DrRashmi Moghe - Hirve - Psychiatrist

DrRashmi Moghe - Hirve - Psychiatrist Psychiatrist (Doctor)
& counsellor

27/09/2025

सभी प्रोफेशनल अर्निंग महिलाओं को मेरी यही सलाह है कि कभी भी किसी के भी कहने पर अपने करियर को ना छोड़ें, पति के कहने पर आप करियर छोड़ कर बैठ जाएंगी कि वो देख लेगा सब, मै घर संभाल लूंगी, लेकिन मेरे पास ऐसे बहुत से केस आते हैं जब इसके बाद ये महिलाएं थोड़े थोड़े पैसों के लिए भी मोहताज हो जाती हैं, एक एक पैसे का हिसाब देना पड़ता है कि कहां खर्च किए? क्यों चाहिए पैसे, मै ला दूंगा, मुझे बताओ, जरूरत की चीज होगी तो ला दूंगा। कोई पॉकेट मनी नहीं मिलती है।
और फिर इन महिलाओं को अफसोस होता है कि हाथ कटवाकर बैठ गई हैं वो। और जो साल उन्होंने घर की देखभाल में लगाए वो उनके कैरियर से माइनस हो जाते हैं, अगर वापस आएं भी तो वो अपने करियर में वापस एंट्री लेवल से ही शुरू कर पाती हैं, और तब पतियों की (जो कि उनसे कई गुना earn कर रहे होते हैं) की अपेक्षा होती है कि पत्नी घर खर्च में भी आधा कंट्रीब्यूट करे।
और कई महिलाएं तो वर्क फॉर्स से हमेशा के लिए बाहर हो जाती हैं, उन्हें दोबारा कोई नौकरी मिलती ही नहीं है।
कई बार 40 पार के पति नई प्रेमिका ढूंढ लेते हैं, अब इन महिलाओं के पास ना कैरियर है, ना पैसे हैं, ना पति है।
बहुत लंबा टॉपिक है ये, इसे आज पहला भाग समझ लीजिए। इस लेख का।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल

🛑ODD ऑपोजिशनल डिफायंट डिसऑर्डर🛑= क्या आपका बच्चा हर बात पर बहस करना, कामों को ना बोलना, उद्दंडता करना, ये करता रहता है? ...
12/09/2025

🛑ODD ऑपोजिशनल डिफायंट डिसऑर्डर🛑= क्या आपका बच्चा हर बात पर बहस करना, कामों को ना बोलना, उद्दंडता करना, ये करता रहता है? हर वक्त चिड़चिड़ाना, गुस्से में रहना, ऑथोरिटी फिगर्स जैसे माता पिता, शिक्षक आदि द्वारा दिए गए निर्देशों का जानबूझकर उल्लंघन करना? बदला लेने की भावना होना। अपनी गलतियों की कोई जिम्मेदारी ना लेना, दूसरों पर दोष डालते रहना? तो हो सकता है कि आपके बच्चे को ODD हो।
ये बच्चे बेहद डिफिकल्ट चाइल्ड होते हैं, अनुशासन में लाने के सामान्य तरीके इनपर काम नहीं करते हैं। इन बच्चों के साथ माता पिता का जीवन एक रोज़ चलने वाला अंतहीन युद्ध बन जाता है। और कुछ स्ट्डीज कहती हैं कि बच्चों में odd बढ़ रहा है।
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ऑपोजिशनल डिफिएंट डिसऑर्डर (जिसे शॉर्ट में ODD कहते हैं) बच्चों और किशोरों (टीन्स) में होने वाला एक बिहेवियर से जुड़ा डिसऑर्डर है। इसमें बच्चे का पैटर्न होता है गुस्सा करना, चिड़चिड़ापन, बहस करना और अथॉरिटी फिगर्स (जैसे पेरेंट्स, टीचर्स) की बात न मानना।
यह समझना ज़रूरी है कि हर बच्चा कभी न कभी ज़िद करता है या गुस्सा दिखाता है। लेकिन ODD में यह बिहेवियर नार्मल बच्चों की तुलना में बहुत ज़्यादा, लगातार (कम से कम 6 महीने तक) और गंभीर होता है। इससे बच्चे की फॅमिली लाइफ, दोस्ती और पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है।
ODD के कॉमन सिम्पटम्स (लक्षण) क्या हैं? (एग्जांपल्स के साथ)
ODD के लक्षणों को 3 मुख्य कैटेगरी में बांटा जा सकता है:
👉1. गुस्सा और चिड़चिड़ापन (Angry and Irritable Mood):
अक्सर गुस्से में आ जाना: छोटी-छोटी बातों पर भड़क जाना।
एग्जांपल: जैसे, अगर आपने बच्चे को टीवी बंद करके होमवर्क करने को कहा, तो वह छोटी सी बात पर चीखने-चिल्लाने लगे या रिमोट फेंक दे।
जल्दी इरिटेट हो जाना: दूसरों की बातों से बहुत जल्दी परेशान हो जाना।
एग्जांपल: अगर उसका छोटा भाई/बहन उसके कमरे में आ जाये तो वह फ़ौरन चिड़चिड़ा हो कर उस पर चिल्लाने लगता है।
हमेशा गुस्से में या नाराज़ रहना: चेहरे पर अक्सर गुस्सा या नफरत के भाव दिखना।
👉2. बहस करने वाला और डेफिएंट बिहेवियर (Argumentative and Defiant Behavior):
बड़ों से ज़रूरत से ज़्यादा बहस करना: हर बात को काटना और बहस करना।
एग्जांपल: आप कुछ भी कहेंगे, वह "क्यों?" और "मैं नहीं करूँगा" जैसा जवाब देगा। हर बात पर बहस करना उसकी आदत बन जाती है।
नियम (रूल्स) को तोड़ना या न मानना: जानबूझकर रिक्वेस्ट या रूल्स को इग्नोर करना।
एग्जांपल: स्कूल में टीचर के बार-बार बोलने पर भी लाइन में खड़ा न होना या घर पर "डिनर से पहले स्नैक्स नहीं खाना" जैसे रूल को रोज़ तोड़ना।
जानबूझकर दूसरों को परेशान करना: ऐसा काम करना जिससे दूसरे इरिटेट हों।
एग्जांपल: वह जानता है कि टीवी की आवाज़ तेज़ करने से आपको परेशानी होती है, फिर भी वह जानबूझकर वॉल्यूम बढ़ा देगा।
अपनी गलतियों के लिए दूसरों को ब्लेम करना: कभी अपनी गलती न मानना।
एग्जांपल: अगर उसने दूध का गिलास गिरा दिया, तो वह मानेगा नहीं कि गलती उसकी है। वह कहेगा, "आपने ही गिलास वहां रखा था" या "भाई ने मुझे धक्का दिया।"
👉3. बदला लेने वाला बिहेवियर (Vindictive):
दिल में बात रख कर बदला लेना: अगर कोई चीज़ उसके हिसाब से न हो, तो वह बाद में बदला लेने की कोशिश करता है।
एग्जांपल: अगर उसकी बहन ने गलती से उसकी कॉपी ले ली, तो वह गुस्से में आकर बाद में उसका फेवरेट खिलौना तोड़ देगा या छिपा देगा।
🛑ODD के रीज़न्स (कारण) क्या हो सकते हैं?🛑
ODD का कोई एक सिंगल रीज़न नहीं है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह कुछ चीज़ों का कॉम्बिनेशन हो सकता है:
👉जेनेटिक फैक्टर्स: अगर फॅमिली में किसी को मूड डिसऑर्डर, एंग्जायटी या पर्सनालिटी डिसऑर्डर रहा है, तो रिस्क बढ़ जाता है।
👉बायोलॉजिकल फैक्टर्स: दिमाग के कुछ केमिकल मेसेंजर्स (न्यूरोट्रांसमीटर्स) में इम्बैलेंस होने से भी बिहेवियर पर असर पड़ सकता है।
👉एनवायरनमेंटल फैक्टर्स: घर का माहौल भी एक बड़ा रोल प्ले करता है।
👉पेरेंटिंग स्टाइल: बहुत ज़्यादा सख्त या बहुत लापरवाह पेरेंटिंग।
👉फॅमिली इश्यूज: घर में रोज़-रोज़ के झगड़े या आपस में बनती न हो।
👉इनकंसिस्टेंट डिसिप्लिन: कभी एक ही गलती पर डांट पड़ना और कभी उसी गलती को इग्नोर कर देना।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल 07553138825
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ODD का इलाज (ट्रीटमेंट) कैसे होता है?
odd के इलाज से इससे बच्चे के बिहेवियर में सुधार आ सकता है। इसमें बच्चे और फॅमिली दोनों को शामिल किया जाता है।
👉🛑साइकिएट्रिक दवाइयां🛑= इन बच्चों का व्यवहार इतना अग्रेसिव हो जाता है कि आप चाहें या ना चाहें, बच्चे को कई बार दवाइयां देनी ही पड़ती हैं। दवाइयां बेहद जल्दी असर करती हैं, कुछ ही दिनों परिणाम दिखने लगते हैं, एग्रेशन गुस्सा कम करने की दवाएं, ADHD की दवाएं, मूड स्विंग को रोकने वाली दवाएं आदि बेहद बेहद प्रभावी होती हैं। (बहुत कम या बिना किसी साइड इफेक्ट्स के) तेज गति से परिणाम लाने के लिए, अनुभवी मनोचिकित्सक बड़ी ही कुशलता से इन दवाओं का सही उपयोग करने में सक्षम होते हैं।🛑
👉पेरेंट मैनेजमेंट ट्रेनिंग (PMT): इसमें पेरेंट्स को सिखाया जाता है कि बच्चे के पॉजिटिव बिहेवियर को कैसे बढ़ावा दें और नेगेटिव बिहेवियर को कैसे हैंडल करें।
👉फैमिली थेरेपी: इसमें पूरी फैमिली एक साथ थेरेपिस्ट से मिलती है ताकि कम्युनिकेशन बेहतर हो और घर का माहौल आपसी समझ से सुधर सके।
👉कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT): यह थेरेपी बच्चे को अपने गुस्से को कण्ट्रोल करना और प्रॉब्लम्स को आसान तरीके से सॉल्व करना सिखाती है।
👉सोशल स्किल्स ट्रेनिंग: इससे बच्चे को दूसरों के साथ आसानी से घुलने-मिलने और दोस्ती करने में मदद मिलती है।
🛑अगर आपको अपने बच्चे में ऊपर दिए गए लक्षण दिखते हैं, तो चाइल्ड साइकियाट्री में अनुभवी किसी साइकियाट्रिस्ट (मनोचिकित्सक) से सलाह लेना सबसे अच्छा कदम है। सही गाइडेंस और सपोर्ट से इस सिचुएशन को एक हद तक हैंडल किया जा सकता है।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल
Dr Rashmi Moghe Hirve psychiatrist and Counsellor, Bhopal
07553138825
With Neurologist DrMakarand Hirve bhopal

11/09/2025

लोग सिगरेट शराब चरस गांजा ले लेंगे, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य बचाने के लिए दवाई नहीं लेंगे।
ये कहकर कि "साइड इफेक्ट हो सकते हैं"
Irony 🙄😅

10/09/2025

2024 में भारत में रोड एक्सीडेंट से पौने दो लाख लोगों की मृत्यु हुई और आत्महत्या करने से लगभग दो लाख लोग काल के ग्रास हुए
⭐Mental health matters⭐
आत्महत्या रोकथाम दिवस 10 Sep

🛑डेल्यूजनल डिसऑर्डर: पैथोलॉजिकल जेलसी टाइप🛑 पति/पत्नी/पार्टनर पर बेवफाई का शक करना🛑ये एक सीरियस मेंटल हेल्थ कंडीशन है, ज...
24/08/2025

🛑डेल्यूजनल डिसऑर्डर: पैथोलॉजिकल जेलसी टाइप🛑 पति/पत्नी/पार्टनर पर बेवफाई का शक करना🛑
ये एक सीरियस मेंटल हेल्थ कंडीशन है, जिसमें पर्सन को एक या एक से ज़्यादा झूठे और स्ट्रॉन्ग बिलीफ्स (डेल्यूज़न्स) पक्के विश्वास होते हैं। ये बिलीफ्स इतने पक्के होते हैं कि कोई भी सबूत, लॉजिक, एविडेंस या रियलिटी इन्हें हिला नहीं पाती। पर्सन की नॉर्मल लाइफ इन डेल्यूज़न्स के इर्द-गिर्द घूमती है, लेकिन इसके अलावा उनका बिहेवियर और थिंकिंग आमतौर पर नॉर्मल होती है।
🛑पैथोलॉजिकल जेलसी🛑
पैथोलॉजिकल जेलसी, या जेलस टाइप डेल्यूजनल डिसऑर्डर (jealous type delusional disorder), इसे डेलुजन ऑफ इन्फिडेलिटी या othello sundrome भी कहते हैं।
ये डेल्यूजनल डिसऑर्डर का एक स्पेशल टाइप है। इसमें पर्सन को यह स्ट्रॉन्ग बिलीफ हो जाता है कि उनका पार्टनर उन्हें चीट कर रहा है। इस बिलीफ को सपोर्ट करने के लिए कोई सॉलिड एविडेंस नहीं होता, लेकिन पर्सन इमेजिनरी साइंस, इवेंट्स या छोटे-मोटे संयोगों को अपने डेल्यूजन का प्रूफ मान लेता है।
सिम्पटम्स और बिहेवियर
👉* लगातार मॉनिटरिंग: पर्सन अपने पार्टनर के हर कदम पर नज़र रखता है। वे उनके फोन, ईमेल, सोशल मीडिया और एक्टिविटीज को चेक करते हैं।
👉* इमेजिनरी एविडेंस पर बिलीफ: एक नॉर्मल बातचीत, एक देर से आया मैसेज, या किसी अननोन पर्सन के साथ हुई छोटी सी मीटिंग को वे बेवफ़ाई का सबूत मान लेते हैं।
👉* अग्रेसिव बिहेवियर: इस डेल्यूजन की वजह से पर्सन अपने पार्टनर पर चिल्ला सकता है, उन पर हमला कर सकता है, या उन्हें फिजिकली हर्ट कर सकता है।
👉* आइसोलेशन: वे अपने पार्टनर को फ्रेंड्स और फैमिली से दूर रखने की कोशिश करते हैं, ताकि वे किसी और से न मिल सकें।
👉* बार-बार सवाल करना: पर्सन अपने पार्टनर से बार-बार बेवफ़ाई के बारे में पूछता है, और वे कितनी भी सफाई दें, उस पर यकीन नहीं करते।
👉यह डिसऑर्डर न सिर्फ़ विक्टिम के लिए बल्कि उसके पार्टनर और पूरी फैमिली के लिए भी बहुत पेनफुल होता है। यह रिलेशनशिप पूरी तरह से टूट सकती है और इसका रिजल्ट कभी-कभी वायलेंट भी हो सकता है।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, भोपाल 07553138825, 7217211514
🛑एक छोटी स्टोरी: मोहित और प्रिया🛑
मोहित और प्रिया की शादी को अधिक समय नहीं हुआ था, लेकिन मोहित का बिहेवियर अजीब हो गया था।
शुरुआत में, यह छोटी-छोटी बातों से शुरू हुआ। प्रिया जब भी देर से घर आती, तो मोहित उससे घंटों पूछताछ करता कि वह कहाँ थी और किससे मिल रही थी। प्रिया अगर किसी कलीग के साथ काम के सिलसिले में बात करती, तो मोहित उसे शक भरी नज़रों से देखता।
एक शाम, प्रिया के फोन पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था, "कल की मीटिंग के लिए रेडी रहना।" यह मैसेज प्रिया के बॉस का था। मोहित ने प्रिया के फोन पर यह मैसेज देखा और उसका चेहरा पीला पड़ गया।
"यह कौन है?" मोहित ने शांत, लेकिन तीखी आवाज़ में पूछा।
"यह मेरे बॉस हैं, कल एक इम्पोर्टेंट प्रेजेंटेशन है," प्रिया ने समझाया।
लेकिन मोहित के दिमाग में एक अलग ही स्टोरी चल रही थी। "तुम मुझसे झूठ बोल रही हो। यह तुम्हारा बॉयफ्रेंड है, है ना?"
उस रात, मोहित ने प्रिया को सोने नहीं दिया। वह घंटों तक उस एक मैसेज के बारे में पूछताछ करता रहा और अपनी जेलसी की वजह से प्रिया पर कई आरोप लगाता रहा। प्रिया थक चुकी थी। उसने कई बार समझाने की कोशिश की, कि ये सब उसके दिमाग का वहम है, लेकिन मोहित को उस पर यकीन नहीं हुआ।
धीरे-धीरे, मोहित की जेलसी पागलपन में बदल गई। वह प्रिया के पीछे-पीछे ऑफिस तक जाने लगा। उसने प्रिया के फ़ोन में जासूसी करने वाला ऐप डाल दिया और उसके फ्रेंड्स से भी मिलने पर रोक लगा दी। एक दिन, प्रिया अपने बचपन के दोस्त राहुल से मिली और उसे देखकर मोहित अपना आपा खो बैठा। वह राहुल से झगड़ने लगा और उन दोनों के बीच हाथापाई भी हुई।
अब प्रिया समझ चुकी थी कि मोहित को कोई मेंटल प्रॉब्लम है। उसने मोहित की फैमिली से बात की और उन्हें एक साइकेट्रिस्ट से मिलने की सलाह दी। स्टार्टिंग में मना करने के बाद, मोहित फाइनली ट्रीटमेंट के लिए रेडी हुआ। साइकेट्रिस्ट ने डायग्नोस किया कि मोहित को पैथोलॉजिकल जेलसी का डेल्यूजनल डिसऑर्डर है।
मोहित का ट्रीटमेंट शुरू हुआ, जिसमें मेडिसिन और थेरेपी दोनों शामिल थीं। यह एक लंबी और मुश्किल प्रोसेस थी, लेकिन प्रिया के पेशेंस और मोहित की कोशिशों से, धीरे-धीरे मोहित के डेल्यूज़न्स कम होने लगे। उसे समझ आने लगा था कि उसकी जेलसी ने उनके रिश्ते को कितना नुकसान पहुँचाया था।
ट्रीटमेंट और हेल्प
पैथोलॉजिकल जेलसी का ट्रीटमेंट पॉसिबल है। इसमें मेनली साइकोथेरेपी (psychotherapy) और मेडिसिन (medication) शामिल होती हैं।
* साइकोथेरेपी: इसमें कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) का यूज़ किया जाता है, जो पर्सन को अपने झूठे बिलीफ्स को पहचानना और उनसे लड़ना सिखाती है।
* मेडिसिन: साथ में कुछ एंटी-साइकोटिक ड्रग्स (antipsychotic drugs) भी दी जाती हैं, जो पर्सन के डेल्यूज़न्स को कम करने में हेल्प करती हैं।
यह समझना ज़रूरी है कि यह सिर्फ़ "जेलसी" नहीं है, बल्कि एक सीरियस मेंटल इलनेस है जिसके लिए प्रोफेशनल हेल्प की ज़रूरत होती है। अगर आप या आपका कोई जानने वाला इस तरह के बिहेवियर से जूझ रहा है, तो तुरंत एक मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल (mental health professional) से कॉन्टैक्ट करना ज़रूरी है।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर
भोपाल 07553138825, 7217211514
#मानसिक_स्वास्थ्य_समस्या


#पार्टनर_पर_शक

अमृत विचार न्यूज पेपर तथा Puneet Kumar  जी एवं क्रिएटिव टीम को मेरा हार्दिक धन्यवाद मेरा ये FB लेख अपने प्रतिष्ठित अखबार...
18/08/2025

अमृत विचार न्यूज पेपर तथा Puneet Kumar जी एवं क्रिएटिव टीम को मेरा हार्दिक धन्यवाद मेरा ये FB लेख अपने प्रतिष्ठित अखबार में पब्लिश करने हेतु 😊🙏🙏

🛑Circles of Closeness🛑 निकटता के चक्र🛑👉हर व्यस्ततम व्यक्ति की भी फ्रेंड लिस्ट में 4=5 लोग ऐसे होते ही हैं, जिनका कॉल हर ...
08/08/2025

🛑Circles of Closeness🛑 निकटता के चक्र🛑
👉हर व्यस्ततम व्यक्ति की भी फ्रेंड लिस्ट में 4=5 लोग ऐसे होते ही हैं, जिनका कॉल हर सूरत में वो व्यक्ति उठाता है, चाहे कितना भी व्यस्त क्यों ना हो।
और अगर किसी कारणवश कॉल अनदेखा या अनसुना रह गया। तो पलट कर कॉल बैक अवश्य करता है।
आप जिन्हें अपना बेहद करीबी मित्र समझते हो, उन पर ये टेस्ट अप्लाई करके देखो।

👉यदि ऐसा नहीं है तो आप ये बात अच्छे से समझ लो कि आप उस व्यक्ति के inner सर्कल ऑफ क्लोज फ्रेंड्स में नहीं आते हो। और अगर आप किसी के इनर सर्कल में नहीं आते हो तो उस व्यक्ति को दोष देने की ज़रूरत नहीं है, दोस्ती किसी पर थोपी नहीं जा सकती है, ज़रूरी नहीं है कि आप जिसे अपना बेहद अच्छा मित्र या सखी माने, वो भी आपको उतना ही करीबी दोस्त समझता हो।

👉बस ये होना चाहिए कि या तो आप निस्वार्थ भावना से बिना अधिक प्रतिदान की अपेक्षा किए, उस व्यक्ति को अपने इनर सर्कल में बनाए रखें।
या फिर आप भी उसे सर्कल की उसी लेयर में शिफ्ट कर दें जहां पर उसने आपको रखा हुआ है।

👉क्योंकि ये सर्कल्स स्टैटिक नहीं dynamic, ever evolving होते हैं, लोग इन सर्कल्स की लेयर्स में अंदर बाहर होते रहते हैं। जो लोग एक वक्त पर इनर सर्कल में हों ज़रूरी नहीं कि वो लोग जीवन के किसी दूसरे फेज में भी उसी लेयर में रहेंगे।
कुछ चुनिंदा लोग ही हमेशा अपनी पोजिशन होल्ड कर पाते हैं इन सर्कल्स में। बाकी शिफ्ट होते रहते हैं।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे
मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल
#मानसिक_स्वास्थ्य_सीरीज
#मित्रता
#प्राथमिकता


DrRashmi Moghe Hirve

दैनिक भास्कर ऑल इंडिया एडिशन, फ्रंट पेज पर बच्चों के स्कूल रिफ्यूजल से जुड़ी समस्या पर मेरा ओपिनियन आज प्रकाशित किया गया...
27/07/2025

दैनिक भास्कर ऑल इंडिया एडिशन, फ्रंट पेज पर बच्चों के स्कूल रिफ्यूजल से जुड़ी समस्या पर मेरा ओपिनियन आज प्रकाशित किया गया है। 😊
दैनिक भास्कर समाचार पत्र संपादक तथा प्रकाशन टीम को मेरा हार्दिक धन्यवाद 😊🙏

मेरे कई मरीज़ मुझे कहते हैं कि वे लंबे समय से डिप्रेशन में थे लेकिन वे इस बात को समझ ही नहीं पाए। इसे पढ़ें👇🛑डिप्रेशन: म...
24/07/2025

मेरे कई मरीज़ मुझे कहते हैं कि वे लंबे समय से डिप्रेशन में थे लेकिन वे इस बात को समझ ही नहीं पाए। इसे पढ़ें👇
🛑डिप्रेशन: मन का वो अनकहा बोझ🛑
डिप्रेशन! ये सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक गहरी, उलझी हुई फीलिंग है जो अक्सर हमें अंदर से खोखला कर देती है. सोचिए, जैसे कोई बादल सूरज को पूरी तरह से ढक ले और हर तरफ अंधेरा छा जाए, ठीक वैसे ही डिप्रेशन हमारे मन की रोशनी को निगल लेता है. ये सिर्फ उदासी नहीं है; ये एक ऐसी सिचुएशन है जहाँ आप अपनी ही लाइफ से कट ऑफ होने लगते हैं.

🛑पहचानें डिप्रेशन के संकेत: कहीं ये आपके या आपके अपनों के साथ तो नहीं?🛑
डिप्रेशन के सिम्टम्स हर किसी में अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ कॉमन साइंस हैं जिन्हें समझना बहुत ज़रूरी है ताकि आप या आपके लव्ड वंस टाइम पर हेल्प ले सकें.
👉* उदासी और खालीपन: क्या आपको हर समय एक अजीब सी उदासी महसूस होती है? जैसे दिल में एक खालीपन है और कुछ भी अच्छा नहीं लगता? ये ऐसा है जैसे कोई गाना बिना धुन के हो जाए, बिल्कुल बेजान. आपको लगता है कि जैसे हर बात में कोई खुशी या मकसद बचा ही नहीं है.
👉* इंटरेस्ट का खत्म होना: जिन एक्टिविटीज में आपको पहले बहुत मज़ा आता था, जैसे मूवी देखना, फ्रेंड्स से मिलना, या अपनी कोई हॉबी फॉलो करना, क्या अब उनमें आपका बिल्कुल मन नहीं लगता? ऐसा लगता है जैसे किसी फूल ने अपनी खुशबू खो दी हो. ये लाइफ के हर कलर को फीका कर देता है.
👉* एनर्जी की कमी और थकावट: आपको हमेशा थका-थका सा फील होता है, चाहे आप कितनी भी नींद ले लें. जैसे आपके शरीर की बैटरी डिस्चार्ज हो गई हो, आपको छोटे-छोटे काम करने में भी बहुत ज़्यादा एफर्ट लगता है.
👉* नींद में बदलाव: क्या आपकी नींद डिस्टर्ब हो गई है? या तो आपको बहुत ज़्यादा नींद आती है और आप बिस्तर से उठना नहीं चाहते, या फिर आपको बिल्कुल नींद नहीं आती और रातें करवटें बदलते बीत जाती हैं.
👉* भूख और वज़न में बदलाव: आपकी ईटिंग हैबिट्स भी बदल सकती हैं. या तो आपको बहुत ज़्यादा भूख लगने लगती है और वज़न बढ़ने लगता है, या फिर भूख बिल्कुल खत्म हो जाती है जिससे वज़न कम होने लगता है. जैसे शरीर अपनी नॉर्मल साइकिल भूल गया हो.
👉 * कॉन्सेंट्रेशन की कमी: आपको चीज़ों पर फोकस करने में प्रॉब्लम होती है? पढ़ाई, काम या कोई भी डिसीजन लेने में बहुत मुश्किल आती है. ऐसा लगता है जैसे आपके दिमाग पर कोई धुंध छा गई हो, और क्लैरिटी नहीं मिल पा रही.
👉* निराशा और खुद को कोसना: आपको अक्सर ऐसा लगता है कि आप किसी काम के नहीं, या आपकी वजह से सब गलत हो रहा है? जैसे कोई शीशा आपकी असली इमेज न दिखा पाए, और आप खुद को ही कोसते रहते हैं.
👉 * मरने या सुसाइड के विचार: ये सबसे सीरियस साइन है. अगर आपको बार-बार मरने के या खुद को नुकसान पहुँचाने के थॉट्स आते हैं, तो ये एक इमरजेंसी है. ये वो अंधा मोड़ है जहाँ पहुँचने से पहले ही तुरंत मदद की ज़रूरत होती है.

🛑याद रखें: ये कोई कमजोरी नहीं, एक बीमारी है!🛑
डिप्रेशन कोई बहाना या वीकनेस नहीं है. ये एक मेडिकल कंडीशन है जिसे प्रॉपर ट्रीटमेंट की ज़रूरत होती है. जैसे फीवर होने पर हम डॉक्टर के पास जाते हैं, वैसे ही जब मन बीमार हो तो मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की हेल्प लेनी चाहिए. शर्माना या हिचकिचाना नहीं चाहिए, क्योंकि ये आपकी हेल्थ का सवाल है.
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल
🛑 हेल्प लें🛑
डिप्रेशन का इलाज पॉसिबल है. थेरेपी, मेडिसिन्स और सबसे बढ़कर अपनों का सपोर्ट मिलकर इस अंधेरे को दूर कर सकते हैं. जैसे एक छोटा सा बीज सही खाद और पानी पाकर एक बड़ा पेड़ बन जाता है, वैसे ही सही ट्रीटमेंट और सपोर्ट से आपका मन फिर से खिल उठेगा.
अगर आप या आपका कोई जानने वाला इन सिम्टम्स से जूझ रहा है, तो उन्हें बात करने के लिए इनकरेज करें और मदद लेने में सपोर्ट करें. ये मन की अंधेरी सुरंग से बाहर निकलने का पहला और सबसे ज़रूरी कदम है. याद रखें, हर अँधेरी रात के बाद एक नया सूरज उगता है, और डिप्रेशन के बाद भी लाइफ में रोशनी वापस आ सकती है!
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, कंसल्टेंट मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, सिनेप्स न्यूरो साइंसेज क्लीनिक, भोपाल
07553138825

#डिप्रेशन
#अवसाद

मै एक उपयोगी जानकारी देना चाहती हूं। बाजार में ऑनलाइन और ऑफलाइन , पिल कटर उपलब्ध हैं जिनसे टैबलेट को 2 भागों में बराबर क...
13/07/2025

मै एक उपयोगी जानकारी देना चाहती हूं। बाजार में ऑनलाइन और ऑफलाइन , पिल कटर उपलब्ध हैं जिनसे टैबलेट को 2 भागों में बराबर काट सकते है और आगे एक चौथाई और 1/8 तक भी। इनकी कीमत 150 रुपए से शुरू है।
इसकी मदद से आप अपने डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार डोज आसानी से ले सकेंगे। 😊🙏
महत्वपूर्ण बात ये याद रखनी है कि OD, SR, ER आदि suffix लगी हुई दवाओं की टैबलेट को काटकर या तोड़कर नहीं लेना चाहिए।
इस तरह के पिल कटर के इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक की सलाह लेना ना भूलिएगा।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, भोपाल
DrRashmi Moghe Hirve
जिन्हें ऑलरेडी पता हो वो कृपया स्क्रॉल कर लें🙏

मेरी एक मरीज़ ने अपने हाथों से बनाया हुआ ये खूबसूरत हैंडबैग इन चूड़ियों के साथ मुझे कुछ दिनों पहले गिफ्ट दिया। ☺️और मेरे...
01/07/2025

मेरी एक मरीज़ ने अपने हाथों से बनाया हुआ ये खूबसूरत हैंडबैग इन चूड़ियों के साथ मुझे कुछ दिनों पहले गिफ्ट दिया। ☺️
और मेरे एक और मरीज़ ने कुछ दिनों पहले गणपति जी की ये मूर्ति मुझे उपहार दी ☺️
साथ ही आज डॉक्टर्स डे पर आज बहुत से मरीजों ने मुझे याद रखकर मुझे सुंदर सुंदर मेसेज भेजे, उनमें से कुछ के स्क्रीनशॉट नाम हटाकर रखे हैं।
कुछ दिन पहले मेरी एक मरीज़ आई थी वो बोलकर गई कि मैडम आपने मेरा जीवन बदल दिया, मै हर नमाज़ में आपके लिए भी दुआ करती हूं ।
बस इन्हीं बातों से ऐसा लगता है कि जीवन में कुछ सार्थक कर पा रही हूं।
मेरे सभी मरीजों को जो कि मुझे इतना प्यार और सम्मान देते हैं मुझे, हार्दिक हार्दिक आभार। 🙏🙏🙏
आप सब स्वस्थ्य रहें, सुखी रहें और जीवन में अपार सफलता और मन की खुशी हासिल करें, ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।
और ईश्वर मेरी बुद्धि को सत्कर्मों में लगाए रखे।

सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।

सच्ची वाला हैप्पी डॉक्टर्स डे ☺️☺️☺️
🙏🙏🙏

मार्च महीना बड़ा सुंदर गया अभी तक, दो अवार्ड्स मिले, आकाशवाणी पर इंटरव्यू हुआ, ढेरों मरीजों ने विमेंस डे पर मुझे शुभकामन...
18/03/2025

मार्च महीना बड़ा सुंदर गया अभी तक, दो अवार्ड्स मिले, आकाशवाणी पर इंटरव्यू हुआ, ढेरों मरीजों ने विमेंस डे पर मुझे शुभकामनाएं भेजीं। और कुछ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ये सुंदर मेसेज मेरे व्हाट्सएप पर भेजे। इसके अलावा कुछ वॉयस मेसेज भी थे धन्यवाद के।
इससे लगता है कि कुछ सार्थक कर पा रही हूं जीवन में।
धन्यवाद आप सबको, इतने प्रेम और स्नेह के लिए। ये एक एक शब्द मेरे लिए कीमती है। 😊🙏
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल
महत्वपूर्ण नोट= मरीजों के नाम क्रॉप करके हटा दिए हैं। 😊🙏
ये स्क्रीनशॉट्स कुछ दिन पहले लिए थे, आज सोचा कि साझा कर दूं।

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