01/09/2025
संजीव सूरी : इंसानियत की सच्ची मिसाल, जिसने चंबा का मान बढ़ाया
आपदा की घड़ी में कौन किसके काम आता है, यह वक्त ही साबित करता है। चंबा में मणिमहेश यात्रा के दौरान जब हजारों श्रद्धालु बारिश, भूस्खलन और मार्ग बंद होने के कारण संकट में फँस गए, तब सबसे पहले आगे बढ़कर मदद का हाथ बढ़ाया राइजिंग स्टार स्कूल चंबा के प्रिंसिपल संजीव सूरी ने। यह केवल सेवा नहीं, बल्कि इंसानियत की वह मिसाल है जिसने पूरे चंबा का सिर गर्व से ऊँचा कर दिया।
सोचिए, एक समय में एक हजार से अधिक लोगों के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करना, यह कोई साधारण बात नहीं है। लेकिन संजीव सूरी ने इसे बिना किसी हिचकिचाहट के संभव किया। आठ दिनों से लगातार वे श्रद्धालुओं को भोजन, रहने की व्यवस्था और परिवहन सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। अपने स्कूल की हर गाड़ी उन्होंने कलसूई से चंबा बस स्टैंड तक श्रद्धालुओं को सुरक्षित पहुँचाने में झोंक दी। जैसे ही राख–बग्गा तक सड़क खुली, उनकी बसें वहाँ तक पहुँचकर यात्रियों को सुरक्षित लेकर आईं। असल मायनों में सेवा वही है, जिसमें स्वार्थ न हो। संजीव सूरी ने यह सिद्ध किया है कि यदि हम किसी के लिए कुछ कर रहे हैं तो यह हमारा फर्ज है, न कि कोई अहसान। और जब सेवा निःस्वार्थ हो, तभी उसका असली मूल्य होता है। उन्होंने कभी प्रशंसा की चाह नहीं रखी, बल्कि लगातार कर्म को ही धर्म माना। चंबा में और भी संपन्न लोग हैं, लेकिन सबसे पहले और सबसे निरंतर सेवा का हाथ बढ़ाने वाला यह इंसान ही रहा है। आज संजीव सूरी उन सभी के लिए प्रेरणा बन गए हैं, जो समाज सेवा के मायने समझना चाहते हैं। उन्होंने दिखा दिया कि सच्चा धनी वही है, जिसके पास करुणा और संवेदनशीलता का खजाना हो। उनकी यह निस्वार्थ सेवा चंबा के इतिहास में दर्ज हो गई है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बन चुकी है।
Sanjeev Suri