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 #एक कोशिश परिवर्तन की ओर जाट समाज दहेज_मुक्त_विवाहसांगवा व गोदारा एवं ज्याणी परिवार ने एक सामाजिक बुराई बंद करने कि पहल...
26/05/2025

#एक कोशिश परिवर्तन की ओर जाट समाज दहेज_मुक्त_विवाह
सांगवा व गोदारा एवं ज्याणी परिवार ने एक सामाजिक बुराई बंद करने कि पहल 🙏🙏

समाज के पुरोधा ही समाज में व्याप्त देहज प्रथा को रोक सकते है!अच्छे कार्य की हमेशा प्रशंशा होनी चाहिए!!जाट छात्रावास, बीकानेर के अधीक्षक भीखाराम सांगवा ने अपने सगे छोटे भाई सुंदरलाल सांगवा के सुपुत्र नंदकिशोर सांगवा (रेडियोग्राफर, नागौर जिला अस्पताल) का विवाह खिंयेरा निवासी साहाजी इमीलाल जी ज्याणी (अध्यापक) की सुपुत्री देवकी ज्याणी (अध्यापिका) संग सम्पन्न करवाया!इस विवाह की विशेष बात यह रही की वर पक्ष सांगवा परिवार, रिडमलसर पुरोहितान(सागर) द्वारा किसी भी प्रकार का देहज ने लेकर के सगुन के तोर पर एक रुपया और नारियल लेकर के दुल्हन को ही देहज मानते हुवे दुल्हन देवकी ज्याणी को पुत्री स्वरूपा स्वीकार किया !!सांगवा परिवार ,रिडमलसर पुरोहितान (सागर) के द्वारा अपने पुत्र के विवाह में किसी भी प्रकार के रुपयों और सोने चांदी के आभूषण व बर्तन भाँडो का लेंन देंन नहीं किया गया!!सांगवा परिवार ने दुल्हन को ही देहज के रूप में पुत्री स्वरूपा स्वीकार किया!!सांगवा परिवार, रिडमलसर पुरोहितान (सागर) के मूलनिवासी स्वर्गीय चौधरी भैराराम सांगवा के पुत्र सुंदरलाल सांगवा की सुपुत्री यशोदा का विवाह 23/05/25 को बरसिंहसर निवासी ,साहाजी आशाराम जी गोदारा के पुत्र निम्बाराम गोदारा (लेखाकार, महालेखा परीक्षक विभाग, जयपुर) के संग सम्पन्न हुवा!!इस विवाह में भी गोदारा परिवार, बरसिंहसर द्वारा एक रुपया और नारियल सगुन के तोर पर लेकर के दुल्हन को देहज मानते हुवे दुल्हन को पुत्री स्वरूपा स्वीकार किया!विदित रहे की दूल्हा निम्बाराम गोदारा राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव, बीकानेर निवासी शिवलाल जी गोदारा के छोटे भाई है!!

Shivlal GodaraBhikharam Sangwa

एक कोशिश परिवर्तन की ओर दहेज मुक्त समाजबिना दहेज की शादी कर दिया इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश। सभी ने की इस कदम की सराह...
08/05/2025

एक कोशिश परिवर्तन की ओर दहेज मुक्त समाज
बिना दहेज की शादी कर दिया इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश।
सभी ने की इस कदम की सराहनाअच्छाई की हमेशा सराहना होनी चाहिए। सांगवा परिवार रिडमलसर पुरोहितान(सागर)के मूल निवासी चौधरी अमराराम सांगवा के पुत्र मानाराम सांगवा ने अपने सुपुत्र बबलेश सांगवा(हीरालाल)के विवाह में बिना दहेज लिए अपने पुत्र का विवाह सम्पन्न करवाया!मानाराम सांगवा ने अपने सुपुत्र का विवाह बरसिंहसर निवासी साहजी रामेश्वरलाल जी गोदारा की सुपुत्री पूजा गोदारा संग विवाह सम्पन्न करवाया!!इस विवाह की खासबात यह रही कि सांगवा परिवार ने पुत्रवधु को ही दहेज मानते हुए एक रुपए ओर नारियल लेकर के पुत्रवधु पूजा गोदारा को अपने घर लेकर के आए!मानाराम जी सांगवा के तीन पुत्र ही है इसलिए मानाराम जी सांगवा ने दुल्हन को ही दहेज मानते हुए अपनी पुत्रवधु को पुत्री स्वरूप माना और बिना दहेज लिए एक रुपए ओर नारियल लेकर के अपनी पुत्रवधु को अपने घर रिडमलसर पुरोहितान(सागर )लेकर के आए!विदित रहे की मानाराम जी सांगवा के ताऊजी के बेटे बड़े भाई चौधरी भीखाराम सांगवा पिछले चार वर्षो से जाट समाज के समाज सेवा कार्य से जुड़े हुवे है और वर्तमान समय में जाट छात्रावास सागर रोड बीकानेर में छात्रावास अधीक्षक के रूप में समाज सेवा कर रहे है!सांगवा परिवार ने इस विवाह में एक रुपया नारियल सगुन के रूप में लिया और बिना देहज लिए विवाह को सम्पन करवाया!सांगवा परिवार के द्वारा अपने पुत्र के विवाह में किसी भी प्रकार के रुपयों और सोने चांदी के आभूषण व बर्तन भाँडो का लेंन देंन नहीं किया गया!!सांगवा परिवार ने दुल्हन को ही देहज के रूप में पुत्री स्वरूपा स्वीकार किया!!
। जहाँ एक ओर दहेज के बिना शादियां टूटने की खबरें पढ़कर मन विचलित हो जाता हैं वहीं इसी बीच बिना दहेज लेकर शादी करने जैसी खबरें मन को सुकून देती है। परिवार के इस कदम से समाज ने सराहना की तथा सभी ने हर प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को त्यागने की बात कही।

बदलता जाट समाज कुरीतियों को त्याग करता जाट समाजदहेज में एक रुपया और नारियल लेकर की शादी__________________सभी ने की इस कद...
07/04/2025

बदलता जाट समाज
कुरीतियों को त्याग करता
जाट समाज

दहेज में एक रुपया और नारियल लेकर की शादी
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सभी ने की इस कदम की सराहना
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जहाँ एक ओर दहेज के बिना शादियां टूटने की खबरें पढ़कर मन विचलित हो जाता हैं वहीं इसी बीच बिना दहेज लेकर शादी करने जैसी खबरें मन को सुकून देती है। लूणकरणसर विधानसभा के पूर्व विधायक मोटोळाई निवासी स्व.मालूराम लेघा के पड़पौत्रों एवं हरिराम लेघा के सुपुत्रों के विवाह ने कुछ ऐसी ही नज़ीर पेश की है। हरिराम लेघा (गोटा एशोसिएशन अध्यक्ष, लूणकरणसर) ने अपने पुत्रों की शादी में दहेज नहीं लेकर एक रूपया और नारियल स्वीकार कर मिशाल कायम की है। गौरतलब है कि हरिराम लेघा के पुत्र कमलेश और सुनील का विवाह 06 अप्रेल 2025, रविवार को सुरनाणा निवासी मघाराम सारण के बड़े बेटे भागीरथ सारण की पुत्रियों संतोष एवं सरस्वती के साथ सम्पन्न हुआ। जहाँ वर पक्ष ने दहेज नहीं लिया।

लूणकरणसर गांव में बिना दहेज लिए एक अनूठी शादी हुई। शादी में महज एक रुपया और नारियल दहेज के रूप में लिया गया। समठुनी के दौरान सभी घरातियों और बारातियों ने लेघा और सारण परिवार के इस कदम की सराहना की तथा सभी ने हर प्रकार की सामाजिक कुरीतियों को त्यागने की बात कही।

समय निकालकर पढ़े #रिसोर्ट मे विवाह नई सामाजिक बीमारीसामाजिक भवन अब उपयोग में नहीं लाए जाते हे,,,,शादी समारोह हेतु यह सब ...
29/03/2025

समय निकालकर पढ़े
#रिसोर्ट मे विवाह
नई सामाजिक बीमारी
सामाजिक भवन अब उपयोग में नहीं लाए जाते हे,,,,
शादी समारोह हेतु यह सब बेकार हो चुके हैं
कुछ समय पहले तक शहर के अंदर मैरिज हॉल मैं शादियां होने की परंपरा चली परंतु वह दौर भी अब समाप्ति की ओर है!
अब शहर से दूर महंगे रिसोर्ट में शादीया होने लगी है!
शादी के 2 दिन पूर्व से ही ये रिसोर्ट बुक करा लिया जाते हैं और शादी वाला परिवार वहां शिफ्ट हो जाता है
आगंतुक और मेहमान सीधे वही आते हैं और वहीं से विदा हो जाते हैं।
जिसके पास चार पहिया वाहन है वही जा पाएगा,
दोपहिया वाहन वाले नहीं जा पाएंगे
बुलाने वाला भी यही स्टेटस चाहता है

और वह निमंत्रण भी उसी श्रेणी के अनुसार देता है
दो तीन तरह की श्रेणियां आजकल रखी जाने लगी है
किसको सिर्फ लेडीस संगीत में बुलाना है !
किसको सिर्फ रिसेप्शन में बुलाना है !
किसको कॉकटेल पार्टी में बुलाना है !
और किस वीआईपी परिवार को इन सभी कार्यक्रमों में बुलाना है!!
इस आमंत्रण में अपनापन की भावना खत्म हो चुकी है!
सिर्फ मतलब के व्यक्तियों को या परिवारों को आमंत्रित किया जाता है!!

महिला संगीत में पूरे परिवार को नाच गाना सिखाने के लिए महंगे कोरियोग्राफर 10-15 दिन ट्रेनिंग देते हैं!
(कई दुल्हन तो जेहादी कोरियोग्राफर के साथ ही भाग गए)
मेहंदी लगाने के लिए आर्टिस्ट बुलाए जाने लगे हैं
मेहंदी में सभी को हरी ड्रेस पहनना अनिवार्य है जो नहीं पहनता है उसे हीन भावना से देखा जाता है लोअर केटेगरी का मानते हैं
(मुंबई में एक जेहादी मेहंदी लगाने के समय ही प्यार करके दुल्हन को ले गया)

फिर हल्दी की रस्म आती है
इसमें भी सभी को पीला कुर्ता पजामा पहनना अति आवश्यक है इसमें भी वही समस्या है जो नहीं पहनता है उसकी इज्जत कम होती है

इसके बाद वर निकासी होती है
इसमें अक्सर देखा जाता है जो पंडित को दक्षिणा देने में 1 घंटे डिस्कशन करते हैं
वह बारात प्रोसेशन में 5 से 10 हजार नाच गाने पर उड़ा देते हैं
एक नई परंपरा भी है बैंड वाले के पास जो गाड़ी रहती है उसमें सोमरस रखा जाता है बाराती बारी-बारी से उसके पास जाते हैं और अपना काम करके आते जाते हैं

इसके बाद रिसेप्शन स्टार्ट होता है
स्टेज पर वरमाला होती है पहले लड़की और लड़के वाले मिलकर हंसी मजाक करके वरमाला करवाते थे,,,,,, आजकल स्टेज पर कंडे के धुंए की धूनी छोड़ देते है
दूल्हा दुल्हन को अकेले छोड़ दिया जाता है
बाकी सब को दूर भगा दिया जाता है
और फिल्मी स्टाइल में स्लो मोशन में वह एक दूसरे को वरमाला पहनाते हैं
साथ ही नकली आतिशबाजी भी होती है

स्टेज के पास एक स्क्रीन लगा रहता है
उसमें प्रीवेडिंग सूट की वीडियो चलती रहती है
जिसमें यह बताया जाता है की शादी से पहले ही लड़की लड़के से मिल चुकी है और कितने अंग प्रदर्शन वाले कपड़े पहन कर
कहीं चट्टान पर
कहीं बगीचे में
कहीं कुए पर
कहीं बावड़ी में
कहीं श्मशान में कहीं नकली फूलों के बीच अपने परिवार की इज्जत को नीलाम कर के आ गई है

प्रत्येक परिवार अलग-अलग कमरे में ठहरते हैं
जिसके कारण दूरदराज से आए बरसों बाद रिश्तेदारों से मिलने की उत्सुकता कहीं खत्म सी हो गई है!!
क्योंकि सब अमीर हो गए हैं पैसे वाले हो गए हैं!
मेल मिलाप और आपसी स्नेह खत्म हो चुका है!
रस्म अदायगी पर मोबाइलो से बुलाये जाने पर कमरों से बाहर निकलते हैं !
सब अपने को एक दूसरे से रईस समझते हैं!
और यही अमीरीयत का दंभ उनके व्यवहार से भी झलकता है !
कहने को तो रिश्तेदार की शादी में आए हुए होते हैं
परंतु अहंकार उनको यहां भी नहीं छोड़ता !
वे अपना अधिकांश समय करीबियों से मिलने के बजाय अपने अपने कमरो में ही गुजार देते हैं!!

हमारी संस्कृति को दूषित करने का बीड़ा ऐसे ही अति संपन्न वर्ग ने अपने कंधों पर उठाए रखा है

मेरा अपने मध्यमवर्गीय समाज बंधुओं से अनुरोध है
आपका पैसा है ,आपने कमाया है,
आपके घर खुशी का अवसर है खुशियां मनाएं,
पर किसी दूसरे की देखा देखी नही!

कर्ज लेकर अपने और परिवार के मान सम्मान को खत्म मत करिएगा!
जितनी आप में क्षमता है उसी के अनुसार खर्चा करिएगा
4 - 5 घंटे के रिसेप्शन में लोगों की जीवन भर की पूंजी लग जाती है !

दिखावे की इस सामाजिक बीमारी को अभिजात्य वर्ग तक ही सीमित रहने दीजिए!

अपना दांपत्य जीवन सर उठा के, स्वाभिमान के साथ शुरू करिए और खुद को अपने परिवार और अपने समाज के लिए सार्थक बनाइए !

🙏🙏

बीकानेर जाट समाज के अग्रणी, वरिष्ठ समाजसेवी श्री नानूराम जी भोबिया, सचिव महाप्रबंधक जाट धर्मशाला बीकानेर ने अपने सुपौत्र...
03/02/2025

बीकानेर जाट समाज के अग्रणी, वरिष्ठ समाजसेवी श्री नानूराम जी भोबिया, सचिव महाप्रबंधक जाट धर्मशाला बीकानेर ने अपने सुपौत्र वीरेंद्र भोबिया
S/Oजगदीश प्रसाद भोबिया शारीरिक शिक्षक का विवाह 1 रूपया नारियाल में करके समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। उन्होंने कहा कि दुल्हन ही सबसे बड़ा दहेज है जो माता पिता अपनी संतान पाल
पोसकर कन्यादान करते है उसे बड़ा कोई दान नहीं होता है।

राम राम सा हमारा समाज सधे हुए कदमों से सुधार की और अग्रसर!बात एक ओर शादी समारोह की बरसिहंसर  श्री रामरख पुत्र स्व. श्री ...
26/01/2025

राम राम सा
हमारा समाज सधे हुए कदमों से सुधार की और अग्रसर!
बात एक ओर शादी समारोह की
बरसिहंसर श्री रामरख पुत्र स्व. श्री रामकिशन जी गोदारा की पुत्री की शादी में
बिछवाल, बीकानेर निवासी श्री हजारीराम जी तर्ड
ने अपने पुत्र के लिये दहेज का त्याग करते हुए एक रुपया नारियल शगुन रूपी
लेकर दहेज लोभीयो के मुंह पर बड़ा तमाचा मारकर समाज को आगे बढ़ाने की अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन किया है जो काबिले तारीफ है।

बड़ी बात इस शादी की यह भी रही कि ससुर व रिस्तेदारो के लिये सोने की अंगूठियों वाले गिफ्ट भी नहीं लेकर एक तरह से अपनी मेहनत के अलावा पराया धन नहीं लेकर परिवारों में शादी विवाह पर बढ़ते बोझ के चलन को खत्म करने की नई पहल की है जो बहेद सराहनीय है।

श्री रामरख गोदारा ने बरात की मेहमान नवाजी में आधुनिक खड़े भोजन की जगह (बफर) समस्त मेहमानों को बैठाकर भोजन करवाया, जो एक तरह से सादगी के साथ साथ अच्छी सभ्यता व हमारी संस्कृति के स्वरूप को दर्शाता है।

*इस सराहनीय कार्य के लिए भाई रामरख गोदारा और उनके पूरे परिवार के लिए दिल से सैल्यूट*👍👍

बिना दहेज की शादी कर दिया इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश। स्वरूपदेसर_बीकानेर...दहेज न लेने की सोच को, सोच तक सीमित न रखते...
24/01/2025

बिना दहेज की शादी
कर दिया इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश।
स्वरूपदेसर_बीकानेर...दहेज न लेने की सोच को, सोच तक सीमित न रखते हुए, इस सोच को धरातल पर उतारकर, मामा ससुर आदरणीय मोहनलाल जी कसवां ने सुपौत्र की शादी बिना दहेज के कर आमजन को इस कुप्रथा को मिटाने का संदेश दिया....

बीकानेर पूगल के चक 2BD शिवनगर में शादी के दौरान, दूल्हे व दुल्हन पक्ष की आपसी रजामंदी से बिना दहेज के शादी की...
शादियों में हर साल फिजलूखर्ची और दहेज लेने-देने का सिलसिला बढ़ रहा है। ऐसे माहौल में समाज को आइना दिखाते हुए इस फैसले की हर तरफ सराहना हो रही है।

बीकानेर के स्वरूप देसर निवासी मोहनलाल जी कसवां के पोते Pradeep Kaswan सुपुत्र सहीराम जी कसवां की शादी कागासर निवासी हाल चक 2BD पूगल निवासी रामनारायण पुत्र स्वर्गीय मामराज जी सारण की बेटी प्रियंका के साथ 22/01/2025 को सम्पन्न हुई।

दुल्हन की विदाई से पूर्व समुठनी की रस्म के दौरान शादी की रस्में शुरू हुई तो दूल्हा पक्ष (स्वरूप देसर बीकानेर) द्वारा दहेज के खिलाफ पूर्व से ही तय सोच के अनुसार एक रुपया व नारियल का लेनदेन कर शादी की रस्म सम्पन्न की।
कसवां परिवार द्वारा की गई इस सार्थक पहल की प्रशंसा हर व्यक्ति ने की , भगवान आपकी हर मनोकामनाएं पूर्ण करे

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Saran Petrol Pump, Jaisalmer Road, Bikaner
Bikaner
334001

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