जीवनदान नशा मुक्ति केंद्र, Jeevandan Nsha Mukti kendar

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जीवनदान नशा मुक्ति केंद्र, Jeevandan Nsha Mukti kendar Alcohol Addiction Treatment Center. Drug Addiction Treatment Center. Addiction Treatment Center outdoor and indoor activities

26/06/2022

नशा मुक्ति केंद्र
गेम सेशन चलता हुआ
एक स्वस्थ शरीर के लिए खेल ज़रूरी हे
कॉल 8290043600

26/06/2022
15/06/2022

मशहुर कलाकार बहन रोनी रमन आज जीवनदान नशा मुक्ति केंद्र में आयें ओर अपने विचार रखें

10/06/2022

मशहूर कॉमेडियन ख्याली सहारण नशे पर अपने विचार रखें
पेज को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें व folow करें ।
Call 8290043600
Khyali Comedian

24/05/2022

नशा एक मानसिक रोग समय रहते इसका इलाज कराये
Call 8290043600

 #उड़ता_पंजाब_ से  #उजड़ता_पंजाबWorried About Addiction ?Worrying about addict/alcoholic? Don't worry here is a solution,...
10/05/2022

#उड़ता_पंजाब_ से #उजड़ता_पंजाब
Worried About Addiction ?
Worrying about addict/alcoholic? Don't worry here is a solution, Jeevandan nsha mukti evam punarwas kendar is applying m which has enormous success. The complete packages of treatment based on general physician, Psychologist, experienced counsellor along with a psyco-spiritual program based on meditation, yoga, recreation and backed by multi-disciplinary therapy which are helping the victims to grow value-system, also help them to stay sober at outside. So please hurry because even one dose of substance can take the life of your lovable family member.
Call now... 8290043600

https://youtu.be/jiSWZnpH7aU
29/04/2022

https://youtu.be/jiSWZnpH7aU

, #नशेकाइलाज #चिट्टेकाइलाज, #भांगकाइलाज, #नशेकाइलाजभादरामे, #शराबकाइलाजभादरा मे, #चिटेकाइलाजभादरा.....

नशे से मुक्ति हेतु अमेरिकन फ़ेलोशिप अल्कोहोलिक्स एनोनिमस ने "एक बार में एक दिन" की नई अवधारणा दी जो सबसे सफल साबित हुई है...
22/04/2022

नशे से मुक्ति हेतु अमेरिकन फ़ेलोशिप अल्कोहोलिक्स एनोनिमस ने "एक बार में एक दिन" की नई अवधारणा दी जो सबसे सफल साबित हुई है। कहावत है कि एक बार का शराबी हमेशा का शराबी ( once addict always addict ) इस कहावत के अनुसार जो एक बार शराबी हो जाता है तो चाहे उसने कितने भी दिन से नशा बंद कर के रखा हो उसके दुबारा नशा करने की संभावना हमेशा रहती है। हम लोगों के अनुभव बताते है कि नशा बंद करने के 2 साल या 5 साल बाद भी लोग दुबारा नशा कर लेते है इसीलिये एक एडिक्ट को हमेशा यह बात याद रखनी चाहिए है कि वह भी किसी भी दिन दुबारा पी सकता है इसलिए उसे रोज सतर्क रहना चाहिए। इस सतर्कता को बनाये रखने के लिए अल्कोहोलिक्स एनोनिमस ने कहा कि "एक बार में एक दिन" इसके अनुसार हमें अपना नशा बंद करने का कार्यक्रम केवल एक दिन का बनाना है और वो दिन आज का दिन है, हमें केवल आज के दिन अपने नशे को पकड़ के रखना है क्योंकि हम आज भी पी सकते है। हम देखते है कि अधिकतर व्यक्ति कहते है कि अब मैं कभी नही नशा करूँगा तो उसको लगता है कि अब कभी नशा नहीं करना तो आज तो कर लेता हूँ क्योंकि कल से तो हमेशा के लिए बंद कर दूंगा पर कल कभी नहीं आ पाता है, क्योंकि 'कल' एक काल्पनिक दिन है जो कभी नहीं आता है हम कभी नहीं कह सकते कि आज 'कल' है इस कारण लोगों को "कल से बंद कल से बंद" कहते हुए सालों बीत जाते है पर नशा बंद नही होता। इस कार्यक्रम ने कहा कि बस एक दिन 'आज' के दिन बंद और 'आज' कभी नहीं जाता हम हमेशा 'आज' में होते है। केवल आज के दिन बंद करने की अवधारणा की मदद से विश्व में 50 लाख लोग सालों से नशे से दूर है ये लोग कभी नहीं कहते कि हम कभी नही पीयेंगे ये हमेशा कहते है कि हम बस आज नही पीएंगे।
राजस्थान व हरियाणा में नशा मुक्ति केंद्र के लिए आज ही कॉल करें ......8290043600

नशा त्यागो और इंसान का जीवन जीओ !जिन बच्चों का पिता नशा करता है ।उनके घर में कलह का होना स्वाभाविक है । बच्चे भयभीत रहते...
25/03/2022

नशा त्यागो और इंसान का जीवन जीओ !
जिन बच्चों का पिता नशा करता है ।
उनके घर में कलह का होना स्वाभाविक है । बच्चे भयभीत रहते हैं जिसके कारण उनका मानसिक और शारीरिक विकास नहीं हो पाता ।


आजकल युवाओं में बढ़ते नशे का जूनून और वो भी ड्रग्स - हीरोइन को लेकर की एक सामान्य इंसान का ये सब देखकर ही साँस फूलने लगेग...
11/03/2022

आजकल युवाओं में बढ़ते नशे का जूनून और वो भी ड्रग्स - हीरोइन को लेकर की एक सामान्य इंसान का ये सब देखकर ही साँस फूलने लगेगा, अपना आपा खो बैठेगा और एक तरह से बेकार महसूस करने लगेगा। सोच कर देखिये की जो इंसान दो साल या तीन सालों से ड्रग्स का सेवन कर रहा है उसके शरीर में क्या बचता होगा, कुछ नहीं बस एक पिंजर। हर वक़्त वो मौत से लड़ता है और जीने की चाह लिए छुपता फिरता है, तलाशता फिरता है कि बस कहीं से उसको एक खुराक मिल जाये। अब, ज़रा उसकी माँ या पत्नी या बच्चों के बारे में सोच कर देखिये कि जब-जब उसे देखते होंगे, टूटे-बिखरे मन से एक दूसरे को सम्हालते हैं, रोते हैं, बिलखते हैं और कलपते हैं। ज़नाब, मत मिलिए उन लोगों से जो ड्रग्स लेते हैं, मत बात कीजिये उनसे और मत ही बैठिये उनके साथ, कभी नहीं कि कहीं वो लत ना लग जाये। इन सब में एक चीज जो सबके लिए संभव है, और वो है नशा मुक्ति के इलाज। जितना जल्दी नशा मुक्ति का इलाज शुरू किया जाये मरीज के ठीक होने कि सम्भावना उतनी ही बढ़ जाती है। राजस्थान व हरियाणा में नशा मुक्ति केंद्र के लिए आज ही कॉल करें। Mobile No: 8290043600

जीवनदान नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्र भादराCall 8290043600
28/02/2022

जीवनदान नशा मुक्ति व पुनर्वास केंद्र भादरा
Call 8290043600

नशा मुक्ति केंद्र में जाकर नशा मुक्ति का इलाज करवाने के अनगिनत फायदे हैं, एक भी या कोई भी नुकसान नहीं है इसमें। वहां मरी...
18/02/2022

नशा मुक्ति केंद्र में जाकर नशा मुक्ति का इलाज करवाने के अनगिनत फायदे हैं, एक भी या कोई भी नुकसान नहीं है इसमें। वहां मरीजों को नशे की लत और नशीली चीजों की प्रॉपर जानकारी मिल पाती है। नशा मुक्ति केंद्र में कुछ जरुरी टेस्ट और डायग्नोसिस किये जाते हैं, जिससे पता चल पाता है की कितने दिनों से नशे की लत लगी है, कौन-कौन से नशे करता था मरीज और शरीर का कौन सा अंग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है या हो चूका है। उस प्रभावित या नष्ट हो रहे अंग को कैसे ठीक किया जा सकता है। नशा मुक्ति केंद्र में उस जैसे कई मरीज होते हैं, उसमे से कुछ बिलकुल नशा करना छोड़ चुके होते हैं और ये उदहारण उन्हें देखने को मिलता है। वहां का माहौल, मरीजों का सही तरीके से देख-रेख और रख-रखाव, दवाएं, थेरेपी, डिटॉक्स और मनोरंजन का साधन - ये सबकुछ मिलाकर मरीज को शारीरिक और मानसिक तौर पर प्रभावित करता है और नशे की लत का मरीज खुद से नशे से दूर होता चला जाता है। नशा मुक्ति के इलाज की समुचित जानकारी के लिए बेझिझक कॉल करें।। Mobile No: 8290043600
Email:navjeevan675@gmail.com


जो हो चूका वो हो चूका, इंसान अपनी सारी संपत्ति लगा कर भी उस वक़्त को दुबारा अपने लिए ये किसी के लिए वापस नहीं ला सकता। एक...
08/02/2022

जो हो चूका वो हो चूका, इंसान अपनी सारी संपत्ति लगा कर भी उस वक़्त को दुबारा अपने लिए ये किसी के लिए वापस नहीं ला सकता। एक इंसान जिसने जीवन भर नशा किया उसका भविष्य कैसा होगा, ये दुनियाँ जानती है। जो लोग रोज़ाना सिगरेट, शराब, दर्द निवारक दवा या नींद कि दवा या ड्रग्स का सेवन करते हैं उनको बाद में जाकर स्वस्थ सम्बन्धी कुछ ऐसी दिक्ततें आती हैं कि उनका जीवन उनके खुद पर या दूसरों पर एक बोझ बन जाती है, मन अशांत हो जाता है। यूरिक एसिड कि समस्या, ब्लड शुगर कि समस्या, ब्लड प्रेशर कि समस्या, जोड़ों में दर्द रहना, समय से पहले बाल सफ़ेद होना या बूढ़ा दिखना और हर वक़्त थकावट या कमजोरी महसूस करना। इन लोगों का खान-पान अब सामान्य नहीं होता, और ज्यादातर मामलों में जीवन भर दवाएं लेनी होती हैं क्यों कि लाख मना करने पर भी उनसे नशे कि लत छूटती ही नहीं। ना मनपसंद खा सकते हैं और ना औरों कि तरह दौड़ भाग कर सकते हैं। अगर इतना सब जानते हुए भी कोई इंसान खुद को नशा करने से नहीं रोक पाता तो वो किसी और को नहीं बल्कि खुद को धोखा दे रहा है। अगर आप नशा मुक्ति केंद्र कि तलाश कर रहे हों तो आज ही कॉल करें ताकि हम तत्काल सहायता कर सकें। Mobile No: 8290043600




आंकड़ों की बात करें तो अपने देश में लगभग तीस से पैंतीस प्रतिशत लोग विभिन्न प्रकार के नशे की चपेट में आ चुके हैं जो कि आने...
21/01/2022

आंकड़ों की बात करें तो अपने देश में लगभग तीस से पैंतीस प्रतिशत लोग विभिन्न प्रकार के नशे की चपेट में आ चुके हैं जो कि आने वाले वक़्त में एक बड़ी गंभीर समस्या बन सकती है - घर, परिवार, समाज के लिए। ज्यादातर कैसेज़ में अगर हम गौर करें तो समझ सकते हैं एक इंसान को ये एहसास हो जाता है कि उसको नशे कि लत लग चुकी है। वो नशा किये बिना नहीं रह पायेगा, और वो खुद से कोशिश भी करता है इससे पीछा छुड़ाने की लेकिन कई एक वजहों से वो नशा मुक्ति के इलाज से घबराता है। उसे एक डर या घबराहट होती है की लोग क्या कहेंगे, पता नहीं कितना खर्च हो जायेगा, क्या पता काम से छुट्टी मिलेगी या नहीं, नशा मुक्ति केंद्र में जाने के बाद उसके परिवार या बच्चों का क्या होगा या उसके पास इस प्रकार के इलाज का कोई अनुभव नहीं होता। ऐसे अनगिनत सवालों को लेकर बस सोचते-सोचते उसका समय बीत जाता है, वो नशा मुक्ति केंद्र तक पहुँच ही नहीं पाता है। अगर आप ऐसा महसूस करते हैं तो बेझिझक होकर बस एक बार हमें कॉल कीजिये। हम आपके सारे सवालों का जवाब देंगे और हर संभव सहायता करेंगे नशा मुक्ति के इलाज के दौरान। आपके पहचान की भी पूरी गोपनीयता राखी जाएगी। हमारे नशा मुक्ति केंद्रों में हम सामान्य तथा लक्ज़री दोनों प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। आज ही कॉल करें। Mobile No: 8290043600

तनावमुक्त जीवन आनन्द के लिए खुश रहना हर मनुष्य का जन्मजात स्वभाव होता है छोटे बच्चे की तरह । समय के अनुसार परिस्थितियाँ ...
15/01/2022

तनावमुक्त जीवन आनन्द के लिए
खुश रहना हर मनुष्य का जन्मजात स्वभाव होता है छोटे बच्चे की तरह । समय के अनुसार परिस्थितियाँ बदलने लगती हैं । फिर भी आपको अपने खुश रहने के नैसर्गिक स्वभाव को बनाये रखना चाहिए । बदलाव को स्वीकार करना है । न किसी अभाव में जियें , न किसी के प्रभाव में जियें , बस अपने विश्वास में जियें , स्वयं पर पूर्ण विश्वास करते हुए । आज की लाईफस्टाइल बड़ी स्ट्रेस वाली है । मानसिक चिन्ता या तनाव या आक्रोश का कोई भी कारण हो सकता है जैसे नौकरी , शादी , पारिवारिक , आर्थिक कार्यालय से सम्बन्धित कोर्ट - कचहरी , बच्चों की समस्याएं जिससे भय , चिन्ता , अनिद्रा , आक्रोश , तनाव , फोबिया आदि होने लगता है । ज्यादातर स्ट्रेस तब होता है जब हम प्रोफेशनल और पर्सनल लाईफ को मिला देते हैं । जब हम प्रोफेशनल कार्यों में हैं तो पूरा ध्यान सिर्फ प्रोफेशनल कार्यों में ही लगाएं और जब परिवार के साथ और सामाजिक गतिविधियों में हैं तो प्रोफेशनल कार्यों की चिंता को दूर रखें । नए दिन की शुरुआत सूर्य के सम्मुख खड़े होकर अच्छे विचारों एवं नई शक्ति के साथ करें । नई ऊर्जा मिलेगी । अपने मन में तीन शब्द रखें , कोशिश , सच एवं विश्वास । कोशिश बेहतर भविष्य के लिए , सच अपने प्रयासों के लिए एवं विश्वास अपने आप पर । हीरे - मोती तो आपके मार्ग में ही पड़े हैं । उन्हें चुनने की जरूरत है । सुख आपके अन्दर है , बाहर नहीं । बच्चों की मुस्कानों में है परिवार के संग जीने में है । माँ - बाप के आशीर्वाद में है । माँ की निश्चल ममता में है । आनंद हमेशा आपके साथ ही रहता है बस यह तो एक अहसास है । एक तिब्बती कहावत है , अच्छी जिन्दगी जीने एवं लम्बी उम्र के लिए आधा भोजन लें । दोगुना टहलें , तिगुना हंसें एवं समस्त जीवन मात्र को सम्पूर्ण प्यार दें ।
किसी भी सहायता के लिए हमे कॉल करे
8290043600

13/01/2022

सावधान रहे,

स्कूल एवं कॉलेजों में नशे का कारोबार बढ़ने की बाते लगातार समय से आ रही है और लोग बच्चों को ड्रग्स सप्लाई करते हुए पकडे भी जा रहे है। यदि ऐसी किसी बात की थोड़ी सी भी भनक आपको लगे तो फ़ौरन पुलिस को सूचित करें। नहीं तो ये एक चैन होती है जो एक बच्चे से दो और दो से चार की संख्या में फैलती है। एक सर्वे बताता है कि भारत में नशा करने की औसत आयु 14 वर्ष रह गयी है। आज नशे के सौदागरों का आसान निशाना मासूम बच्चे है। यदि निम्न में से कोई लक्षण बच्चे में दिखे तो इसका मतलब है बच्चा कोई नशा कर रहा है -
1.उसकी आँखें लाल रहने लगी है ;
2.उसके सोने और जागने का पैटर्न बदल गया है अब वो देर से सोता और देर से जगता है या कभी भी सो जाता है ;
3.उसके परीक्षाओं में नंबर लगातार कम होते जा रहे है ;
4.वो पैसे की मांग अधिक करने लगा है ;
5.आपके घर में पैसे की छोटी छोटी चोरियां ज्यादा होने लगी है ;
6.चेहरा रुख रहने लगा है ;
7.सज सँवर कर रहने में, टीवी देखने और खेलने में रूचि कम हो गयी है ;
8.मुंह से बदबू आने लगी है जले की सी या अन्य केमिकल की ;
9.बच्चा दैनिक कार्यों जैसे नहाना या ब्रश करना में आलस करता है या इन्हें किये बगैर घर से निकल जाता है ;
10.उसके स्कूल से अनुपस्थिति की शिकायतें आने लगी है ;
11.पेंट या शर्ट की जेबों के कोनों में पत्तियों के छोटे छोटे पत्ते यदि दिखाई दे, क्योंकि आजकल छात्रों में गांजे का प्रचलन बड़ा है और जेब में रखने पर जेब में कौनों में कुछ हिस्सा रह जाता है ;
12.वह अपनी उम्र से बड़ी उम्र के लोगों के साथ रहने लगा है ;
13. वह बाथरूम में ज्यादा समय लगाने लगा है ;

यदि इसके अलावा कोई और भी संदिग्ध गतिविधियां दिखती है तो उस पर गौर किया जाना चाहिए क्योंकि स्कूल और कॉलेज में नशे करने का खतरा ज्यादा है यदि बच्चा यहाँ से सुरक्षित निकल जाता है तो उसके जीवन में नशा करने की संभावना कम हो जाती है । यदि किस तरह का नशा करने की बात पता चले तो सलाह ले।
☎ 8290043600, 7018139073

वो तमाम लोग जो नशे की लत से ग्रसित हैं और अपनी इस लत से छुटकारा पाने के लिए कई डॉक्टर से मिल लिए, कई दवाइयां ले ली, अनगि...
10/01/2022

वो तमाम लोग जो नशे की लत से ग्रसित हैं और अपनी इस लत से छुटकारा पाने के लिए कई डॉक्टर से मिल लिए, कई दवाइयां ले ली, अनगिनत परहेज कर लिए और तरह-तरह के नुस्खे भी अपना लिए लेकिन उनसे ये नशे की लत छूती ही नहीं, इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। सबसे पहला कि उनका आत्मविश्वास या एक दृढ़ संकल्प, वो माहौल, वैसे लोगों से मिलना या उनके साथ बैठना - कुछ भी हो सकता है। इसके पीछे उस इंसान कि मानसिकता जुड़ी होती है जो उन्हें इससे बाहर नहीं आने देता। उन्हें लगता है कि नशा किये बिना उन्हें नींद नहीं आएगी, शरीर में दर्द होगा, बेचैनी होगी, मन नहीं लगेगा और एक प्रकार कि आत्मतृप्ति नहीं होगी। इसी मानसिकता के कारण जो लोग नशे को एक वक़्त में छोड़ चुके हैं वो दुबारा से शुरू हो जाते हैं। हमारे जीवनदान नशा मुक्ति केंद्र में हम हर छोटी-बड़ी चीजों का ख्याल रखते हैं ताकि मरीज इस बात को खुद समझे और महसूस करे कि उसको इस चक्कर से बाहर आना है, खुद के लिए और अपने परिवार के लिए। क्यों कि नशे कि लत छुड़ाना एक बात है लेकिन इसी बात को समझते हुए खुद से त्याग देना बड़ी बात होगी। हम बेहतर एम्बुलेंस सुविधा भी उपलब्ध कराते हैं। Mobile No: 8290043600

 #नशाआदरणीय तहसीलदार  जय कोशिक जी की कलम से (COPIED) (गत दिनों फेफाना गांव के एक युवक ने नशे की हालत में अपने माता पिता ...
30/12/2021

#नशा
आदरणीय तहसीलदार जय कोशिक जी की कलम से (COPIED)
(गत दिनों फेफाना गांव के एक युवक ने नशे की हालत में अपने माता पिता की निर्मम हत्या कर दी और भाई को घायल कर दिया। हमारे लिए ये एक गंभीर संदेश है।अतः एक बार पूरा पढ़े।)
चिट्टा
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चिट्टे दा तूफान एना वाला हो गया
रंगला पंजाब मेरा काला हो गया ।
(गुरदास मान साहब के पंजाब गाने से उद्धरत)
गंगानगर और हनुमानगढ़ जिले की पहचान केवल उसकी समृद्धि की वजह से नही है बल्कि उन बीसियों नशा मुक्ति केंद्रों की वजह से भी है जिनमे सैंकड़ो नौजवान नशे के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ रहे है । सीमांत तहसीले इसकी जबरदस्त गिरफ्त में है । चिट्टा एक सिंथेटिक नशा है जो सोने से भी महंगा है और कहते है कि जो दो से तीन बार इस नशे को ले लेता है वह इसका आदी हो जाता है और नशे की पूर्ति के लिए अपराध जगत में प्रवेश कर जाता है । अब यहाँ हमारे सामने दो बिंदु चर्चा के है कि बच्चे नशे की गिरफ्त में क्यूं आते है और उन्हें कैसे बचाया जाए ।
मैं बिना किसी झिझक के ये कह रहा हूँ और अपने स्टेटमेंट की जिम्मेवारी ले रहा हूँ कि आज शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के अलावा सबकुछ हो रहा है झगड़े, राजनीति , नशा, वो सबकुछ जो एक विद्यार्थी के लिए विष है । अनुशासन जिसे विद्यार्थी का पर्याय माना जाता है वो विद्यार्थियों में खत्म है । अब शिक्षण संस्थाओं में जो रिक्तता है उसका स्थान नशा ले लेता है। किशोरावस्था जो तनाव और दबाव की अवस्था है। जिसमें होने वाले शारीरिक और मानसिक परिवर्तनों के चलते किशोर स्वयं अपने आप से इन परिवर्तनों की करियर की लड़ाई लड़ता है। उस अवस्था मे घर से मिली उदासीनता उसे नशे की और धकेलती है । शिक्षा में प्रतिस्पर्धा के चलते भी संभवतया ये तनाव अनुभव हो सकता है । इसके अलावा शिक्षको/प्रोफेसर को इस बात के लिए मजबूर किया जाता है कि वो विद्यालय/ महाविद्यालय में जैसा चल रहा है वैसा चलने दें । महाविद्यालयों में चुनावों के चलते छोटी छोटी बातों के चलते धरने प्रदर्शनों ने महाविद्यालयों में पुलिस और प्रशासन के हस्तक्षेप को इतना बढ़ा दिया कि वहाँ के प्रोफेसर अपने आप को निःसहाय महसूस करते है । अब आते है घर में घर में या तो अभिवावक इतने शिक्षित नही है कि महाविद्यालयों में क्या होता है वो उन्हें पता नही और जिन्हें पता भी है वो अपने आप में इतने व्यस्त है कि उन्हें पता नही कि बच्चे क्या कर रहे है। एक शब्द में कहे तो उदासीनता । वक्त बदल गया है मैं मानता हूं कि अब बच्चों को भयभीत करने का अर्थ उनके सर्वांगीण विकास में बाधा है किंतु अनुशासन और भय दोनों अलग अलग चीज है । कहीं कहीं नशे का महिमामंडन भी चलता है मीडिया और सोशल मीडिया इसके महिमामंडन पर पूरा जोर दे रहे है ।
अब अगर नशे पर नकेल की बात करे तो जहां तक मुझे याद है नोहर में अमन इंसाफ कमेटी ने सामूहिक रूप से मुहल्लों में सभाएं कर इसके प्रति जागरूक किया है यह एक अच्छा प्रयास है सभी कर सकते है ।
सबसे पहले हम घर से ही शुरू करें मुझे याद है कि मेरे पापा कहते थे कि जब बाप बेटे की जूती बराबर हो जाती है तो वो अच्छे दोस्त बन सकते है मतलब किशोरावस्था में आप बच्चे का सम्मान करना शुरू कर दें। बच्चा किन दोस्तों के साथ बैठता है आपको पता होना चाहिए क्या कर रहा है पता होना चाहिए स्कूल कॉलेज में क्या कर रहा है ये आपको पता होना चाहिए । कॉलेज में बिना मतलब के धरने प्रदर्शनों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए क्लास नियमित लगे , कॉलेज स्कूल में घूमने वाले आवारा तत्वों पर रोक लगे अब आप कहेंगे कि ये संम्भव नही सूरतगढ़ में रहने वाले आदरणीय जोधा जी को जानते है तो वे ये भी जानते है कि सेठ रामदयाल राठी उच्च माध्यमिक विद्यालय सूरतगढ़ उनके प्रिंसिपल बनने से पहले क्या था और बाद में क्या था । पुलिस, प्रशासन से मेरा आग्रह है कि भीड़ के समक्ष गुरूजी से बात करने से पहले ये याद जरूर कर ले कि वे भी किसी गुरू की कृपा से यहां तक पहुंचे है । स्कूल/ कॉलेज
में खेलों के प्रति सकारात्मक माहौल बने इसके अलावा कुछ रक्षात्मक उपाय भी हो सकते है यथा पुलिस द्वारा कार्यवाही पुलिस लगातार कार्यवाहियां कर रही है लेकिन ये कार्यवाहियां तब तक निष्फल है जब तक नशे के विरूद्ध सामाजिक माहौल नही बनेगा। आइए इस नववर्ष संकल्प ले हमारे समाज को नशामुक्त बनाने का ।

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