
29/08/2025
तीन साल पहले जो बीज लगाया,
सेवा का व्रत बन के आया।
हर धड़कन में थी एक हीआस,
कि शिखर दे, हर जीवन को बेहतर साँस।
शिखर नर्सिंग होम बना भरोसा,
जहाँ हर दर्द ने पाया सुकून का हिस्सा।
ना हम निराश हुए, न बिगड़ने दिए हालात,
इस सफर के हर कदम पे थे सेवा के साथ।
नर्स की ममता, डॉक्टर की हस्ती,
जिनके हर कर्म में झलकती मानवता की भक्ति।
हर मरीज को खुद का जीवन समझा जाता यहाँ,
हर एक मरीज में बसता एक भगवान जहाँ।
शिखर नर्सिंग होम बना एक ऐसी आस,
जहाँ जीवन ढूढता है अपने बेहतर स्वास्थ्य का वास ।
तीन वर्षों की तपस्या का यह है रंग,
हर दिल से निकला सहयोग और आशीर्वाद संग।
संघर्षों में भी मुस्कान रही,
हर रात्रि में भी पहचान रही।
दवाओं से बढ़कर काम करती यहाँ दुआ,
क्योंकि सेवा बनी हमारी जीवन की पूजा।
आज जब तीन वर्ष हुए हैं पूरे,
हमारे कई सपने हुए पूरे, कई हैं अभी अधूरे।
'शिखर' केवल नाम नहीं,
आशा, प्रयास, समर्पण, विश्वास की है यह कड़ी कहीं।
हम चलते रहेंगे इसी उजियारे पथ पर,
जहाँ सेवा हो धर्म, और करुणा, समर्पण हो शिखर।
"शिखर" की नई ऊँचाइयों की ओर चलें हम सभी,
क्योंकि यही है हमारे चिकित्सा धर्म की सच्ची जमीं।
🎉 शिखर नर्सिंग होम को तीन वर्षों की सेवा पूर्ण करने पर आप सभी को सादर धन्यवाद एवं हार्दिक बधाई! 🎉
DrRajesh Kumar Verma
Karan Thareja
Vikrant Mendiratta