Ayurvedic Gyan Salah

Ayurvedic Gyan Salah प्रकृति और सेहत

👉 *पृथ्वी का अमृत - तिल का तेल !*👉 *उपरोक्त लिंक को ओपन कीजिए और हमारे स्वदेशी एवं आयुर्वेदिक उत्पादों के बारे में विस्त...
01/01/2023

👉 *पृथ्वी का अमृत - तिल का तेल !*

👉 *उपरोक्त लिंक को ओपन कीजिए और हमारे स्वदेशी एवं आयुर्वेदिक उत्पादों के बारे में विस्तार से जानिऍ !*

👉 *यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम अमृत की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा !*

👉 *दोस्तो , तिल और तिल तेल के इतने ज्यादा गुण है कि मेरे लिए ये पोस्ट छोटी पड़ जाएगी और आप इस पोस्ट को पढ़ते - पढ़ते बोर हो जाओगे , फिर भी मैं पोस्ट को मैं छोटी से छोटी बना कर तिल तेल के फ़ायदे एवं गुणों के बारे में सूक्ष्म रूप से लिख रहा हूँ !*

👉 *और यही सर्वोत्तम खाद्य तेल बाजार में ढूंढने पर बड़ी मुश्किल से मिलता हैं !*

👉 *और आने वाली पीढ़ियों को इसके गुणों का पता भी नहीं हैं !*

👉 *क्योंकि नई पीढ़ी तो टी वी के इश्तिहार देख कर ही सारा सामान ख़रीदती है !*

👉 *और तिल के तेल का प्रचार कंपनियाँ इसलिए नहीं करती क्योंकि इसके गुण जान लेने के बाद आप उन द्वारा बेचा जाने वाला तरल चिकना पदार्थ जिसे वह तेल कहते हैं लेना बंद कर देंगे !*

👉 *तिल के तेल में इतनी ताकत होती है कि यह पत्थर को भी चीर देता है !*

👉 *प्रयोग करके देखें....!*

👉 *आप पर्वत का पत्थर लिजिए और उसमे कटोरी के जैसा खडडा बना लिजिए, उसमे पानी, दुध, धी या तेजाब संसार में कोई सा भी कैमिकल, ऐसिड डाल दीजिए, पत्थर में वैसा की वैसा ही रहेगा ..... कही नहीं जायेगा...!*

👉 *लेकिन... अगर आप ने उस कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दीजिए , उस खड्डे में भर दिजिये.. 2 दिन बाद आप देखेंगे कि, तिल का तेल... पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके, पत्थर के नीचे आ जायेगा. यह होती है तेल की ताकत, इस तेल की मालिश करने से हड्डियों को पार करता हुआ, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है. तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती का अहम भूमिका अदा करता है !*

👉 *और तिल का तेल ऐसी वस्तु है जो अगर कोई भी भारतीय चाहे तो थोड़ी सी मेहनत के बाद आसानी से प्राप्त कर सकता है तब उसे किसी भी कंपनी का तेल खरीदने की आवश्यकता ही नही होगी तिल खरीद लीजिए और किसी भी तेल निकालने वाले से उनका तेल निकलवा लीजिए !*

👉 *लेकिन सावधान तिल का तेल सिर्फ कच्ची घाणी (लकडी की बनी हुई) का ही प्रयोग करना चाहिए !*

👉 *तैल शब्द की व्युत्पत्ति तिल शब्द से ही हुई है , जो तिल से निकलता वह है तैल, अर्थात तेल का असली अर्थ ही है "तिल का तेल" !*

👉 *तिल के तेल का सबसे बड़ा गुण यह है की यह शरीर के लिए आयुषधि का काम करता है.. चाहे आपको कोई भी रोग हो यह उससे लड़ने की क्षमता शरीर में विकसित करना आरंभ कर देता है , यह गुण इस पृथ्वी के अन्य किसी खाद्य पदार्थ में नहीं पाया जाता !*

👉 *100 ग्राम (सौ ग्राम) सफेद एवं काले तिल से 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता हैं !*

👉 *बादाम की अपेक्षा तिल में छः गुना से भी अधिक कैल्शियम है !*

👉 *काले और लाल तिल में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तअल्पता के इलाज़ में कारगर साबित होती है !*

👉 *तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है !*

👉 *तिल के तेल में प्राकृतिक रूप में उपस्थित सिस्मोल एक ऐसा एंटी ऑक्सीडेंट है जो इसे ऊँचे तापमान पर भी बहुत जल्दी खराब नहीं होने देता !*

👉 *आयुर्वेद चरक ने अपनी चरक संहिता में इसे पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल माना गया है !*

👉 *तिल में विटामिन सी छोड़कर वे सभी आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं !*

👉 *तिल में Vitamin B ( विटामिन बी) और आवश्यक फैटी एसिड्स से भरपूर है !*

👉 *इसमें मीथोनाइन और ट्रायप्टोफन नामक दो बहुत महत्त्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होते हैं जो चना, मूँगफली, राजमा, चौला और सोयाबीन जैसे अधिकांश शाकाहारी खाद्य पदार्थों में नहीं होते !*

👉 *ट्रायोप्टोफन को शांति प्रदान करने वाला तत्व भी कहा जाता है , जो गहरी नींद लाने में सक्षम है , यही त्वचा और बालों को भी स्वस्थ रखता है , मीथोनाइन लीवर को दुरुस्त रखता है और कॉलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित रखता है !*

👉 *तिल बीज स्वास्थ्यवर्द्धक वसा का बड़ा स्त्रोत है जो चयापचय को बढ़ाता है !*

👉 *यह कब्ज भी नहीं होने देता , तिल बीजों में उपस्थित पौष्टिक तत्व जैसे कैल्शियम और आयरन त्वचा को कांतिमय बनाए रखते हैं !*

👉 *तिल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है , सीधा अर्थ यह है की यदि आप नियमित रूप से स्वयं द्वारा निकलवाए हुए शुद्ध तिल के तेल का सेवन करते हैं तो आप के बीमार होने की संभावना ही ना के बराबर रह जाएगी !*

👉 *इसलिए इसे कहा गया है पृथ्वी का अमृत !*

👉 *जब शरीर बीमार ही नही होगा तो उपचार की भी आवश्यकता नही होगी , यही तो आयुर्वेद है.. आयुर्वेद का मूल सीधांत यही है की उचित आहार विहार से ही शरीर को स्वस्थ रखिए ताकि शरीर को आयुषधि की आवश्यकता ही ना पड़े !*

👉 *एक बात का ध्यान अवश्य रखिएगा की बाजार में बहुत से लोग तिल के तेल के नाम पर अन्य कोई तेल बेच रहे है , जिसकी पहचान करना मुश्किल होगा , ऐसे में अपने सामने निकाले हुए तिल के तेल पर ही भरोसा करें या फिर अपने कोई निजी एवं ख़ास विश्वशनीय भाई से ख़रीदे !*

👉 *यह काम थोड़ा सा मुश्किल ज़रूर है किंतु पहली बार की मेहनत के प्रयास स्वरूप यह शुद्ध तेल आपकी पहुँच में हो जाएगा जब चाहें जाएँ और तेल निकलवा कर ले आएँ या ख़रीद ले !*

👉 *तिल तेल में मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जो शरीर से बैड कोलेस्ट्रोल को कम करके गुड कोलेस्ट्रोल यानि एच.डी.एल. को बढ़ाने में मदद करता है !*

👉 *यह हृदय रोग , दिल का दौरा और धमनीकलाकाठिन्य ( atherosclerosis) के संभावना को कम करता है !*

👉 *कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है !*

👉 *तिल में सेसमीन (sesamin) नाम का एन्टीऑक्सिडेंट (antioxidant) होता है जो कैंसर के कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ है और उसके जीवित रहने वाले रसायन के उत्पादन को भी रोकने में मदद करता है !*

👉 *यह फेफड़ों का कैंसर , पेट के कैंसर , ल्यूकेमिया , प्रोस्टेट कैंसर , स्तन कैंसर और अग्नाशय के कैंसर के प्रभाव को कम करने में बहुत मदद करता है !*

👉 *तनाव को कम करता है , इसमें नियासिन (niacin) नाम का विटामिन होता है जो तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है !*

👉 *हृदय के मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है , तिल में ज़रूरी मिनरल जैसे कैल्सियम , आयरन, मैग्नेशियम , जिन्क , और सेलेनियम होता है , जो हृदय के मांसपेशियों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है और हृदय को नियमित अंतराल में धड़कने में मदद करता है !*

👉 *शिशु की हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है !*

👉 *तिल में डायटरी प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों के हड्डियों के विकसित होने में और मजबूती प्रदान करने में मदद करता है !*

👉 *उदाहरण स्वरूप 100 ग्राम तिल में लगभग 18 ग्राम प्रोटीन होता है, जो बच्चों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी होता है !*

👉 *गर्भवती महिला और भ्रूण (foetus) को स्वस्थ रखने में मदद करता है ,तिल में फोलिक एसिड होता है जो गर्भवती महिला और भ्रूण के विकास और स्वस्थ रखने में मदद करता है !*

👉 *अध्ययन के अनुसार तिल के तेल से शिशुओं को मालिश करने पर उनकी मांसपेशियाँ सख्त होती है साथ ही उनका अच्छा विकास होता है !*

👉 *आयुर्वेद के अनुसार इस तेल से मालिश करने पर शिशु आराम से सोते हैं !*

👉 *अस्थि-सुषिरता (osteoporosis) से लड़ने में मदद करता है , तिल में जिन्क और कैल्सियम होता है जो अस्थि-सुषिरता से संभावना को कम करने में मदद करता है , मधुमेह के दवाईयों को प्रभावकारी बनाता है !*

👉 *"डिपार्टमेंट ऑफ बायोथेक्सनॉलॉजी विनायक मिशन यूनवर्सिटी , तमिलनाडु" ("Department of Biothechnology at the Vinayaka Missions University, Tamil Nadu") के अध्ययन के अनुसार यह उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ इसका "एन्टी ग्लिसेमिक" प्रभाव रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को 36% कम करने में मदद करता है !*

👉 *जब यह मधुमेह विरोधी दवा "ग्लिबेक्लेमाइड" ("glibenclamide") से मिलकर काम करता है। इसलिए टाइप-2 मधुमेह (type 2 diabetic) रोगी के लिए यह मददगार साबित होता है !*

👉 *दूध की तुलना में तिल में तीन गुना कैल्शियम रहता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन बी और ई, आयरन और ज़िंक, प्रोटीन की भरपूर मात्रा रहती है , और कोलेस्टरोल बिल्कुल नहीं रहता है , तिल का तेल ऐसा तेल है, जो सालों तक खराब नहीं होता है, यहाँ तक कि गर्मी के दिनों में भी वैसा की वैसा ही रहता है , तिल का तेल कोई साधारण तेल नहीं है। इसकी मालिश से शरीर काफी आराम मिलता है। यहां तक कि लकवा जैसे रोगों तक को ठीक करने की क्षमता रखता है !*

👉 *सर्दी के मौसम में इस तेल से शरीर की मालिश करें, तो ठंड का एहसास नहीं होता। इससे चेहरे की मालिश भी कर सकते हैं। चेहरे की सुंदरता एवं कोमलता बनाये रखेगा। यह सूखी त्वचा के लिए उपयोगी है !*

👉 *तिल का तेल - तिल विटामिन A (ए) व E (ई) से भरपूर होता है। इस कारण इसका तेल भी इतना ही महत्व रखता है। इसे हल्का गरम कर त्वचा पर मालिश करने से निखार आता है। अगर बालों में लगाते हैं, तो बालों में निखार आता है, लंबे होते हैं ,जोड़ों का दर्द हो, तो तिल के तेल में थोड़ी सी सोंठ पावडर, एक चुटकी हींग पावडर डाल कर गर्म कर मालिश करें। तिल का तेल खाने में भी उतना ही पौष्टिक है विशेषकर पुरुषों के लिए , इससे मर्दानगी की ताकत मिलती है , हमारे धर्म में भी तिल के बिना कोई कार्य सिद्ध नहीं होता है, जन्म, मरण, परण, यज्ञ, जप, तप, पित्र, पूजन आदि में तिल और तिल का तेल के बिना संभव नहीं है अतः इस पृथ्वी के अमृत को अपनायें और जीवन निरोग बनायें !*

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31/12/2022

*जबरदस्त ठंड पड़ रही है लेकिन अगर गुड़ का, (वो भी केमिकल मुक्त हो तो), सेवन करें तो...*
*ये देसी गुड़ अमृततुल्य हो जाता है।*
*जानिये देसी गुड़ खाने के लाभ...*
(1). देसी गुड़ का नियमित सेवन करने से सर्दी से होने वाले रोगों से बचा जा सकता है।
(2). आयुर्वेद के अनुसार गुड़ बशर्ते देसी हो तो ये...
जल्दी पचने वाला,
खून बढ़ाने वाला व
भूख बढ़ाने वाला होता है।

(3). गुड़ के साथ पकाये गये चावल खाने से, बैठा हुआ गला व आवाज़ खुलती है।

(4). गुड़ और काले तिल के लड्डू खाने से सर्दी में अस्थमा परेशान नहीं करता।

(5). गुड़ और घी मिला कर खाने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

(6). गुड़ का हलवा खाने से स्मरणशक्ति भी बढ़ती है।

(7). गुड़ आयरन का प्रमुख स्रोत है इसलिए यह अनीमिया के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। खासतौर पर महिलाओं के लिए इसका सेवन बहुत अधिक ज़रूरी है।

(8). गुड़ शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है।

(9). इसमें एंटी एलर्जिक तत्व हैं इसलिए दमा के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद है।

(10). प्रतिदिन गुड़ के एक टुकड़े के साथ अदरक के सेवन से सर्दियों में जोड़ों के दर्द से दूर रहा जा सकता है।.

गुड़ के गुण, फायदे, उपयोग एवं नुकसान
गन्ने के रस को पकाकर बना गुड सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद है. हमने अधिकतर गुड को गन्ने के खेतो के आस-पास बड़ी बड़ी कड़ाइयों मे पकते देखा है, हालाकि आज कल गुड मशीनों के द्वारा भी बनाया जाता है, परंतु मशीनों से बने इस गुड का स्वाद पारंपरिक तरीके से बने गुड की तरह नहीं होता. गुड का स्वाद गन्ने की तरह ही मीठा मुह मे रस घोलने वाला होता है, परंतु आज के समय मे शायद ही आपको असली और शुध्द गुड बाजार मे मिल पाये.

गुड़ के फायदे एवं उपयोग
सर्दी का घरेलू इलाज

पेट का रखे ख्याल

महिलाओ के लिए वरदान

शरीर को ऊर्जा देने वाला और दर्द को दूर भगाने वाला

शरीर के लिए फायदेमंद

अस्थमा मे उपयोगी

खांसी को दूर भगाये

सांस के रोगो मे लाभकारी

जोड़ो के दर्द मे लाभकारी

पीलिया मे लाभकारी

वजन कम करने में फायदे

बालों के लिए फायदे

लंग्स के लिए फायदे

गर्मियों में लाभ

गुड़ खाने के कुछ अन्य लाभ

गुड़ में पाए जाने वाले पोषक तत्व

गुड़ के नुकसान

गुड़ के बारें में पूरी जानकारी
स्वाद मे मीठा गुड मे गुणो की खान भरी हुई है ये सेहत, शरीर, और त्वचा के साथ-साथ कई चीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद है. आज हम हमारे इस लेख मे आपको गुड के कई फ़ायदों से अवगत करा रहे है, जिससे आप भी गुणो से भरी इस चीज के कई फायदे जान पाये.

स्वाद मे मीठे गुड की तासीर गर्म होती है.

अगर गुड को पानी के साथ मिलाकर लिया जाए, तो इसकी तासीर ठंडी हो जाती है.

यह आपके शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालता है.
सर्दी के साथ साथ गुड कान के दर्द मे भी फायदे मंद है.
गुड खाने से खून बढ़ता है.
गुड भूख को बढ़ाता है.

गुड खाने से आखो की रोशनी बढ़ती है.

गुड खाने से इंसान की याददाश्त भी तेज होती है.

गुड़ के फायदे एवं उपयोग
सर्दी का घरेलू इलाज

यदि आप ठंड के मौसम मे सर्दी ख़ासी कफ आदि समस्या से परेशान है, तो गुड आपके लिए बहुत ही फायदे मंद है. क्यूकि गुड की तासीर गर्म होती है, तो वह इन रोगो मे फायदा पहुचाता है. इसके लिए ठंड के मौसम मे गुड की चाय बनाकर पीना बहुत अच्छा होता है| आप चाहे तो गुड को दूध मे मिलाकर या इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते है.

पेट का रखे ख्याल
अगर आपको खाने के बाद मीठा खाने की आदत है, तो गुड खाइये यह आपको गैस और खाना न पचने जैसी समस्याओ से बचाएगा तथा आपका हाजमा भी अच्छा रहेगा. अगर आपको गैस की समस्या अधिक है, तो रोजाना गुड का सेवन पानी मे मिलाकर करे, आपकी समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी.

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30/12/2022

https://rzp.io/l/q1O4uTdWa कृपया पूरे विश्वास के साथ इस लिंक के द्वारा आप हमें पेमेंट कर सकते हैं ताकि आपका पेमेंट पूर्ण रूप से सुरक्षित रहे और आपको समय से आप का प्रोडक्ट मिल जाए

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28/12/2022
26/12/2022

और हम केवल इसलिए परेशान है क्योंकी ठंड बोहत है

26/12/2022

आप लोगों का प्यार बस इसी तरह मिलता रहे और क्या चाहिए
🙏मसूरी की बहू हैं और शामली से 15 km. दूर एक गाँव की बेटी हैं ये बहनजी,इनके पति मसूरी DRDO में SCIENTIST हैं जो अग्नि मिसाइल की TEAM के सदस्य है व परिवार में अनेकों IAS हैं।

आप भी order कर सकते हैं whatsapp 7017211875 पर VAK लिखकर

23/12/2022

इस भीषण ठंड में जिनकी आयु 45 वर्ष से अधिक है, उन्हें रात में 10 बजे सोने के बाद से जब भी बिस्तर से उठे, तब आप एकदम से ना उठे।

क्योँकि ठंड के कारण शरीर का ब्लड गाढ़ा हो जाता है तो वह धीरे धीरे कार्य करने के कारण पूरी तरह हार्ट में नहीं पहुँच पाता और शरीर छूट जाता है।

इसी कारण से शर्दी के महीनों में 40 वर्ष के आस पास के लोग या 40 वर्ष से ऊपर के लोगों की ह्रदयगति रुकने से दुर्घटनाए अत्यधिक होती पाई गई हैं

इसलिए हमें सावधानी अत्यधिक बरतने की आवश्यकता है। यही सुझाव में भी देता हु।*

*साढ़े तीन मिनिट: मेरी सलाह
*जिन्हें सुबह या रात में सोते समय पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!*
1.हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए।
यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?*
यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।

जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।

ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?

इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।
यह साढ़े तीन मिनिट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है।

साढ़े तीन मिनिट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।
1. *नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।*
2. *अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।*
3 अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।*

साढ़े तीन मिनिट के बाद आपका मस्तिष्क बिना खून का नहीं रहेगा और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।

23/12/2022

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प्रकृति और सेहत

21/12/2022

अहोभाव

होशपूर्वक खाना और पीना

भोजन करते हुए या पानी पीते हुए भोजन या पानी का स्वाद ही बन जाओ, और उससे भर जाओ। हम खाते रहते हैं, हम खाए बगैर नहीं रह सकते। लेकिन हम बहुत बेहोशी में भोजन करते हैं-यंत्रवत। और अगर स्वाद न लिया जाए तो तुम सिर्फ पेट को भर रहे हो। तो धीरे-धीरे भोजन करो, स्वाद लेकर करो और स्वाद के प्रति सजग रहो। और स्वाद के प्रति सजग होने के लिए धीरे-धीरे भोजन करना बहुत जरूरी है।

तुम भोजन को बस निगलते मत जाओ। आहिस्ते-आहिस्ते उसका स्वाद लो और स्वाद ही बन जाओ। जब तुम मिठास अनुभव करो तो मिठास ही बन जाओ। और तब वह मिठास सिर्फ मुंह में नहीं, सिर्फ जीभ में नहीं, पूरे शरीर में अनुभव की जा सकती है। वह सचमुच पूरे शरीर पर फैल जाएगी। तुम्हें लगेगा कि मिठास-या कोई भी चीज-लहर की तरह फैलती जा रही है। इसलिए तुम जो कुछ खाओ, उसे स्वाद लेकर खाओ और स्वाद ही बन जाओ।

तंत्र कहता है कि जितना स्वाद ले सको उतना स्वाद लो। ज्यादा से ज्यादा संवेदनशील बनो, जीवंत बनो। इतना ही नहीं कि संवेदनशील बनो, स्वाद ही बन जाओ। अस्वाद से तुम्हारी इंद्रियां मर जाएंगी, उनकी संवेदनशीलता जाती रहेगी। और संवेदनशीलता के मिटने से तुम अपने शरीर को, अपने भावों को अनुभव करने में असमर्थ हो जाओगे। और तब फिर तुम अपने सिर में केंद्रित होकर रह जाओगे।

पानी पीते हुए पानी का ठंडापन अनुभव करो। आंखें बंद कर लो, धीरे-धीरे पानी पीओ और उसका स्वाद लो। पानी की शीतलता को महसूस करो और महसूस करो कि तुम शीतलता ही बन गए हो। जब तुम पानी पीते हो तो पानी की शीतलता तुममें प्रवेश करती है, तुम्हारा अंग बन जाती है। तुम्हारा मुंह शीतलता को छूता है, तुम्हारी जीभ उसे छूती है और ऐसे वह तुम में प्रविष्ट हो जाती है। उसे तुम्हारे पूरे शरीर में प्रविष्ट होने दो। उसकी लहरों को फैलने दो और तुम अपने पूरे शरीर में यह शीतलता महसूस करोगे। इस भांति तुम्हारी संवेदनशीलता बढ़ेगी, विकसित होगी और तुम ज्यादा जीवंत, ज्यादा भरे-पूरे हो जाओगे।

*हमारे द्वारा रचित यह आँवले की बहुत स्वादिष्ट मिठाई व औषधि शुगर रोगियोंकी कमजोरी में तो अमृत सिद्ध हो रही है व अन्य लगभग...
21/12/2022

*हमारे द्वारा रचित यह आँवले की बहुत स्वादिष्ट मिठाई व औषधि शुगर रोगियोंकी कमजोरी में तो अमृत सिद्ध हो रही है व अन्य लगभग 𝟭𝟭𝟬 रोगों में भी। जब गंगा जल,बहुत दुर्लभ सारँग मधुमक्खी का शहद,सफेद तिल, प्रवाल पिष्टी,लखनवी सौंफ,गुलाब केवड़ा इत्र आदि प्रयोग कर वही शास्त्रों की विधि से चूने द्वारा साधित कर इसे बनाया गया तो 𝗽𝗿𝗲𝘀𝗲𝗿𝘃𝗮𝘁𝗶𝘃𝗲 की भी आवश्यकता न पड़ी। ❗ *पुरानी कब्ज,बाल कम उम्र में ही सफेद होना या गिरना,𝘂𝗹𝗰𝗲𝗿𝗮𝘁𝗶𝘃𝗲 𝗰𝗼𝗹𝗶𝘁𝗶𝘀, 𝗜𝗕𝗦,आंखों की रोशनी,शारीरिक व मानसिक बल की कमी इत्यादि बहुत सारे रोगो में लाभप्रद।शुगर रोग की कमजोरी में बेहतरीन लाभकारी*
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*यह नही खाया तो बहुत कुछ गंवाय पूरे परिवार के लिए रोगों को दूर रखने वाला,पेट रोगों के लिए बेहतरीन कवच है ये 'सुवासित आँवला'* ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆

🟥 *पूरे वर्ष भर सेवनीय सारे पदार्थ एक तरफ व यह 'सुवासित आँवला' एक तरफ।आँवले को 'अमृत फल' की संज्ञा दी हुई है और इस विधि से बना हो तो जैसे सोने के कलश में साक्षात अमृत* ◆◆◆◆◆◆◆
🍈 *बनारसी आँवले को प्रयोग करके बहुत दुर्लभ सारँग शहद द्वारा बनाया है*
🍈 *चूना पानी से शोधित कर गंगा जल द्वारा विशेष विधि से बना है*
🍈 *बनने के बाद हर आँवले पर सफेद तिल, लखनवी सौंफ,खस इत्र, प्रवाल पिष्टी,फूल गुलाब पंखुड़ी का लेपन किया जाता है*
🍈 *बाज़ारू आँवला मुरब्बा से कई गुणा बेहतर,खाने में मिठाई जैसा स्वाद,एकदम 𝘀𝗼𝗳𝘁* ♦️ *𝟮.𝟱𝟬𝟬𝗸𝗴 नेट वजन 𝗳𝗹𝗶𝗽-𝘁𝗼𝗽 सुविधाजनक रख-रखाव जार का स्पेशल प्राइस ऑफर मात्र 𝟭𝟬𝟵𝟬/-₹(डाक/कोरियर खर्च हम अदा करेंगे)* ♦️ *आर्डर करने के लिए 𝟳𝟬𝟭𝟳211875 पर 𝗦𝗨𝗔𝗠𝗟𝗔 लिखक़र तुरंत 𝘄𝗵𝗮𝘁𝘀𝗮𝗽𝗽 करें,बहुत सीमित मात्रा में उपलब्ध है।* *राशि एडवांस जमा करानी होगी,𝗖𝗢𝗗 सुविधा हम कभी नहीं देते* 🙏 _ईश्वर आपको स्वस्थ रखे_ 🍃🍃🚩🚩🚩🍃🍃 *आपका ही - डा. निशान्त गुप्ता 'आयुष',* *केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा सम्मानित* *𝗪𝗘 𝗦𝗛𝗨𝗗𝗗𝗛'𝗦 ब्राण्ड के अंतर्गत निर्माण* *𝗙𝗦𝗦𝗔𝗜, 𝗚𝗠𝗣, 𝗜𝗦𝗢 𝟵𝟬𝟬𝟭:𝟮𝟬𝟭𝟱 प्रमाणित उपक्रम*

19/12/2022

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