23/09/2025
या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः" का अर्थ है: जो देवी सभी प्राणियों में लक्ष्मी के रूप में स्थित हैं, उनको नमस्कार है, उनको नमस्कार है, उनको बारंबार नमस्कार है। यह देवी के शक्ति सूक्त का एक भाग है, जो धन और समृद्धि की देवी माँ लक्ष्मी को समर्पित है।
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🙏 या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥ 🙏
🌸 हे नारायणी!
आप सर्वमंगल की दायिनी, धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष की साधिका, त्र्यंबके गौरी, कल्याणमयी शिवा और करुणामयी माता हैं।
आपकी कृपा से जीवन में सुख, शांति, धन-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🌺 नवरात्रि का महत्व 🌺
✔ धन एवं समृद्धि की प्राप्ति – लक्ष्मी रूपी शक्ति की कृपा
✔ सकारात्मक ऊर्जा – परिवार व जीवन में सुख-शांति
✔ भक्ति एवं साधना – देवी की उपासना से दिव्य शक्ति का जागरण
✨ शारदीय नवरात्रि साधना की शुभकामनाएं ✨
मां जगदम्बा आपकी रक्षा करें और आपके जीवन में सत्यम्, शिवम्, सुंदरम् एवं दिव्य उत्कर्ष सिद्ध हो।
👨⚕️ आपका
डॉ. सुरेंद्र सिंह विरहे
मनोदैहिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ | आध्यात्मिक योग थैरेपिस्ट | लाइफ कोच
🏢 उत्कर्ष सामाजिक शैक्षणिक अनुसंधान एवं ग्रामीण विकास संस्थान
28/6, साऊथ तुकोगंज, इंदौर
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