04/07/2021
स्वामी जी की पुण्यतिथि !
39 साल 5 महीने और 24 दिन
बस इतना ही था स्वामी जी का जीवन.
1902 में आज ही के दिन लगातार आये तीसरे हार्ट अटैक ने स्वामी जी का जीवन छीन लिया था
अपनी मृत्यु के समय वे निमोनिया,माइग्रेन और डायबिटीज जैसी 31 बीमारियों से पीड़ित थे.
क्योंकि वो कई कई दिनों तक सो नहीं पाते थे.
आश्चर्य होता है कि ये उस व्यक्ति के जीवन क़ी सच्चाई है
जिसने हमेशा ‘शारीरिक मज़बूती’ को महत्वपूर्ण माना
वो कहते थे कि मैं खाली समय में
‘गीता पढने क़ी वजाय फुटबॉल खेलने को वरीयता दूंगा’
स्वामी जी क़ी इस पुण्यतिथि पर युवाओं से मेरी अपील है कि अपने जीवन में स्वास्थय को सबसे ज्यादा महत्व दें
क्योंकि स्वस्थ रहेंगे तो ही कुछ कर पाएंगे
मोटिवेट रहने के लिए पढ़िए स्वामी जी के ये 10 सूत्रवाक्य !
1. पढ़ने के लिए जरूरी है एकाग्रता, एकाग्रता के लिए जरूरी है ध्यान. ध्यान से ही हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है.
2. ज्ञान स्वयं में वर्तमान है, मनुष्य केवल उसका आविष्कार करता है.
3. उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तमु अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.
4. जब तक जीना, तब तक सीखना, अनुभव ही जगत में सर्वश्रेष्ठ शिक्षक है.
5. पवित्रता, धैर्य और उद्यम- ये तीनों गुण मैं एक साथ चाहता हूं.
6. लोग तुम्हारी स्तुति करें या निन्दा, लक्ष्य तुम्हारे ऊपर कृपालु हो या न हो, तुम्हारा देहांत आज हो या युग में, तुम न्यायपथ से कभी भ्रष्ट न हो.
7. जिस समय जिस काम के लिए प्रतिज्ञा करो, ठीक उसी समय पर उसे करना ही चाहिये, नहीं तो लोगो का विश्वास उठ जाता है.
8. जब तक आप खुद पे विश्वास नहीं करते तब तक आप भागवान पे विश्वास नहीं कर सकते.
9. एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ.
10. जितना बड़ा संघर्ष होगा जीत उतनी ही शानदार होगी.