27/01/2025
UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड में आज 27 जनवरी से लागू हो जाएगा समान नागरिक संहिता, जानिए कैसे और क्या बदलेगा।
उत्तराखंड में 27 जनवरी से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगी। उत्तराखंड को देश का पहला ऐसा राज्य आजादी के बाद। जहां लिंग, जाति और धर्म के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं होगा।
यूसीसी का उद्देश्य व्यक्तिगत कानूनों को सरल और सभी नागरिकों के लिए समान बनाना है। इसके तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और संपत्ति से जुड़े कानूनों को एक समान रूप दिया जाएगा। जिसका उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 मैं है।
क्या है यूसीसी का मतलब और असर?
समान नागरिक संहिता का मतलब है कि सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून लागू होगा, चाहे उनका धर्म, जाति या लिंग कुछ भी हो। यूसीसी लागू होने से:
विवाह और तलाक: विवाह अब केवल उन्हीं पक्षों के बीच होगा, जिनमें से कोई भी पहले से विवाहित न हो। पुरुष की न्यूनतम आयु 21 वर्ष और महिला की 18 वर्ष होनी चाहिए।
उत्तराधिकार और विरासत: संपत्ति और उत्तराधिकार के मामलों में सभी धर्मों के लिए समान नियम होंगे।
विवाह पंजीकरण अनिवार्य: अधिनियम के तहत विवाह का पंजीकरण अनिवार्य होगा। नए विवाहों को 60 दिनों के भीतर पंजीकृत कराना होगा। तथा 26 मार्च 2010 के बाद हुए सभी विवाह का पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। जिसके लिए तय समय नियत रहेगा।
संपत्ति विवादों का समाधान: वसीयत और उत्तराधिकार से जुड़े विवादों का निपटारा एक समान कानून के तहत होगा।
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप का रजिस्ट्रेशन कराना कपल के लिए अनिवार्य होगा। तथा दोनों की सहमति पर ही रजिस्ट्रेशन की निरस्त किया जाएगा।
किन्हें मिलेगा छूट का लाभ?
यूसीसी उत्तराखंड के सभी निवासियों पर लागू होगी, लेकिन कुछ खास श्रेणियों, जैसे अनुसूचित जनजातियों और संरक्षित समुदायों को इससे छूट दी गई है।
राज्य से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के निवासियों को भी यह कानून मानना होगा।
क्यों है यह कदम ऐतिहासिक?
समान नागरिक संहिता लागू करना समाज में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास है। यह कदम खासकर महिलाओं और कमजोर वर्गों के लिए लाभकारी साबित होगा। उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने से सभी नागरिकों को एक समान कानून के तहत न्याय और अधिकार मिलेंगे।
समान नागरिक संहिता के सम्बन्ध मैं आम नागरिकों की सुविधा और जानकारी हेतु आगे भी लेख जारी रहेगा........
डॉ एच एस बिष्ट ( सब-रजिस्ट्रार UCC )