Dr Binit Singh Pediatrician

Dr Binit Singh Pediatrician Pediatrician

07/06/2025
टीकाकरण से बच्चों को कई गंभीर एवं संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सकता है। जागरूक बनें, बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं।  🙏...
23/01/2025

टीकाकरण से बच्चों को कई गंभीर एवं संक्रामक बीमारियों से बचाया जा सकता है। जागरूक बनें, बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं। 🙏🏻

आज मार्केट में लिवर को “डीटॉक्स” करने के लिए कुछ ख़ास फ़ूड और ड्रिंक्स उपलब्ध है… ये पागलपन ठीक वैसा ही है जैसे डेटोल है...
20/04/2024

आज मार्केट में लिवर को “डीटॉक्स” करने के लिए कुछ ख़ास फ़ूड और ड्रिंक्स उपलब्ध है… ये पागलपन ठीक वैसा ही है जैसे डेटोल हैंडवाश की सफ़ाई के लिये घड़ी डिटर्जेंट टिकिया ख़रीद लेना।

आपका लिवर स्वयं को साफ करता है, इसलिए किसी भी प्रकार के लिवर को साफ करने या डिटॉक्स करने की कोई आवश्यकता नहीं है - और वास्तव में, वे चीजें फायदे से अधिक नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसके बजाय, नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और शराब का सेवन सीमित करके अपने लिवर को स्वस्थ रख सकते हैं ।

बेतुके मार्केटिंग से बचे । जागरूक बनें । 💜

#लिवरहैअनमोल

*AI based treatment gonna replace doctors soon* Meanwhile, AI based treatment:
01/03/2024

*AI based treatment gonna replace doctors soon*

Meanwhile, AI based treatment:

Patient referred for severe jaundice Deep generalized orange-yellowness!Bilirubin 1.2 mg/dl 👀Cause?Extreme fruit diet fo...
26/02/2024

Patient referred for severe jaundice Deep generalized orange-yellowness!

Bilirubin 1.2 mg/dl 👀

Cause?
Extreme fruit diet for diabetes by Naturopath

This is Carotenemia due to heavy consumption of beetroot,carrots,papaya,pumpkin

Hba1c 10.1% after all that 🤷🏻‍♂️

Endorphin-  a neurotransmitter and peptide hormone that acts as a natural painkiller and produces a feeling of well-bein...
07/02/2024

Endorphin-
a neurotransmitter and peptide hormone that acts as a natural painkiller and produces a feeling of well-being .🫡

How can you increase endorphin levels?

1. Running,
2. Brisk walking,
3. Dancing,
4. Strength training,
5. Swimming,
6. Cycling,
7. S*x,
8. Eating,
9. Smoking,
10. Alcohol(Non habitual) consumption.

As is obvious, 1 to 7 are healthy;

8 is healthy in moderation and if well-balanced;

9 and 10 are unhealthy.

So, be wise while choosing your endorphin-boosting strategy.

एचपीवी टीकाकरण की सिफारिश 9 से 26 वर्ष की आयु के लड़कों और लड़कियों (पुरुषों और महिलाओं) दोनों के लिए की जाती है।यह दो ड...
03/02/2024

एचपीवी टीकाकरण की सिफारिश 9 से 26 वर्ष की आयु के लड़कों और लड़कियों (पुरुषों और महिलाओं) दोनों के लिए की जाती है।

यह दो डोज़ वाला टीका है, जिसे 6-12 महीने के अंतराल पर दिया जाता है।

एचपीवी से संबंधित कैंसर के हर 10 में से चार मामले पुरुषों में होते हैं। एचपीवी पुरुषों में लिंग, गले, जीभ और टॉन्सिल के कैंसर का कारण बन सकता है।

वर्तमान में पुरुषों में इन कैंसरों की कोई जांच नहीं है, और वायरस के संपर्क में आने के बाद एचपीवी के लिए कोई इलाज नहीं है। इससे टीके के साथ एचपीवी की रोकथाम और भी आवश्यक हो जाती है।

2009 में लड़कों के लिए एचपीवी वैक्सीन को मंजूरी दी गई थी।

HPV Vaccination is recommended for both boys and girls (males and females), aged 9 to 26 years.

It is a two-dosed vaccine, given 6-12 months apart.

Four out of every 10 cases of HPV related cancer are in males. HPV can cause cancers of p***s, throat, tongue, and tonsils in men.

Currently there is no screening for these cancers in men, and no treatment for HPV once the virus is contracted. This makes HPV prevention with the vaccine even more essential.

HPV vaccine was approved for boys in 2009.

Medical doctors who use the world detox are not real doctors, but scientifically inept influencers preaching to the 'hea...
27/01/2024

Medical doctors who use the world detox are not real doctors, but scientifically inept influencers preaching to the 'health illiterate' choir for engagement farming, monetization and views. Absurd and shameful.

There is no "liver detox."

Liver and kidneys are are all you need to detox. 🤷🏻‍♂️

नहीं, यह पोस्ट मेरे या किसी चिकित्सक के बारे में नहीं है... यह पोस्ट उस खोखले समाज के बारे में है जो मानवतारहित मनुष्य क...
05/10/2023

नहीं, यह पोस्ट मेरे या किसी चिकित्सक के बारे में नहीं है... यह पोस्ट उस खोखले समाज के बारे में है जो मानवतारहित मनुष्य के रूप में क्या बनता जा रहा हैं।

मैं लगभग पिछले 5 वर्षों से लेवल 3 एनआईसीयू चला रहा हूँ। और पिछले कुछ वर्षों में मैंने जो देखा या सीखा है वह वास्तव में हैरान करने वाला है।

पिछले 5 वर्षों में और विशेष रूप से कोविड महामारी के बाद, एनआईसीयू में भर्ती होने वालों नवजात की कुल संख्या में भारी कमी आई है। गाँव के स्तर पर ही झोलाछापों द्वारा शर्तिया इलाज़ देने और लेने के बढ़ते चलन के कारण शहर तक पहुँच रहे ज़्यादातर मरीज शारीरिक रूप से अपूरणीय क्षति से ग्रसित हो चुके होते हैं।और ऐसे मरीज़ो के लिए अपेक्षित इलाज़ के बढ़ते स्तर के कारण अस्पताल के खर्च और एक आईसीयू चिकित्सक के मानसिक तनाव के स्तर में तेजी से वृद्धि हुई है। फिर भी एनआईसीयू दाखिले में भारी गिरावट के बावजूद आय निश्चित रूप से बढ़ी ही है।

और जो चीज़ हमारे तनाव या आय से अधिक बढ़ी है और वास्तविक में चिंता का विषय है... वह है हमारे जैसे एनआईसीयू में "बाहर से आने वाले मृत नवजात शिशुओं" की संख्या में भारी वृद्धि।

हालाँकि इन परिवर्तनों के पीछे मुख्य कारण, पिछले कुछ वर्षों, खासकर कोविड के बाद के युग में कैंसर की तरह फैल रहें अनियंत्रित रूप से पनप रही झोलाछापगिरी है... अन्य कारण जैसे अशिक्षा, गरीबी, उदासीनता, लालच, अमानवीयता सभी समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।

समाज में हर इन्सान "शॉर्ट-कट की होड़" में है।

युवाओं को पढ़ाई का शॉर्ट-कट चाहिए, पढ़ाई पूरी नहीं करनी लेकिन पैकेज करोड़ों में चाहिए।
बेरोजगार को नौकरी का शॉर्ट-कट चाहिए, मेहनत नहीं करनी लेकिन कमाई लाखों में चाहिए ।
बीमार को इलाज़ का शॉर्ट-कट चाहिए, गाँव के चौक पर बैठे बैठे इलाज़ अपोलो वाला चाहिए।
जनता को ईमानदारी का शॉर्ट-कट चाहिए, वोट अपने जात वाले जाहिल को करना है और सरकार स्वच्छ निष्पक्ष चाहिए।

सरकारें आयेगी और जायेगी लेकिन जिंदगी एक बार जाकर दोबारा नहीं आयेगी।

जागरुक रहें। स्वस्थ रहें। जय हिंद 🇮🇳

#शॉर्टकटपड़ेगामहंगा #स्टार्टअपइंडिया #घरघरझोलाहरघरझोला

23/09/2023

अकसर अस्पताल में इलाज़ के दौरान वेंटीलेटर का नाम सुनते ही मरीज़ के परिजनों में एक अनचाहा ख़ौफ़ का भाव उत्पन्न हो जाता है । लोगों में आम धारणा ये है कि अगर किसी मरीज़ को इलाज़ के दौरान वेंटीलेटर की ज़रूरत हुई तो उसका बच पाना लगभग असंभव है ।

लोग अकसर वेंटीलेटर को मौत का पर्याय मान चुके होते हैं जबकि वास्तविकता में वेंटीलेटर एक नये जीवन का पर्याय होता है बशर्ते मरीज़ वक़्त रहते सही हाथों में पहुँच जाये ।

और कई बार अपने जागरूकता और सतर्कता से वेंटीलेटर की आवश्यकता उत्पन्न होने की परिस्थिति से बचा जा सकता है जैसे एक नवज़ात के मामले में गर्भवती महिला को एक अधिकृत प्रसूति/स्त्री रोग से ही नियमित सलाह लेना, सुझाये गये जाँच ससमय करवाना, शर्तिया नार्मल डिलीवरी का दावा करने वाले झोलाछापों से बचना ।

जागरूक रहें, स्वस्थ रहें । जय हिन्द 🇮🇳

ये वाला ट्रेंडिंग है आजकल 🤷🏻‍♂️
11/09/2023

ये वाला ट्रेंडिंग है आजकल 🤷🏻‍♂️

07/09/2023

Dr. Biswaroop Roy Chowdhury, HoD, Department of Medicine, WhatsApp University, delivering lecture on Diabetes mellitus. 🤷🏻‍♂️

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Hospital Road, Laheria Sarai
Darbhanga
846003

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+919334818585

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