12/07/2023
*तीन फ़र्ज़ हैं*
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जिस का वुज़ु न हो या नहाने की ज़रूरत हो और पानी पर कुदरत न हो तो वुज़ु और गुस्ल की जगह तयम्मुम करे
पानी पर कुदरत न होने की कुछ सूरतें हैं
ऐसी बीमारी हो कि वुज़ु या गुस्ल से इसके ज़्यादा होने या देर से अच्छा होने का सही अंदेशा हो या उसने खुद आजमाया हो कि वुज़ु या गुस्ल करेगा तो बीमारी बढ़ जाएगी
*फतावा जामेअ अशरफ़ियाह जिल्द न0-5 सफा न0-85*
अइम्मा सलासा हज़रत इमाम अबू हनीफा, इमाम अबू यूसुफ़ और इमाम मुहम्मद तीनों के नज़दीक तयम्मुम में नियत फ़र्ज़ है इसलिए तयम्मुम के तीन फ़र्ज़ बयान किए गए हैं
*हवाला* ,,,,शरह क़ुदूरी जिल्द न0-1 सफा न0-49
शरह वक़ायाह जिल्द न0-1 सफा न0-77
तशरीहात हिदायाह शरह हिदायाह जिल्द न0-1 सफा न0-312
**तयम्मुम में तीन फ़र्ज़ हैं**
न0-1,,,नीयत--- अगर किसी ने हाथ मिट्टी पर मार कर मुंह पर फैर लिया और नियत नहीं की तो तयम्मुम नहीं हुआ
*फतावा रिज्विय्याह जिल्द न0-3 सफा न0-373
न0-2,,,सारे मुंह पर हाथ फेरना--- इस तरह के कोई हिस्सा बाक़ी न रह जाए अगर बाल बराबर भी कोई जगह रह गई तो तयम्मुम नहीं होगा
*दुर्रेमुखतार किताबुत्तहारत बाब-तयम्मुम जिल्द न0-1 सफा न0-448*
न0-3,,, दोनों हाथों का कोहनियों समेत मसाह करना
इसमें भी यह ख्याल रहे कि ज़र्रा बराबर भी जगह न रहे वरना तयम्मुम नहीं होगा
*फ़ैजान फ़र्ज़ उलूम जिल्द न0-1 सफा न0-286*
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* किताब हवाला*
📚 बहारे शरीअत हिस्सा दोम
📚 जिल्द न0-1
📚 सफा न0-353
📚 शरह नूरुल ईज़ाह
📚 सफा न0-68
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*तस्दीक़ करदा*
मौलाना मुहम्मद सईद लतीफी नईमी रुस्तम नगर सहसपुर बिलारी
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