Khushi Ki Pathshala - A Center for Counseling

Khushi Ki Pathshala - A Center for Counseling Khushi Ki Pathshala is a center for counselling of stress & depression. contact for pre/post marriage-parenting, exam stress counseling.

Khushi Ki Pathshala is an effort to spread happiness and to fill your heart with it. Happiness, which normally one keeps searching and looking outside in the material world, is purely a feeling which is lasting only if it comes from within. Happiness is freedom from suffering. At Khushi Ki Pathshala, together, we would enrich each other to remain happy in our day to day life and would learn to live happily with all those we love and even with those also, we may not like!!!!

11/05/2025

आजकल ज़िंदगी की रफ़्तार इतनी तेज हो चली है कि हम सब कुछ जल्दी से पा लेना चाहते हैं! पैसा, पद, शोहरत और social media पर लाखों फॉलोअर्स! सफ़लता पाने और जल्दी पाने का दवाब बहुत ज़्यादा है! आप खूब मेहनत कर रहे हैं, अपनी limits से ज़्यादा, अपनी सेहत और मन की शांति की कीमत पर! आप खूब हाथ पांव मार रहे हैं, पर कुछ हो नहीं रहा! आपको लगता है कि आप पिछड़ रहे हैं! यूं ही भटक रहे हैं! कोई आपको बताए कि ऐसा इसलिए हो रहा है कि आप हर वक्त दूसरों से comparison कर रहे हैं, उनके जैसा बनने/पाने की कोशिश कर रहे हैं! पर सबकी जिंदगी की रफ़्तार अलग ही होती है! किसी से कोई मुकाबला नहीं, सिवाय खुद से! कुछ पाने की कोशिश करते हुए असफल हो जाना, हार जाना नहीं होता! सबकी सफलता का रास्ता अलग ही होता है! (खुशी की पाठशाला)

10/05/2025

जो लोग आपको बार बार HURT करते हों, तो आप उनका क्या करेंगे? उनसे संबंध तोड़ देंगे? उनसे किनारा कर लेंगे? उनको avoid करेंगे? Correct! इनमें से कोई भी तरीका गलत भी नहीं! पर केवल ऐसा करने से आपकी समस्या दूर नहीं होगी! आप फ़िर भी HURT होते रहेंगे! असल में तो आपको अपनी personality के उन हिस्सों से भी संबंध तोड़ने होंगे, जो आपको HURT होने देते हैं! यानी, "अपने आपको कमतर आंकने की आदत, किसी की help के बिना कुछ न कर पाने की कमजोरी, दूसरों के validation के बगैर खुद को नाकाबिल समझने वाली सोच" को भी ख़त्म करना होगा! तभी आप HURT होना छोड़ पाएंगे!!
(खुशी की पाठशाला)

09/05/2025

हम में से अधिकतर लोग बदलाव पसंद नहीं करते! क्यूंकि हम अक्सर एक तरह की ज़िंदगी जीने के आदी हो जाते हैं, और बदलाव पसंद नहीं करते। ये बात कुछ व्यक्तिगत सुविधाजनक बातों को छोड़ कर, जीवन के सभी क्षेत्रों पर लागू होती है। इसका सबसे बुरा असर समाज की तरक्की पर होता है। दकियानूसी रीति रिवाज़ नहीं बदलते और न जाने कितने लोगों/ परिवारों की ज़िंदगी बेशुमार तकलीफों में रहती है! अजीब और बुरा तब लगता है, जब नई पीढ़ी भी बदलाव के पक्ष में खड़ी नज़र नहीं आती! कभी "लोग क्या कहेंगे, तो कभी घर के लोगों को बुरा लगता ना, कभी मां-पिताजी के emotions का सहारा लेकर, तो कभी अपने फ़ायदे को ध्यान में रख कर"! हमारा समाज कब बदलेगा?(खुशी की पाठशाला)

07/05/2025

Generally जब हम किसी से नाराज़ हो जाते हैं, यदि कोई हमारी EGO को hurt कर देता/देती है या हमारी इच्छा के विपरीत व्यवहार करता/करती है, तो हम उससे बात करना बंद कर देते हैं। बस उस व्यक्ति के व्यवहार के बारे में सोचते रहते हैं और अपने मन में ऊटपटांग कहानियां गढ़ते रहते हैं। ये ठीक नहीं। यदि किसी से भी कोई मनमुटाव हो गया हो/ व्यवहार को लेकर समस्या हो गयी हो, तो मन में कहानियां गढ़ना छोड़िए! उससे बात कीजिये! सब कुछ सुलझ जाएगा! और खुशियां वापिस लौट आएंगी!! जब भी आपकी कोई अच्छी, पुरानी रिलेशनशिप मुसीबत में हो तो, बात करें! बातचीत के दरवाज़े खुले रखें! सामने वाले की पहल का इंतज़ार न करें! Relationships बनती लंबे समय में, पर शक और क्रोध को दीवार सब कुछ खत्म कर देती है! (ख़ुशी की पाठशाला)

06/05/2025

क्या कभी कभी आपको ऐसा लगने लगता है, कि कहीं कुछ गड़बड़ है! कुछ सही क्यों नहीं हो रहा जीवन में? चाहते कुछ और हैं और हो कुछ और रहा है! यदि ऐसा है तो जरा गौर फ़रमायें कि, कैसे विचार आपके मन में अक्सर रहते हैं? -ve या +ve? यदि आप -ve लोगों या घटनाओं से अक्सर घिरे रह रहे हैं, तो आप पाएंगे कि आपके खुद के विचारों में negativity की भरमार है! दरअसल हमारी लाइफ की conditioning ही कुछ ऐसी है, कि हम negative thoughts की तरफ़ तेजी से खिंचते हैं। तो अपने विचारों पर अक्सर meditate करें, और चैक करें, कि कैसे विचारों की अधिकता चल रही है? If you keep +ve तो आप relaxed और ख़ुश रहेंगे। वैसे choice आपकी! आख़िर life भी तो आपकी ही है!!(ख़ुशी की पाठशाला)

05/05/2025

यदि आप अपनी ज़िंदगी में किसी समस्या से दो-चार हो रहे हैं तो उसे avoid न करें। Face it. Get Over it. उसमें stuck मत हो जाइए! Take help. Talk to right people. मान लीजिए आप कहीं जा रहे हैं, drive कर रहे हैं, सड़क बहुत ही खराब है। तो क्या करेंगे? रुक जाएंगे? सड़क के सही होने का इंतजार करेंगे? सड़क तो न जाने कब ठीक होगी! लेकिन यदि आप चलते रहेंगे, तो सड़क के उस खराब हिस्से से पार निकल ही जायेंगे! तो जनाब KEEP MOVING! कोई भी समस्या permanent नहीं होती! बस आपको रुकना नहीं है।!! (ख़ुशी की पाठशाला)

04/05/2025

जब तक हमअपनी समस्या/समस्याओं के लिए दूसरों को blame, criticize, शिकायत करते रहेंगे, हमारी ख़ुद की operating (Mental) energy कम होती रहेगी और हम हमेशा मानसिक थकान से घिरे रहेंगे। याद रखें यदि आप बार बार hurt होने लगे हैं, तो दूसरे को जिम्मेदार ठहराने की जगह, ख़ुद को check कीजिये। कोई आपको hurt नहीं कर सकता/सकती जब तक आप उसे ये मौका नहीं देते। और ऐसा तभी होता है जब आप डरों से भरे होते हैं। तो पहचानिए अपने डरों को!! अपनी गलतियों/कमजोरियों की ज़िम्मेदारी लेना सीखिए! यदि आपको समझ नहीं आ रहा कि आप के FEARS क्या हैं, तो TAKE HELP ! लेकिन चुपचाप suffer मत कीजिये। आप सब का जीवन बड़ा कीमती है! (ख़ुशी की पाठशाला)

03/05/2025

आपने डार्विन के सिद्धांत "Survival of the Fittest" के बारे में सुना होगा और आज के युग में इस सिद्धांत को भरपूर follow किया जाता है। पर ये गलत है। हमारी life का उद्देश्य SURVIVE करना नहीं है, बल्कि SERVE करना होता है। SURVIVING के mindset में हम create करते हैं, COMPETITION, FEAR और ANGER! जबकि SERVING mindset में हम create करते हैं, COOPERATION, SHARING, CARING ! ये mindset बिखेरता है प्यार, स्नेह, peace। जरा प्रकृति को देखिए, वो सबकी सेवा ही करती है। जबकि हम TAKING (यानी दूसरों से लेना ही है) को ही एक सफल जीवन समझते हैं, जरा share करके देखिए, YOU will receive HAPPINESS !
(ख़ुशी की पाठशाला)

02/05/2025

इस जीवन में हर उस इंसान से, जिससे आप मिल चुके हैं या मिलेंगे, वो एक under construction मकान की तरह है, और आप भी! सबका नक्शा अलग अलग है और बनने की रफ़्तार भी अलग अलग है, तो Why do you compare yourself with others? किन्हीं दो जनों की ज़िंदगी एक जैसी नहीं हो सकती, तो कैसा comparison? दूसरों की ज़िंदगी की चमक दमक देख कर निराश मत होइए। हाँ, सीख लीजिये कुछ, Get Inspired! अपना रास्ता चुनना और उस पर चलना ख़ुद को ही पड़ेगा। कोई और आपके लिए नहीं चल सकता! किसी और के दवा खाने से आपकी बीमारी ठीक कैसे होगी? आप ज़िंदगी को कैसे जिएंगे? You Decide! दूसरों को ये हक़ मत दीजिए! ( ख़ुशी की पाठशाला)

01/05/2025

जीवन में कई बार हम बड़ी बड़ी योजनाएं बनाते हैं, पर पूरी नहीं कर पाते! कुछ तो शुरू ही नहीं होती, ये सोच कर कि नहीं होगा! कुछ लोग बड़े जोशो खरोश से शुरुआत तो कर देते हैं पर कुछ समय बाद छोड़ देते हैं, ये सोच कर कि "औकात से ज्यादा में हाथ डाल दिया"! पर हम जीवन में बड़े बड़े बदलाव कर सकते हैं, बड़े projects achieve कर सकते हैं! पर कैसे? जापानी तकनीक "KAIZEN" (काईज़ेन) का इस्तेमाल करके! काईज़ेन का मतलब हर रोज थोड़ा ज्यादा प्रयास! A little more everyday! इस "रोज थोड़ा ज्यादा करो" तकनीक का उपयोग करके हम अपनी कर्मठता, Creativity यहां तक कि अपने emotions की quality को भी improve कर सकते हैं! आइए अपनी लाइफ को बेहतर बनाने के लिए "काईज़ेन" का इस्तेमाल करें तो जरा! (खुशी की पाठशाला)

30/04/2025

किसी भी Relationship को long lasting बनाने के लिए, एक ही बात बहुत ज़रूरी है, Respect for Each Other ! आज़कल की Relationship में Ego/interest का clash होते ही, सब कुछ बिख़र जाता है! क्यूँ? क्यूँकि, जो respect एक दूसरे के लिए उस relationship में नज़र आ रही थी, वो situational ही थी, Desire based थी, Demand - Supply की तरह! ज़रूरत ख़त्म respect भी ख़त्म।बिख़राव/अलगाव शुरू! किसी भी प्यारी relationship में Ego नहीं होती। क्यूँकि Ego & Respect एक दूसरे के opposite !!!! (ख़ुशी की पाठशाला)

28/04/2025

हमें से अधिकांश लोगों को ख़ुशी और प्रेम की तलाश होती है और अधिकतर लोग इन दोनों चीजों की तलाश दूसरों में करते हैं। जबकि सच बात तो यह है कि ख़ुशी और प्रेम दोनों हमारे अंदर से ही शुरू होते हैं। बुद्ध ने कहा था अपने लिए सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति तुम खुद हो! तो पहले स्वयं से प्रेम करो। हम में से ज्यादातर लोग दूसरों से प्रेम पाने की अपेक्षा रखते हैं। हम समझते हैं कि हम अपने आप में तभी पूर्ण हो पाएंगे जब कोई हमें प्रेम करेगा और बदले में हम उसे प्रेम देंगे। ये अदला - बदली का प्रेम, सिर्फ खीझ, गुस्सा, दुख, कुढ़न के अलावा कुछ नहीं देता, चाहे ये किसी भी रिश्ते में हो! हकीकत यह है कि जिस प्रेम की चाहत हमें है, वह हमसे ही शुरू होता है! खुद से प्रेम, यानी आत्म बल का विकास! (ख़ुशी की पाठशाला)

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Wednesday 11am - 6:30pm
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