21/12/2019
NRC अफवाहें और सच
मेरी माता जी और बाबू जी दोनों मुस्लिम स्कूल में शिक्षक है ,बाबू जी स्कूल के हेडमास्टर है और जहां ये स्कूल है वहां मुस्लिमो की आबादी ज्यादा है ,उन्होने आज का वाकया सुनाया उस गांव में लोगो को कैसे भड़काया जा रहा ,जैसा कि हमें पता है आज भी गांव में साक्षर कम है ,उनके बच्चे जरूर स्कूल जाते है कुछ दिन तक ,लेकिन वो भी इसलिए की एक समय का खाना मिल जाता है ,वजीफा मिल जाता है सरकार से ..कुछ दिनों बाद ये लोग भी छोटे मोटे काम करने लगते है ,काम करना इनकी मजबूरी है क्यूंकि परिवार बड़ा है । चलिए अब अफवाह पर आते है ..नमाज के बाद गांव के मस्जिद के मौलवी ने लाउडस्पीकर पर सभी लोगो को एक जगह एकत्रित होने के लिए कहा , लाउडस्पीकर पर ये बोला गया कि इस देश की सरकार ने ऐसा कानून लाया है कि देश छोड़ कर जाना होगा या फिर मुसलमानों को धर्म परिवर्तन करके रहना होगा ,इसके लिए हमें लड़ाई लड़नी होगी ,आप जरा सोचिए ऐसे कितने गांव होंगे जहां ये अफवाहें फैलाई जा रही इन धर्म गुरुओं के द्वारा ,राजनीतिक पार्टी की बात ही छोड़ दीजिए वो तो ऐसा करेंगे ही क्यूंकि उनकी दुकान इसी से चलती है ।सच ये है कि इस देश के मुसलमान को कहीं नहीं जाना होगा ,नागरिकता बिल में भी दूसरे देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यक जो कि 31 दिसंबर तक भारत आ चुके है उन्हें ही नागरिकता दी जा रही है इससे यहां के लोगों को कुछ लेना देना ही नहीं है । असम में सिर्फ nrc हुआ है ,पूरे देश में लाया नहीं गया है ... सरकार ने लोगो से राय मांगी है nrc के लिए ,इसलिए जो पढ़े लिखे मुस्लिम है वो आग लगाने के जगह जागरूकता फैलाए यही सच्ची देश भक्ति होगी ,विरोध प्रदर्शन में यदि आप खिलाफत की बात करते है और मजहबी नारे लगते है तो आपको ही रोकना होगा नहीं तो धीरे धीरे विश्वास खो देंगे लोगो का ।गांव की तरफ वापस चलते है ,मौलवी के आह्वान पर जो बच्चे स्कूल छोड़ कर जा रहे थे सभा में शमिल होने उनको मा और बाबू जी ने समझाया ये सब चीजें बकवास है ,और आपलोग किसी के बहकावे में न आए और घरों में जाकर भी बताए कि हमें कहीं नहीं जाना है यही पढ़ाई लिखाई करनी है ,देश के तरक्की में हाथ बटाना है ,सरकार मुफ्त में खाना दे रही ,किताब दे रही ,वजीफा दे रही ...आरक्षण भी दे रही ....वैसे एक बात कहूं काश ये हमारे पड़ोसी देश के सरकार भी वहां के अल्पसंख्यकों की अधिकारों की रक्षा करती तो उन्हें आना नहीं पड़ता ।