10/04/2024
आज हमारा ही समाज इस बंदे को हराने में लगा है सिर्फ़ इसलिए कि कुछ समाज के लोगो कि राह पे नहीं चला आज वो ही लोग इस बंदे के खिलाफ़ जाट समाज में ज़हर गोल रहे है उनको पूछो जब जाट समाज को ज़रूरत पड़ी तब सरकारों के ख़िलाफ़ बोलने की बात आई तो कौन आया आज मेरा जाट समाज भी कुछ हद तक चला भी गया इसको हराने के लिए तो मेरी समाज से विनती है की आप होश में तो हो जिसको जीता रहो क्या वो हर टाइम समाज की लड़ाई के लिए सरकार के ख़िलाफ़ जाकर सता छोड़ देगा या फिर अपने कुछ फ़ायदे के लिए समाज को गुमराह कर रहा है हमारे पूर्वजों ने कहा है जाट के तब अक्ल आती है जब वो गलती कर देता है तो अब तो मेरा समाज जागरूक है क्यों किसी की बातो में आ रहे हो तुमे पीढीया माफ़ नहीं करेगी ऐसे समाज जागरूक करने वाले बंदे की हार हो जाएगी जब दिल्ली में जाट समाज की पहलवान बेटियों को सड़को पर कुचला जा रहा तब ये बंदा गया था हमारी बहनों के मान और समान में और जो समाज अपने आप को छत्रीय कहता है उसने हमारी बेटियों की इजत का मज़ाक़ उड़ाया था आज वो ही समाज इस हनुमान बैनीवाल की हार का इंतज़ार बेसब्री से कर रहा क्या जाट समाज इतना कमजोर हो गया की अपने समाज का नुक़सान करके दूसरे समाज को फ़ायदा करेगा जो समाज हमारे बहन बेटियों की इजत नहीं कर सकता क्या वो समाज हमारे साथ आएगा जब बात जाट समाज के इजत पर बात आएगी तब हनुमान बैनीवाल याद आएगा