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03/04/2023

मानव इतिहास के अब तक के ज्ञात कालप्रवाह के महानतम महामानव के जन्मदिवस पर
आर्युवेद लेख संग्रह ( ) परिवार की ओर से चैत्र शुक्ल नवमी पर्व (श्री राम नवमी ) की आप सभी भाईयों, बहनों, मित्रों को सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं .... ॐ

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श्री राम , जय जय श्री राम। ... ॐ🚩

31/01/2022

आज कुछ विशेष ...
छालरोग या सोरियासिस (अंग्रेज़ी:Psoriasis) का एक प्रकार ऐसा भी है ...
- सोरिऐटिक ऐरिथ्रोडर्मा:

120 अध्याय वाली चरकसंहिता की रचना दूसरी शताब्दी से भी पूर्व हुई थी ... 😊
31/01/2022

120 अध्याय वाली चरकसंहिता की रचना दूसरी शताब्दी से भी पूर्व हुई थी ... 😊

19/01/2022

The purpose of this group is to teach the path of self and family welfare by Ayurveda. To read exclusive and authentic articles about Ayurveda medical ayurved27..
.... यदि व्यक्ति का रक्तचाप पारा के 90/60 मिली मीटर से कम होता है उसको निम्म रक्तचाप माना जाता है। निम्म रक्तचाप तब तक हमारे शरीर के लिए घातक नहीं होता है जब तक इसके कारण चक्कर आना, बेहोशी और सदमें जैसे प्रभाव पैदा न हो। हाइपोटेंशन रक्त की मात्रा में कमी, पोषक तत्वों की कमी, हृदय की समस्याएं और हार्मोन्स परिवर्तन जैसे कारणों एवं अन्य कारणों से भी हो सकता है। शारीरिक व्यायाम का नियमित अभ्यास, योग शरीर में रक्त प्रवाह में सुधार कर सकता है
और इस तरह निम्न रक्तचाप के स्तर को सामान्य करता है।

योग में कुछ आसन और प्राणायाम जो निम्न रक्तचाप के रोगियों के लिए लाभदायक होते हैं -
1. उत्तान आसन
2. पवनमुक्त आसन
3. शिशु आसन
4. सर्वांग आसन
5. मत्स्य आसन ...

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आर्युवेद द्वारा स्वयं और परिवार कल्याण का मार्ग सिखाना इस समूह का उद्देश्य है। आयुर्वेद चिकित्सा संबंधी विशिष्ट एवं प्रा...
18/01/2022

आर्युवेद द्वारा स्वयं और परिवार कल्याण का मार्ग सिखाना इस समूह का उद्देश्य है। आयुर्वेद चिकित्सा संबंधी विशिष्ट एवं प्रामाणिक लेखों को पढ़ने के लिए https://facebook.com/ayurved27

16/01/2022

रोगाः कार्ष्यकराः बालक्षयकराः
देहस्य ढाढर्यापहाः।
दृष्टा इंद्रियशक्तिसंक्षयकराः सर्वांगपीड़ाकराः।। ...

... आजकल अधिकांश लोग कब्ज एसिडिटी गैस और खराब पाचन जैसी पेट की कई समस्याओं से परेशान नजर आते हैं। उनकी परेशानी का मुख्य ...
16/01/2022

... आजकल अधिकांश लोग कब्ज एसिडिटी गैस और खराब पाचन जैसी पेट की कई समस्याओं से परेशान नजर आते हैं। उनकी परेशानी का मुख्य कारण आधुनिक लाइफस्टाइल है। जिसके चलते दिनो दिन लोगों का खानपान बिगड़ता जा रहा है। परन्तु यदि इस आधुनिक लाइफस्टाइल में भी आप अपने खान-पान के तरीकों में थोड़ा सा बदलाव करके पेट की समस्याओं से ना सिर्फ छुटकारा पा सकते हैं बल्कि इससे आप अपनी पाचन शक्ति को भी उत्तम बना सकते हैं।
आइये बताते हैं पेट के लिए आयुर्वेदिक सलाह - वो विशेष 5 आयुर्वेटिक टिप्स जो आपके पेट की सारी समस्याआं को दूर कर सकते हैं और आपके पाचन तत्रं को मजबूत बना सकते हैं।
**पेट के लिए सलाह:-----
1. आराम से बैठ कर खाना खाएं- पेट को तंदरूस्त रखने के लिए सबसे जरूरी है कि आप जो भी खा रहे हैं उसमे आनंद का अनुभाव करें और उतना ही खाएं जितना आवश्यक है। आपको मल्टीटास्किंग भोजन करने से बचना चाहिए अर्थात एक साथ कई चीजों का सेवन ना करें। आयुर्वेद के अनुसार आप जब भी खाना खाएं आराम से और सही मुद्रा में बैठकर खाएं। ऐसा करने से आपको पेट की समस्याएँ भी नहीं होगी और आपका पाचन भी सही रहेगा।
2. पाचक अग्नि को उत्तेजित करें- अपने पाचन को बेहतर बनाने के लिए आपको अपने पेट की पाचन अग्नि को उत्तेजित करने की जरूरत है। इसके लिए अदरक का एक टुकड़ा लें उसम नींबू का रस मिलाएं और थोड़ा नमक लकेर इसे पानी मे मिलाएं और पी लें। इस तरह से आप गरिष्ठ भोजन को भी आसानी से पचा सकते हैं। आयुर्वेद में इस विधि को डाइजेस्टिव फायर विधि कहते हैं जो आपके पाचन को ठीक रखने में सहायता करती है।
3. शीतल पेय (कोल्ड ड्रिंक्स) और फास्ट फूड (जंक फूड) न खाएं - पेट की समस्याओं से बचने के लिए आपको कोल्ड ड्रिकं और फास्ट फूड का सेवन करने से बचना चाहिए। कोल्ड ड्रिंक और फास्ट फूड शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा दते ा है। इसके सेवन से पेट की समस्याओं के साथ ही पाचन प्रक्रिया बाधित होती है। इसलिए कोल्ड ड्रिंक के स्थान पर आप चाहें तो जूस का सेवन कर सकते हैं और फास्ट फूड के बजाय घर पर बना खाना ही खाएं।
4. सही दिनचर्या का पालन करें- पेट को स्वस्थ और पाचन क्रिया को अच्छा बनाए रखने के लिए आपको सही और नियमित दिनचर्या का पालन करना चाहिए। स्वस्थ दिनचर्या पर इसी समूह मे पंचम लेख संख्या (https://t.me/ayurved27/15) को देख सकते हैं। आयुर्वेद भी कहता है कि सुबह का नाश्ता/भोजन तथा दोपहर और रात का खाना सही समय पर खाना चाहिए। इसके अतिरिक्त रात को खाना खाने के तुरन्त बाद नहीं सोना चाहिए। सुबह पौष्टिक आहार के साथ दिन में पेट भरकर खाना खाएं लेकिन रात के समय एकदम हल्का भोजन करें। इस तरह की दिनचर्या का पालन करके आप अपने पेट को तंदरूस्त रख सकते हैं।
5. खाने के बाद छाछ, मट्ठा पीना न भूलें- खाने को पचाने मे छाछ मट्ठा अत्यधिक लाभकारी होता है। अगर आपने ज्यादा खाना खा लिया हो तो आप छाछ मठ्ठा पीकर उसे आसानी से पचा सकते हैं। छाछ मठ्ठा के सेवन से आपको पेट की समस्या नहीं होगी। इससे आपका पाचन तंत्र भी मजबूत रहेगा। सावधानी रखे कि छाछ पीते समय वह ज्यादा ठण्डा ना हो और इसमें बर्फ भी डालने से बचें।
ॐ 🌹 ...

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