DrRashmi Moghe - Hirve - Psychiatrist

DrRashmi Moghe - Hirve - Psychiatrist Psychiatrist (Doctor)
& counsellor

दैनिक भास्कर ऑल इंडिया एडिशन, फ्रंट पेज पर बच्चों के स्कूल रिफ्यूजल से जुड़ी समस्या पर मेरा ओपिनियन आज प्रकाशित किया गया...
27/07/2025

दैनिक भास्कर ऑल इंडिया एडिशन, फ्रंट पेज पर बच्चों के स्कूल रिफ्यूजल से जुड़ी समस्या पर मेरा ओपिनियन आज प्रकाशित किया गया है। 😊
दैनिक भास्कर समाचार पत्र संपादक तथा प्रकाशन टीम को मेरा हार्दिक धन्यवाद 😊🙏

मेरे कई मरीज़ मुझे कहते हैं कि वे लंबे समय से डिप्रेशन में थे लेकिन वे इस बात को समझ ही नहीं पाए। इसे पढ़ें👇🛑डिप्रेशन: म...
24/07/2025

मेरे कई मरीज़ मुझे कहते हैं कि वे लंबे समय से डिप्रेशन में थे लेकिन वे इस बात को समझ ही नहीं पाए। इसे पढ़ें👇
🛑डिप्रेशन: मन का वो अनकहा बोझ🛑
डिप्रेशन! ये सिर्फ एक शब्द नहीं, बल्कि एक गहरी, उलझी हुई फीलिंग है जो अक्सर हमें अंदर से खोखला कर देती है. सोचिए, जैसे कोई बादल सूरज को पूरी तरह से ढक ले और हर तरफ अंधेरा छा जाए, ठीक वैसे ही डिप्रेशन हमारे मन की रोशनी को निगल लेता है. ये सिर्फ उदासी नहीं है; ये एक ऐसी सिचुएशन है जहाँ आप अपनी ही लाइफ से कट ऑफ होने लगते हैं.

🛑पहचानें डिप्रेशन के संकेत: कहीं ये आपके या आपके अपनों के साथ तो नहीं?🛑
डिप्रेशन के सिम्टम्स हर किसी में अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ कॉमन साइंस हैं जिन्हें समझना बहुत ज़रूरी है ताकि आप या आपके लव्ड वंस टाइम पर हेल्प ले सकें.
👉* उदासी और खालीपन: क्या आपको हर समय एक अजीब सी उदासी महसूस होती है? जैसे दिल में एक खालीपन है और कुछ भी अच्छा नहीं लगता? ये ऐसा है जैसे कोई गाना बिना धुन के हो जाए, बिल्कुल बेजान. आपको लगता है कि जैसे हर बात में कोई खुशी या मकसद बचा ही नहीं है.
👉* इंटरेस्ट का खत्म होना: जिन एक्टिविटीज में आपको पहले बहुत मज़ा आता था, जैसे मूवी देखना, फ्रेंड्स से मिलना, या अपनी कोई हॉबी फॉलो करना, क्या अब उनमें आपका बिल्कुल मन नहीं लगता? ऐसा लगता है जैसे किसी फूल ने अपनी खुशबू खो दी हो. ये लाइफ के हर कलर को फीका कर देता है.
👉* एनर्जी की कमी और थकावट: आपको हमेशा थका-थका सा फील होता है, चाहे आप कितनी भी नींद ले लें. जैसे आपके शरीर की बैटरी डिस्चार्ज हो गई हो, आपको छोटे-छोटे काम करने में भी बहुत ज़्यादा एफर्ट लगता है.
👉* नींद में बदलाव: क्या आपकी नींद डिस्टर्ब हो गई है? या तो आपको बहुत ज़्यादा नींद आती है और आप बिस्तर से उठना नहीं चाहते, या फिर आपको बिल्कुल नींद नहीं आती और रातें करवटें बदलते बीत जाती हैं.
👉* भूख और वज़न में बदलाव: आपकी ईटिंग हैबिट्स भी बदल सकती हैं. या तो आपको बहुत ज़्यादा भूख लगने लगती है और वज़न बढ़ने लगता है, या फिर भूख बिल्कुल खत्म हो जाती है जिससे वज़न कम होने लगता है. जैसे शरीर अपनी नॉर्मल साइकिल भूल गया हो.
👉 * कॉन्सेंट्रेशन की कमी: आपको चीज़ों पर फोकस करने में प्रॉब्लम होती है? पढ़ाई, काम या कोई भी डिसीजन लेने में बहुत मुश्किल आती है. ऐसा लगता है जैसे आपके दिमाग पर कोई धुंध छा गई हो, और क्लैरिटी नहीं मिल पा रही.
👉* निराशा और खुद को कोसना: आपको अक्सर ऐसा लगता है कि आप किसी काम के नहीं, या आपकी वजह से सब गलत हो रहा है? जैसे कोई शीशा आपकी असली इमेज न दिखा पाए, और आप खुद को ही कोसते रहते हैं.
👉 * मरने या सुसाइड के विचार: ये सबसे सीरियस साइन है. अगर आपको बार-बार मरने के या खुद को नुकसान पहुँचाने के थॉट्स आते हैं, तो ये एक इमरजेंसी है. ये वो अंधा मोड़ है जहाँ पहुँचने से पहले ही तुरंत मदद की ज़रूरत होती है.

🛑याद रखें: ये कोई कमजोरी नहीं, एक बीमारी है!🛑
डिप्रेशन कोई बहाना या वीकनेस नहीं है. ये एक मेडिकल कंडीशन है जिसे प्रॉपर ट्रीटमेंट की ज़रूरत होती है. जैसे फीवर होने पर हम डॉक्टर के पास जाते हैं, वैसे ही जब मन बीमार हो तो मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल की हेल्प लेनी चाहिए. शर्माना या हिचकिचाना नहीं चाहिए, क्योंकि ये आपकी हेल्थ का सवाल है.
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल
🛑 हेल्प लें🛑
डिप्रेशन का इलाज पॉसिबल है. थेरेपी, मेडिसिन्स और सबसे बढ़कर अपनों का सपोर्ट मिलकर इस अंधेरे को दूर कर सकते हैं. जैसे एक छोटा सा बीज सही खाद और पानी पाकर एक बड़ा पेड़ बन जाता है, वैसे ही सही ट्रीटमेंट और सपोर्ट से आपका मन फिर से खिल उठेगा.
अगर आप या आपका कोई जानने वाला इन सिम्टम्स से जूझ रहा है, तो उन्हें बात करने के लिए इनकरेज करें और मदद लेने में सपोर्ट करें. ये मन की अंधेरी सुरंग से बाहर निकलने का पहला और सबसे ज़रूरी कदम है. याद रखें, हर अँधेरी रात के बाद एक नया सूरज उगता है, और डिप्रेशन के बाद भी लाइफ में रोशनी वापस आ सकती है!
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, कंसल्टेंट मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, सिनेप्स न्यूरो साइंसेज क्लीनिक, भोपाल
07553138825

#डिप्रेशन
#अवसाद

मै एक उपयोगी जानकारी देना चाहती हूं। बाजार में ऑनलाइन और ऑफलाइन , पिल कटर उपलब्ध हैं जिनसे टैबलेट को 2 भागों में बराबर क...
13/07/2025

मै एक उपयोगी जानकारी देना चाहती हूं। बाजार में ऑनलाइन और ऑफलाइन , पिल कटर उपलब्ध हैं जिनसे टैबलेट को 2 भागों में बराबर काट सकते है और आगे एक चौथाई और 1/8 तक भी। इनकी कीमत 150 रुपए से शुरू है।
इसकी मदद से आप अपने डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार डोज आसानी से ले सकेंगे। 😊🙏
महत्वपूर्ण बात ये याद रखनी है कि OD, SR, ER आदि suffix लगी हुई दवाओं की टैबलेट को काटकर या तोड़कर नहीं लेना चाहिए।
इस तरह के पिल कटर के इस्तेमाल से पहले अपने चिकित्सक की सलाह लेना ना भूलिएगा।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, भोपाल
DrRashmi Moghe Hirve
जिन्हें ऑलरेडी पता हो वो कृपया स्क्रॉल कर लें🙏

मेरी एक मरीज़ ने अपने हाथों से बनाया हुआ ये खूबसूरत हैंडबैग इन चूड़ियों के साथ मुझे कुछ दिनों पहले गिफ्ट दिया। ☺️और मेरे...
01/07/2025

मेरी एक मरीज़ ने अपने हाथों से बनाया हुआ ये खूबसूरत हैंडबैग इन चूड़ियों के साथ मुझे कुछ दिनों पहले गिफ्ट दिया। ☺️
और मेरे एक और मरीज़ ने कुछ दिनों पहले गणपति जी की ये मूर्ति मुझे उपहार दी ☺️
साथ ही आज डॉक्टर्स डे पर आज बहुत से मरीजों ने मुझे याद रखकर मुझे सुंदर सुंदर मेसेज भेजे, उनमें से कुछ के स्क्रीनशॉट नाम हटाकर रखे हैं।
कुछ दिन पहले मेरी एक मरीज़ आई थी वो बोलकर गई कि मैडम आपने मेरा जीवन बदल दिया, मै हर नमाज़ में आपके लिए भी दुआ करती हूं ।
बस इन्हीं बातों से ऐसा लगता है कि जीवन में कुछ सार्थक कर पा रही हूं।
मेरे सभी मरीजों को जो कि मुझे इतना प्यार और सम्मान देते हैं मुझे, हार्दिक हार्दिक आभार। 🙏🙏🙏
आप सब स्वस्थ्य रहें, सुखी रहें और जीवन में अपार सफलता और मन की खुशी हासिल करें, ईश्वर से मेरी यही प्रार्थना है।
और ईश्वर मेरी बुद्धि को सत्कर्मों में लगाए रखे।

सर्वे भवन्तु सुखिनः
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।

सच्ची वाला हैप्पी डॉक्टर्स डे ☺️☺️☺️
🙏🙏🙏

मार्च महीना बड़ा सुंदर गया अभी तक, दो अवार्ड्स मिले, आकाशवाणी पर इंटरव्यू हुआ, ढेरों मरीजों ने विमेंस डे पर मुझे शुभकामन...
18/03/2025

मार्च महीना बड़ा सुंदर गया अभी तक, दो अवार्ड्स मिले, आकाशवाणी पर इंटरव्यू हुआ, ढेरों मरीजों ने विमेंस डे पर मुझे शुभकामनाएं भेजीं। और कुछ ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए ये सुंदर मेसेज मेरे व्हाट्सएप पर भेजे। इसके अलावा कुछ वॉयस मेसेज भी थे धन्यवाद के।
इससे लगता है कि कुछ सार्थक कर पा रही हूं जीवन में।
धन्यवाद आप सबको, इतने प्रेम और स्नेह के लिए। ये एक एक शब्द मेरे लिए कीमती है। 😊🙏
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर भोपाल
महत्वपूर्ण नोट= मरीजों के नाम क्रॉप करके हटा दिए हैं। 😊🙏
ये स्क्रीनशॉट्स कुछ दिन पहले लिए थे, आज सोचा कि साझा कर दूं।

पैनिक अटैक (घबराहट के दौरे) पर मेरा लेख स्कनेक्ट मैगज़ीन में😊🙏
18/03/2025

पैनिक अटैक (घबराहट के दौरे) पर मेरा लेख स्कनेक्ट मैगज़ीन में😊🙏

I Was felicitated today by Sherise with incubation masters for contribution in mental health at Shakti Sangam Event at C...
02/03/2025

I Was felicitated today by Sherise with incubation masters for contribution in mental health at Shakti Sangam Event at Courtyard Marriott Hotel today, also had the pleasure to take a session of all elite women, regarding mental health,
It was a beautiful experience to interact with women who had come all over india to join this prestigious event for career women, and be a part of it
Thank you Neha ji, Dewanshi ji, Jayati ji, Preeti ji and all the organising team, it was a fantabulous and memorable event 😊🥰🙏

🛑बोहरा समुदाय के कम्युनिटी किचन, एक क्रांतिकारी पहल🛑बोहरा समुदाय, शिया मुस्लिम समाज की इस्माइली शाखा को बिलॉन्ग करता है,...
25/02/2025

🛑बोहरा समुदाय के कम्युनिटी किचन, एक क्रांतिकारी पहल🛑
बोहरा समुदाय, शिया मुस्लिम समाज की इस्माइली शाखा को बिलॉन्ग करता है, इस समुदाय का कम्युनिटी किचन, जिसे "फैज-उल-मवाईद-अल-बुरहानिया" के नाम से भी जाना जाता है, एक अनूठी और महत्वपूर्ण परंपरा है। इस समुदाय के 52वें धर्म गुरु डॉक्टर सैय्यदना मोहम्मद बहरुद्दीन जी ने बोहरा समुदाय की महिलाओं को कैरियर तथा बिजनेस करने, बच्चों की बेहतर देखभाल, आराम आदि के लिए समय मिले, तथा हर घर को कम से कम एक समय का न्यूट्रिशियस खाना मिले, इस क्रांतिकारी सोच के साथ यह सामुदायिक किचन खोलने की शुरुवात की थी।
आज 15 वर्षों के बाद दुनिया के सभी देशों में रह रहे बोहरा समाज के 1 लाख से ज्यादा घरों में इन कम्युनिटी किचन से रोज़ गर्मागर्म खाने का टिफिन कम से कम एक समय पहुंचाया जाता है।
बोहरा समाज में ज्यादातर परिवार सुशिक्षित व्यापारी या प्रोफेशनल्स (जैसे डॉक्टर, इंजीनियर, वकील आदि) रहते हैं। यह समुदाय दुनिया भर में जहां भी रहता है, वहां सक्रिय है।

यहां इस सामुदायिक रसोई के बारे में कुछ खास बातें दी गई हैं:
🛑 * उद्देश्य:
* इसका मुख्य उद्देश्य समुदाय के सभी सदस्यों को कम से कम एक समय का पौष्टिक भोजन प्रदान करना है, खासकर उन लोगों को जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
* यह महिलाओं को खाना पकाने में लगने वाले समय से मुक्त करके उन्हें अन्य उत्पादक गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। इस किचेन की शुरुवात होने के बाद बोहरा महिलाओं ने काफी प्रगति की है करियर तथा बिजनेस में।

🛑* संचालन:
* यह सामुदायिक रसोई समुदाय के सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से कंट्रीब्यूशन करके केटरर तथा वॉलंटियर्स की मदद से चलाई जाती है।
*खाने में दाऊदी बोहरा समुदाय की परम्परागत रेसिपीज का इस्तेमाल किया जाता है।
* यहां तैयार भोजन को कलेक्शन सेंटर के माध्यम से या सीधे घरों में पहुंचाया जाता है।
सभी घरों में एक जैसा खाना भेजा जाता है।

🛑* महत्व:
* यह परंपरा समुदाय के सदस्यों के बीच एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देती है।
* यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी सदस्य भूखा न रहे। साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी अच्छा और पौष्टिक खाना मिले।
* दाना किचेन कम्युनिटी, भोजन के एक एक दाने का सदुपयोग करके भोजन की बर्बादी को कम करने में भी मदद करती है।

🛑 * विशेषताएँ:
* बोहरा समुदाय भोजन की स्वच्छता और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देता है। खाने के इंग्रेडिएंट्स फ्रेश परचेस किए जाते हैं, कोशिश की जाती है कि आर्टिफिशियल रंगों तथा प्रिजर्वेटिव आदि का उपयोग कम से कम किया जाए।
*खाने के सभी जरूरी तत्व विटामिन, मिनरल, प्रोटीन आदि खाने में मौजूद हों इसकी कोशिश की जाती है। स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
* बोहरा लोग भोजन के बाद मीठा खाना पसंद करते हैं।
*रमजान के दिनों में शाम के समय सभी लोग जमात खाना में बैठकर साथ में दावत खाते हैं, सभी को एक जैसा ही खाना बड़े बड़े थालों में परोसा जाता है।
यह सामुदायिक रसोई बोहरा समुदाय की सामाजिक और सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, भोपाल
DrRashmi Moghe Hirve
🛑मुझे लगता है कि बाकी समुदाय भी इससे प्रेरणा ले सकते हैं।

कितना सुखद है ना ये अहसास जब आपकी कोई मरीज़ आपको दीदी कहकर संक्रांति का वाण वसा, शगुन, उपहार और ग़ज़क दे जाए, और उसे आशीर्...
31/01/2025

कितना सुखद है ना ये अहसास जब आपकी कोई मरीज़ आपको दीदी कहकर संक्रांति का वाण वसा, शगुन, उपहार और ग़ज़क दे जाए, और उसे आशीर्वाद देने को कहे।
स्वयं को बहुत भाग्यवान समझती हूं मैं कि मेरे बहुत से मरीज़ परिजन की तरह बहुत सा स्नेह और सम्मान भी देकर जाते हैं।
हे ईश्वर मेरे सभी मरीजों पर अपनी कृपा बनाए रखना, सभी स्वस्थ्य और सुरक्षित रहें।
🙏🙏🙏
और मेरी बुद्धि और मन हमेशा सकारात्मक कार्यों में लगा रहे, ये आशीर्वाद रखना प्रभु।
🙏🙏🙏

पैनिक डिसऑर्डर से जूझती एक युवती की कथा= सारा 26 साल की एक जीवंत और मेहनती युवती थी। वह अपनी नौकरी से बेहद खुश थी और अपन...
27/11/2024

पैनिक डिसऑर्डर से जूझती एक युवती की कथा= सारा 26 साल की एक जीवंत और मेहनती युवती थी। वह अपनी नौकरी से बेहद खुश थी और अपने दोस्तों के साथ समय बिताना पसंद करती थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों से, सारा अचानक होने वाले तीव्र डर के हमलों से परेशान थी। ये एपिसोड्स अचानक आ जाते थे और उसे सांस लेने में तकलीफ, दिल की धड़कन बढ़ना, चक्कर आना और ऐसा लगता था जैसे वह बेहोश होने वाली है।
इन क्षणों के दौरान, सारा को लगता था कि उसके साथ कुछ बुरा होने वाला है। वह अक्सर सोचती थी कि कहीं उसे दिल का दौरा तो नहीं पड़ रहा है या वह पागल तो नहीं हो रही है। डर और घबराहट के ये एपिसोड्स इतने तीव्र होते थे कि वह अपने दैनिक कार्यों को भी ठीक से नहीं कर पाती थी।
सारा ने अपने डॉक्टर से सलाह ली और कई तरह की जांचें करवाईं, लेकिन सभी रिपोर्ट्स सामान्य थीं। डॉक्टर ने उसे बताया कि वह पैनिक डिसऑर्डर से पीड़ित है। पैनिक डिसऑर्डर एक तरह का मानसिक स्वास्थ्य विकार है जिसमें व्यक्ति को अचानक और तीव्र डर के एपिसोड्स आते हैं।
सारा को अब ये समझ में आ गया कि उसे कोई शारीरिक बीमारी नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक समस्या है।
उसने यह स्वीकार कर लिया कि उसे मदद की जरूरत है। उसने एक मनोचिकित्सक से मिलना शुरू किया, मनोचिकित्सक ने उसे त्वरित राहत के बारे लिए कुछ दवाएं दीं और उसे कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी के बारे में भी बताया।
सीबीटी में, सारा ने अपने डर के बारे में सोचने के तरीके को बदलना सीखा। उसने उन स्थितियों का सामना करना सीखा जिनसे वह डरती थी। दवाओं और थेरेपी की मदद से धीरे-धीरे, सारा को पैनिक अटैक कम आने लगे और फिर पूरी तरह से बंद हो गए और वह अपनी जिंदगी को फिर से सामान्य रूप से जीने लगी।

पैनिक डिसऑर्डर क्या है?
पैनिक डिसऑर्डर एक ऐसा विकार है जिसमें व्यक्ति को बार-बार अचानक और तीव्र डर के एपिसोड आते हैं। इन एपिसोड्स के दौरान, व्यक्ति को कई तरह के शारीरिक लक्षण महसूस हो सकते हैं जैसे कि:
दिल की धड़कन बढ़ना
सांस लेने में तकलीफ
चक्कर आना
कंपकंपी
पसीना आना
सीने में दर्द
मतली
सुन्नपन या झुनझुनाहट
ये हमले आमतौर पर कुछ मिनट तक रहते हैं, लेकिन कभी-कभी कई घंटे तक भी रह सकते हैं।

पैनिक डिसऑर्डर के कारण
पैनिक डिसऑर्डर के कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ कारक जो इस विकार को बढ़ावा दे सकते हैं, वे हैं:
आनुवंशिक कारक
मस्तिष्क में रसायनों का असंतुलन
तनाव, एंजाइटी डिसऑर्डर्स
जीवन में बड़े बदलाव
कुछ दवाओं का सेवन

पैनिक डिसऑर्डर का इलाज
पैनिक डिसऑर्डर का इलाज संभव है। इलाज में शामिल हो सकते हैं:

दवाएं: डॉक्टर एंटी-एंग्जायटी दवाएं या एंटीडिप्रेसेंट दवाएं लिख सकते हैं। जो कि सबसे त्वरित, सस्ता और प्रभावी इलाज है। इन दवाओं को मनोचिकित्सक द्वारा प्रेस्क्राइब किया जाता है और ये काफी सुरक्षित और असरदार दवाएं हैं।

कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी (CBT)=
इसमें काउंसलिंग सेशंस में पैनिक अटैक्स से मुकाबला करने की तकनीक को सिखाया जाता है।

जीवन शैली में बदलाव: नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और पर्याप्त नींद लेने से पैनिक डिसऑर्डर को मैनेज करने में मदद मिल सकती है।

अगर आपको लगता है कि आपको पैनिक डिसऑर्डर है, तो कृपया किसी मनोचिकित्सक से संपर्क करें।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आप अकेले नहीं हैं। पैनिक डिसऑर्डर का बेहतरीन इलाज संभव है और आप बिल्कुल ठीक हो सकते हैं।
डॉक्टर रश्मि मोघे हिरवे, मनोचिकित्सक तथा काउंसलर, भोपाल
क्लिनिक फोन 07553138825

महत्वपूर्ण नोट= ऊपर लिखी हुई कहानी सिर्फ एक प्रतिनिधि कथा है जो कि पैनिक डिसऑर्डर के बारे में जानकारी देने के लिए लिखी गई है, कथा के पात्र तथा नाम काल्पनिक हैं जो कि वास्तविक मरीजों से प्रेरित हैं। नीचे का चित्र गूगल से साभार लिया गया है।

सभी पुरुष एक दूसरे से गज़ब का भाईचारा निभाते हैं। मैने आज तक किसी अन्य पुरुष को उसके पहनावे से जज करते नहीं देखा। पुरुषों...
09/11/2024

सभी पुरुष एक दूसरे से गज़ब का भाईचारा निभाते हैं। मैने आज तक किसी अन्य पुरुष को उसके पहनावे से जज करते नहीं देखा।
पुरुषों ने जब पहनकर देखा कि जींस और पैंट्स, T shirt वगैरह पहनने में बहुत आराम और सुविधा है। दौड़ भागकर काम किए जा सकते हैं, पहनने, उठने बैठने में आराम और आसानी है तो पूरी दुनिया के पुरुषों ने अपनी पारंपरिक पोशाकों को छोड़कर शर्ट, पैंट, जींस T shirt, शॉर्ट्स, पोलो शर्ट वगैरह अपना लिए। किसी पुरुष ने दूसरे पुरुष को ये नहीं कहा कि मैं धोती पहनता हूं देख मै हूं संस्कारी, और तू बेहया बेशर्म जींस पहनता है? किसी ससुर ने दामाद को ये उपदेश नहीं दिया कि मैं तो धोती पहनता था, तुम क्यों नहीं पहन रहे?
किसी धर्माचार्य, मौलवी, बाबा ने नहीं कहा कि पुरुषों के लिए, कि जींस पहनने से वे हिन्दू या मुस्लिम या ईसाई, जैन, बौद्ध, सिख आदि नहीं रहेंगे।
पुरुष धोती पहनकर जितने हिन्दू रहते हैं, अरबी ड्रेस पहनकर जितने मुसलमान रहते हैं, उतने ही हिन्दू मुस्लिम आदि वे जींस पैंट्स पहनकर भी रहते हैं। किसी धर्माचार्य की हिम्मत और चाहत दोनों ही नहीं है पुरुषों के खिलाफ फतवा देने की। क्योंकि पता है ना कि पकड़कर कूटे जायेंगे जबरदस्त, और जान भी जा सकती है।
लेकिन चूंकि महिलाएं सॉफ्ट टारगेट हैं इसलिए सारे उपदेश, कायदे कानून महिलाओं पर।
और हम सामाजिक कंडीशनिंग की मारी, बेवकूफ महिलाएं एक दूसरे को जज करती रहती हैं कि मेरी साड़ी तेरे सलवार कुर्ते से ज्यादा संस्कारी। मेरा चूड़ीदार कुर्ता तेरी जींस से ज्यादा संस्कारी।
हम महिलाएं क्या इतनी मूर्ख हैं कि हमें ये समझ में नहीं आता कि कौनसे कपड़े पहनकर आसानी से भाग दौड़ कर काम किया जा सकता है? किन्हें पहनकर अधिक आराम मिलता है? नहीं हम तो साड़ी में मैराथन दौड़ेंगी, मजहबी ड्रेस में जिम्नास्टिक करके दिखाएंगी कि देखो ये सब काम इन कपड़ों में भी किए जा सकते हैं।
पुरुष कभी धोती मैराथन या अरबी ड्रेस जिम्नास्टिक का आयोजन नहीं करते हैं।
ये सारी # # # # # हम महिलाएं ही करती हैं।

मेरे पास एक मरीज़ आई थी वो बता रही थी कि अपनी नन्द के जींस कोट आदि पहनने पर उसने बोल दिया कि हमारे ये संस्कार नहीं हैं आदि आदि (वही भाषा जो कभी उसकी सासु मां ने उसे बोली थी, सेम कॉइन में जवाब)
तो मैने उसे कहा कि तेरे पति को देख कि वो क्या पहनकर बैठा है? उसको जज नहीं करती तुम और तुम्हारी सास?
बाहर निकलो महिलाओं इस जजमेंटल मानसिकता से। और पुरुषों से ज़रा सीखो कि जहां उनकी भलाई की, उनके आराम की बात होती है तो बड़ी ही सहजता से आम सहमती, बिना कुछ कहे सुने, एकदम खामोशी से उनमें आपस में बन जाती है।
सीखो मेरी बहनों, कुछ सीखो।
😊😊😊

एडिट नोट= जो महानुभाव इस पोस्ट पर मिनी स्कर्ट आदि की दुहाई दे रहे हैं, वे दोबारा ये पोस्ट पढ़ें, जींस T shirt, पैंट शर्ट, स्पोर्ट शूज , वेजेस जैसे कंफर्टेबल पहनावे के लिए है। मिनी स्कर्ट जैसे असहज करते पहनावे हेतु नहीं। वो अलग तरह का objectification का जाल है।
फेमिनिज्म की चौथी लहर इन असहज करते पहनावे जो कि कई इंडस्ट्री में महिलाओं पर थोपे जाते हैं। Stiletoes, पेंसिल 👠 पेंसिल हील के जूतों, मिनी स्कर्ट आदि को पहनना कंपलसरी करना के विरोध में आई है। No objectification by force,
वो भी एक महीन जाल है।

🟥नोट= महिलाओं आपने पहले जो भी कहा, समझा, किया वो अब हो चुका। लेकिन at least अब जिन्हें स्वतंत्रता है वो इस महीन जाल से निकले। ये कंडीशनिंग का जाल इतनी सफाई से बुना गया है कि स्वतंत्र और पावरफुल महिलाओं का दिमाग भी इससे घिरा रहता है। आसान नहीं है इस जाल से निकलना। मै खुद भी बहुत धीरे धीरे इस कंडीशनिंग से बाहर निकल सकी हूं/ निकल रही हूं। इसलिए समझ सकती हूं कि कैसे महिलाओं के मस्तिष्क की कंडीशनिंग की जाती है। लेकिन अब बाहर निकलिए, समझिए इसे।
इस पोस्ट को पढ़िए, गुनिए और फिर इसे अपनाने का भी प्रयत्न कीजिए।🟥

👉नोट 2= इस पोस्ट को कॉपी पेस्ट करके कहीं भी पोस्ट कर सकते हैं। मुझे मेरे नाम से क्रेडिट देना हो दीजिए। नहीं देना हो तो मत दीजिए। अपने नाम से ही पोस्ट कीजिए FB पर, इंस्टा पर, व्हाट्सएप पर, टेलीग्राम पर। लेकिन इस पोस्ट को स्प्रेड कीजिए। ये प्रार्थना है आप सभी से। 🙏🙏🙏

मैने जो सहन किया वो मेरी बेटी को नहीं सहने दूंगी, लेकिनमैने जो सहन किया है वो सब बहू को भी सहन तो करना ही चाहिए। कई महिल...
25/10/2024

मैने जो सहन किया वो मेरी बेटी को नहीं सहने दूंगी,
लेकिन
मैने जो सहन किया है वो सब बहू को भी सहन तो करना ही चाहिए।

कई महिलाओं की बेटी और बहू के प्रति ये दोगली और निचली सोच ही घर में क्लेश का कारण बनती है।

सिर्फ पुरुषों पर ही दोष ना डालें, अपने गिरेबान में भी झांके और सुधार करें महिलाएं।
🙏🙏

डॉ रश्मि मोघे हिरवे,
मनोचिकित्सक तथा काउंसलर
भोपाल
07553138825

चित्र गूगल से साभार

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Synapses Neurosciences, Akriti Nest Ground Floor, Akriti Eco City, Bawadiyan Kalan
Bhopal
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