
17/09/2025
इस दिन को विश्वकर्मा जयंती के रूप में मनाया जाता है।
क्योंकि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था।
वहीं आपको बता दें कि इस दिन अस्त्र और शस्त्र की पूजा भी की जाती है।
साथ ही शिल्पकार और यंत्रों के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना करने का विधान है।
मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही सतयुग में स्वर्ग, त्रेतायुग में लंका, द्वापर में द्वारिका और कलियुग में जगन्नाथ मंदिर की मूर्तियों का निर्माण किया था।
वहीं इस दिन शिव और गौरी योग भी बन रहा है।
जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
साथ ही त्रिग्रही योग भी बन रहा है।