25/07/2024
अग्निमांद्य (हाजमे की खराबी)
(Indigestion)
परिचय :
इस रोग में भोजन पचाने वाली पाचनतंत्र (जठरान्त्र) धीमी पड़ जाती है और आमाशय, आंतों की पाचनशक्ति कम हो जाती है। पाचनतंत्र कमजोर हो जाने से भोजन अच्छी तरह नहीं पच पाता है जिसे अपच, बदहजमी, मंदाग्नि या अग्निमांद्यता कहते हैं। बरसात में अधिक नमी (आर्द्रता) और पानी में मौजूद अम्ल विपाक के कारण अग्निमांद्य रोग होता है जिसे जलवायु के दोष से होने वाला अग्निमांद्य कहते हैं।
कारण :
अग्निमांद्य रोग कई प्रकार के कारणों से होते हैं जैसे- अधिक चटपटी चीजे खाना, शराब पीना, मलावरोध, मल-मूत्र को रोकना, दिन में सोने, रात में अधिक देर तक जागना, अत्यधिक शोक, गुस्सा, भय, चिंता, ईर्ष्या, क्लेश आदि।
लक्षण :
अग्निमांद्य रोग में भूख का न लगना, हृदय का भारीपन, भोजन करने के बाद उल्टी होना, खट्टी डकारे आना, दस्त खुलकर न आना, बार-बार शौच जाना, गैस बनना, दर्द होना, पेट का फूलना, बेचैनी, सिर व शरीर में दर्द, काम में मन न लगना, दिल की धड़कन का बढ़ना, पेट में दर्द, पेट का भारीपन, जी मिचलाना, छाती में जलन, मुख का सूख जाना, नींद का आना, सांस में बदबू, धड़कन तेज होना, मुत्यु का भय होना, हर समय रोग की तरफ ध्यान लगा रहना, चलने-फिरने में तकलीफ, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं।
भोजन और परहेज :
मूंग, गेहूं, बाजरा, चावल, साबूदाना, हरी साग-सब्जी, पालक, मूली, मेथी, मूंग की दाल (छिलके समेत) की खिचड़ी को दही के साथ या मूंग की पतली दाल और चपाती, लौकी, तोराई, पतीता, चीकू, अंगूर या अंगूर का रस, जामुन, फालसा, छाछा, मुनक्का आदि का सेवन करें।
मूंग का जूस, छाछ, गर्म पानी, ताजा अदरक, लघु आहार, शालि चावल से बनाई चावल की खिचड़ी, हींग, चांगेरी के पत्ते, बथुआ, मूली की जड़, सहिजन, करेला और अनार आदि का सेवन करना लाभकारी होता है।
परवल की पतली सब्जी, रात को ईसबगोल की भूसी एक चम्मच या 2 मुनक्के दूध के साथ, कटु, तीखी व कशाय रस वाले अन्न, गुरूकुल कांगड़ी की चाय या 2 पत्ती तुलसी, कालीमिर्च, लौंग, मिश्री, चोकर समेत रोटी, उबाली हुई हरी सब्जी का सेवन करें।
रसयुक्त फल जैसे- अनार, सेब, संतरा, मौसमी, केला, नाश्पाती, मकोय, शहतूत आदि का सेवन करना लाभकारी होता है।
शराब, भांग, बीड़ी-सिगरेट या अन्य प्रकार की नशीली चीजे जैसे- चाय, काफी, चाट-पकौडे, पूड़ी-कचौड़ी, खोए की चीजे, तली हुई चीजे, घी, डालडा, तैलीय पदार्थ, चटपटे मसालेदार, मिर्ची युक्त चीजे, बासी और प्रोटीन से भारी वस्तुएं, मिठाई, खीरा, ककड़ी, कच्चे अधपके फल, अम्लीय पदार्थों आदि का सेवन करना हानिकारक होता है।
डॉ अभिषेक सक्सेना
नमों क्लिनिक , भोपाल
हेल्पलाइन - 7770992222