Ayush Gram Chikitsalay - Chitrakoot Dham

Ayush Gram Chikitsalay - Chitrakoot Dham आयुष ग्राम ट्रस्ट चित्रकूटधाम

29/08/2025

आयुर्वेद में बच्चों की सर्वोत्कृष्ठ चिकित्सा | पूज्य गुरुदेव आचार्य डॉ० वाजपेयी जी।




#आयुर्वेदिक_चिकित्सा #आयुर्वेद

जरूरत की बात- विटामिन की गोलियाँ बीमार न कर दें!!कई लोग तो बिना किसी बीमारी के ही मल्टीविटामिन की गोलियाँ खाते रहते हैं।...
29/08/2025

जरूरत की बात- विटामिन की गोलियाँ बीमार न कर दें!!

कई लोग तो बिना किसी बीमारी के ही मल्टीविटामिन की गोलियाँ खाते रहते हैं। उन्हें लगता है कि इससे शरीर की कमजोरी दूर होगी और खूब सारी ताकत मिल जाएगी। बीमारी से उबर रहे लोगों को इससे मदद भी मिलती है। लेकिन जरूरत के बिना मल्टीविटामिन खाने से आपको भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कई बार तो यह जानलेवा भी हो सकता है।

कानपुर के रहने वाले ५० साल के एक व्यक्ति को फ्रैक्चर हुआ उसने स्थानीय हड्डी डॉक्टर से इलाज लिया, बाद में वह स्वयं विटामिन डी की गोलियाँ खरीदकर खाने लगा। अचानक एक दिन उल्टी, चक्कर शुरू हो गये, अस्पताल ले गये तो वैâल्शियम और यूरिया, क्रिटनीन का स्तर खतरनाक था। डॉक्टर डायलेसिस करने लगे फिर वे आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट आए, एक माह रखकर चिकित्सा की गयी तब जाकर सब कुछ सामान्य हुआ।

फार्मा कम्पनियाँ मल्टीविटामिन को ऊर्जा और फुर्ती का भंडार बताकर बेच रही हैं। इससे ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, जहां विटामिन की एक्स्ट्रा डोज लेने के चलते, लोग भयानक रोगों से ग्रस्त हो रहे हैं।

आप और आपके परिवार में ऐसी स्थिति न आए इसलिए आज इस पर चर्चा करेंगे।

विटामिन और मिनरल्स शरीर के लिए बेहद जरूरी तत्व हैं। लेकिन शरीर को इनकी जरूरत उम्र, स्वास्थ्य और स्थिति के हिसाब से अलग-अलग होती है। महिला और पुरुषों में भी यह जरूरत अलग हो सकती है। अगर कोई महिला प्रेग्नेंट है या नवजात बच्चे को दूध पिलाती है तो उसे दूसरी महिलाओं की अपेक्षा अधिक जरूरत होगी।
कुछ लोग ज्यादा ताकत और जल्दी तंदुरुस्ती पाने के लिए खुद से ही मल्टीविटामिन्स जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं। इससे हाइपरविटामिनोसिस की स्थिति पैदा हो सकती है।

शरीर में असामान्य रूप से विटामिन जमा हो जाने की स्थिति को हाइपरविटामिनोसिस कहते हैं। इससे उत्तेजना या चिड़चिड़ेपन की स्थिति पैदा हो सकती है। अलग-अलग विटामिन के अधिक होने पर अलग-अलग स्थिति पैदा होती है।

शरीर में कोई भी चीज जरूरत से अधिक जमा होगी तो बीमार तो पड़ेंगे ही। विटामिन्स के केस में ओवरडोज से होने वाला साइड इफेक्ट भी उम्र और स्वास्थ्य के हिसाब से दिखता है। सामान्य तौर पर नींद न आने, तनाव, डिप्रेशन, झनझनाहट या शरीर का कोई हिस्सा सुन्न हो जाने जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।

विटामिन डी के ज्यादा होने पर कोमा तक की स्थितियां पैदा हो सकती हैं, विटामिन दो तरह के होते हैं। वॉटर साल्यूबल विटामिन यानी जो पानी में घुल जाते हैं और दूसरे फैट साल्यूबल यानी जो फैट में घुलते हैं।

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स और विटामिन सी वॉटर साल्यूबल हैं। अगर किसी में विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की अधिकता हो गई है, तो उसे उल्टी, पेट दर्द, धुंधला दिखना, लिवर और त्वचा से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं विटामिन सी से माइग्रेन का दर्द हो सकता है और डायरिया, मितली, पेट में मरोड़ जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

फैट सॉल्यूबल विटामिन्स में विटामिन ए, डी, ई और के आते हैं। इनके ओवरडोज काफी खतरनाक साबित हो सकते हैं। इनसे चक्कर आने, भ्रम, डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ये कई बार तो जानलेवा भी हो सकते हैं।

शरीर में जिंक की मात्रा अधिक हो जाए तो स्वाद और गंध का पता लगाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे डायरिया, सिरदर्द और मितली जैसी समस्याएं भी आ सकती हैं। लंबे समय तक मैग्नीशियम वाला सप्लीमेंट इस्तेमाल करने से ब्लड प्रेशर लो हो जाता है और दिल की धड़कन अनियमित हो सकती है, डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है।

• यह सही है कि विटामिन ए और ई की कमी होने पर बाल रुखे हो जाते हैं।
• राइबोफ्लोविन कम होने पर त्वचा से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं।
• नियासिन के न होने पर शरीर में चकत्ते पड़ जाते हैं।
• विटामिन ए की कमी से रतौंधी की समस्या हो सकती है।
• विटामिन सी की कमी से मसूढ़ों से खून आ सकता है और दांत गिर सकते हैं।

विटामिन और मिनरल्स की कमी के और भी कई लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर बुजुर्गों, बच्चों, प्रेग्नेंट महिलाओं और शराब के लती लोगों को ये कमी होती है।
क्या करें विटामिन पूर्ति के लिए

विटामिन की कमी होने पर सप्लीमेंट्स लेने के बजाय खान-पान में सुधार करने की कोशिश करना चाहिए। नेचुरल सोर्स से मिले विटामिन और मिनरल्स आपको बीमार नहीं करते हैं और शरीर में अच्छे से अवशोषित हो जाते हैं। जैसे आँवला और शास्त्रोक्त रीति से बने च्यवनप्राश, ब्राह्मरसायन विटामिन सी के नेचुरल स्रोत हैं। शिलाजीत, चन्द्रप्रभा वटी आयरन की पूर्ति करते हैं। संतरा से विटामिन डी, सेव से विटामिन सी, डी और ए, स्ट्रॉबेरी से विटामिन डी, अनानास से कैल्सियम और पोटेशियम, गोदुग्ध और छाछ से भी विटामिन अच्छा मिलता है। गोघृत विटामिन ए का अच्छा स्रोत है। दूध, छाछ से विटामिन तथा मौसमी हरी सब्जियों से विटामिन बी-१२ इसके अलावा अंगूर, काजू, नारियल, पिस्ता, पत्ता गोभी, पालक, चोकर सहित गेंहूँ का आटा, टमाटर, शतावर से भी विटामिन बी शरीर को मिलता है।

रिजर्व पुलिस लाइन चित्रकूट में आचार्य डॉ० वाजपेयी जी का मानसिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान !!आज दिनांक 28 अगस्त 2025 को पुलिस...
28/08/2025

रिजर्व पुलिस लाइन चित्रकूट में आचार्य डॉ० वाजपेयी जी का मानसिक स्वास्थ्य पर व्याख्यान !!

आज दिनांक 28 अगस्त 2025 को पुलिस अधीक्षक, चित्रकूट के आमंत्रण पर आर टी सी पुलिस लाइन, चित्रकूट में प्रशिक्षणरत 449 नव नियुक्त आरक्षियों को भावनात्मक/मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टिगत मानसिक स्वास्थ्य परामर्श दाता शिविर का आयोजन किया गया।

इस शिविर में मुख्य अतिथि के गण में आयुष ग्राम न्यास के संस्थापक आचार्य डॉ० मदन गोपाल वाजपेयी राष्ट्रीय गुरु आर०ए०वी० भारत सरकार : आयुष मंत्रालय का पुलिस लाइन के प्रतिसार निरीक्षक श्री रामाशीष यादव जी ने अंगवस्त्र, पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। तत्पश्चात् आचार्य डॉ० वाजपेयी जी ने लगभग 2 घण्टे नवनियुक्त आरक्षियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आरक्षी शब्द 'आ' उपसर्ग के साथ रक्षणे धातु से मिलकर आरक्षी शब्द बना है जिसका अर्थ होता है चतुर्दिक रूप के साथ रक्षा करना, समाज, राष्ट्र, परिवार व अपने दायित्व, कर्तव्य की उसके लिए आपको शारीरिक व ऐन्द्रिक रूप से हमेशा स्वस्थ रहना चाहिए। आयुर्वेद में जीवन को स्वस्थ रखने के लिए तीन स्तम्भ बताये गये हैं आहार, ब्रह्मचर्य और निद्रा। सर्वप्रथम आहार को शुद्ध रखना अन्नमय कोष से ही मनोमय कोष का निर्माण होता है। यहाँ तक गाँवों में भी लोग कहा करते थे कि जैसा खाओं अन्न, वैसा हो मन ।

इसीलिए आहार जो भी खाये बहुत सोच समझकर। फिर अपनी इन्द्रियाँ भी अपने वश में रखना चाहिए। इन्द्रियों को आप कभी भी चिरकाल तक संतुष्ट नहीं कर सकते ऐन्द्रिक सुख क्षणिक होता है इसीलिए हमें इन्द्रियों का गुलाम नही होना चाहिए।

पूज्य गुरुजी ने अनेकों शास्त्रीय और वैज्ञानिक उद्धरण देकर बताया कि मन को स्वस्थ और सबल बनाकर ही लोग मनोबली कहलाते हैं तथा मनोबल की सम्पन्नता से अपौरुषेय कार्य किए जा सकते हैं।

अन्त में प्रतिसार निरीक्षक ने आचार्य डॉ० वाजपेयी जी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट किया तथा प्रशिक्षु आरक्षी से उनके द्वारा बताये मार्ग का अनुशरण करने की अपील की।

26/08/2025

सही चिकित्सा को कैसे पीछे किया गया | आयुर्वेद दन्त चिकित्सा पर सुनिए पूज्य गुरुजी का उद्बोधन |

25/08/2025

राजकोट (गुजरात) से पधारे प्रसिद्ध आयुर्वेद दन्त विशेषज्ञ एवं भारत सरकार : आयुष मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय गुरु नियुक्त डॉ० जयसुख मकवाना जी ने आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट में हुए नि:शुल्क दन्त शिविर के दौरान अपने उद्बोधन में बताया कि –

👉 दुर्भाग्य है कि भारत के बहुत ही कम लोग जानते हैं कि आयुर्वेद में बिना इंजेक्शन, बिना पेनकिलर के भी दांत निकाले जा सकते हैं।
👉 हमारी टीम ने भारत के 13 राज्यों में अब तक लाखों रोगियों की सेवा की है और यह परम्परा आज भी जीवित है।
👉अष्टांग आयुर्वेद की यह विधा भारत की धरोहर है, जिसे हमें संरक्षित कर अगली पीढ़ी तक पहुँचाना है।

उन्होंने शिविर में सबके सामने आयुर्वेद के जालंधर बंध द्वारा कई रोगियों के दांत निकालकर यह सिद्ध किया कि आयुर्वेद आज भी उतना ही प्रभावी है जितना सदियों पहले था।

द्विदिवसीय नि:शुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का सफल समापन आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट में आयोजित द...
24/08/2025

द्विदिवसीय नि:शुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का सफल समापन

आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट में आयोजित द्विदिवसीय नि:शुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का आज स्नेहपूर्ण वातावरण में समापन हुआ।

इस विशेष शिविर में राजकोट (गुजरात) के प्रसिद्ध आयुष दन्त चिकित्सक एवं भारत सरकार : आयुष मंत्रालय द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय गुरु डॉ० जयसुख मकवाना जी ने अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। शिविर के दोनों दिनों में लगभग 250 दन्त रोगियों का परामर्श एवं उपचार किया गया, जिनमें कई रोगियों के दाँत बिना इंजेक्शन, बिना दर्द और बिना पेनकिलर के आयुर्वेद पद्धति से निकाले गए।

समापन अवसर पर आयुष ग्राम चिकित्सालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा। पूज्य गुरुजी आचार्य डॉ० मदनगोपाल वाजपेयी जी ने डॉ० मकवाना जी को भगवान श्रीराम जी की प्रतिमा, अंगवस्त्र व नारिकेल फल अर्पित कर सम्मानित किया तथा उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।

इस अवसर पर उपस्थित सभी ने माना कि आयुर्वेद की यह विलक्षण दन्त चिकित्सा विधा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी है और इसे जन-जन तक पहुँचाने का कार्य सतत जारी रहना चाहिए।

24/08/2025
24/08/2025

आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय, चित्रकूट में आयोजित द्विदिवसीय निःशुल्क दन्त चिकित्सा शिविर में मरीजों ने देखा आयुर्वेद की अद्भुत शक्ति।

राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (भारत सरकार, आयुष मंत्रालय) के राष्ट्रीय गुरु एवं दन्त विशेषज्ञ डॉ. जयसुख मकवाना (राजकोट, गुजरात) जी ने शिविर में सैकड़ों मरीजों का दन्त परीक्षण किया और सबके सामने बिना किसी इंजेक्शन व पेनकिलर के दाँत निकालकर दिखाया।
मरीजों को न दर्द हुआ, न ही कोई तकलीफ़ – सबने आयुर्वेद चिकित्सा की इस विलक्षण विधा का प्रत्यक्ष अनुभव किया।

“आयुर्वेद हमारी धरती से जुड़ा हुआ है” भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष व...
24/08/2025

“आयुर्वेद हमारी धरती से जुड़ा हुआ है”

भारत की माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय लोकापर्ण समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि –

हमारे खेतों और जंगलों में औषधीय वनस्पतियाँ और जड़ी-बूटियों का खजाना आज भी मौजूद है। आयुर्वेदिक औषधियों की कोई expiry date नहीं होती, यही इसकी अद्भुत वैज्ञानिकता का प्रमाण है। आयुर्वेद केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और धरोहर है।

24/08/2025

जन्माष्टमी के पवार अवसर पर सुनिए पूज्य गुरुजी का उद्बोधन |

24/08/2025

बच्चे की इंसुलिन छूटती हैं ऐसे...!



डॉक्टरों ने कहा था जीवन भर इंसुलिन लेकिन आयुष ग्राम चिकित्सालय में आयुर्वेद से मिला छुटकारा।

Ayush Gram Chikitsalay - Chitrakoot Dham एक प्रसिद्ध आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र है जो महर्षि चरक, सुश्रुत,वाग्भट, भगवान् धन्वंतरि द्वारा आविष्कृत देवव्यपाश्रय, युक्ति व्यपाश्रय और सत्वावजय चिकित्सा विज्ञान द्वारा रोगियों का हॉलिस्टिक उपचार करता है।
आयुष ग्राम कार्यालय आयुष ग्राम (ट्रस्ट) परिसर सूरजकुण्ड रोड (आयुष ग्राम मार्ग) चित्रकूट धाम 210205 (उ०प्र०)
संस्थापक - आचार्य डॉ. मदनगोपाल वाजपेयी (राष्ट्रीय आयु०वि० गुरु: भारत सरकार: आयुष मंत्रालय)
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द्विदिवसीय नि:शुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का शुभारम्भआयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय में दिनांक- 23 अगस्त 202...
23/08/2025

द्विदिवसीय नि:शुल्क दन्त चिकित्सा शिविर का शुभारम्भ

आयुष ग्राम (ट्रस्ट) के आयुष ग्राम चिकित्सालय में दिनांक- 23 अगस्त 2025 दिन शनिवार को द्विदिवसीय नि:शुल्क दन्त चिकित्सा शिविर के प्रथम दिवस का उद्घाटन किया गया। शिविर का प्रारम्भ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ० आशुतोष त्रिपाठी विशेष कार्य अधिकारी क्षेत्रीय आयुर्वेदिक यूनानी अधिकारी बाँदा तथा विशिष्ट अतिथि श्री अनन्तराम त्रिपाठी एडवोकेट हाईकोर्ट म०प्र० सचिव आयुष ग्राम (न्यास) एवं इस शिविर में अपनी सेवायें देने आये राजकोट (गुजरात) के प्रसिद्ध आयुष दन्त चिकित्सक और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ भारत सरकार : आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय गुरु डॉ० जयसुख मकवाना के कर कमलों द्वारा दीप प्रज्जवलन एवं भगवान् धन्वन्तरि के वैदिक पूजन के साथ हुआ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ० आशुतोष त्रिपाठी नोडल अधिकारी जी ने कहा कि अभी तक दाँतों की समस्या के लिए हमें जानकारी केवल एलोपैथ चिकित्सा एवं चिकित्सक बीडीएस तक ही सीमित थी लेकिन मैं सौभाग्यशाली हूँ कि आज आचार्य डॉ० मदनगोपाल वाजपेयी जी के सानिध्य में मुझे आयुर्वेद की इस प्राचीन विधा एवं ज्ञान को अपनी आँखों से देखने एवं समझने का अवसर मिला।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री अनन्तराम त्रिपाठी जी ने आचार्य डॉ० वाजपेयी जी के आयुर्वेद के क्षेत्र में सतत् यात्रा एवं बलिदान तथा उनके द्वारा अर्जित उपलब्धियों का संक्षेप में वर्णन किया।

शिविर के याज्ञिक के रूप में उपस्थित दन्त विशेषज्ञ तथा राष्ट्रीय गुरु भारत सरकार : आयुष मंत्रालय डॉ० जयसुख मकवाना जी ने बताया कि दुर्भाग्य है कि भारत के बहुत ही कम लोग इस विधा को जानते हैं कि आयुर्वेद में बिना इंजेक्शन, बिना पेन किलर के भी दाँत उखाड़ने व दन्त से सम्बन्धित चिकित्सा की जाती है। इस विधा को जीवन्त बनाये रखने के उद्देश्य से हम अपनी टीम के साथ भारत के अनेक राज्यों में अभी तक लगभग १३ राज्यों में नि:शुल्क शिविर के माध्यम से लाखों दाँत रोगों से पीड़ितों की सेवा करते हैं तथा अपनी आयुर्वेद विधा को प्रकाशित करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आचार्य डॉ० मदनगोपाल वाजपेयी राष्ट्रीय गुरु भारत सरकार : आयुष मंत्रालय ने बताया कि अष्टांग आयुर्वेद में ऊर्ध्वांग चिकित्सा के अन्तर्गत डेंसिस्टी चिकित्सा होती है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज से २०० साल पहले आयुर्वेद चिकित्सा ही हमारे भारत में प्रचलित थी इसके द्वारा ही सभी रोगों का इलाज किया जाता था जिसे आजादी के लगभग ७९ सालों बाद भी आयुर्वेद को अपने मूल रूप में वापस लाने के लिए यह सरकार कार्य कर रही है। भारत सरकार ने दंत रोग में डॉ० मकवाना जी को राष्ट्रीय गुरु नियुक्त कर देश के डॉक्टर्स को दंत रोग में प्रशिक्षित करने का दायित्व दिया है, जिससे इस विधा का प्रचार-प्रासर हो।

शिविर के प्रथम दिवस में दन्त रोग से पीड़ित लगभग ११० लोगों का निदान किया गया। साथ ही डॉ० मकवाना जी ने हॉल में सभी रोगियों की उपस्थित में ही आयुर्वेद के जालन्धर बन्ध द्वारा बिना इंजेक्शन, बिना दर्द के कई रोगियों के दाँत उखाड़कर सब को चकित कर दिया।

आयोजकों ने बताया कि दन्त चिकित्सा का शिविर दूसरे दिन भी २४ अगस्त २०२५ को दिन रविवार प्रात: ९ बजे से सायं ४ बजे तक जारी रहेगी।

प्रथम दिवस के कार्यक्रम में वैद्य द्वारिका प्रसाद गुप्त, श्री रामबहादुर त्रिपाठी नरैनी, श्री श्याम प्रकाश शुक्ल पन्ना, श्री राकेश द्विवेदी, संस्था के प्रबन्धक श्री बाल्मीकि द्विवेदी, मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आलोक पाल, चिकित्साधिकारी डॉ० वेदप्रताप वाजपेयी, डॉ० आशुतोष त्रिपाठी, श्री अनुराग वाजपेयी, आर०ए०वी० के शिष्य शिष्यायें डॉ० अुनराधा कुमारी, डॉ० शोभना शर्मा, डॉ० रितिका सैनी, डॉ० कपिल कुमार तथा आयुष ग्राम के सभी चिकित्सक, उपचारिकायें, फार्मेसिस्ट और अन्य स्टॉफ उपस्थित रहे।

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SURAJ KUND Road, PURWA TAROHA MARG CHITRACOOT
Chitrakoot
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