
04/05/2025
सफल कूल्हा प्रत्यारोपण से दर्द से मुक्ति और सामान्य जीवन की ओर वापसी
बचपन में कूल्हे की हड्डी में मवाद (इंफेक्शन) होने के कारण शाहिदा का कूल्हा पूरी तरह से ख़राब हो गया था। इसके चलते उनका एक पैर लगभग 4 सेंटीमीटर छोटा रह गया और वह लचक के साथ चलने को मजबूर थीं। वर्षों तक इस स्थिति से जूझती रहीं शाहिदा पिछले एक साल से चलने में भी असमर्थ हो गई थीं और दैनिक दिनचर्या के कार्य करना भी मुश्किल हो गया था।
उनका संपूर्ण कूल्हा प्रत्यारोपण (Total Hip Replacement) किया गया, जो पूरी तरह सफल रहा। इस जटिल सर्जरी के बाद न केवल उन्हें दर्द से पूरी तरह राहत मिली, बल्कि उनके दोनों पैरों की लंबाई भी समान हो गई और वह अब सामान्य रूप से चलने लगी हैं।