05/10/2022
मन हारा तो रावण है , मन जीता तो राम।
मन ही मन में चल रहा देवासुर संग्राम।।
मन ही है कैकई रानी ,मन ही मंथरा दासी है ।
मैला मन न कीजिये ये तो सत्यानासी है ।।
मन ही अंगद ,मन बजरंगी ,मन की शक्ति अपार।
मन में राम तो वानर भी कर जाये लंका पार ।।
साभार
दंभी मन का,रावण मन का जिस दिन हो संहार।
विजयादशमी का ये पर्व, उस दिन हो साकार ।।