06/07/2023
6.7.23
सदस्य सचिव कानूनी कमिशन भारत सरकार
4th Floor ,LNB
नई दिल्ली 110003
महाशय,
आपने अखबारों द्वारा एवं दूरदर्शन द्वारा बताया कि यूनिफॉर्म सिविल कोड पर नागरिकों के विचार जानना चाहती है l हमारे विचार निम्नलिखित हैl
1 विवाह के कानून सभी धर्मों के लिए एक होना चाहिए l सरकार द्वारा उसका निबंधन आवश्यक होना चाहिए l निबंधन की व्यवस्था ग्राम पंचायत भवन में होनी चाहिए lशादी किसी भी विधि विधान से हो निबंधन आवश्यक है ,जिससे कि शादी के बाद उस पर निबंधन के प्रावधान लागू होंगे जो तलाक या अन्य विवादों का आधार बनेगा
2 संपत्ति के बंटवारे के बारे में पूरे देश में एक कानून हो और संपत्ति का निबंधन एवं संपत्ति का अधिपत्य का अधिकार एकरूपता से सबको मिले लेकिन इसमें देखना होगा की परिवार की हित भी सुरक्षित रहेंl उत्तराधिकारी का कानून सभी धर्मों में एक हो उसके कुछ शर्ते होनी चाहिए और उसका अगर पालन होता है तो उस पर कोई विवाद किसी न्यायालय में नहीं होना चाहिएl
3 फ्रांस के तर्ज पर सभी नागरिकों को एकरूपता से रहना होगा जिसमें उनके धार्मिक पहचान उनके घरों के अंदर की बात होगी घर के बाहर स्त्री पुरुष अपने धार्मिक पहचान के साथ बाहर नहीं आएंगे
4 कोई भी स्त्री पुरुष किसी भी धर्म के स्त्री पुरुष के साथ वैवाहिक संबंध बना सकता है इस मामले में धार्मिक पंडित किसी भी धर्म के होंगे बीच में नहीं आएंगे 5 गोद लेने का अधिकार हर व्यक्ति को होना चाहिए वह किसी भी धर्म का हो l
6 किसी भी प्रकार का विवाद जो विवाह या संपत्ति के संबंधित है उसका निपटारा हेतु एक विशेष न्यायालय का गठन हो जो जिला स्तर पर प्रत्येक जिला में स्थापित हो यह न्यायालय विवाह का निबंधन या पारिवारिक विभाग दोनों से अलग सिर्फ समान नागरिक संहिता संबंधित मामलों को ही देखें और उसका निपटारा 3 महीने के अंदर करें आज के तारीख में वर्षों वर्ष मामले चलते रहते हैं और इस प्रकार समय निकल जाता है शादी संबंधित मामलों में उम्र निकल जाती है और संपत्ति के मामले में अधिकार का सेवन और उसके उपयोगिता का भी समय निकल जाता है आज के तारीख में कानून सबसे बड़ी समस्या है की विवाह निपटारा में समय बहुत लग रहा है अतः समान नागरिक संहिता का व्यवस्था में निश्चित समय में विवाद निपटाने की व्यवस्था हो जरूरत पड़ने पर समझौता न्यायालय की तरह इस न्यायालय को गतिशील किया जाए जिसका निर्णय अंतिम हो और इसका स्वरूप वर्तमान लोक अदालत से विभिन्न हो
7 5 वर्ष में इस कानून की समीक्षा की जाएगी और जरूरत के अनुसार इसमें फेरबदल किए जाएंगे
शीला प्रसाद पूर्णिमा सिंह, सचिव
अध्यक्ष
फैमिली काउंसलिंग सेंटर
161,Lohanchal ,Bokaro Steel City
827012