Pradeep dagur hospital

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इंसान की 90% तक बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार मन मस्तिष्क की बीमारियों का बेहतरीन एवंविश्वस्तरीय उपचार
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❓ क्या आपके घर में कोई बार-बार भूलने लगा है?⚠️ रोज़मर्रा के कामों में कठिनाई या व्यवहार में बदलाव दिख रहा है?➡️ यह Demen...
15/09/2025

❓ क्या आपके घर में कोई बार-बार भूलने लगा है?
⚠️ रोज़मर्रा के कामों में कठिनाई या व्यवहार में बदलाव दिख रहा है?
➡️ यह Dementia के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं।
🧾 सही समय पर परामर्श ज़रूरी है।
📍 प्रदीप डागुर हॉस्पिटल, भरतपुर
💡 जल्दी पहचान, बेहतर देखभाल!
093529 44941 | 094613 35849
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अभी भी बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गलत धारणाओं में जी रहे हैं।💡 जागरूक बनिए, मिथकों को तोड़िए और मानसिक स्वास्थ...
12/09/2025

अभी भी बहुत से लोग मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गलत धारणाओं में जी रहे हैं।
💡 जागरूक बनिए, मिथकों को तोड़िए और मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दीजिए।

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🧒 बच्चों की चुप्पी को नज़रअंदाज़ न करें ❌कई बार उनके मन की बातें शब्दों में नहीं, बल्कि उनके व्यवहार में छुपी होती हैं।य...
11/09/2025

🧒 बच्चों की चुप्पी को नज़रअंदाज़ न करें ❌
कई बार उनके मन की बातें शब्दों में नहीं, बल्कि उनके व्यवहार में छुपी होती हैं।
यदि ऐसा कुछ आप महसूस कर रहे हैं तो आज ही विशेषज्ञ से मदद लें। समय पर सहायता से ही बच्चों का भविष्य सुरक्षित होता है।
Pradeep dagur hospital
093529 44941 , 9461335849
05644-297023
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🧠 क्या आपका दिमाग तनाव और नकारात्मक विचारों से बोझिल है?✨ Pradeep Dagur Hospital में विशेषज्ञ मनोचिकित्सक और काउंसलर आपक...
10/09/2025

🧠 क्या आपका दिमाग तनाव और नकारात्मक विचारों से बोझिल है?
✨ Pradeep Dagur Hospital में विशेषज्ञ मनोचिकित्सक और काउंसलर आपके मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए हमेशा तैयार हैं।

📍 Pradeep dagur hospital, 206, Bapu Nagar, Kali Bagichi, Bharatpur
📞 9461335849 | 093529 44941
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#मानसिकस्वास्थ्य

10/09/2025

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: भारत में मानसिक स्वास्थ्य और आत्महत्या की गहरी चुनौती:-
हर साल 10 सितम्बर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य केवल आत्महत्या के मामलों की चर्चा करना ही नहीं, बल्कि समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उससे जुड़े कलंक को मिटाना भी है। भारत के संदर्भ में यह दिवस और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि देश में आत्महत्या की दर लगातार बढ़ रही है और इसका प्रभाव समाज के लगभग हर वर्ग पर देखा जा रहा है।

भारत में आत्महत्या की स्थिति चिंताजनक है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2022 में देश में 1.71 लाख से अधिक लोगों ने आत्महत्या की। यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है और आने वाले वर्षों में भी इसमें कमी के संकेत नहीं दिख रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि यह केवल एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक गहरी सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य समस्या का संकेत है। आत्महत्या अब केवल व्यक्तिगत स्तर की समस्या नहीं रही, बल्कि यह एक राष्ट्रीय संकट का रूप ले चुकी है।

सबसे ज्यादा चिंता का विषय छात्रों के बीच आत्महत्या की बढ़ती प्रवृत्ति है। 2024 की रिपोर्टें बताती हैं कि छात्रों में आत्महत्या की दर हर साल लगभग चार प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग दुगनी है। वर्ष 2022 में कुल आत्महत्याओं में से लगभग 13,000 से अधिक मामले छात्रों से जुड़े थे, जो पिछले दशक की तुलना में दोगुने हैं। पढ़ाई का दबाव, प्रतियोगी परीक्षाओं का तनाव, असफलता का डर और पारिवारिक अपेक्षाएँ इस समस्या को और गंभीर बना रही हैं। दुखद पहलू यह भी है कि जहाँ पुरुष छात्रों में आत्महत्याओं की संख्या में थोड़ी कमी आई है, वहीं महिला छात्रों में यह बढ़ोतरी दर्शा रही है कि समाजिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की कमी उनके लिए और अधिक घातक साबित हो रही है।

भारत में आत्महत्या की एक और बड़ी तस्वीर किसानों से जुड़ी हुई है। हर साल हजारों किसान कर्ज़ के बोझ, फसल खराब होने, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक तंगी के कारण अपनी जान ले लेते हैं। NCRB की रिपोर्ट बताती है कि देश में हर साल लगभग दस हजार से अधिक किसान और खेत मज़दूर आत्महत्या करते हैं। यह केवल आर्थिक संकट का परिणाम नहीं है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ ग्रामीण क्षेत्रों तक कितनी सीमित हैं। किसान अपनी समस्याओं के साथ अकेले जूझते हैं और सहायता न मिलने की वजह से आत्महत्या को अंतिम विकल्प मान बैठते हैं।

इसी प्रकार गृहिणियों की आत्महत्या भी एक गंभीर समस्या है। 2022 के आँकड़े बताते हैं कि आत्महत्या करने वालों में लगभग चौदह प्रतिशत गृहिणियाँ थीं। घरेलू तनाव, दांपत्य जीवन में असमानता, सामाजिक दबाव और आर्थिक निर्भरता उन्हें मानसिक रूप से इतना कमजोर कर देती है कि वे आत्महत्या का रास्ता चुन लेती हैं। यह स्थिति इस ओर संकेत करती है कि मानसिक स्वास्थ्य केवल युवाओं या किसानों तक सीमित मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज की हर परत को प्रभावित करता है।

हालाँकि, कुछ सकारात्मक उदाहरण भी सामने आए हैं। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) ने अपने बलों में आत्महत्या के मामलों को कम करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। वर्ष 2023 में जहाँ 25 जवानों ने आत्महत्या की थी, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 15 रह गई। अधिकारियों का मानना है कि यह कमी जवानों के साथ लगातार संवाद, काउंसलिंग और पोस्टिंग नीतियों में सुधार का परिणाम है। यह पहल इस बात को दर्शाती है कि यदि सही दिशा में कदम उठाए जाएँ तो आत्महत्या को काफी हद तक रोका जा सकता है।

भारत में आत्महत्या की समस्या का सबसे बड़ा कारण मानसिक स्वास्थ्य की उपेक्षा है। अवसाद, चिंता, नशे की लत और अकेलापन इस संकट की जड़ हैं। फिर भी, समाज में मानसिक स्वास्थ्य को अब भी कलंक से जोड़ा जाता है। लोग “लोग क्या कहेंगे” के डर से मदद लेने से कतराते हैं। यही वजह है कि लोग समय रहते डॉक्टर, काउंसलर या मनोचिकित्सक तक नहीं पहुँच पाते और अंततः स्थिति आत्महत्या तक पहुँच जाती है।

समाधान के तौर पर यह आवश्यक है कि मानसिक स्वास्थ्य को उतनी ही प्राथमिकता दी जाए जितनी शारीरिक स्वास्थ्य को दी जाती है। स्कूलों और कॉलेजों में काउंसलिंग सेवाओं को अनिवार्य किया जाए, किसानों को आर्थिक मदद के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक परामर्श भी मिले, गृहिणियों के लिए सपोर्ट ग्रुप बनाए जाएँ और हेल्पलाइन सेवाओं को गाँव-गाँव तक पहुँचाया जाए। भारत सरकार द्वारा शुरू की गई किरण हेल्पलाइन (1800-599-0019) और Tele-MANAS जैसी पहलें सही दिशा में उठाए गए कदम हैं, लेकिन इन्हें और व्यापक स्तर पर लागू करने की आवश्यकता है।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस हमें यह याद दिलाता है कि आत्महत्या कोई समाधान नहीं है। संवाद, सहयोग और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ ही इस संकट का वास्तविक उत्तर हैं। जीवन अनमोल है, और सहायता लेना कमजोरी नहीं बल्कि साहस की निशानी है। यदि समाज एकजुट होकर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संवेदनशीलता और समर्थन का माहौल बनाए, तो निश्चित ही आत्महत्या के मामलों में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

स्थानीय पहल और भूमिका
इसी दिशा में प्रदीप डागुर अस्पताल, भरतपुर विशेष रूप से मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है। यह अस्पताल मुख्य रूप से मनोचिकित्सा (psychiatric treatment), काउंसलिंग और मनोवैज्ञानिक देखभाल प्रदान करता है। यहाँ अनुभवी मनोचिकित्सक और प्रशिक्षित काउंसलर मरीजों को अवसाद, चिंता, नशे की लत, तनाव और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से बाहर आने में मदद करते हैं। अस्पताल नियमित रूप से व्यक्तिगत और समूह परामर्श (counseling sessions) आयोजित करता है, ताकि लोग अपनी भावनाओं को साझा कर सकें और समाधान की ओर बढ़ सकें।

प्रदीप डागुर अस्पताल की पहल यह संदेश देती है कि मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल केवल एक विकल्प नहीं, बल्कि जीवन बचाने का अनिवार्य हिस्सा है। अस्पताल का उद्देश्य है कि समाज में कोई भी व्यक्ति अकेलेपन या निराशा की वजह से आत्महत्या जैसा कदम न उठाए, बल्कि समय रहते विशेषज्ञ सहायता प्राप्त कर सके।
अधिक जानकारी एवं सहायता हेतु हमें सम्पर्क करें
093529 44941, 9462335849
05644-297023
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क्या आप या आपका कोई अपना इन लक्षणों से जूझ रहा है?यह सिज़ोफ्रेनिया हो सकता है!लेकिन याद रखें – इसका इलाज संभव है ❤️✨ आज ...
09/09/2025

क्या आप या आपका कोई अपना इन लक्षणों से जूझ रहा है?
यह सिज़ोफ्रेनिया हो सकता है!
लेकिन याद रखें – इसका इलाज संभव है ❤️
✨ आज ही विशेषज्ञ से सलाह लें और बेहतर जीवन की ओर पहला कदम बढ़ाएँ। Pradeep dagur hospital
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08/09/2025

मोबाइल एडिक्शन के शुरुआती लक्षण पहचानें और इससे छुटकारा पाने के आसान तरीके जानें।
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🧠 OCD (Obsessive Compulsive Disorder) के लक्षण और उपचारक्या आप बार-बार हाथ धोते हैं, चीज़ों को बार-बार चेक करते हैं या द...
06/09/2025

🧠 OCD (Obsessive Compulsive Disorder) के लक्षण और उपचार
क्या आप बार-बार हाथ धोते हैं, चीज़ों को बार-बार चेक करते हैं या दिमाग में अनचाहे विचार बार-बार आते हैं? यह OCD (Obsessive Compulsive Disorder) के लक्षण हो सकते हैं।
🩺 समय रहते सही जानकारी और इलाज ज़रूरी है।
📍 Pradeep dagur hospital – आपकी सेहत हमारी प्राथमिकता।
📞 संपर्क करें: 9461335849 | 093529 44941
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Depression is a serious but treatable mental health condition that affects how a person feels, thinks, and functions. Wh...
06/09/2025

Depression is a serious but treatable mental health condition that affects how a person feels, thinks, and functions. While it can feel overwhelming, it's important to know that help is available — and recovery is possible. With the right combination of support, therapy, lifestyle changes, and, in some cases, medication, many people are able to manage their symptoms and lead fulfilling lives.

🧠 ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) बच्चों और बड़ों दोनों को प्रभावित कर सकता है।👉 लक्षणों को समय पर पहचान...
05/09/2025

🧠 ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) बच्चों और बड़ों दोनों को प्रभावित कर सकता है।
👉 लक्षणों को समय पर पहचानें:
✅ सही समय पर विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श, काउंसलिंग और सहयोग से जीवन आसान हो सकता है।
Pradeep dagur hospital
📲 अधिक सहायता एवं जानकारी के लिए संपर्क करें 093529 44941


Happy Teachers’ Day!Thank you for making a difference — every single day. 📚❤️🍎
05/09/2025

Happy Teachers’ Day!
Thank you for making a difference — every single day. 📚❤️🍎


31/05/2025

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