Sarthak ayurved

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28/11/2025

सभी मित्रों को राधे राधे

06/08/2020

*बाल झड़ रहे है*
नीद नहीं आती है
*गंजे हो गए है*
रोगन आवला खास(हमदर्द)२००ml
रोगन गुल(हमदर्द)५०ml
रोगन बेजा मुर्ग(हमदर्द)२५ml
बादाम रोगन (हमदर्द)२५ml
रोगन जरारी(हमदर्द)१०ml
इन चारों को मिला लें
यही तेल प्रतिदिन लगाएं
हफ्ते में दो बार ट्रीचप शैंपू करें
शैंपू से धोने के बाद बाल सूखने के बाद ही थोड़ा सा तेल लगाते हैं

02/06/2020

Apne kuchh mitro ki request pe mene korona me honewali kamjori evam immunity bdane ke liye ek medicine taiyar ki hai
Agar aap me se koi interested ho to le skta he
250grm powder 750 rs
500gm poder1500 rs

20/11/2019

*गला बैठने का उपाय करें अदरक से*

सामग्री -

एक कप गुनगुना पानी।
चार से पांच अदरक के टुकड़े
बनाने व उपयोग करने का तरीका -

सबसे पहले एक कप पानी में अदरक के तीन से चार टुकड़ों को डाल दें।
अब इन्हें उबालने के लिए रख दें।
कम से कम पांच मिनट तक अदरक को उबलने के लिए छोड़ दें।
जब अदरक अच्छे से उबल जाए तब मिश्रण को छानकर गर्म-गर्म पी जाएं।
आप अदरक की चाय में चीनी भी मिला सकते हैं, जिससे उसका स्वाद थोड़ा बेहतर हो जाए।
इस चाय को तब तक पिएं जब तक गला बैठने की समस्या पूरी तरह से चली न जाए।

*शहद का इस्तेमाल*

सबसे पहले गुनगुने पानी में शहद को डाल दें।
अब पूरे मिश्रण को अच्छे से मिला लें।
फिर मिश्रण को पी जाएं।
शहद की चाय को रोजाना सुबह पिएं, इससे गला बैठने की परेशानी धीरे-धीरे कम होने लगेगी। यह चाय आपके पेट के लिए भी काफी अच्छी होता है।
*दूसरा तरीका*
सामग्री –

दो से तीन छोटा चम्मच नींबू जूस।
एक से दो छोटा चम्मच शहद।
बनाने व उपयोग करने का तरीका –

सबसे पहले दोनों मिश्रण को एक साथ मिला लें।
पूरे मिश्रण को अच्छे से मिलाकर पी जाएं।
अच्छा परिणाम पाने के लिए इस मिश्रण को दो से चार बार पी लें। बड़ी उम्र के बच्चों के लिए एक छोटा चम्मच नींबू का जूस और एक छोटा चम्मच शहद काफ़ी है

*नमक*

सामग्री -

एक छोटा चम्मच नमक।
एक ग्लास गर्म पानी।
बनाने व उपयोग करने का तरीका -

सबसे पहले एक ग्लास गुनगुने पानी में नमक डालें।
पूरे मिश्रण को अच्छे से चलाने के बाद मुंह में एक घूंट पानी लें।
अब एक मिनट तक गरारे करें।
गले बैठने की परेशानी को दूर करने के लिए इस प्रक्रिया को पूरे दिन में दो से तीन बार दोहराएं।



*काली मिर्च*
गला बैठने की समस्या को जल्दी ठीक करने के लिए काली मिर्च का इस्तेमाल करें। यह गले में जलन, दर्द और सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है और गले के इन्फेक्शन से भी लड़ती है।

काली मिर्च का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

एक छोटा चम्मच काली मिर्च।एक से दो छोटा चम्मच मक्खन।
बनाने व उपयोग करना का तरीका -

सबसे पहले काली मिर्च को मक्खन के साथ मिलाएं और मिश्रण को चबाकर खा जाएं।
गला बैठने की समस्या से राहत पाने के लिए इस उपाय को पूरे दिन में तीन बार दोहराएं।

गला बैठने का उपाय करें सेब के सिरके से -
गला बैठने के कारण होने वाले दर्द और असहजता को कम करने के लिए सेब के सिरके का इस्तेमाल करें। इसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं जो संक्रमण से लड़ते हैं जिनकी वजह से गला बैठने की समस्या होती है।

सेब के सिरके का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

एक ग्लास गुनगुना पानी।
एक से छोटा चम्मच सेब का सिरका।
बनाने व उपयोग करने का तरीका -

सबसे पहले दोनों मिश्रण को एक साथ मिला लें।
मिलाने के बाद मिश्रण को पी जाएं।
इसे पूरे दिन में कई बार पिएं।
इसके अलावा आप सेब के सिरके और पानी को एक साथ मिलाकर भी गरारे कर सकते हैं

गला बैठने का तरीका है भाप -
गला बैठने का आम कारण गला सूखना भी होता है। हालांकि, स्टीम ट्रीटमेंट (Steam treatment) गला बैठने से होने वाली असहजता को कम करने में मदद करता है। इलाज को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आप कुछ आवश्यक तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे नीलगिरी तेल या लैवेंडर का तेल।

भाप कैसे लें -

सबसे पहले एक बड़े बर्तन में पानी को उबाल लें।
अब उसमें नीलगिरी तेल या लैवेंडर का तेल डाल दें।
फिर बर्तन को किसी टेबल पर रखें और फिर अपने सिर को तौलिये से ढक लें।
अब भाप लेना शुरू करें।
कम से कम 15 मिनट तक भाप जरूर लें।
इस उपाय को पूरे दिन में दो बार

*दालचीनी*
गला बैठने की परेशानी को कम करने के लिए आप दालचीनी का भी उपयोग कर सकते हैं। दालचीनी गला बैठने के लक्षणों के इलाज के लिए बेहद लाभदायक होती है। इसमें सूजनरोधी और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो कब्ज की परेशानी को साफ करने में मदद करते हैं। इसके अलावा दालचीनी रक्त प्रवाह में भी सुधार करता है और लैरिंक्स के उत्तकों का भी इलाज करता है।

दालचीनी का इस्तेमाल कैसे करें -

सामग्री -

एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर।
एक छोटा चम्मच शहद।
बनाने व उपयोग करने का तरीका -

सबसे पहले दालचीनी को शहद के साथ मिला लें।
अब इस मिश्रण को खा लें।
इसी तरह अच्छा परिणाम पाने के लिए इस मिश्रण को पूरे दिन में कई बार दोहराएं।
इसके आलावा आप दालचीनी को गुनगुने पानी में डालकर भी ले सकते हैं।


*गला बैठ जाने के कुछ टिप्स इस प्रकार हैं*

चिल्लाएं नहीं, क्योंकि इससे आपका गला और बैठ सकता है।
गले को ज्यादा साफ न करें, इससे गला बैठने की समस्या और बढ़ सकती है।
अगर आप धूम्रपान करते हैं तो न करें। साथ ही अगर आपके पास कोई भी व्यक्ति धूम्रपान करता है तो उसके साथ खड़े न हो।
शराब का सेवन न करें इससे आपका गला सूख सकता है और स्थिति और भी बेकार हो सकती है।
अपने कमरे में हुमिडिफायर का लगवाएं, इससे रातभर वातावरण में नमी बनी रहेगी।
अगर आप चाहते हैं कि गला ज्यादा सूखा न रहे तो पूरे दिन ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं
रोजाना गुनगुने पानी से नहाएं।
एलर्जी वाले वातावरण से दूर रहें इससे आपका गला और बैठ सकता है।
गला बैठने की परेशानी को दूर करने के लिए रोजाना गहरी सांस लेने की एक्सरसाइज करें।

यहाँ पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार हेतु बिना विशेषज्ञ की सलाह के नहीं किया जाना चाहिए। चिकित्सा परीक्षण और उपचार के लिए हमेशा एक योग्य चिकित्सक की सलाह ले

19/05/2019

*किचन की अदभुत दवा- सौंफ*
**अस्थमा और खांसी के उपचार में सौंफ सहायक है।
** कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना उपयोगी है।
**गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।
** यह शिशुओं के पेट और उनके पेट के अफारे को दूर करने में बहुत उपयोगी है। एक चम्मच सौंफ को एक कप पानी में उबलने दें और 20 मिनट तक इसे ठंडा होने दें। इससे शिशु के कॉलिक का उपचार होने में मदद मिलती है। शिशु को एक या दो चम्मच से ज्यादा यह घोल नहीं देना चाहिए।
**सौंफ के पावडर को शकर के साथ बराबर मिलाकर लेने से हाथों और पैरों की जलन दूर होती है।
** भोजन के बाद 10 ग्राम सौंफ लेनी चाहिए। भोजन के बाद सौंफ चबाने से सांस तरोताजा रहती है, अपच दूर होती है और कब्ज भी खत्म होती है। मितली का अहसास भी इससे दूर होता है।
*सार्थक आयुर्वेद कैंद्र*
*7509820822*
*9977154152*

21/03/2019

*अति महत्वपूर्ण बात*
*होली के रंग कैसे छुड़ायें*

**होली खेलने से पहले चेहरे पर मॉश्‍चराइजर अथवा तेल लगा लें।

**होली के बारे में आप जानते ही हैं रंगो के बिना ये अधूरी है। होली पर कोई सूखे रंगों से होली खेलना पसंद करता है तो कोई पानी वाली या प्राकृतिक रंगों से होली खेलना पसंद करता हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो केमिकल और रासानियक रंगों से होली खेलते हैं। इन रंगों को छुड़ाना बहुत मुश्किल होता है। होली के बाद सबसे मुश्किल काम यही है कि रंगों को छुड़ाओ। इस परेशानी से बचने के लिए आपको ऐसे रंगों का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे आपकी स्किन को कोई नुकसान ना हो। अगर कोई आपको जबरदस्ती ऐसे गहरे और जिद्दी रंग लगा भी दे, जिन्हें आप आम उपायों से नहीं छुटा पा रहे हैं, तो परेशान न हों। इन रंगों को भी कुछ आसान उपायों द्वारा आसानी से छुड़ाया जा सकता है।

**अधिक देर तक रंग ना लगाएं
यदि आप चाहते हैं कि आपकी त्व‍चा होली के बाद भी दमकती रहें तो आपको चाहिए कि आप त्वचा पर बहुत अधिक देर तक रंगों को ना लगने दें बल्कि बीच-बीच में रंगों को हटाते रहें।

**बालों पर ना रहने दे रंग
होली पर बालों पर रंग ना लगे ऐसा आमतौर पर कम ही होता है। लेकिन इसमें तनाव की कोई बात नहीं, आपको चाहिए कि आप बालों पर लगे हुए सूखे रंग तो बार-बार झाड़ते रहें। इसके बाद आप रूई या किसी मुलायम कपड़े से धीरे-धीरे बालों से रंगों को हटाएं।

**दही का इस्तेमाल करें
आपको चाहिए कि आप रंग हटाने के लिए त्‍वचा पर दही का इस्तेमाल करें। आपकी त्वचा पर जहां भी रंग लगा है उन हिस्सों पर दही से हल्के हाथों से मसाज करें। धीरे-धीरे आपका रंग हल्का पड़ने लगेगा और ध्यान रखें इस दौरान त्वचा को बहुत ज्यादा ना रगड़े।

**बेसन और नींबू भी है जरूरी
यदि रंग बहुत गहरे हैं तो आप बेसन और नींबू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको नींबू और बेसन का लेप बनाना होगा आप इसमें दही भी मिला सकती हैं। लेप को रंग लगे हिस्सों पर लगाएं और हल्के हाथों से रंग हटाएं।

**सिरका-आंवले से धोएं बाल-
यदि आप चाहते हैं कि आपके बाल होली के रंगों से खराब ना हो तो आपको चाहिए कि आप रात को पानी में भीगे हुए आंवले के पानी से सिर धोएं। लेकिन इससे पहले आपको रात को ही बालों में तेल की मसाज करनी होगी और होली के बाद रंग छुड़ाने के दौरान शैंपू से सिर धोएं फिर आंवले के पानी में सिरका मिलाकर बाल धों लें आपके बाल पहले की तरह चमकदार हो जाएंगे।

**मॉश्चराइजर भी है जरूरी
यदि आपकी त्वचा से रंग हल्का नहीं पड़ा है और जलन भी हो रही है तो साबुन इत्यादि का इस्तेमाल ना करें बल्कि आटे से त्वचा को अच्छी तरह से साफ करें और इसके बाद पानी से धोकर त्वचा पर मॉश्चराइजर लगाएं। इससे आपकी त्वचा मुलायम होगी और कोई जलन भी नहीं होगी।
**होली के रंग छुड़ाने के लिए कभी भी नुकीली चीजों का इस्‍तेमाल न करें।
**यदि रंग से किसी भी प्रकार की एलर्जी हो जाए, तो डॉक्‍टर से जरूर सलाह लें।
धन्यवाद
आप को सपरिवार होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं
आपका
डाॅ.नभ किशोर चौधरी
आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी

20/01/2019

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12/01/2019

नींबू और संतरे के छिलकों को सुखाकर अलमारी में रखा जाए तो इनकी खुशबू से झिंगुर व अन्य कीट भाग जाते हैं।
# #-- ऐसे सूखे छिलकों को जलाने से जो धुआं होता है उनसे मच्छर मर जाते हैं।
# #-- इसकी राख से दांत साफ किए जाएँ तो दुर्गंध दूर हो जाती है।
# #--नींबू निचोड़ने के बाद बचे हुए हिस्से को त्वचा पर रगड़ने से त्वचा की चिकनाई कम होती है। इसके रगड़ने से मुंहासे भी कम होते हैं और रंग निखरता है।
# #-पीतल और तांबे के बर्तन इससे चमकदार बनते हैं।

# #-नींबू के छिलकों को कोहनी और नाखूनों पर रगड़ने से कालापन कम होता है और गंदगी हट जाती है।
# #-- इन्ही छिलकों को नमक, हींग, मिर्च और चीनी के साथ पीसने से स्वादिष्ट चटनी बनती है।
# #- संतरे का रस तो चेहरे को कांतिमय बनाता ही है, छिलकों को यदि छाया में सुखाकर पीसा जाए तो यह उबटन का काम करता है जिससे चेहरे के दाग-धब्बे हटते हैं और त्वचा खूबसूरत बनती है।
# #--संतरे के छिलके को पानी में डालकर नहाने से पसीने की दुर्गंध दूर होती है और ताजगी आती है।

26/12/2018

बवासीर के रोगियों को चाहिए कि दोपहर में भोजन के बाद एक गिलास छाछ में अजवायन डालकर पीएं।

गर्मी के मौसम में दही की छाछ या लस्सी बनाकर पीने से पेट की गर्मी शांत हो जाती है। इसे पीकर बाहर निकलें तो लू लगने का डर भी नहीं रहता है।

दुबले व्यक्तियों को चाहिए कि दही में किशमिश, बादाम, छुहारा आदि मिलाकर पीएं। इससे वजन बढ़ता है।

दही के सेवन से शरीर की फालतू चर्बी कम करने में सहायता मिलती है।

खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें।

07/12/2018

💊 *घुटनों के दर्द की चिकित्सा* 👃

घुटनों में दर्द को कम करने के लिए गरम या ठंडे पेड से सिकाई की जरूरत हो सकती है| घुटनों में तीव्र पीड़ा होने पर आराम की सलाह दी जाती है ताकि दर्द और सूजन कम हो सके | फिजियोथेरपी में चिकित्सक विभिन्न प्रक्रियाओं के द्वारा घुटनों के दर्द और सूजन को कम करने का प्रयास करते हैं |

भोजन द्वारा इलाज के अंतर्गत रोजाना 3-4 खुराक खाते रहने से घुटनों की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है| अस्थियों को मजबूत बनाए रखने के लिए केल्शियम का सेवन करना उपकारी है| केल्शियम की 500 एम् जी की गोली सुबह शाम लेते रहें| | दूध, दही, ब्रोकली और मछली में पर्याप्त केल्शियम होता है| घुटनों के लचीलेपन को बढाने के लिए दालचीनी, जीरा, अदरक और हल्दी का उपयोग उत्तम फलकारी है| इन पदार्थों में ऐसे तत्त्व पाए जाते हैं जो घुटनों की सूजन और दर्द का निवारण करते हैं|

गाजर में जोड़ों में दर्द को दूर करने के गुण मौजूद हैं | गाजर को पीस लीजिए और इसमें थोड़ा सा नीम्बू का रस मिलाकर रोजाना खाना उचित है| यह घुटनों के लिगामेंट्स का पोषण कर दर्द निवारण का काम करता है|

मैथी के बीज संधिवात की पीड़ा निवारण करते हैं| एक चम्मच मैथी बीज रात भर साफ़ पानी में गलने दें | सुबह पानी निकाल दें और मैथी के बीज अच्छी तरह चबाकर खाएं| शुरू में तो कुछ कड़वा लगेगा लेकिन बाद में कुछ मिठास प्रतीत होगी| भारतीय चिकित्सा में मैथी बीज की गर्म तासीर मानी गयी है| यह गुण जोड़ों के दर्द दूर करने में मदद करता है|

प्याज अपने सूजन विरोधी गुणों के कारण घुटनों की पीड़ा में लाभकारी हैं| दर असल प्याज में फायटोकेमीकल्स पाए जाते हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को ताकतवर बनाते हैं| प्याज में पाया जाने वाला गंधक जोड़ों में दर्द पैदा करने वाले एन्जाईम्स की उत्पत्ति रोकता है| एक ताजा रिसर्च में पाया गया है कि प्याज में मोरफीन की तरह के पीड़ा नाशक गुण होते हैं|

गरम तेल से हल्की मालिश करना घुटनों के दर्द में बेहद उपयोगी है| एक बड़ा चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की 2 कुली पीसकर डाल दें | इसे गरम करें कि लहसुन भली प्रकार पक जाए| आच से उतार कर मामूली गरम हालत में इस तेल से घुटनों या जोड़ों की मालिश करने से दर्द में तुरंत राहत मिल जाती है| इस तेल में संधिवात की सूजन दूर करने के गुण हैं| घुटनों की पीड़ा निवारण की यह असरदार चिकित्सा है|

*घुटनों का दर्द के चमत्कारी उपचार*

नीचे बताई गयी सामग्री को मिला कर हल्दी का एक दर्द निवारक पेस्ट बना लीजिये :
1 छोटा चम्मच हल्दी पाउडर
1 छोटा चम्मच पीसी हुई चीनी, या बूरा या शहद
1 चुटकी चूना (जो पान में लगा कर खाया जाता है)
आवश्यकतानुसार पानी |
इन सभी को अच्छी तरह मिला लीजिये. एक लाल रंग का गाढ़ा पेस्ट बन जाएगा.
सोने से पहले यह पेस्ट अपने घुटनों पे लगाइए. इसे सारी रात घुटनों पे लगा रहने दीजिये. सुबह साधारण पानी से धो लीजिये. कुछ दिनों तक प्रतिदिन इसका इस्तेमाल करने से सूजन, खिंचाव, चोट आदि के कारण होने वाला घुटनों का दर्द पूरी तरह ठीक हो जाएगा !

*घुटनों का दर्द – उपाय 2*

1 छोटा चम्मच सोंठ का पाउडर लीजिये और इसमें थोडा सरसों का तेल मिलाइए. इसे अच्छी तरह मिला कर गाड़ा पेस्ट बना लीजिये. इसे अपने घुटनों पर मलिए. इसका प्रयोग आप दिन या रात कभी भी कर सकते हैं. कुछ घंटों बाद इसे धो लीजिये. यह प्रयोग करने से आपको घुटनों के दर्द में बहुत जल्दी आराम मिलेगा !

*घुटनों का दर्द – उपाय 3*

नीचे बताई गयी सामग्री लीजिये :--
4-5 बादाम
5-6 साबुत काली मिर्च
10 मुनक्का
6-7 अखरोट
*प्रयोग :*
इन सभी चीज़ों को एक साथ मिला कर खाएं और साथ में गर्म दूध पीयें.
कुछ दिन तक यह प्रयोग रोजाना करने से आपको घुटनों के दर्द में आराम मिलेगा !

*घुटनों का दर्द – उपाय 4*

खजूर विटामिन ए, बी, सी, आयरन व फोस्फोरस का एक अच्छा प्राकृतिक स्रोत है. इसलिए, खजूर घुटनों के दर्द सहित सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द के लिए बहुत असरकारक है.
*प्रयोग :*
एक कप पानी में 7-8 खजूर रात भर भिगोयें. सुबह खाली पेट ये खजूर खाएं और जिस पानी में खजूर भिगोये थे, वो पानी भी पीयें. ऐसा करने से घुटनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, और घुटनों के दर्द में बहुत लाभ मिलता है !

*घुटनों का दर्द – उपाय 5*

नारियल भी घुटनों के दर्द के लिए बहुत अच्छी औषधी है.

*नारियल का प्रयोग :*
रोजाना सूखा नारियल खाएं.
नारियल का दूध पीयें.
घुटनों पर दिन में दो बार नारियल के तेल की मालिश करें.
इससे घुटनों के दर्द में अद्भुत लाभ होता है.

आशा है आपको इन आसान घरेलू उपायों की मदद से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलेगा और आपकी ज़िंदगी बेहतर हो सकेगी |

लगातार 20 दिनों तक अखरोट की गिरी खाने से घुटनों का दर्द समाप्त होता है।

बिना कुछ खाए प्रतिदिन प्रात: एक लहसन कली, दही के साथ दो महीने तक लेने से घुटनों के दर्द में चमत्कारिक लाभ होता है।

💊💊💊

01/12/2018

*🙏 सुप्रभात 🙏*
*🌹उड़द गुण (Property)🌹*
*उड़द एक पौष्टिक दाल है। यह भारी, रुचिकारक, मल (पैखाना) रोगी के लिए लाभकारी, प्यास बढ़ाने वाला, बल बढ़ाने वाला, वीर्यवर्धक, अत्यन्त पुष्टिदायक, मल-मूत्र को मुक्त करने वाला, दूध पिलाने वाली माता का दूध बढ़ाने वाला और मोटापा बढ़ाने वाला है। उड़द पित्त और कफ को बढ़ाता है। बवासीर, गठिया, लकवा और दमा में भी इसकी दाल का सेवन करना लाभदायक है।*
*🌹विभिन्न रोगों में उपचार🌹*
*👉शक्तिदायक:-उड़द में शक्ति को बढ़ाने (शक्तिवर्द्धक) का गुण है। उड़द का प्रयोग किसी भी तरह से करने पर शक्ति बढ़ती है। रात्रि को 30 ग्राम उड़द की दाल पानी में भिगो दें और सुबह इसे पीसकर दूध व मिश्री के साथ मिलाकर पीने से मस्तिष्क व वीर्य के लिए बहुत ही लाभकारी है। ध्यान रहें : इसे अच्छी पाचन शक्ति वाले ही इस्तेमाल करें। छिलके सहित उड़द खाने से मांस बढ़ता है। उड़द दाल में हींग का छौंका देने से इसके गुणों में अधिक वृद्धि हो जाती है। भीगी हुई उड़द दाल को पीसकर एक चम्मच देशी घी व आधा चम्मच शहद में मिलाकर चाटने के बाद मिश्री मिला हुआ दूध पीना लाभदायक है। इसका प्रयोग लगातार करते रहने से पुरुष घोड़े की तरह ताकतवर हो जाता है।*
*उड़द दाल को पानी में भिगोकर और उसे पीसकर उसमें नमक, कालीमिर्च, हींग, जीरा, लहसुन और अदरक मिलाकर उसके `बड़े´ (एक पकवान) बनायें। ये बड़े घी या तेल में डालकर खाने से वायु, दुर्बलता, बेस्वाद (अरुचि), टी.बी. व दर्द दूर हो जाता है। उड़द दाल को पीसकर दही में मिलाकर व तलकर सेवन से पुरुषों के बल और धातु में बढ़ोत्तरी होती है। उड़द दाल का आटा 500 ग्राम, गेहूं का आटा 500 ग्राम व पीपर का चूर्ण 500 ग्राम लें और उसमें 100 ग्राम घी मिलाकर चूल्हे पर पकाकर 40-40 ग्राम वजन का लड्डू बना लें। रात को सोने के समय एक लड्डू सेवन करके ऊपर से 250 मिलीलीटर दूध पी लें। इसके प्रयोग में खट्टे, खारे व तेल वाले चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे शरीर क्षीण नहीं होता और शारीरिक ताकत बढ़ती है।*
*👉सफेद दाग:-उड़द के आटे को भिगोकर व पीसकर सफेद दाग पर नित्य चार महीने तक लगाने से सफेद दाग खत्म हो जाते हैं। काले उड़द को पीसकर सफेद दागों पर दिन में 3-4 बार दागों में लगाने से सफेद दागों का रंग वापस शरीर के बाकी रंग की तरह होने लगता हैI*

13/10/2018

आजकाल हम लोगो पर पोषण व आहार पर सूचना और सुझावों की बमबारी सभी दिशाओं हो रही हैं. अक्सर हम पूरी तस्वीर देखने में असमर्थ होते हैं व पेशकश कर्ताओं की विरोधाभासी प्रतीत होती सलाह द्वारा भ्रमित हो जाते हैं
आयुर्वेद के अनुसार आहार व्यक्ति को इस भूलभुलैया के मध्य में से एक रास्ता खोजने में मदद कर सकता हैं. यह अपने प्राचीन ज्ञान पर आधारित एक शुद्ध शाकाहारी भोजन के रुप में प्रस्तुत करता है. आयुर्वेद के अनुसार, अच्छे स्वास्थ्य का आहार एक महत्वपूर्ण नींव है जो रोगों के उपचार में सहयोगी है. दीर्घायु, शक्ति, ऊर्जा, विकास, रंग, और चमक यह सब एक अच्छा पाचन तंत्र और एक अच्छे आहार पर निर्भर करते हैं.

एक आदर्श आहार पर आयुर्वेदिक संकेत:
- यह अच्छा स्वादिष्ट होना चाहिए.
- यह संतुष्ट करने वाला होना चाहिए.
- यह शरीर को मज़बूत करने वाला होना चाहिए.
- यह तत्काल और स्थायी ऊर्जा दोनों देने वाला होना चाहिए.
- यह उचित मात्रा में लिया जाना चाहिए.
- यह जीवन शक्ति और स्मृति को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए.
- यह दीर्घायु को बढ़ावा देने वाला होना चाहिए.

स्वस्थ भोजन के लिए दिशानिर्देश:
- एक सुखद वातावरण में बैठो व खाओ.
- पिछले भोजन (पांच से छह घंटे) के पच जाने के बाद ही खाएं.
- रात में देर से न खाएं.
- खाना शांति से खाओ और अच्छी तरह चबाना.
- भोजन के साथ एक छोटे पात्र में गुनगुना गर्म पानी या जड़ी बूटी वाली चाय पीना चाहिए.
Veg Plate
- शुद्ध मन अपने पाचन तंत्र और भोजन की ऊर्जा को प्रभावित करता है.
- प्रतिदिन नियमित रूप से और एक ही समय में भोजन लेना चाहिए.
- भोजनों के बीच नाश्ता करने से बचें.
- भोजन केवल आधा पेट पूर्ण हो, एक चौथाई को पानी के लिए व एक चौथाई खाएं हुवे और गैसों के विस्तार के लिए खाली छोड़ दें.
- अपने भोजन के साथ फल और फलों के रस से बचें.
- हर समय ठंडा या बर्फ यक्त पेय से बचें.
- दवा के रूप में भोजन का उपयोग करें. मनुष्य वाही होता है जो वह खाता हैं.
- अपने भोजन के लिए सवृदय से धन्यवाद करे.

अतिरिक्त पकाया भोजन विश्क्त हो सकता है
कई शोध मानव शरीर में विषाक्तता पर संपन्न हुवे है. विषाक्तता सभी बीमारियों की जड़ है. रोगों को सभी प्रकार से दूर रखने के लिए डी-टोक्सिन पूरे शरीर के लिए आवश्यक है. डी-टोक्सिफिकैशन का पर्याय है अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ भोजन व नियमित उपवास करें

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Ater Road Petrol Pump Ke Paas
Bhind
477001

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+917509820822

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