01/08/2025
अष्टम भाव ज्योतिष का सबसे रहस्यमयी और गूढ़ भाव माना जाता है। यह जीवन में होने वाली अचानक घटनाओं, आकस्मिक लाभ-हानि, मृत्यु, शोध, तंत्र-मंत्र, परालौकिक अनुभवों, विरासत, गुप्त धन और मानसिक-आध्यात्मिक रूपांतरण का प्रतिनिधि है। इसी भाव से व्यक्ति की आयु, असाध्य रोग, सर्जरी, शत्रु के षड्यंत्र, पार्टनर का धन, ससुराल से लाभ, और गहरे वैवाहिक रहस्य देखे जाते हैं। यह भाव गहराई, तपस्या, साधना और जीवन के गुप्त पक्षों को उजागर करता है।
ज्योतिष, तंत्र और मोक्ष जैसे विषयों में प्रवीणता इसी भाव की सक्रियता से आती है। यह भाव न केवल बाधाओं और कष्टों का सूचक है, बल्कि भीतर छिपी संभावनाओं और शक्तियों का स्रोत भी है। जब यह भाव जागृत होता है, तो व्यक्ति जीवन की सीमाओं को पार कर आत्मबोध की ओर अग्रसर होता है। यही वह घर है जहाँ डर समाप्त होता है और शोध प्रारंभ। यही वह द्वार है जहाँ मृत्यु अंत नहीं, बल्कि यात्रा का विस्तार बन जाती है।