Ayurvedic health tips by Dr. Rana

Ayurvedic health tips by Dr. Rana आयुर्वेदिक दवाईयों से सभी बीमारी का इलाज किया जाता है।

डायबिटीज रोगी भी ले सकते हैं बेहतर सेक्स जीवन का आनंद, याद रखें ये 5 सेक्स टिप्सडायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। पर य...
08/11/2023

डायबिटीज रोगी भी ले सकते हैं बेहतर सेक्स जीवन का आनंद, याद रखें ये 5 सेक्स टिप्स

डायबिटीज एक लाइफस्टाइल डिसऑर्डर है। पर यह इतना गंभीर है कि आपके समग्र स्वास्थ्य को खोखला कर देता है। यकीनन सेक्स लाइफ पर भी इसका असर पड़ता है। पर इसका यह अर्थ नहीं है कि इसे मैनेज नहीं किया जा सकता।

डायबिटीज शरीर और मन दोनों को प्रभावित करती है। बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल आपकी क्षमता, त्वचा और लुब्रिकेशन को भी प्रभावित कर सकता है। विशेषज्ञ और शोध भी यह बताते हैं कि एक मधुमेह रोगी के लिए सेक्स लाइफ को एन्जॉय कर पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। पर इसका यह अर्थ नहीं है कि आपकी सेक्स लाइफ पूरी तरह खत्म हो गई है। डायबिटीज के साथ भी आप अपने यौन जीवन को बेहतर बनाए रख सकते हैं। हेल्थ शॉट्स पर हम वे टिप्स (sexual tips for diabetes in hindi) साझा कर रहे हैं, जिन्हें आजमा कर मधुमेह रोगी भी यौन जीवन का आनंद (sexual pleasure) ले सकते हैं।

समझिए क्या होता है हाई ब्लड शुगर का सेक्स लाइफ पर असर
अमेरिकन डायबिटिक एसोसिएशन के अनुसार, यदि आपका लंबे समय से बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल है, तो यह नसों (Nerves) और रक्त वाहिकाओं (Blood Vessels) को नुकसान पहुंचा सकता है। ब्लड सर्कुलेशन सही नहीं होने के कारण महिलाओं में योनि का सूखापन (Va**nal dryness) और दर्दनाक सेक्स भी हो सकता है। नर्व डैमेज होने के कारण ब्लड फ्लो कम हो पाता है। इसके कारण हार्मोनल परिवर्तन भी हो सकते हैं। इन सभी कारणों से डायबिटिक पेशेंट गर्भावस्था या रजोनिवृत्ति के दौरान अधिक समस्याओं का सामना कर सकते हैं।

अच्छी सेक्स लाइफ के लिए मधुमेह रोगियों को याद रखनी चाहिए ये 5 जरूरी बातें

1 पीएच लेवल की करें जांच (PH Level)

सेक्स मेडिकल रिव्यु जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल योनि के पीएच संतुलन को खराब कर सकता है। इससे योनि संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। जब पीएच बढ़ जाता है, तो योनि में स्वस्थ लैक्टोबैसिली जीवित नहीं रह सकता है। इससे बैक्टीरियल वेजिनोसिस की संभावना बढ़ जाती है। बैक्टीरिया को संतुलन में बनाये रखने के लिए गायनेकोलोजिस्ट की सलाह पर सही जेल सप्ताह में दो बार लगायें। यह मॉइस्चराइज़र के रूप में भी काम करता है।

2 . टेस्टोस्टेरोन बढ़ाने वाला हो आहार (add foods to increase testosterone level)

रीप्रोडक्टिव बायोलोजी एंड एंडोक्रिनोलोजी जर्नल के अनुसार, डायबिटीज के कारण ब्लड फ्लो प्रभावित हो जाता है। इससे लो लिबिडो की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए अपने आहार में ऐसे खाद्य पदार्थ शामिल करें, जो सेक्स ड्राइव पर सकारात्मक प्रभाव डालते हों। जिंक के स्रोत वाले फ़ूड टेस्टोस्टेरोन उत्पादन में मदद करते हैं और सेक्स ड्राइव भी बढ़ाने में मदद करते हैं। फिश, सी फ़ूड के अलावा, साबुत अनाज, अनार, एवोकाडो, बेरी, नट्स भी जिंक से भरपूर होते हैं।

3 ग्लूकोज लेवल पर नियन्त्रण रखें (Glucose level)
रीप्रोडक्टिव बायोलोजी एंड एंडोक्रिनोलोजी जर्नल के अनुसार, ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने पर ब्लड वेसल्स की रक्षा होती है। नर्वस की क्षति को रोकने में मदद मिलती है। इससे योनि भी संक्रमण मुक्त रहती है। इसके लिए कैलोरी इंटेक और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फ़ूड को शामिल करना जरूरी है। कम भोजन लेने से अग्न्याशय में अतिरिक्त वसा नष्ट होती है, जो इंसुलिन उत्पादन को रोकता है।

4 शुगर फ्री लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें (Sugar Free Lubricant)
यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोचेस्टर जर्नल के अनुसार, मधुमेह रोगियों को लुब्रिकेंट का चुनाव करते समय विशेष सावधानी बरतनी पड़ती (sexual tips for diabetes in hindi) है। कुछ लुब्रिकेंट में ग्लिसरीन और प्रोपलीन ग्लाइकोल जैसे चीनी के रूप होते हैं। ये योनि के पीएच पर बुरा प्रभाव डालते हैं। इससे यीस्ट इन्फेक्शन ट्रिगर हो सकता है। शुगर के मरीज के लिए सिलिकॉन आधारित लुब्रिकेंट का चुनाव सही होता है

5 अपने शरीर से प्यार करें (accept and Love yourself)
यूनिवर्सिटी ऑफ़ रोचेस्टर जर्नल के अनुसार, यदि मोटापा है, तो वजन कम करने की कोशिश करें। बैलेंस डाइट और नियमित योग और एक्सरसाइज इसमें मदद कर सकते हैं। पर्याप्त नींद लें। रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में नींद की भूमिका अहम है। नियमित रूप से रात में 6 घंटे से कम नींद लेने से लोगों में रक्त शर्करा के स्तर में वृद्धि होने की संभावना तीन गुना अधिक हो जाती है। यदि आप डायबिटिक हैं और किसी दिन सेक्स की इच्छा नहीं हो रही है, तो इस क्रिया में शामिल नहीं हों। यह समस्या को और अधिक बढ़ा सकता है। यदि समस्या चुनौतीपूर्ण है, तो किसी सेक्स एक्सपर्ट से अवश्य मिलें।

4 कारणों से ज्यादातर महिलाएं पसंद करती हैं पीरियड सेक्स, जानिए इसे सेफ और आनंददायक बनाने के उपायपीरियड सेक्स को अधिकतर म...
07/11/2023

4 कारणों से ज्यादातर महिलाएं पसंद करती हैं पीरियड सेक्स, जानिए इसे सेफ और आनंददायक बनाने के उपाय

पीरियड सेक्स को अधिकतर महिलाएं पसंद करती हैं। जानते हैं महावारी के दौरान सेक्स करने के फायदे और इसे सुरक्षात्मक तरीके से करने की टिप्स।

जानिए पीरियडस के दौरान सेक्स करने के ये फायदे

1. ल्यूब्रीकेशन की आवश्यकता नहीं

पीरियड् साइकिल के चलते आपको किसी प्रकार आर्टिफिशियल लुब्रिकेशन की आवश्यकता नहीं रहती है। दरअसल, इस दौरान होने वाले डिसचार्ज ल्यूब्रिकेंट का काम करता है, जिससे इंटरकोर्स के समय कंफर्ट फील होने लगता है। सेक्स से लोअर एबडोमन में महसूस होने वाले क्रैमप्स से भी राहत मिल जाती है।

2. तनाव से मुक्ति

पीरियड आरंभ होने की चिंता कई दिन पहले से ही हमें घेर लेती है। कपड़ों पर स्पॉट लगने की टेंशन से हम कुछ समय पहले से ही सतर्क रहने लगते हैं। पीरियड के दौरान होने वाला दर्द और ब्लीडिंग कई बार डिस्कंफर्ट का कारण बन जाती है। ऐसे में इस दौरान बहुत सी महिलाएं तनाव और मूढ सि्ंवग होने की परेशानी से घिरी रहती है। ऐसे में सेक्स करते वक्त शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन की मात्रा बढ़ने लगता है, जो दिमाग में जाकर हमारे अंदर ऑर्गेज्म का एहसास बढ़ाता है, जिससे तनाव खुद ब खुद दूर हो जाता है।

3.लिबिडो बढ़ जाती है

महावारी के समय शरीर में लिबिडो बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। दरअसल, शरीर से होने वाले डिसचार्ज के कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा अपने आप गिर जाती है। ऐसे समय में टेस्टोस्टेरॉन हार्मोन का लेवल फ्लकचुएट होने लगता है। जो इसका मुख्य कारण साबित होता है। विशेषज्ञ के मुताबिक पीरियड्स के दिनों में सब कुछ मैसी लगने लगता है। मगर हार्मोनल बदलावा सेक्स ड्राइव को बढ़ाने का काम करता है।

4. कम होता है प्रेगनेंसी का चांस

पीरियड सेक्स के दौरान प्रेगनेंसी की संभावना काफी कम होती है। अक्सर लोग इसी के चलते महावारी के दौरान यौन संबध बनाते हैं। अगर वहीं आप चौथे या पांचवे दिन सेक्स कर रहे हैं, तो ऐसी स्थिति में सावधान रहने की ज़रूरत रहती है। दरअसल, महिला के शरीर में स्पर्म 72 घंटों तक जीवित रहती है। ऐसे में अगर आप बिना प्रोटेक्शन के सेक्स करते हैं, तो प्रेगनेंसी का खतरा रहता है।

पीरियड सेक्स को आसान बनाने के लिए इन टिप्स को अपनाएं

इस दौरान सेक्स के लिए आरामदायक पोज़िशन्स को ही चुनें। महावारी में ब्लीडिंग के चलते खुद को टफ पोज़िशन में डालने से बचें।

मासिक धर्म के चलते सेक्स करने से संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है। ऐसे में प्रोटेक्शन का पूरा ख्याल रखें। कण्डोम इस्तेमाल करने से इंटरकोर्स के दौरान इजेक्यूलेशन में आसानी होती है और सेक्स मैसी होने से बच जाता है।

सेक्स करने से पहले बेड पर तौलिए को ज़रूर बिछाएं। इस दौरान डिस्चार्ज कई बार आपके पार्टनर के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसके अलावा अपने पास टीशू रोल भी रखें। ताकि ब्लीडिंग बढ़ने पर आप उसका प्रयोग कर सकें।

इस दौरान किसी भी प्रकार के अनहाइजीन से बचने के लिए शावर सेक्स भी एक बेहतर विकल्प है। इससे न केवल आप तनाव को रिलीज़ कर पाते हैं, बल्कि प्रोटेक्शन की भी चिंता कम रहती है।

अगर अनप्रोटेक्टेड सेक्स किया है तेा डॉक्टर की सलाह से पिल्स लेना न भूलें। कई बार पीरियड सेक्स के दौरान भी गर्भधारण का खतरा बना रहता है।

Va**nal Swelling : इन 6 कारणों से हो सकती है योनि में सूजन, लापरवाही करना पड़ सकता है भारीयाेनि आपके शरीर का एक संवेदनशी...
02/11/2023

Va**nal Swelling : इन 6 कारणों से हो सकती है योनि में सूजन, लापरवाही करना पड़ सकता है भारी

याेनि आपके शरीर का एक संवेदनशील हिस्सा है। उम्र के साथ होने वाले बदलावों के अलावा आपकी जीवनशैली, रिलेशनशिप और सेक्स करने का तरीका भी इसे प्रभावित करता है। इसलिए जरूरी है आप इसके प्रति संवेदनशील रहें।

कई वजह से योनि में सूजन (Va**nal Swelling) हो सकती है। योनि की सूजन यौन उत्तेजना या गर्भावस्था की स्वाभाविक प्रतिक्रिया भी हो सकती है। योनि की सूजन जलन, एलर्जी या फिर सेक्स के समय किसी प्रकार का ट्रॉमा होने पर भी हो सकती है। कभी-कभी यौन संचारित संक्रमण सहित कई दूसरे संक्रमण के कारण भी हो सकता है। एक्सपर्ट बताती हैं कि किसी भी कारण से हुए योनि सूजन (Va**nal Swelling) का उपचार समय पर करा लेना जरूरी है।

इन कारणों से हो हो सकती है योनि में सूजन और इनके उपचार (Va**nal Swelling Causes and Treatment)

1 एलर्जी (Allergy)

एलर्जी एक असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है, जिसमें शरीर किसी भी प्रकार के ट्रिगर के जवाब में इम्युनोग्लोबुलिन ई एंटीबॉडी जारी करता है। इसे एलर्जेन के रूप में जाना जाता है। यह हिस्टामाइन रसायन के सीक्रेशन को उत्तेजित करता है। यह सीधे तौर पर दाने, सूजन, रेडनेस और खुजली जैसे एलर्जी के लक्षणों का कारण बनता है।योनि में सूजन सुगंधित साबुन, योनि को धोने, सैनिटरी पैड और टैम्पोन प्रयोग, स्किन क्रीम और लोशन, लुब्रिकेंट, लेटेक्स कंडोम, गर्भनिरोधक आदि जैसे कारकों के सम्पर्क में आने से हो सकता है। हल्के मामलों का इलाज क्लैरिटिन और ज़िरटेक जैसे एंटीहिस्टामाइन से किया जा सकता है। ये हिस्टामाइन की क्रिया को रोकते हैं। सूजन को कम करने के लिए हाइड्रोकार्टिसोन जैसी हल्की स्टेरॉयड क्रीम (Va**nal Treatment) भी लगाई जा सकती है।

2 जलन (Irritation)

इसके कारण योनि के ऊतकों में सूजन हो सकती है। यह स्तिथि जलन पैदा करने वाले पदार्थों के संपर्क में आने पर होता है। सूजन एंटीहिस्टामाइन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील होने पर भी हो सकती है। लक्षणों को कम करने (Va**nal Treatment) में मदद के लिए हल्के हाइड्रोकार्टिसोन क्रीम या गाइनोर्म जैसी वैजाइनल क्रीम दी जा सकती है।

3 फोर्सफुल या अनचाहा इंटरकोर्स (Va**nal Trauma)

योनि के ऊतक नाजुक होते हैं। यदि गलत तरीके यानी लूब्रिकेशन के अभाव में सेक्स या लंबे समय तक या जबरदस्ती इंटरकोर्स किया जाता है, तो यह कारण बन सकता है। बड़े सेक्स टॉय का उपयोग भी आघात का कारण बन सकता है। दर्द को कम करने के लिए योनि को सुन्न करने वाली क्रीम (Va**nal Treatment) का प्रयोग किया जा सकता है। किसी भी प्रकार के ट्रॉमा से बचने के लिए आप स्वयं कदम उठा सकती हैं।

4 यीस्ट संक्रमण (Yeast Infection)

यीस्ट संक्रमण (Yeast Candidiasis) योनि में सामान्य रूप से पाए जाने वाले कैंडिडा अल्बिकन्स यीस्ट की अत्यधिक वृद्धि के कारण होता है। प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होने पर फंगस अत्यधिक बढ़ने लगता है। योनि कैंडिडिआसिस के कारण योनि में सूजन और लालिमा, पेशाब करते समय दर्द, योनि में खुजली और दुर्गंध के साथ वाइट सीक्रेशन भी होता है।

हार्मोनल परिवर्तन जैसे गर्भावस्था, पीरियड और हार्मोनल गर्भ निरोधकों के उपयोग के कारण हो सकता है। एंटीबायोटिक्स और मधुमेह भी जोखिम कारक हैं। यीस्ट संक्रमण के उपचार में एंटीफंगल क्रीम प्रभावी हैं। गंभीर मामलों के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन वाली एंटीफंगल दवाएं(Va**nal Treatment) ली जा सकती है। बैक्टीरियल वेजिनोसिस के कारण भी सूजन हो सकती है।

5 यौन संचरित संक्रमण (Sexually Transmitted Infection)

कई यौन संचारित संक्रमण (STI) योनि में जलन और सूजन का कारण बन सकते हैं। ये चकत्ते, छाले या घाव का कारण बनते हैं। इसके कारण दर्द, पेशाब करते समय दर्द, सेक्स करते समय दर्द होता है। असामान्य योनि स्राव होता है और कमर में लिम्फ नोड्स में सूजन होती है।

क्लैमाइडिया, माइकोप्लाज्मा जेनिटलियम, सिफलिस, ट्राइकोमोनिएसिस, गोनोरिया जैसे बैक्टीरियल एसटीआई का उचित एंटीबायोटिक से इलाज किया जा सकता है। ट्राइकोमोनिएसिस एक पैरासाइट संक्रमण है, जिसे एंटीबायोटिक दवा मेट्रोनिडाजोल से ठीक किया जा सकता है। हर्पीस सिंप्लेक्स वायरस के कारण होने वाले योनि सूजन का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसे एंटीवायरल दवाओं से प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है।

6 गर्भावस्था (Pregnancy)

गर्भावस्था के दौरान योनि में सूजन आम है। बढ़ते भ्रूण को सहारा देने के लिए गर्भाशय में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। जैसे-जैसे भ्रूण बढ़ता है, गर्भ के भीतर बढ़ता दबाव रक्त वाहिकाओं के माध्यम से और लिम्फ वाहिकाओं के माध्यम से प्रवाह को बाधित कर सकता है। इससे योनि में सूजन और सूजन हो सकती है। ओवर-द-काउंटर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Va**nal Treatment) का उपयोग सूजन और दर्द से राहत के लिए लिया जा सकता है। ठंडी सिकाई से भी मदद मिल सकती है। सिस्ट और फोड़े के कारण भी सूजन हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

अच्छा नहीं महिलाओं के लिए ज्यादा सेक्स, बार-बार इंटरकोर्स से होने लगती है ये समस्याएंपार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मजबूत...
31/10/2023

अच्छा नहीं महिलाओं के लिए ज्यादा सेक्स, बार-बार इंटरकोर्स से होने लगती है ये समस्याएं

पार्टनर के साथ अपने रिश्ते को मजबूत बनाए रखने के लिए इमोशनल सेटिस्फेक्शन के साथ फिजिकल सेटिस्फेक्शन की भी जरूरत होती है, जो सेक्सुअल एक्टिविटी से संभव होता है। लेकिन इसकी अधिकता से बचना चाहिए। ऐसा क्यों है इसे आप महिलाओं में ज्यादा सेक्स के कारण होने वाली समस्याओं की मदद से समझ सकते हैं।

सेक्स जीवन का एक अहम हिस्सा है। शरीर में कुछ ऐसे हार्मोन होते हैं, जो इसके लिए उत्तेजना को बढ़ाते हैं। सबके शरीर में इसका स्तर अलग-अलग हो सकता है। इसलिए कुछ लोगों में सेक्स करने की ज्यादा इच्छा होती है। लेकिन आपको पता होना चाहिए कि आपकी फीमेल बॉडी पर इसका क्या असर होता है।

एक दिन में ज्यादा बार सेक्स करने ऐसा कोई गंभीर खतरा नहीं होता है। कितनी बार सेक्स करना चाहिए इसकी कोई सीमा नहीं है, लेकिन हर व्यक्ति कि कुछ शारीरिक सीमाएं होती है जो कुछ ऐसी परेशानियों को जन्म दे सकता है जिससे बॉडी कई दिनों तक असहज महसूस करे। यहां आप ऐसी ही कुछ परेशानियों के बारे में जान सकते हैं, जिसका सामना महिलाओं को आमतौर पर ज्यादा सेक्स के कारण करना पड़ जाता है।

वेजाइनल ड्राईनेस

लंबे समय तक फॉरप्ले और पेनेट्रेसन सेक्स से वेजाइना का नेचुरल ल्यूब खत्म होने लगता है। क्योंकि ज्यादा सेक्स करने के बाद बॉडी में चिकनाई पैदा करने की क्षमता नहीं बच जाती है। ऐसे में सेक्स बहुत ही दर्दनाक हो जाता है। यह एक संकेत भी है कि आपको सेक्स से थोड़ा ब्रेक लेने की जरूरत है।

योनि में सूजन

ज्यादा यौन उत्तेजना से योनि में सूजन आ जाता है, जिससे सेक्स करने में बहुत दर्द का अहसास होता है। ऐसे में बेहतर यही है कि जब भी सेक्स के दौरान दर्द हो तो तुरंत इससे दूरी बना लें, और बॉडी को रिकवर होने का समय दें।

यूटीआई

ज्यादा सेक्स करने से महिलाओं के ब्लेडर और वजाइना में इंफेक्शन का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि इससे योनि का नेचुरल पीएच लेवल बिगड़ने लगता है। ऐसे में यदि आपको सेक्स के बाद पेशाब करने में जलन हो, या अच्छे से पेशाब ना हो, गंध आए, खुजली हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

नियमित रूप से सेक्स नहीं करने पर हो सकती हैं ये समस्याएंनियमित सेक्स सुनिश्चित करता है कि आपको दिल के दौरे सहित हृदय रोग...
26/10/2023

नियमित रूप से सेक्स नहीं करने पर हो सकती हैं ये समस्याएं

नियमित सेक्स सुनिश्चित करता है कि आपको दिल के दौरे सहित हृदय रोगों का खतरा कम हो। लेकिन किसी भी तरह, मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभावों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है जो नियमित सेक्स न करने के कारण हो सकते हैं।

जहां नियमित रूप से सेक्स करने के कई स्वास्थ्य लाभ हैं, वहीं सेक्स की कमी से आपको कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। हम सभी ने सेक्स के बारे में सुना है जो कैलोरी बर्न करने, मूड को बेहतर बनाने, आपकी त्वचा और बालों के लिए अद्भुत काम करने आदि के लिए बहुत अच्छा है।

इसके अलावा, नियमित सेक्स सुनिश्चित करता है कि आपको दिल के दौरे सहित हृदय रोगों का खतरा कम हो। लेकिन किसी भी तरह, मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभावों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है जो नियमित सेक्स न करने के कारण हो सकते हैं। यह वास्तव में काफी दुष्चक्र है। आप जितना कम सेक्स करेंगे, आपका शरीर उतना ही कम चाहता है। अध्ययनों के अनुसार, जब आप पर्याप्त सेक्स नहीं करते हैं, तो आपका शरीर आवश्यक हार्मोन का उत्पादन नहीं करता है। आइए, जानते हैं सेक्स न करने से हमारे स्वास्थ पर इसका क्या असर पड़ता है?

सेक्स विभिन्न एंटीबॉडी का उत्पादन करता है जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है; जिससे आपको एलर्जी, सर्दी और फ्लू से लड़ने में मदद मिलती है।

पीएमएस के दौरान बढ़ा हुआ दर्द

शरीर में टेस्टोस्टेरोन और एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करके, सेक्स शरीर में हार्मोनल स्तर को बनाए रखने का काम करता है। और जब महिलाएं लंबे समय तक बिना सेक्स के रहती हैं, तो अत्यधिक एस्ट्रोजन का उपयोग नहीं हो पाता है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक दर्दनाक ऐंठन होती है।

उच्च रक्त चाप (हाई ब्लड प्रेशर)

चूंकि यह अपने तनाव कम करने वाले प्रभावों के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए सेक्स की कमी का उल्टा प्रभाव हो सकता है जिसके परिणामस्वरूप रक्तचाप या उच्च रक्तचाप में वृद्धि हो सकती है।

प्रोस्टेट कैंसर

अध्ययनों के अनुसार, जितने अधिक यौन सक्रिय पुरुष होते हैं, उनकी प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर होने की संभावना उतनी ही कम होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जब पुरुष स्खलन करते हैं, तो वे अपने प्रोस्टेट से विशेष रूप से हानिकारक कणों को खाली कर देते हैं।

तनाव और चिंता

व्यायाम की तरह सेक्स भी एंडोर्फिन (हैप्पी हार्मोन) और ऑक्सीटोसिन जारी करता है जो आपको भारी परिस्थितियों से निपटने में मदद करता है। और जब आप सेक्स नहीं कर रहे होते हैं, तो अध्ययन बताते हैं कि आपको अत्यधिक चिंता से पीड़ित होने का बहुत अधिक जोखिम है।

नींद की कमी

अध्ययनों के अनुसार, सेक्स करने से हार्मोन प्रोलैक्टिन रिलीज होता है जो नींद में मदद करता है। और जब आप सेक्स नहीं कर रहे होते हैं, तो आपको इतनी आसानी से नींद नहीं आएगी।

नपुंसकता

जब एक लिंग नियमित रूप से इरेक्शन नहीं करता है, तो पुरुष के पर्याप्त सेक्स न करने के कारण यह मांसपेशियों को धीमा कर सकता है या उन्हें कमजोर कर सकता है। कई अध्ययनों ने यह साबित कर दिया है कि जो पुरुष बिना संभोग के लंबे समय तक चलते हैं, उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन विकसित होने की संभावना सबसे अधिक होती है।

कमजोर योनि दीवारें

बढ़ी हुई यौन गतिविधि एक महिला की योनि में रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है और जब वह पर्याप्त सेक्स नहीं करती है, तो योनि की दीवारों के ऊतक (टिशू) सूख जाते हैं और कमजोर हो जाते हैं, जिससे यह ढीले और पतले हो जाते हैं!

शारीरिक संबंध बनाने से महिलाओं में होते हैं ये बदलाव, रंग, हॉर्मोन, नींद पर पड़ता है असरFemale Body Change After Sexual:...
24/10/2023

शारीरिक संबंध बनाने से महिलाओं में होते हैं ये बदलाव, रंग, हॉर्मोन, नींद पर पड़ता है असर

Female Body Change After Sexual: सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं. इन्हें लेकर चिंता की नहीं, जानकारी की जरूरत है

फिर जब बात महिलाओं की इच्छा और जरूरत की आती है तो भारतीय समाज में इसके बारे में बात करना और भी ज्यादा निषेध या वर्जित हो जाता है. बेशक महिलाएं खुलकर बात नहीं कर पाती हैं, लेकिन उन्हें ये जानना जरूरी है कि सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद उनके शरीर में क्या बदलाव आते हैं.

खुशी का एहसास (Feeling of Happiness)

जब आप पूरे मन से अपने शरीर को सेक्स के लिए तैयार करते हैं तब सेक्स का अनुभव बेहद खुशी भरा होता है. दरअसल सेक्स के दौरान शरीर में हैप्‍पी हार्मोन जैसे सेरोटोनिन, एंडोर्फिन और ऑक्सीटोसिन रिलीज होते हैं. इनकी वजह से दिमाग को हल्का और तनावमुक्त महसूस होता है. जब सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म मिलता है तब यह संभावना और बढ़ जाती है और इसका अहसास भी काफी सुखद होता है.

मीठी नींद और तनाव गायब

कई रिसर्च यह भी बताती हैं कि जो महिलाएं सेक्सुअली एक्टिव होती हैं उनमें तनाव का स्तर काफी कम होता है. यही नहीं कई महिला व पुरुषों को सेक्स के बाद गहरी और अच्छी नींद भी आती है. इसकी वजह ये है कि सेक्सुअल रिलेशन बनाने के बाद शरीर में हार्ट रेट और बीपी नॉर्मल होने लगता है. इससे पूरे शरीर को रिलैक्स महसूस होता है और थकान व तनाव भूलकर नींद आने लगती है.

चेहरे पर ग्लो

प्यार में इंसान वैसे भी खूबसूरत हो ही जाता है. इस पर कितने ही गाने बने हैं और कितनी ही कहावतें. यह बात तब और भी ज्यादा सच हो जाती है जब ये प्यार मन से तन की खुशी तक पहुंच जाता है. कई अध्ययनों में यह सामने आया है कि सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद महिलाओं के चेहरे पर एक अलग ही ग्लो आने लगता है.

स्तनों में कसाव

रिसर्च बताती हैं कि सेक्स के बाद स्तनों का आकार मूल आकार से 25 प्रतिशत कर बड़ा हो सकता है. सेक्स के दौरान पैदा हुई उत्तेजना की वजह से स्तनों में पहले से ज्यादा कसाव भी पैदा हो जाता है. कितना कसाव होगा यह उत्तेजना के स्तर पर निर्भर करता है. दरअसल सेक्स के दौरान तंत्रिका तंत्र में पैदा हुई उत्तेजना की वजह से रक्त वहिकाओं में रक्त तेजी से फ्लो होता है, जिसकी वजह से स्तनों में सूजन आती है. इससे उनमें कसावट होती है और आकार भी बड़ा हो जाता है.

पीरियड्स में बदलाव

अगर आप पीरियड्स की डेट नोट करके रखती हैं और सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद आपकी ये डेट मिस हो गई है, तो घबराने की जरूरत नहीं है. अक्सर सेक्सुअली एक्टिव होने के बाद शरीर के हार्मोंस में कई सारे बदलाव होते हैं. इसकी वजब से मासिक धर्म अनियमित हो सकते हैं. हालांकि ज्यादा देरी होने पर प्रेगनेंसी टेस्ट जरूर कर लें.

कूल्हे के आकार का बढ़ना

सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं के हिप्स का आकार भी स्तनों की तरह ही बढ़ने लगता है. ऐसा होना सामान्य है, लेकिन हर महिला या लड़की के साथ ऐसा होता ही है ये भी जरूरी नहीं है.

महिलाओं के गुप्तांग और सेक्सुअल लाइफ के लिए अमृत हैं ये फूड, रोज खाने से मिलता है फायदा ही फायदाज्यादातर महिलाएं अपने से...
23/10/2023

महिलाओं के गुप्तांग और सेक्सुअल लाइफ के लिए अमृत हैं ये फूड, रोज खाने से मिलता है फायदा ही फायदा

ज्यादातर महिलाएं अपने सेक्सुअल हेल्थ को नजरअंदाज करके रहती हैं। जिसका परिणाम उन्हें दर्दनाक शारीरिक संबंध या इसके बाद खराब अनुभव के रूप में भुगतना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप ऐसी गलती ना करें और वक्त पर इसे दुरुस्त रखने के लिए जरूरी कदम उठाएं।

गुप्तांग को साफ रखना ही इसकी सेहत के लिए काफी नहीं है। इसे स्वस्थ रखने, इंफेक्शन और खतरनाक बैक्टीरिया से बचाने के लिए कई पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। ध्यान रखें सेक्स लाइफ को इंजॉय करने के लिए आपके योनि का सेहतमंद रहना बहुत ही आवश्यक है। इसके बिना सेक्स आपके लिए दर्द से भरा अनुभव मात्र रह जाएगा। ऐसे में यहां हम आपको कुछ ऐसे फूड्स बता रहे हैं जिससे आप अपने वेजाइनल और सेक्सुअल हेल्थ को आसानी से दुरुस्त रख सकते हैं।

प्रोबायोटिक फूड्स

महिलाओं को नियमित रूप से प्रोबायोटिक फूड्स जैस दही, केफिर, किमची और अन्य फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों का सेवन करते रहना चाहिए। इससे गुप्तांग में माइक्रो ऑर्गेनिज्म बैलेंस रहता है।

लहसुन

योनी में बैक्टीरिया के संतुलन को बनाए रखने में लहसुन बहुत ही मददगार साबित होता है। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण के कारण लंबे समय से यीस्ट इंफेक्शन के उपचार के लिए इसका यूज किया जा रहा है।

शकरकंद

शकरकंद में बीटा-कैरोटीन अच्छी मात्रा में मौजूद होता है, जो बॉडी में जाकर विटामिन ए में बदलकर इसके फायदा पहुंचाता है। यह महिलाओं के गुप्तांग के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है। शकरकंद ही नहीं बल्कि जड़ वाली सभी सब्जियों का सेवन ही महिलाओं के लिए सेहतमंद है।

खट्टे फल

संतरे, नींबू जैसे खट्टे फलों में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में होता है। इसका सेवन महिलाओं के लिए बहुत जरूरी हैं, क्योंकि इससे बॉडी में कोलेजन बनता है जो योनी के टिश्यू को मजबूत बनाने, सूखेपन को रोकने के लिए जिम्मेदार होता है।

Dark Va**na : ये 5 DIY हैक्स आपके वेजाइना के गहरे रंग को हल्का करने में मदद करेंगेजब आप किसी से इंटीमेट होने की तैयारी क...
16/10/2023

Dark Va**na : ये 5 DIY हैक्स आपके वेजाइना के गहरे रंग को हल्का करने में मदद करेंगे

जब आप किसी से इंटीमेट होने की तैयारी करती हैं, तो यकीनन सबसे पहली नज़र उन अपने शरीर के उन हिस्सों पर जाती है, जिनका रंग आपके चेहरे और बाहरी हिस्सों की तुलना में गहरा है।

हमारे इंटीमेट क्षेत्र में डार्क स्किन एक ऐसी चीज है, जिससे हममें से ज्यादातर लोग अपने जीवन में किसी न किसी समय संघर्ष करते हैं। बाजार में उपलब्ध इंटीमेट हाइजीन प्रॉडक्ट्स आपके वेजाइनल एरिया को काला कर देते हैं और एलर्जी का कारण बनते हैं। इतना नहीं बालों को हटाने वाली क्रीम, तंग कपड़े, त्वचा में संक्रमण, उम्र का बढ़ना और मोटापा भी आपके वेजाइनल एरिया को काला कर सकते हैं। अगर आप इस हिस्से के गहरे रंग से परेशान हैं, तो हम आपके लिए लाए हैं ऐसे उपाय जिन्हें अपनाकर आप अपने इंटीमेट एरिया के गहरे रंग को हल्का बना सकती हैं।

आइए जानें कि कैसे आप अपने इंटीमेट एरिया के रंग को हल्का बना सकती हैं

1. दही
दही आपकी योनि के रंग को भी हल्का करेगा और आपकी इंटीमेट हाइजीन के लिए भी फायदेमंद है। बस 2 चम्मच ऑर्गेनिक दही लें और इसे एक चम्मच शहद के साथ मिक्स करके आधा चम्मच ओटमील पाउडर के साथ मिलाएं।

सबसे पहले एक पैच टेस्ट करें और पता करें कहीं आपको इससे कोई खुजली या जलन तो नहीं हो रही है। इसके बाद इसे अपनी योनि पर लगाएं, और कुछ देर तक सूखने के लिए रखें, उसके बाद इसे साफ पानी से धो लें।

2. शहद और नींबू
नींबू में विटामिन – C होता है, जो त्वचा से गंदगी हटाने का काम करता है और शहद त्वचा को कोमल बनाता है। एक चम्मच शहद के साथ नींबू का रस, थोड़ा पानी मिलाएं और योनि पर धीरे से लगाएं। इसे 3 से 5 मिनट तक लगा रहने दें और फिर धो लें। इसे गुनगुने पानी से धो लें।

3. अंडे की सफेदी
एक अंडे की सफेदी को तब तक फेंटें जब तक वह झागदार न हो जाए। योनि क्षेत्र पर पेस्ट को लगातार लगाएं। जब यह सूखने लगे तो ठंडे पानी से धो लें।

4. आलू
अपनी योनि को हल्का करने के लिए, आलू को काटकर योनि के चारों ओर एक गोलाकार गति में घुमाएं। आलू एक प्राकृतिक ब्लीच है जो प्रभावित क्षेत्र को हल्का करने में सक्षम है।

5. एलोवेरा जेल
एक कटोरी लें, उसमें 1 चम्मच एलोवेरा जेल और चुटकी भर हल्दी मिलाएं। पेस्ट को योनि क्षेत्र पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक बैठने दें। गुनगुने पानी से धोकर पोंछ लें। इस प्रक्रिया को दिन में 3 बार दोहराएं।

यह भी ध्यान रखें
इंटीमेट एरिया बहुत ही संवेदनशील होता है। ध्यान रहे कि इनमें से कोई भी सामग्री योनि के अंदर न जाए। इसके बावजूद इंटीमेट एरिया पर भी एलर्जी या इंफेक्शन से बचने के लिए आपको पहले पैच टेस्ट करने की सलाह दी जाती है।

क्या फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग होना नॉर्मल है?फिजिकल रिलेशन बनाना किसी भी महिला-पुरुष के लिए बेशक ए...
16/10/2023

क्या फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग होना नॉर्मल है?

फिजिकल रिलेशन बनाना किसी भी महिला-पुरुष के लिए बेशक एक अच्छी फीलिंग हो सकती है, लेकिन इसके बाद अगर आपको कोई दिक्कत महसूस हो, तो बिना हिचके उसके बारे में बात करनी चाहिए।

फिजिकल रिलेशन आपकी लव लाइफ और आपस की बॉन्डिंग को मजबूत बनाते हैं और सिर्फ रिप्रोडक्शन के लिए नहीं, बल्कि अन्य कारणों से भी ये जरूरी होते हैं। अक्सर महिलाओं के सेक्सुअल प्लेजर के बारे में बात नहीं की जाती है। सिर्फ इतना नहीं, फिजिकल रिलेशन बनाने या इसके बाद अगर महिलाओं को कोई दिक्कत होती है, तो वे उसके बारे में बात करने से भी बचती हैं। कई महिलाओं को फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग की समस्या होती है। क्या यह नॉर्मल है और यह किन कारणों से होती है?

क्या सेक्सुअल रिलेशन बनाने के बाद वेजाइना से ब्लीडिंग होना नॉर्मल है?

सेक्सुअल रिलेशन बनाने के बाद वेजाइना से होने वाली ब्लीडिंग को 'पोस्टकोइटल ब्लीडिंग' (Postcoital Bleeding) कहा जाता है। यह ब्लीडिंग हल्की और कई बार ज्यादा भी हो सकती है। कुछ महिलाओं को हल्की स्पॉटिंग होती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जिन पर आपको ध्या देना चाहिए।

मेंस्ट्रुएशन डेट के आस-पास होने पर भी कई बार ऐसा हो सकता है। इसलिए डॉक्टर के पास जाने से पहले एक बार अपनी पीरियड की डेट को चेक कर लें।

सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन या सेक्‍शुअली ट्रांसमिटेड डिसीज (STI) की वजह से भी कई बार ऐसा हो सकता है। फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद वेजाइना से ब्लड आने के बाद यीस्ट या अन्य वेजाइनल इंफेक्शन्स की वजह से होने वाला इंफ्लेमेशन भी हो सकता है। इसमें क्लैमाइडिया या गोनोरिया जैसी STI शामिल हैं।

रिलेशन बनाते समय वेजाइना का ड्राई होना भी, खून आने का एक कारण हो सकता है। अक्सर वेजाइनल लु्ब्रिकेशन के कम होने के कारण, वजाइना के एंट्रेस पर स्किन छिल सकती है। जिससे ब्लीडिंग हो सकती है।

अगर आपके मेनोपॉज का समय करीब है, तो भी सेक्सुअल रिलेशन के बाद वेजाइना से खून आ सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय पर एस्ट्रोजन की कमी के कारण, वेजाइना के टिश्यूज ड्राई और पतले हो जाते हैं।

जिन महिलाओं का बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) कम है, उनके साथ भी ऐसा हो सकता है।

कई बार प्रेग्नेंसी भी सेक्सुअल रिलेशन के बाद ब्लड आने का एक कारण हो सकती है। हालांकि, अगर आप प्रेग्नेंट हैं और वेजाइना से ब्लड आ रहा है, तो बिना देर किए डॉक्टरी सलाह लें।

सेक्सुअल रिलेशन बनाते समय दोनों पार्टनर्स का एक-दूसरे के बाद कम्फर्टेबल होना बहुत जरूरी है। कई बार अगर जल्दबाजी में रिलेश बनाए जाए तो भी वेजाइना से फ्रिक्शन हो सकता है और यह ब्लीडिंग का एक कारण हो सकता है।

कुछ महिलाओं में पहली बार सेक्सुअल रिलेशन बनाने के बाद ब्लीडिंग होती हैं। वहीं, कुछ में ऐसा नहीं होता है। दोनों ही बातें नॉर्मल हैं।

कई बार सर्विक्स की कुछ मेडिकल कंडीशन्स भी इसका कारण हो सकती हैं। इनमें सर्वाइकल कैंसर भी शामिल है।

टीनेज में कौन-कौन से बदलावों का होता है अनुभव, जानेंटीनेज में होने वाले बदलावों की वजह से शर्मिंदा महसूस ना करें, क्योंक...
08/10/2023

टीनेज में कौन-कौन से बदलावों का होता है अनुभव, जानें

टीनेज में होने वाले बदलावों की वजह से शर्मिंदा महसूस ना करें, क्योंकि यह चीज सामान्य है। हार्मोन्स के कारण टीनेज में कौन से बदलाव महसूस होते हैं, जानें।

टीनेज जीवन की वह अवस्था है, जिसमें गर्ल्स मैच्योर होने की तरफ कदम बढ़ाती हैं। लाइफ के क्या गोल्स होंगे और उन्हें चुनौतियों का सामना करते हुए कैसे हासिल किया जाएगा, इसकी पृष्ठभूमि टीनेज में ही तैयार होती है। इस उम्र में दुनिया जीत लेने का हौसला जाग जाता है, कुछ कर दिखाने का जुनून होता है, लेकिन टीनेज की अवस्था काफी चैलेंजिंग भी होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि, इस समय में शरीर में कई तरह के बदलाव आते हैं। अगर आप अपनी टीनेज में हैं और किसी तरह की उलझन में फंसी हुई हैं, तो परेशान ना हों। टीनेज में ऐसा होना बहुत नेचुरल है और यह सभी के साथ होता है। इस अवस्था में शारीरिक से लेकर इमोशनल लेवल तक, हर स्तर पर कई तरह के बदलावों का सामना करना पड़ता है। यह सबकुछ हार्मोन्स में होने वाले बदलाव की वजह से होता है। Puberty यानी युवावस्था में शरीर में अचानक हार्मोन्स का स्राव बढ़ जाता है। आमतौर पर puberty की शुरुआत 8 साल से हो जाती है और 10-11 साल में बदलावों का अनुभव होने लगता है। इस अवस्था में ओवरी का आकार बड़ा होने लगता है और शरीर से प्रमुख रूप से दो हार्मोन्स, oestrogen और progesterone का स्राव होने लगता है।

हार्मोन्स का प्रजनन अंगों पर होता है ये असर

हार्मोन्स के प्रभाव के कारण इस उम्र में ब्रेस्ट का आकार बड़ा होने लगता है और निप्पल का साइज भी बढ़ जाता है। हार्मोन्स के प्रभाव से वैजाइना, फेलोपियन ट्यूब्स और यूट्रस विकसित हो जाते हैं। इस उम्र में mucosal secretion के कारण वैजाइनल डिस्चार्ज भी बढ़ जाता है। इसी उम्र में पीरियड्स की शुरुआत भी हो जाती है और हार्मोन्स से मैन्सट्रुअल साइकिल (पीरियड्स का मासिक चक्र) भी नियंत्रित होती है।

शारीरिक बदलाव

टीनेज में शरीर में भी काफी बदलाव आते हैं। इस उम्र में अचानक लंबाई बढ़ जाती है। इस समय में शरीर में फैट डिपोजिट भी बढ़ जाता है। खासतौर पर पेट और हिप्स के हिस्से में फैट ज्यादा डिपोजिट होता है। इस उम्र में शरीर ज्यादा मजबूत और हैवी हो जाता है।

कील-मुंहासों की हो जाती है समस्या

इस उम्र में sebaceous glands से ऑयल का स्राव ज्यादा होता है। इसके कारण चेहरा और त्वचा, दोनों ऑयली हो जाते हैं। इसके प्रभाव से कील-मुंहासे की समस्या हो जाती है। इस अवस्था में पसीना भी ज्यादा आता है और यह पूरी तरह से सामान्य है।

नजर आती है बालों की ग्रोथ

टीनेज में वैजाइना के पास हेयर ग्रोथ हो जाती है। कई बार बालों की ग्रोथ पेट के हिस्से तक भी बढ़ जाती है। शुरुआत में बाल छोटे और सॉफ्ट होते हैं, लेकिन बाद में ये मोटे और घने हो जाते हैं। इसके अलावा अंडरआर्म्स, हाथ और पैरों में भी बालों की ग्रोथ बढ़ जाती है।

हार्मोन के प्रभाव के कारण अचानक मूड में बदलाव देखने को मिलता है। इस अवस्था में मूड स्वींग्स और इमोशन्स में बदलाव होना बहुत आम है। मुमकिन है कि इस उम्र में आपको अचानक बहुत एक्साइटमेंट होने लगे और वहीं कुछ देर बाद आप बहुत ज्यादा दुखी हो जाएं। इस उम्र में सेक्शुअल फीलिंग्स भी बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं, जिसकी वजह से मन में कई तरह की फैंटसी आती हैं।

आपको यह समझने की जरूरत है कि इस उम्र में होने वाले बदलाव बहुत नेचुरल हैं और ये हार्मोन्स की वजह से महसूस होते हैं। शरीर में होने वाले बदलावों की वजह से आपको शर्मिंदा महसूस होने की जरूरत नहीं है। हालांकि अगर आपको परेशानी महसूस हो तो आप इस पर अपने परिवार वालों से सलाह ले सकती हैं।

Va**nal Discharge: क्या सिर्फ इंफेक्शन का संकेत होता है वेजाइनल डिस्चार्ज? जानेंवेजाइना से होने वाले डिस्चार्ज को अक्सर ...
05/10/2023

Va**nal Discharge: क्या सिर्फ इंफेक्शन का संकेत होता है वेजाइनल डिस्चार्ज? जानें

वेजाइना से होने वाले डिस्चार्ज को अक्सर सिर्फ इंफेक्शन का संकेत माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि इसका रंग, थिकनेस और स्मेल आपको बहुत कुछ बताती है।

Va**nal Hygiene: अपने शरीर का साफ-सुथरा रख आप इसे कई बीमारियों से बचा सकते हैं। खासतौर पर इंटिमेट एरिया की सफाई पर खास ध्यान रखना चाहिए। वेजाइना को सही तरह से साफ न करने से से कई इंफेक्शन्स आपको घेर सकते हैं। पीरियड्स में पैड्स सही समय पर बदलना, सही मैटेरियल की पेंटी पहनना,वजाइना को सही से साफ करना, ऐसे कई कारण हैं, जो वजाइनल हेल्थ पर असर डालते हैं। वजाइना से होने वाला डिस्चार्ज अक्सर महिलाओं को परेशान करता है और वे इसे किसी इंफेक्शन का संकेत मान लेती हैं। लेकिन क्या असल में वजाइनल डिस्चार्ज किसी इंफेक्शन का संकेत होता है या इसका कोई अन्य कारण भी हो सकता है,

वजाइनल डिस्चार्ज क्या संकेत देता है? ( Is it normal to have vaginal discharge everyday)

अगर आप भी वेजाइना से होने वाले डिस्चार्ज को इंफेक्शन का संकेत मानती हैं तो बता दें कि ऐसा जरूरी नहीं है। वेजाइना से होने वाला डिस्चार्ज एकदम नॉर्मल है और इससे आपको घबराने की जरूरत नहीं है। हां, इस डिस्चार्ज का रंग कैसा है, थिकनेस कैसी है, क्या यह चिपचिपा है और इससे कैसी स्मैल आ रही है, ये सारी बातें हेल्थ से जुड़े कई संकेत देती हैं। असल में यह वेजाइना को साफ करता है और किसी बाहरी इंफेक्शन से आपको बचाता है। आपको बता दें कि वजाइना अपने आप को को खुद साफ कर सकती है और वेजाइना से होने वाला क्लियर डिस्चार्ज इसी बात का संकेत है। दरअसल, इस डिस्चार्ज के जरिए जो फ्ल्यूड बाहर निकलता है वह असल में वेजाइना के डेड सेल्स और बैक्टीरिया को बाहर निकालता है। अगर वजाइनल डिस्चार्ज न हो, तो वेजाइना में यह बैक्टीरिया इकट्ठे होकर, कई इंफेक्शन्स को बढ़ावा दे सकते हैं। ओव्युलेशन, पीरियड्स से कुछ दिन पहले, सेक्शुयली एक्टिव होने पर और प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा ज्यादा हो सकता है

इस तरह के वजाइनल डिस्चार्ज को न करें इग्नोर

हालांकि, अगर आपको व्हाइट, रेड, ब्राउन या फिर किसी अन्य रंग का डिस्चार्ज हो रहा है, अगर डिस्चार्ज से बदबू आ रही है या फिर यह गाढ़ा और चिपचिपा है, तो आपको इस पर ध्यान देने की जरूरत है। दरअसल, जब वेजाइना के बैक्टीरिया बैलेंस में बदलाव होते हैं, तो इसका असर डिस्चार्ज के कलर, टेक्सचर और स्मैल पर होता है। डिस्चार्ज के साथ खुजली और जलन होने को भी नजरअंदाज न करें। इस तरह का डिस्चार्ज, यीस्ट इंफेक्शन या फिर अन्य कई बीमारियों का संकेत हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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