकी जरूरत को ध्यान में रखकर काम करते हैं तो हम लंबे समय तक युवा भी बने रहते हैं और स्वस्थ भी। यहां जानें, किस तरह DETOX Therapy के जरिए लिवर को डिटॉक्स किया जा सकता है..
#लिवर डिटॉक्स करने के तरीका और लाभ।
डिटॉक्स करने के लिए 250ml डिटॉक्स ऑयल और 80 ग्राम डिटॉक्स साल्ट की जरूरत होती है।यदि डिटॉक्स साल्ट और डिटॉक्स ऑयल नहीं मिले तब आप एक्स्ट्रा वर्जिन ऑयलिव ऑयल और मैग्नीशियम साल्ट का भी कर सकते है। इसका फायदा कुछ कम मिलता है, और ये भारत में नहीं होने के कारण और महंगा होने के कारण मिलावट का भी संभावना बहुत ज्यादाइस्तेमाल होता है।इसलिए डिटॉक्स ऑयल को ही प्राथमिकता दे।।
#डिटॉक्स करने के लिए जिस दिन डिटॉक्स करना होता है 2:00 बजे तक खा पी लेना होता है उसके बाद कुछ भी खाना नहीं होता प्यास लगे तो पानी पी सकते हैं.
डिटॉक्स थेरेपी का प्रक्रिया शाम के 6:00 बजे से शुरू होता है यानी 2:00बजे से 4 घंटे शाम के 6:00 बजे तक कुछ भी खाना नहीं है।
डिटॉक्स करने के लिए हमें चार गिलास पानी एक गिलास 250ml के बराबर होना चाहिए, पानी में 80 ग्राम डिटॉक्स साल्ट मिलाकर पीना होता है डिटॉक्स ऑयल का इस्तेमाल जूस के साथ किया जाता है पूरी प्रक्रिया को इस तरह समझते हैं।
पहला डोज शाम 6:00 बजे डिटॉक्स साल्ट का एक गिलास पानी पीना है, हम चाहे तो स्वाद अनुसार नींबू का रस मिलाकर ले सकते हैं।
दूसरा डोज रात को 8:00 बजे डिटॉक्स साल्ट का एक और गिलास पानी के साथ लेना होता है।
तीसरा डोज रात को 10:00 बजे 175ml डिटॉक्स आयल और एक गिलास जूस जो संतरे मौसमी या अनानास तीनों में से किसी एक का जूस होना चाहिए।
जूस और एल्को अच्छे से मिक्स करके रात को 10:00 बजे पी लेना है और दाईं करवट लेकर 30 मिनट से 45 मिनट तक लेटे रहना है उसके बाद अपने सुविधानुसार करवट ले सकते हैं।
रात को हम तीन डोज लेते हैं, और हमें रात को कुछ भी खाना नहीं होता है पुन: सुबह का तीन डोज इस प्रकार लेते हैं.
चौथा डोज सुबह 6बजे डिटॉक्स साल्ट का एक गिलास पानी पीना है।
पचवा डोज ,8बजे सुबह में एक ग्लास जूस में 75ml detox oil को मिलाकर पीना है, और 30 मिनट के लिए दाए करवट ले कर लेट जाना है।
छठा ऑर अंतिम डोज ,बचा हुआ अंतिम एक गिलास डिटॉक्स साल्ट को भी 10 बजे मिल जाना है।
और 11बजे तक कुछ भी खाना नहीं है,11बजे के बाद गिला चावल या खिचड़ी खाना होता है।
:- ये डोज अलग अलग मरीजों को कम करके भी दिया जाता है, अत डिटॉक्स करने के पूर्व अपनी केस स्टडी जरूर शेयर करे।
यदि लिवर की बीमारी का सही समय पर इलाज न कराया जाए तो समय बीतने के साथ यह घातक रूप ले सकती है क्योंकि इसके कुछ जोखिम होते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. हाइपरटेंशन का होना- समय के साथ लीवर के रोग के कई सारे जोखिम नज़र आने लगते हैं, जिनमें हाइपरटेंशन शामिल है ।
इसको आम भाषा में उच्च रक्तचाप (High Blood pressure) भी कहा जाता है।
2. संक्रमण का होना- कुछ लोगों को लीवर की बीमारी की कारण संक्रमण हो जाते हैं।
3. लीवर का सही तरह का काम न करना- लीवर के रोग को गंभीरता से न लेते हुए सही समय पर इलाज न कराने का असर उसकी कार्य क्षमता पर पड़ता है और वह धीर-धीरे पूरी तरह से खराब हो जाता है, जिसे लीवर का खराब होना (Liver Failure) कहा जाता है।
4. रक्तस्राव का होना- कुछ लोगों में इसकी वजह से रक्तस्राव की समस्या हो जाती है।
अन्य बीमारी का होना- कई बार ऐसा भी देखा गया है कि लीवर की बीमारी के कारण कुछ लोगों को अन्य बीमारियां भी हो जाती हैं।
लीवर रोग से बचाव कैसे करें? (Prevention of Liver Disease-)
जैसा कि ऊपर स्प्ष्ट किया गया है कि लीवर की बीमारी आज कल काफी तेज़ी से फैल रही है, ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि इससे कैसा बचा जा सकता है।
निम्नलिखित तरीकों को अपनाकर लीवर के रोग से बच सकते हैं-
#लिवर डिटॉक्स करना:-
यदि आप समय समय पर लिवर डिटॉक्स करते रहेंगे। तो लिवर से सम्बंधित बीमारियों का मुँह ही नहीं देखना पढ़ेगा।
#शराब का सेवन न करना:- लीवर के रोग शराब का अधिक सेवन करने से भी होते हैं, इसलिए इनसे बचने का सबसे आसान तरीका शराब का सेवन न करना है।
#वजन को कम करना:- यदि कोई व्यक्ति लीवर के रोग से पीड़ित है तो उसे अपने वजन को नियंत्रित करना चाहिए ताकि उसके शरीर में शुगर स्तर और रक्तचाप का स्तर सामान्य रहें ।
#पौष्टिक भोजन करना:- किसी भी अन्य बीमारी की तरह लीवर के रोग में भी पौष्टिक भोजन का निर्णायक योग्यदान होता है, इसलिए इससे पीड़ित व्यक्ति को अपने भोजन पर पूरा ध्यान रखना चाहिए और केवल पौष्टिक भोजन का ही सेवन ही करना चाहिए।
#त्वचा की देखभाल करना:-
लीवर के रोग से पीड़ित व्यक्ति को अपनी त्वचा को पूरा ध्यान रखना चाहिए और उसे किसी भी तरह से संक्रमण से बचना चाहिए क्योंकि यह उसके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
#मास्क को पहनना:- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को घर से बाहर जाते समय पर मास्क को पहनना चाहिए ताकि उसके शरीर कोई विषाक्त पदार्थ का प्रवेश न हो पाए।
#मेडिकल सहायता लेना:- लीवर के रोग से पीड़ित यदि कभी भी स्वास्थ संबंधी परेशानी होती है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि किसी भी तरह की लापरवाह करना उसकी ज़िदगी को खतरे में डाल सकती है।
हेपीटाइटिस लीवर की बीमारी (Liver Disease) के होने का प्रमुख कारण होता है, इसलिए यदि इस पर काबू पा लिया जाए तो इससे लीवर के रोग पर भी काबू पाया जा सकता है।
#लीवर डिटॉक्स को मास्टर डिटॉक्स कहा जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि #लीवर डिटॉक्स लगभग सभी बीमारियों में फायदा जरूर पहुचाता है। ाहरणार्थ :-_
1. ह्रदय रोग ( लीवर डिटॉक्स करने के बाद 6 माह तक हार्ट अटैक नही हो सकता)
2. किडनी व गाल ब्लेडर स्टोन्स से छुटकारा
3. सभी प्रकार की त्वचा सम्बन्धी रोग
4. ब्लड शुगर
5. जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस
6. साइटिका
7. स्पॉन्डिलाइटिस
8. थाइरोइड की गड़बड़ी
9. यूरिनल इंफेक्शन
10. डिप्रेशन
11. शरीर में पानी जमा होना
12. लीवर सम्बंधित सभी रोग
13. इंसोमिनिया
14. महिलाओं के रोग-अनियमित माहवारी, मेनोपोज़ की समस्या, गर्भाशय फाइब्रॉइड, वेजनियाल समस्या आदि
15. पुरुष ग्रंथि रोग
#क्लींजिंग थैरेपी से फायदा
क्लींजिंग थेरेपी इम्यूनिटी बढ़ाने के साथ साथ निम्न बीमारियों का इलाज करती है :-
#ह्रदय सबंधी सभी रोग
(एलडीएल केलोस्ट्रोल में सुधार, एक बार लिवर डिटॉक्स करने से 6 माह तक हार्ट अटैक नहीं होगा)
#लिवर सम्बन्धी रोग
#किडनी सम्बन्धी रोग
#एसिडिटी/हाइपर एसिडिटी
#डायबिटीज* (Diabetes)
#गॉलब्लेडर व किडनी स्टोन
#त्वचा सम्बन्धी रोग (कीलमुंहासे, एलर्जी, Urticaria, दाद, खुजली, एग्ज़ीमा, सोराइसिस, शरीर में बदबू आना आदि)
#रक्त सम्बन्धी रोग (एनीमिया आदि)
#हड्डियों सम्बन्धी रोग (जोडों के दर्द, अर्थराइटिस, गठिया, पीठ दर्द, Frozen Shoulders, स्पॉन्डिलाइटिस, ओस्टियोआर्थराइटिस, अस्थिरक्षरण-Ostioporosis आदि)
#पेट सम्बन्धी रोग ( गैस, अफारा, पेट फूलना, अपचन, आदि)
#पुरानी कब्जियत Chronic Constipation
#मानसिक रोग
(Anxiety, डिप्रेशन, नेगेटिव थिंकिंग आदि)
#थायराइड -Thyroid disorders
#नाक-कान-गलारोग (पुरानी खांसी-सर्दी, गले की खराश, सांस की गड़बड़ी, खर्राटे, पायरिया व दांतो की समस्याएं, टॉन्सिलाइटिस आदि)
#पुरुष ग्रन्थि से जुड़ी समस्याएं (नपुंसकता, प्रोस्टेट्, मूत्राशय का संक्रमण (U.T.I) आदि)
#स्त्री जननांग से जुडे रोग (मासिक धर्म समस्याएं, बांझपन, ल्यूकोरिया, रजोनिवृत्ति के बाद की समस्याएं, स्तनों में कड़ापन, गर्भाशय की गांठ, मूत्राशय का संक्रमण (U.T.I.)आदि)
#छाले (Burn)
#थकान (Fatigue)
#बुखार (Fever)
#सिर दर्द (Headache) व माइग्रेन
#अनिद्रा (Insomnia) व नींद का अनियमित होना
#पेशियों का दर्द (Muscle pain)
#स्नायु की समस्या (Neurological disorders)
#मोटापा (Obesity)
#पुराना दर्द (Old pain accidental)
#बुढ़ापे की समस्या (Old age disorder)
#बवासीर (Pilses)
#जलने का दाग (Scalds)
#वेरीकोज वेन्स (Vericose veins)
#सफेद दाग (Vitiligo)
को ठीक करता है।
आप एक बार लीवर डिटॉक्स करे और इसका कमाल देखें। आपकी समस्या या तो कम हो जाएगी या बिलकुल ठीक हो जाएगी।
इसके बाद जितनी बार ये लीवर डिटॉक्स करेंगे, आपकी सेहत में चमत्कारिक बदलाव आता जाएगा।