
02/05/2025
Healing Protection Meditation – Day 141
"राम राम जी | प्रणाम!"
आप सभी को हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद।
मैं आपको उस मार्ग पर आमंत्रित करने आया हूँ, जहाँ से पूर्ण शक्ति मिलेगी, सम्पन्नता आएगी, और जो आप चाहेंगे, वह प्राप्त होगा।
यह कोई गुरु-शिष्य परंपरा नहीं, न ही कोई संप्रदाय है — यहाँ सिर्फ सत्य है, अनुभव है और आत्मिक उत्थान है।
हमारे दुखों का मूल कारण हमारे ही संचित कर्म हैं।
इन्हीं कर्मों के कारण पितृदोष लगता है, ग्रह अड़चन देते हैं, और कार्य वैसे नहीं होते जैसे हम चाहते हैं।
तो पहला कदम है — स्वयं की ऊर्जा की सुरक्षा।
जैसे हम अपने घर के दरवाज़े बंद करते हैं, ताला लगाते हैं —
वैसे ही हमें अपनी आंतरिक ऊर्जा, तपस्या और साधना को भी सुरक्षाकवच में रखना सीखना होगा।
बिना सुरक्षा के साधना, तपस्या व्यर्थ हो जाती है — चुराई जा सकती है।
जब आपके भीतर शक्ति होगी, प्राण ऊर्जा होगी, और ऊपर से सुरक्षाकवच होगा —
तब कोई भी नकारात्मक शक्ति आपको स्पर्श नहीं कर सकेगी।
जो भी आपके मार्ग में बाधा बनेगा, वह खुद ही भस्म हो जाएगा।
---
अब बात है समर्पण की —
मन से, सच्चे भाव से माँ भगवती के चरणों में बैठो।
"यही मूल प्रकृति हैं, यही सृष्टि की जननी हैं — वही आद्या शक्ति भगवती, जिनका न कोई आदि है, न कोई अंत।"
इन्हीं के चरणों में स्वयं नारायण, महादेव, और ऋषि-मुनि भी ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
यह समय सौभाग्य से मिला है —
आपका और आपके परिवार का कल्याण निश्चित है।
न जाने कितने जन्मों के कर्म कटेंगे, और आने वाले अनगिनत जन्मों की राहें भी सुधरेंगी।
---
आप सभी का हार्दिक स्वागत है
हमारी सांध्यकालीन Healing Protection Prayer एवं Meditation में।
Google Meet Link:
https://meet.google.com/yrh-jzuz-iqo
WhatsApp Group Link:
https://chat.whatsapp.com/E9eL37xNw1n9QDqwDdI3zn
"जय माता दी"
– आचार्य नरेंद्र,
सनातन सप्तऋषि परंपरा के योगी