
14/03/2025
फाल्गुन त्योहार में पलाश पुष्प का आयुर्वेदिक उपयोग
डॉ. प्रभात पटेल, MD (Ayurved)
डॉ. रश्मि चौधरी, MD (Ayurved)
फाल्गुन मास में होली और वसंत पंचमी जैसे प्रमुख त्योहार आते हैं। इस समय प्रकृति में परिवर्तन होता है, और मौसम ठंड से गर्मी की ओर बढ़ने लगता है। इस बदलाव में शरीर पर कई प्रभाव पड़ते हैं, जिनसे बचाव के लिए आयुर्वेद में कई उपाय बताए गए हैं। पलाश पुष्प (Butea monosperma) इस मौसम में विशेष रूप से उपयोगी होता है।
फाल्गुन मास में पलाश पुष्प के प्रमुख आयुर्वेदिक लाभ
1. प्राकृतिक रंग के रूप में उपयोग
होली के अवसर पर पलाश के फूलों का उपयोग प्राकृतिक रंग के रूप में किया जाता है।
इसे पानी में भिगोकर इसका रंग तैयार किया जाता है, जो त्वचा के लिए सुरक्षित और लाभदायक होता है।
यह त्वचा रोगों को दूर करने में मदद करता है और किसी भी रासायनिक रंग से होने वाली एलर्जी से बचाव करता है।
2. त्वचा रोगों से बचाव
फाल्गुन माह में गर्मी बढ़ने लगती है, जिससे त्वचा पर खुजली, दाने और एलर्जी की समस्या हो सकती है।
पलाश के फूलों का उबला हुआ पानी नहाने में उपयोग करने से त्वचा संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
यह त्वचा को ठंडक और नमी प्रदान करता है।
3. रक्त शुद्धि में सहायक
इस मौसम में खून को साफ रखने और शरीर से विषैले तत्वों को निकालने के लिए पलाश पुष्प का काढ़ा पीना फायदेमंद होता है।
यह शरीर को डिटॉक्स करता है और उच्च पित्त दोष को नियंत्रित करता है।
4. पाचन तंत्र को सुधारने में सहायक
फाल्गुन मास में खान-पान में परिवर्तन के कारण कब्ज और अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
पलाश के फूलों का काढ़ा या चूर्ण पाचन को दुरुस्त करने में मदद करता है।
5. गर्मी जनित रोगों से बचाव
पलाश का शीतल प्रभाव शरीर को गर्मी जनित समस्याओं जैसे नकसीर, मुंह में छाले और पेट की जलन से बचाता है।
पलाश के फूलों को सुखाकर शर्बत बनाया जाता है, जो शरीर को ठंडक देता है।
6. मानसिक शांति और ऊर्जा का स्रोत
आयुर्वेद के अनुसार, पलाश पुष्प का रंग और इसकी सुगंध मन को शांत और प्रसन्न करने में सहायक होती है।
यह तनाव, चिड़चिड़ापन और मानसिक थकान को कम करता है।
पलाश पुष्प का उपयोग करने के आयुर्वेदिक तरीके
1. रंग बनाने के लिए – पलाश के फूलों को रातभर पानी में भिगोकर प्राकृतिक रंग तैयार किया जाता है।
2. काढ़ा – फूलों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाया जाता है, जो पाचन और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है।
3. नहाने के लिए – पलाश के फूलों को उबालकर उसके पानी से स्नान करने से त्वचा को ठंडक मिलती है।
4. शर्बत – पलाश के फूलों से तैयार किया गया शर्बत गर्मी से राहत देता है।
निष्कर्ष
फाल्गुन के त्योहारों में पलाश पुष्प का उपयोग केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आयुर्वेदिक दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। यह त्वचा की रक्षा करता है, पाचन को सुधारता है और शरीर को गर्मी से होने वाली परेशानियों से बचाने में मदद करता है। प्राकृतिक और सुरक्षित रंग के रूप में इसका उपयोग होली को स्वास्थ्यप्रद और आनंदमय बनाता है।
डॉ. प्रभात पटेल, MD (Ayu)
डॉ. रश्मि चौधरी, MD (Ayu)
श्री विश्वहितम आयुर्वेद चिकित्सालय बिलासपुर