Dr Neelesh Shrivastava - Consultant Surgical Oncologist

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Dr Neelesh Shrivastava - Consultant Surgical Oncologist Dr Neelesh Shrivastava
(M.B.B.S.,M.S.,M.CH.) Consultant Surgical Oncolo

Delivered a expert talk on “deescalating surgery in breast cancer” at MPASICON -2025 , bhopal madhya pradesh
15/02/2025

Delivered a expert talk on “deescalating surgery in breast cancer” at MPASICON -2025 , bhopal madhya pradesh

New place and new responsibilities… happy to share that we have treated a case of synovial cell sarcoma right upper lung...
19/01/2025

New place and new responsibilities… happy to share that we have treated a case of synovial cell sarcoma right upper lung .. commitment for cure ..

Received appreciation award in field of surgical oncology  from Deputy chief minister Madhya Pradesh and Health minister...
28/10/2024

Received appreciation award in field of surgical oncology from Deputy chief minister Madhya Pradesh and Health minister - Shri Shukla Ji, along with Bansal group CEO and CMHO Bhopal Dr Prabhakar Tiwari. 🙏🏼

It’s the 10th case operated by me .. his recovery was excellent … I will always be thankful to the Aiims Bhopal team for...
20/10/2024

It’s the 10th case operated by me .. his recovery was excellent … I will always be thankful to the Aiims Bhopal team for such a wonderful support for patient recovery ,have faith keep moving forward…

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह हमेशा अपने डॉक्टर्स को नए चैलेंज लेने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। ऐसा ही एक चैलेंज था 55 साल के एक व्यक्ति के अग्‍न्याशय में फैले कैंसर के ट्यूमर को निकालना। हाल ही में, 55 वर्षीय एक व्यक्ति, जो स्थानीय निवासी है, पिछले छह महीनों से ऊपरी पेट में गंभीर दर्द और पीलिया की समस्या से परेशान था। अन्य चिकित्सा संस्थानों में सहायता लेने के बावजूद उसे आराम नहीं मिल रहा था। वह एम्स भोपाल के मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ओपीडी में आया, जहां परीक्षण के बाद पता चला कि उसे अग्न्याशय कैंसर है। उसकी तकलीफ को कम करने के लिए और पित्त नली की रुकावट को दूर करने के लिए स्टेंटिंग प्रक्रिया की गई।
स्थिति स्थिर होने के बाद, मरीज को सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में भेजा गया। व्यापक परीक्षणों के बाद पुष्टि हुई कि उसके ट्यूमर को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाया जा सकता है, डॉ. नीलेश श्रीवास्तव और उनकी टीम ने व्हिपल प्रक्रिया की तैयारी की, जिससे मरीज के स्वस्थ होने की संभावनाएं बढ़ सकें। आठ घंटे तक चली यह सर्जरी सर्जिकल और एनेस्थीसिया टीमों के संयुक्त प्रयासों से सफलतापूर्वक पूरी हुई, जिसमें डॉ. शिखा जैन का भी योगदान रहा। ऑपरेशन के बाद, मरीज को सर्जिकल आईसीयू में उत्कृष्ट देखभाल मिली, जिससे उनकी रिकवरी बिना किसी जटिलता के संभव हो पाई।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने इस उपलब्धि पर पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा, "यह उपलब्धि हमारे समाज की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति हमारी निरंतर प्रतिबद्धता का प्रतीक है। प्रत्येक सफल सर्जरी हमारे मरीजों और उनके परिवारों के लिए आशा का प्रतिनिधित्व करती है। एम्स भोपाल में, हम उपचार की किरण बने रहने के लिए प्रतिबद्ध हैं, और चिकित्सा उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। मैं हमारी पूरी टीम की मेहनत और समर्पण की सराहना करता हूं, जिसने इस उपलब्धि को संभव बनाया।"

Ajai singh

It’s a breast cancer awarness month, although incidence is increasing still we can chase the disease if we can make a co...
12/10/2024

It’s a breast cancer awarness month, although incidence is increasing still we can chase the disease if we can make a combine effort to fight against it ..

रिसर्च-MP में 35-37 उम्र की महिलाओं को भी ब्रेस्ट कैंसर:* दावा-सोनोग्राफी से पता चलेगी प्रारंभिक स्टेज; एम्स के डॉक्टर बोले-बायप्सी से ज्यादा सटीक नतीजे

दावा-सोनोग्राफी से पता चलेगी प्रारंभिक...

Another achievement- successfully treated a case of recurrent Sacrococcygeal Teratoma (SCT)- a tumour which was situated...
19/08/2024

Another achievement- successfully treated a case of recurrent Sacrococcygeal Teratoma (SCT)- a tumour which was situated near the nerves ,which if supposed to get damage can affected the routine bowel and bladder function of patient , everything goes fine , patient is happy .. thanks to the team AIIMS bhopal ..

एम्स भोपाल में रिकरेंट सैक्रोकोकसीजियल टेराटोमा की सफल सर्जरी
एक पुरुष मरीज, उम्र 24 साल, पिछले एक साल से दोनों कूल्हों के जोड़ के पास पीठ के निचले हिस्से से डिस्चार्ज की समस्या से पीड़ित है। वह चार महीने पहले अपने माता-पिता के साथ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ओपीडी में एम्स भोपाल गया था, और गहन जांच के बाद पता चला कि उसके सेक्रल रीजन में कुछ गांठ हुई है। उसने दस साल पहले हमारे अस्पताल में ही कहीं इसी समस्या के लिए सर्जरी का इतिहास दिया था, लेकिन पिछले चार महीनों में उसे फिर से वही समस्या हो गई। रोग की प्रकृति को समझने के बाद, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ नीलेश श्रीवास्तव ने ट्यूमर को निकालने का फैसला किया। मरीज की सर्जरी चुनौतीपूर्ण थी क्योंकि यह नसों के पास थी, जो आमतौर पर मूत्राशय और आंत्र कार्यों के साथ-साथ यौन कार्यों को नियंत्रित करती हैं। एनेस्थीसिया के सहायक प्रोफेसर डॉ हरीश कुमार ने एनेस्थीसिया का काम संभाला और सर्जरी टीम में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी से डॉ नीलेश श्रीवास्तव और न्यूरोसर्जरी से डॉ सुमित राज शामिल थे। ट्यूमर के प्राथमिक रिसेक्शन और आवश्यक नसों के संरक्षण के लिए, पुनर्निर्माण भाग को डॉ दीपक कृष्ण द्वारा प्लास्टिक सर्जरी द्वारा निपटाया गया था। सर्जरी के बाद मरीज अच्छा महसूस कर रहा था और 13वें दिन उसे छुट्टी देने की योजना बनाई गई थी। तंत्रिका क्षति के रूप में कोई पोस्टऑपरेटिव जटिलता नहीं थी, जो मरीज की सामान्य दिनचर्या, जैसे पेशाब, शौच आदि को प्रभावित कर सकती है। मरीज अब स्थिर है और उसे छुट्टी दे दी गई है।

यह मामला अनूठा है, क्योंकि पुनरावृत्ति के मामलों में, उस क्षेत्र में तंत्रिका चोट लगने की अधिक संभावना होती है जहां ट्यूमर था और यदि ऐसा होता है, तो मरीज को मूत्राशय और आंत्र की आदतों में शिथिलता का अनुभव होगा। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ऐसे जटिल मामलों को नियमित आधार पर कर रहा है। यह एम्स भोपाल में चुनौतीपूर्ण मामलों के लिए टीमवर्क द्वारा प्रदान की गई जटिल देखभाल का एक उदाहरण है। एम्स निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने चिकित्सा टीम को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।

Another achievement .. treated a case of oesophageal cancer with post operative anastomotic leak followed by esophagosto...
20/06/2024

Another achievement .. treated a case of oesophageal cancer with post operative anastomotic leak followed by esophagostomy in neck and gastric conduit re suturing and placement in neck .. patient is now stable and discharged .. in second sitting she will required a reanastmosis of primary site ..it is a example of team effort by by AIIMS bhopal , proud to be a part of AIIMS bhopal ..

एम्स भोपाल में आहार नली के जटिल कैंसर का सफल ऑपरेशन

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह हमेशा ही यहाँ के डॉक्टर्स को नई – नई चुनौतियाँ स्वीकार करने के लिए प्रेरित करते रहते हैं। इसी कड़ी में 40 वर्षीय एक युवा महिला लगभग तीन महीनों से पेट के ऊपरी हिस्से में तकलीफ और सीने में जलन से पीड़ित थी। वह एक साल पहले एम्स भोपाल की ओन्कोलॉजी ओपीडी में आई थी और पूरी जांच के बाद उसे आहार नली का कैंसर होने का पता चला। उसने पहले कीमोथेरेपी और रेडिएशन के साथ उपचार के कई चरण पूरे किए, उसके बाद सर्जरी की योजना बनाई गयी । लेकिन कुछ व्यक्तिगत कारणों से उसने सर्जरी नहीं करवाई और कीमोथेरेपी जारी रखी। अप्रैल 2024 में वह फिर से सर्जिकल ऑन्कोलॉजी ओपीडी आई और बीमारी की गंभीरता को समझते हुए सर्जरी कराने के लिए तैयार हो गई। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. नीलेश श्रीवास्तव ने कम्पलीट एसोफैजेक्टॉमी के साथ आगे बढ़ने का फैसला किया। रोगी की सर्जरी मुश्किल वायुमार्ग के कारण चुनौतीपूर्ण थी और इसी कारण से उसका ऑपरेशन एक बार रद्द भी किया गया था । एनेस्थीसिया की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ पूजा सिंह ने मरीज को ब्रोन्कियल ब्लॉकर से इंट्यूबेट किया और डॉ नीलेश श्रीवास्तव की सर्जिकल ऑन्कोलॉजी टीम ने महिला की सर्जरी की । सर्जरी के बाद मरीज की हालत में सुधार हो रहा था और 13वें दिन उसे छुट्टी देने की योजना बनाई गई। लेकिन उसी दिन उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। प्राथमिकता के आधार पर मरीज की इमरजेंसी जांच में पाया गया कि गर्दन के पास अन्नप्रणाली के जुड़ने वाले स्थान से रिसाव हो रहा है। उसे फिर से इमरजेंसी में ले जाया गया और उसकी गर्दन के बाहर से ऊपरी अन्नप्रणाली का सिरा निकाला गया। डॉ जैनब अहमद के मार्ग दर्शन में एनेस्थीसिया विभाग की एक टीम ने मामले को अच्छी तरह से संभाला और मरीज को पांच दिनों तक आईसीयू में रखा। मरीज की इच्छा शक्ति भी बहुत मजबूत थी, क्योंकि दो सर्जरी के बाद भी वह ठीक होने के लिए लड़ रही थी और सात दिनों के बाद उसे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। मरीज अब स्थिर है और उसे छुट्टी दे दी गई है। सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग नियमित आधार पर ऐसे जटिल मामलों को कर रहा है ।

information on colore**al cancer -Always remember early detection is always better … colore**al cancers are now amneble ...
23/05/2024

information on colore**al cancer -
Always remember early detection is always better … colore**al cancers are now amneble for routine screening where with routine colonoscopy we can detect it in early stage and can treat early … remember knowledge is the power…

किसी भी सामान्य बीमारी को लंबे समय तक नजरअंदाज करना ठीक बात नहीं है. पेट से संबंधित कब्ज जैसी परेशानी यदि पुरानी है ...

Age is no bar for the cancer surgery .. operated a 90 year old gentle man suffering  from mid re**al cancer (early stage...
30/04/2024

Age is no bar for the cancer surgery .. operated a 90 year old gentle man suffering from mid re**al cancer (early stage) .. it was challenging due to extreme age of patient and not a suitable candidate for other modalities.. every things goes well .. a good team is required for performing such difficult cases .. thanks to team AIIMS Bhopal .. this is achievement for the AIIMS BHOPAL for progressing the cancer treatment in geriatric age groups ..

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह के प्रयासों से पिछले दो वर्षों से एम्स भोपाल पर लोगों का भरोसा बढ़ता ही जा रहा है। यहां केवल मध्य प्रदेश के शहरों से ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों के अलावा दूर दराज के इलाकों यहां तक कि अंडमान से भी लोग इलाज के लिए एम्स भोपाल का रुख कर रहे हैं। अगर हम केवल कैंसर विभाग के सर्जिकल ऑंकोलॉजी की बात करें, तो पिछले दो वर्षों में ओपीडी में मरीजों की संख्या 7500 से बढ़कर 15000 हो गई है। वहीं वार्ड में भर्ती के मामले ढाई गुना बढ़कर साढ़े तीन हजार हो गए हैं। जबकि इसी दौरान सर्जरी के केस भी दोगुने होकर 1000 से अधिक हो गए हैं।
हाल ही में अंडमान से 90 वर्षीय एक मरीज को लेकर उनका परिवार यहां पहुंचा। मरीज को पिछले 6 महीने से कब्ज और अनियमित मल त्याग की समस्या थी। अंडमान में समुचित इलाज न मिलने पर उन्होंने चेन्नई के अस्पतालों में चक्कर काटे। तब पता चला की बड़ी आंत के आखिरी हिस्से में कैंसर हो गया है। किंतु उनकी बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए ऑपरेशन में गंभीर खतरा बताया गया। परिवार उन्हें लेकर एम्स भोपाल के ट्रॉमा और इमरजैंसी विभाग में पहुंचा। जहां विभाग के प्रमुख डॉ यूनुस ने उन्हें सर्जिकल ऑंकोलॉजी में जल्दी इलाज करवाने की सलाह दी। सर्जिकल ऑंकोलॉजी के डॉक्टर नीलेश श्रीवास्तव ने मरीज को ओपीडी में देखा और सभी जांच करवाने के बाद ऑपरेशन करने का फैसला किया। उन्होंने अपनी टीम के साथ लो एंटीरियर रिसेक्शन जो मलाशय के कैंसर के लिए की जाने वाली एक प्रक्रिया है, के द्वारा मरीज की सर्जरी की। बेहतर रिकवरी होने के बाद केवल 10 दिनों में ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
रेक्टल कैंसर आम तौर पर मध्यम और बढ़ती उम्र के साथ होने वाली एक बीमारी है। बुजुर्गों में इस बीमारी के इलाज में गंभीर खतरा हो सकता है। समय पर समुचित इलाज करवाने से इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। साथ ही बढ़ती उम्र सर्जरी में बाधा नहीं बन सकती। इसका इलाज करते समय विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ) अजय सिंह का कहना है कि एम्स भोपाल प्रत्येक मरीज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है ।

08/03/2024
Today is the world cancer day ..“Close the care gap “- not only for the cancer but also after the treatment also .. it i...
04/02/2024

Today is the world cancer day ..

“Close the care gap “- not only for the cancer but also after the treatment also ..

it is a happy movement for us when a patient who survived after treatment .. it is really a big inspiration to all the people who are fighting against the cancer .. please remember willing to fight is the key for success .. please do not get afraid and always come forward if u r having any symptoms ..

I am really proud to be a part of aiims bhopal .. this is a interview of a cancer survivor .. really salute to Him and alll the patient who survived by going through the treatment and today set a example for others for fighting against the cancer ..

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