Namoh Clinic

Namoh Clinic Dr ABHISHEK SAXENA

Namoh Clinic is totally devoted to the nature and ancient system of medical (Ayurveda & panchkarma).Our herbal quality treatment and therapy's gives you benificial result and gives you better disease free life.

15/06/2025

जामुन के फायदे (

ामुन एक पौष्टिक और औषधीय गुणों से भरपूर फल है, जो खासकर गर्मियों में खाया जाता है। इसके सेवन से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं:

✅ जामुन खाने के फायदे:
1. मधुमेह (डायबिटीज) में लाभकारी:
जामुन में जैंबोलिन (Jamboline) नामक तत्व होता है जो शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है।
2. पाचन तंत्र को मजबूत करता है:
जामुन खाने से कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या दूर होती है।
3. रक्त शुद्ध करता है:
यह खून को साफ करता है और त्वचा में निखार लाता है।
4. मसूड़ों और दांतों के लिए फायदेमंद:
जामुन की गुठली या पत्तियों से बना पाउडर मसूड़ों की सूजन और दांतों की समस्याओं में राहत देता है।
5. प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत करता है:
इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाते हैं।
6. वजन घटाने में सहायक:
जामुन में कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है, जिससे वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
7. पेशाब की समस्याओं में राहत:
यह मूत्र विकारों में लाभकारी होता है और पेशाब की जलन को दूर करता है।
8. त्वचा संबंधी रोगों में लाभकारी:
जामुन का सेवन या उसका फेस पैक चेहरे की झाइयों और दाग-धब्बों को कम करता है।

12/06/2025
19/05/2025

गर्मियों में सत्तू खाने के फायदे (Benefits of Sattu in Summer in Hindi):
1. शरीर को ठंडक देता है
सत्तू का सेवन शरीर को अंदर से ठंडक पहुंचाता है और गर्मी में लू से बचाने में मदद करता है।
2. ऊर्जा का स्रोत
सत्तू में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन भरपूर मात्रा में होते हैं, जिससे यह शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है।
3. पाचन में सहायक
सत्तू फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
4. हाइड्रेशन बनाए रखता है
सत्तू को पानी के साथ मिलाकर पीने से शरीर में पानी की कमी नहीं होती और डिहाइड्रेशन से बचाव होता है।
5. वज़न नियंत्रित करता है
सत्तू लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वज़न कंट्रोल में रहता है।
6. ब्लड शुगर कंट्रोल में मददगार
सत्तू का सेवन ब्लड शुगर को स्थिर रखने में मदद करता है, इसलिए यह डायबिटिक लोगों के लिए भी लाभकारी है।
7. स्किन के लिए फायदेमंद
सत्तू शरीर को डिटॉक्स करता है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार बनती है।
8. सस्ता और पौष्टिक विकल्प
सत्तू एक सस्ता, लेकिन अत्यधिक पौष्टिक आहार है जिसे रोजाना डाइट में शामिल किया जा सकता है।

10/04/2025
11/03/2025

देशी घी के फायदे (Desi Ghee ke Fayde)
1. पाचन तंत्र मजबूत करे – देशी घी पाचन क्रिया को सुधारता है और पेट की समस्याओं को दूर करता है। यह आँतों को पोषण देता है और कब्ज की समस्या में राहत दिलाता है।
2. प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यूनिटी) बढ़ाए – इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन A, D, E और K होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
3. हड्डियों को मजबूत बनाए – देशी घी में मौजूद विटामिन D हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करता है और गठिया जैसी समस्याओं में फायदेमंद होता है।
4. दिल के लिए फायदेमंद – सही मात्रा में सेवन करने से यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
5. वजन बढ़ाने और घटाने में मददगार – यह शरीर में अच्छे फैट (स्वस्थ वसा) की मात्रा को बढ़ाकर वजन बढ़ाने में मदद करता है, जबकि पाचन सुधारकर मोटापे को भी नियंत्रित करता है।
6. त्वचा और बालों के लिए लाभदायक – घी त्वचा को नमी प्रदान करता है और बालों को मजबूत बनाता है। यह त्वचा पर ग्लो लाने और डैंड्रफ कम करने में भी मदद करता है।
7. मस्तिष्क के लिए फायदेमंद – देशी घी का सेवन याददाश्त को तेज करता है और मानसिक तनाव को कम करने में सहायक होता है।
8. ऊर्जा का अच्छा स्रोत – इसमें मौजूद फैटी एसिड शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं और शरीर को थकान से बचाते हैं।
9. आयुर्वेद में विशेष महत्व – आयुर्वेद के अनुसार, देशी घी त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) को संतुलित करता है और शरीर को स्वस्थ बनाए रखता है।
10. डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक – यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है और आंतरिक सफाई करता है।

अगर सही मात्रा में और शुद्ध देशी घी का सेवन किया जाए तो यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अमृत के समान है।

25/02/2025

विटामिन B12 युक्त आहार चार्ट (शाकाहारी)

विटामिन B12 शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है क्योंकि यह लाल रक्त कोशिकाओं (RBC), मस्तिष्क स्वास्थ्य और डीएनए संश्लेषण में मदद करता है। शाकाहारी आहार में यह बहुत सीमित मात्रा में पाया जाता है, इसलिए सही आहार का चयन करना जरूरी है।

सुबह का नाश्ता (Breakfast)

✅ दूध – 1 गिलास (गाय का दूध / सोया दूध / बादाम दूध)
✅ पनीर पराठा या चीज़ टोस्ट
✅ स्प्राउट्स या भुने हुए चने
✅ दही / छाछ – 1 कटोरी

मिड-मॉर्निंग स्नैक (Mid-Morning Snack)

✅ भुने हुए मूंगफली और बादाम
✅ दही / छाछ / लस्सी

दोपहर का खाना (Lunch)

✅ मूंग दाल या मसूर दाल
✅ रोटी / ब्राउन राइस
✅ पालक, मेथी, या सरसों का साग
✅ सोया चंक्स की सब्जी
✅ दही या रायता

शाम का नाश्ता (Evening Snack)

✅ पनीर टिक्का या सोया कबाब
✅ मखाना भुना हुआ
✅ ग्रीन टी या हल्दी वाला दूध

रात का खाना (Dinner)

✅ मिक्स वेजिटेबल पराठा या दाल चावल
✅ दही / छाछ
✅ पालक या मेथी की सब्जी
✅ गर्म दूध (हल्दी के साथ)

विटामिन B12 के शाकाहारी स्रोत:

✔ दूध और डेयरी प्रोडक्ट्स (दही, छाछ, पनीर, चीज़)
✔ फोर्टिफाइड फूड्स (फोर्टिफाइड सोया दूध, फोर्टिफाइड अनाज, फोर्टिफाइड दलिया)
✔ मशरूम (शिटाकी मशरूम सबसे अच्छा स्रोत है)
✔ सोया प्रोडक्ट्स (सोया दूध, टोफू, सोया चंक्स)
✔ न्यूट्रिशनल यीस्ट (खमीरयुक्त भोजन)
✔ अनाज और जई (ओट्स, क्विनोआ, होल ग्रेन ब्रेड)

कुछ जरूरी टिप्स:

✅ अगर आप पूरी तरह से शाकाहारी हैं, तो फोर्टिफाइड फूड्स को अपनी डाइट में शामिल करें।
✅ शरीर में विटामिन B12 की कमी होने पर डॉक्टर से B12 सप्लीमेंट लेने की सलाह लें।
✅ हरी सब्ज़ियां, अंकुरित अनाज और दालों का सेवन बढ़ाएं।
✅ विटामिन B12 के अवशोषण (Absorption) को बेहतर बनाने के लिए विटामिन C और आयरन युक्त फूड्स भी लें।

17/02/2025

स्वस्थ दिल के लिए एक संतुलित आहार योजना अपनाना बहुत महत्वपूर्ण है। यहाँ एक सुझावित आहार योजना है जो आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकती है:

सुबह का नाश्ता:
- ओट्स या दलिया, जिसमें आप ताजे फल (जैसे केला या सेब) और एक चम्मच शहद मिला सकते हैं।
- एक गिलास ग्रीन टी या नींबू पानी।

मध्य-सुबह का नाश्ता:

- एक मुट्ठी भर बादाम या अखरोट।
- एक ताजे फल का सेवन (जैसे संतरा या अनार)।

दोपहर का भोजन:
- एक कटोरी दाल (जैसे मूंग या मसूर) और 1-2 रोटियाँ (जौ या बाजरा की)।
- हरी सब्जियाँ (जैसे पालक, ब्रोकली या गाजर)।
- एक कटोरी दही या छाछ।

शाम का नाश्ता:
- फल चाट (जैसे सेब, अनार, और पपीता)।
- एक कप हर्बल चाय (जैसे कैमोमाइल या पुदीना)।

रात का खाना:
- ब्राउन राइस या 2 रोटियाँ।
- चने या राजमा (हल्के मसालेदार)।
- सब्जी (जैसे लौकी या तोरी)।

सोने से पहले:
- एक गिलास गर्म दूध (हल्दी डालकर)।

महत्वपूर्ण सुझाव:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे मछली, चिया बीज, और अखरोट) का सेवन करें।
- नमक और चीनी का सेवन सीमित करें।
- प्रोसेस्ड फूड्स और तले हुए खाद्य पदार्थों से बचें।
- हाइड्रेटेड रहें और पर्याप्त पानी पिएं।

07/02/2025

रूमेटाइड आर्थराइटिस के लिए एक संतुलित आहार योजना आपके लक्षणों को प्रबंधित करने और सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। यहाँ एक सुझावित आहार योजना है:

सुबह का नाश्ता:
- ओट्स या दलिया, जिसमें आप कुछ ताजे फल (जैसे केला या सेब) और एक चम्मच शहद मिला सकते हैं।
- एक गिलास ग्रीन टी या अदरक की चाय।

मध्य-सुबह का नाश्ता:
- एक मुट्ठी भर अखरोट या बादाम।
- एक ताजे फल का सेवन (जैसे संतरा या अनार)।

दोपहर का भोजन:
- एक कटोरी दाल (जैसे मूंग या मसूर) और 1-2 रोटियाँ (जौ या बाजरा की)।
- हरी सब्जियाँ (जैसे पालक, ब्रोकली या गाजर)।
- एक कटोरी दही या छाछ।

शाम का नाश्ता:
- फल चाट (जैसे सेब, अनार, और पपीता)।
- एक कप हर्बल चाय (जैसे कैमोमाइल या पुदीना)।

रात का खाना:
- ब्राउन राइस या 2 रोटियाँ।
- चने या राजमा (हल्के मसालेदार)।
- सब्जी (जैसे लौकी या तोरी)।

सोने से पहले:
- एक गिलास गर्म दूध (हल्दी डालकर)।

महत्वपूर्ण सुझाव:
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर खाद्य पदार्थ (जैसे मछली, चिया बीज, और अखरोट) का सेवन करें।
- प्रोसेस्ड फूड्स, तले हुए और मसालेदार खाद्य पदार्थों से बचें।
- हाइड्रेटेड रहें और पर्याप्त पानी पिएं। यह आहार योजना आपके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करेगी और सूजन को कम करने में मदद करेगी।

31/01/2025

खजूर (Dates) एक पौष्टिक फल है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। यहाँ कुछ प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

1. *ऊर्जा का स्रोत:* खजूर में प्राकृतिक शर्करा (जैसे ग्लूकोज, फ्रुक्टोज, और सुक्रोज) होती है, जो तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। यह खासकर व्यायाम के बाद ऊर्जा को पुनः प्राप्त करने में मददगार है।

2. *पाचन में सुधार:* खजूर में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करती है और कब्ज से राहत देती है।

3. *दिल के लिए फायदेमंद:* खजूर में पोटेशियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो दिल की सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं और रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।

4. *हड्डियों के लिए लाभकारी:* खजूर में कैल्शियम, फास्फोरस, और मैग्नीशियम होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

5. *प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना:* खजूर में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं और बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं।

6. *वजन प्रबंधन:* खजूर का सेवन संतोषजनक होता है, जिससे आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगती, जो वजन प्रबंधन में सहायक हो सकता है।

7. *त्वचा के लिए फायदेमंद:* खजूर में विटामिन C और D होते हैं, जो त्वचा को नमी प्रदान करते हैं और उसे स्वस्थ रखते हैं।

हार्ट अटैक..हमारे  देश  भारत  में  3000 साल  पहले  एक  बहुत  बड़े ऋषि  हुये थे महाऋषि वागवट..उनका  नाम  था महाऋषि वागवट ...
10/12/2024

हार्ट अटैक..हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे महाऋषि वागवट..

उनका नाम था महाऋषि वागवट जी उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम (Astang hrudayam) और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे
यह उनमें से ही एक सूत्र है वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है !
तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) में , acidity (अम्लता ) बढ़ी हुई है अम्लता आप समझते हैं जिसको अँग्रेजी में कहते हैं acidity
अम्लता दो तरह की होती है एक होती है
पेट की अम्लता और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे पेट में जलन सी हो रही है खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं मुंह से पानी निकल रहा है
और अगर ये अम्लता (acidity) और बढ़ जाये
तो hyperacidity होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (blood acidity) होती है और जब blood में acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (blood) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में blockage कर देता है

तभी heart attack होता है इसके बिना heart attack नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं
क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है इलाज क्या है ?वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त (blood) में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं अम्लीय और क्षारीय
acidic and alkaline अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ?acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है ? neutral
होता है सब जानते हैं तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी

और रक्त में अम्लता neutral हो गई तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं ये है सारी कहानी अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें ? आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी heart attack न आए और अगर आ गया है तो दुबारा न आए यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर मे आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं English में इसे कहते हैं bottle gourd जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं !

इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है
तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो वागवट जी कहते हैं रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें कितना सेवन करें ? रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो कब पिये ? सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं पुदीना भी बहुत क्षारीय है इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले
ये भी बहुत क्षारीय है लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है

तो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें
2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी heart की blockage को ठीक कर देगा 21 वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा
कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी

12/11/2024

*महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी। आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।*

*देव उठनी एकादशी एवं तुलसी विवाह* के पावन अवसर पर आप को ढेरों शुभकामनाएं। 🙏🙏

अग्निमांद्य (हाजमे की खराबी)(Indigestion)परिचय :इस रोग में भोजन पचाने वाली पाचनतंत्र (जठरान्त्र) धीमी पड़ जाती है और आमाश...
25/07/2024

अग्निमांद्य (हाजमे की खराबी)
(Indigestion)

परिचय :

इस रोग में भोजन पचाने वाली पाचनतंत्र (जठरान्त्र) धीमी पड़ जाती है और आमाशय, आंतों की पाचनशक्ति कम हो जाती है। पाचनतंत्र कमजोर हो जाने से भोजन अच्छी तरह नहीं पच पाता है जिसे अपच, बदहजमी, मंदाग्नि या अग्निमांद्यता कहते हैं। बरसात में अधिक नमी (आर्द्रता) और पानी में मौजूद अम्ल विपाक के कारण अग्निमांद्य रोग होता है जिसे जलवायु के दोष से होने वाला अग्निमांद्य कहते हैं।
कारण :

अग्निमांद्य रोग कई प्रकार के कारणों से होते हैं जैसे- अधिक चटपटी चीजे खाना, शराब पीना, मलावरोध, मल-मूत्र को रोकना, दिन में सोने, रात में अधिक देर तक जागना, अत्यधिक शोक, गुस्सा, भय, चिंता, ईर्ष्या, क्लेश आदि।
लक्षण :

अग्निमांद्य रोग में भूख का न लगना, हृदय का भारीपन, भोजन करने के बाद उल्टी होना, खट्टी डकारे आना, दस्त खुलकर न आना, बार-बार शौच जाना, गैस बनना, दर्द होना, पेट का फूलना, बेचैनी, सिर व शरीर में दर्द, काम में मन न लगना, दिल की धड़कन का बढ़ना, पेट में दर्द, पेट का भारीपन, जी मिचलाना, छाती में जलन, मुख का सूख जाना, नींद का आना, सांस में बदबू, धड़कन तेज होना, मुत्यु का भय होना, हर समय रोग की तरफ ध्यान लगा रहना, चलने-फिरने में तकलीफ, सांस लेने में परेशानी आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं।
भोजन और परहेज :

मूंग, गेहूं, बाजरा, चावल, साबूदाना, हरी साग-सब्जी, पालक, मूली, मेथी, मूंग की दाल (छिलके समेत) की खिचड़ी को दही के साथ या मूंग की पतली दाल और चपाती, लौकी, तोराई, पतीता, चीकू, अंगूर या अंगूर का रस, जामुन, फालसा, छाछा, मुनक्का आदि का सेवन करें।
मूंग का जूस, छाछ, गर्म पानी, ताजा अदरक, लघु आहार, शालि चावल से बनाई चावल की खिचड़ी, हींग, चांगेरी के पत्ते, बथुआ, मूली की जड़, सहिजन, करेला और अनार आदि का सेवन करना लाभकारी होता है।

परवल की पतली सब्जी, रात को ईसबगोल की भूसी एक चम्मच या 2 मुनक्के दूध के साथ, कटु, तीखी व कशाय रस वाले अन्न, गुरूकुल कांगड़ी की चाय या 2 पत्ती तुलसी, कालीमिर्च, लौंग, मिश्री, चोकर समेत रोटी, उबाली हुई हरी सब्जी का सेवन करें।

रसयुक्त फल जैसे- अनार, सेब, संतरा, मौसमी, केला, नाश्पाती, मकोय, शहतूत आदि का सेवन करना लाभकारी होता है।

शराब, भांग, बीड़ी-सिगरेट या अन्य प्रकार की नशीली चीजे जैसे- चाय, काफी, चाट-पकौडे, पूड़ी-कचौड़ी, खोए की चीजे, तली हुई चीजे, घी, डालडा, तैलीय पदार्थ, चटपटे मसालेदार, मिर्ची युक्त चीजे, बासी और प्रोटीन से भारी वस्तुएं, मिठाई, खीरा, ककड़ी, कच्चे अधपके फल, अम्लीय पदार्थों आदि का सेवन करना हानिकारक होता है।

डॉ अभिषेक सक्सेना
नमों क्लिनिक , भोपाल
हेल्पलाइन - 7770992222

Address

Madhya Pradesh

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