Yoga with Neelam Chauhan

Yoga with Neelam Chauhan my service is to connect people with Yoga and Ayurveda, to give information about it is my mission, I have won many yoga competitions. I am also a social worker.

I have been working in the field of yoga for seventh years.I know and teach yoga in every way. I am a referee in the Uttarakhand Yoga Association. I am also a member of SPA Yoga Production. I am a Yoga Teacher at Doon Yog Peeth Institute. I am also present on YouTube, so you can follow me there as well, I am a yoga expert in the vokal app, you can hear me there too
I am always ready to help those who really need help.

हरि ॐ 🙏आज बात करते हैं पुनर्नवा की पुनर्नवा से होने वाले लाभ1. सूजन और सूजन संबंधी रोगों में फायदेमंद।यह प्राकृतिक एंटी-...
15/06/2025

हरि ॐ 🙏आज बात करते हैं पुनर्नवा की पुनर्नवा से होने वाले लाभ

1. सूजन और सूजन संबंधी रोगों में फायदेमंद।

यह प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है, जो गठिया (arthritis), जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत देता है। पुनर्नवा सुजन को नष्ट करती है यह ह्रदय रोग व किडनी के विकारों में (पथरी, किडनी की सुजन आदि) में विशेष लाभदायी है। पुनर्नवा शारीर में आए हुए सूजन को कम करता है ।यह शरीर के बाहरी अंग में आए हुए सूजन को कम करता है ।और शरीर के अंदर जो अंग होते हैं अगर उनमें सूजन आ गया हो तो उसको भी यह कम करता है यह मूत्रल होता है मूत्रल होने के वजह से पेशाब ज्यादा लाता है और शरीर में जमा हुआ पानी बाहर निकलने में मदद करता है जिससे सूजन कम हो जाता है सूजन लीवर में हो तिल्ली में हो, युटेरस में हो, किडनी में हो,हाथ में हो पैर में हो या चाहे पूरे शरीर में ही क्यों ना हो हर जगह की सूजन खत्म करने की ताकत यह पुनर्नवा रखता है।

2. गुर्दे (किडनी) की सेहत के लिए उपयोगी

यह मूत्रल (diuretic) गुणों वाला होता है, जो मूत्र मार्ग को साफ करता है और किडनी फंक्शन सुधारता है। अगर पेशाब करते समय जलन होता हो, पेशाब रुक रुक कर आता हो, किडनी में सूजन हो, पथरी हो, या फिर किडनी खराब हो रही हो,क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ता जा रहा हो तो पुनर्नवा इसमें रामबाण की तरह काम करता है।
इसके लिया पुनर्नवा जड़ और गोखरू को समान मात्रा में लेकर पावडर बना ले और सुबह शाम 5/5 ग्राम खाना खाने के पश्चात सेवन करें।

किडनी स्टोन (पथरी) के इलाज में भी सहायक है।

3. लीवर डिटॉक्स में मददगार

पुनर्नवा लीवर को विषैले तत्वों से मुक्त करता है और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों में लाभदायक है। अगर आप के लिवर में खराबी आ गई हो तो आप पुनर्नवा का इस्तेमाल कर सकते हैं यह लिवर को detox करके लिवर के सूजन को मिटाता है लिवर के गंदगी को बाहर निकालता है और लिवर संक्रमित होने से बच जाता है। पुनर्नवा हेपेटाइटिस ए हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी, एनीमिया , एनोरेक्सिया, पीलिया जैसे गंभीर रोग में भी फायदेमंद है। पुनर्नवा पावडर सुबह शाम 3/3 ग्राम सेवन करें। इसका सिरप भी मार्केट में उपलब्ध है आप दवा को 15 ml निकाल कर के 15ml पानी में मिक्स करके सुबह शाम खाना खाने के बाद ले सकते हैं । अगर पुनर्नवा का पौधा मिल जाए तो इसका साग (सब्जी बना कर) खाएं।

4. मूत्र संबंधी समस्याएं

पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना या रुक-रुक कर पेशाब आने की समस्या में फायदेमंद है। पुनर्नवा के चूरण का नियमित रूप से सेवन करने से आप स्वस्थ रह सकते हैं. किडनी में पथरी होने की समस्या आजकल काफी बढ़ रही है और इसके इलाज के लिए लोग नए-नए तरीके भी अपनाते हैं. पुनर्नवा गुर्दे में मौजूद पथरी को खत्म करने मे बहुत ही कारगर है।

5. मधुमेह (डायबिटीज) में सहायक।

यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। शरीर का ब्लड शुगर कंट्रोल करने में भी पुनर्नवा काफी फायदेमंद होता है. पुनर्नवा के इस्तेमाल से खून में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित होता है, जिससे डायबिटीज जैसी प्रॉब्लम से बचा जा सकता है. इस औषधि में एंटीडायबिटिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर स्पाइक को करने में मदद करते हैं.

6. ह्रदय स्वास्थ्य में लाभकारी -

यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और ह्रदय को मजबूत बनाता है। पुनर्नवा का पाउडर शहद के साथ मिलाकर खा सकते हैं. इसमें मौजूद मैग्नीशियम हाई और लो ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में काफी मददगार साबित हो सकता है. जिन लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या है, उन्हें दिन में एक बार इसका सेवन जरूर करना चाहिए।

7. त्वचा रोगों में उपयोगी -

त्वचा पर फोड़े-फुंसी, एक्जिमा आदि में पुनर्नवा का पेस्ट लाभदायक होता है।

8. पाचन तंत्र सुधारता है -

गैस, कब्ज, अपच जैसी समस्याओं में राहत देता है।

9. मोटापा को कंट्रोल -

पुनर्नवा का उपयोग वजन घटाने के लिए लगभग सभी हर्बल दवाओं में घटक के रूप में किया जाता है।यह जड़ी-बूटी इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा को कम किए बिना पेशाब को उत्तेजित करता है और शरीर से अतिरिक्त तरल और अपशिष्ट पदार्थ को शरीर से हटाने में मदद करता है। इस प्रकार पुनर्नवा वजन घटाने में मदद करता है।
मोटापा दूर करने के लिए पुनर्नवा के 5 ग्राम चूर्ण में 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह-शाम लें। पुनर्नवा की सब्जी बना कर खायें।

10. प्रोस्टेट में फायदेमंद

पुरुषों में 50 वर्ष के बाद प्रोस्टेट का बढ़ाना आम सी बीमारी हो गई है। जिन लोगों का प्रोस्टेट बढ़ जाता है उन लोगों के लिए पुनर्नवा बहुत ही लाभकारी होता है। प्रोस्टेट ग्रंथि की वृद्धि हो जाने पर पुनर्नवा का चूर्ण और गोखरू का चूर्ण समान मात्रा में लेकर के 5 ग्राम सुबह खाली पेट और 5 ग्राम शाम को सोते समय हल्का गुनगुना पानी से लें इससे प्रोस्टेट का साइज कम होगा और आप इस रोग से छुटकारा पा लेंगे।

11. अस्थमा में फायदेमंद

अगर आपको सांस फूलने की समस्या है यानी कि अस्थमा की बीमारी है तो आप आधा ग्राम हल्दी का पाउडर और 3 ग्राम पुनर्नवा के जड़ का पाउडर दोनों को मिक्स करके सुबह-शाम आप हल्का गुनगुना पानी से ले सकते हैं।
पुनर्नवा के पत्तियों का काढ़ा बनाकर उसमें थोड़ा सा काली मिर्च और थोड़ा सा अदरक का रस मिलाकर के सेवन कर करने से अत्यंत ही लाभकारी साबित होता है।

12. पेट के लिए फायदेमंद

पुनर्नवा पेट के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है । यह एसिडिटी कम करता है। पेट दर्द को कम करता है। भूख को बढ़ाने में मदद करता है। यह कब्ज से भी राहत देता है।
इसके लिए आप पुनर्नवा का चूर्ण 5/5 ग्राम सुबह-शाम या फिर पुनर्नवारिष्ट सिरप लाकर 15 ml दवा और 15 ml पानी किसी बर्तन में मिक्स करके सुबह शाम खाना खाने के बाद ले सकते हैं।

13. कैंसर में फायदेमंद

पुनर्नवा को कैंसर के इलाज के लिए सब से अच्छी जड़ीबूटियों में से एक माना जाता है। इसको कैंसर विरोधी एजेंट माना जाता है। पुनर्नवा कैंसर सेल्स के प्रगति को रोकता है।

#सेवन_का_तरीका:-

पुनर्नवा का उपयोग ताजा पत्तों का रस, सब्जी के रुप में, या जड़ तना फूल और पतियों को सुखाकर पीस कर पाउडर बनाकर लंबे समय तक के उपयोग कर सकते हैं। पुनर्नवा का जड़ आयुर्वेदिक दुकान पर आपको आसानी से उपलब्ध हो जाएगा पुनर्नवा के जड़ का पाउडर आप उपयोग में ला सकते हैं। अगर पुनर्नवा का जड़ ना मिले तो आप बना बनाया पुनर्नवा का पाउडर भी मार्केट से ला सकते हैं मार्केट में पुनर्नवा का सिरप भी आपको उपलब्ध हो जाएगा। पुनर्नवारिष्ट,, सिरप के नाम से उपलब्ध रहता है ।पुनर्नवा का टैबलेट भी आता है,आपको आसानी से आयुर्वेदिक दुकान से मिल जाएगा ।

चूर्ण (पाउडर): 1-3 ग्राम, दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ।

काढ़ा या अर्क: आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से

कैप्सूल या टैबलेट: बाज़ार में उपलब्ध, निर्देशानुसार सेवन करें

सावधानियां:-

गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना चिकित्सक की सलाह के सेवन नहीं करना चाहिए।
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🌿 तुलसी: धरती की सबसे शक्तिशाली लेकिन उपेक्षित प्राचीन औषधितुलसी (Holy Basil) वह जड़ी-बूटी है जिसे आयुर्वेद ने हजारों वर...
02/06/2025

🌿 तुलसी: धरती की सबसे शक्तिशाली लेकिन उपेक्षित प्राचीन औषधि
तुलसी (Holy Basil) वह जड़ी-बूटी है जिसे आयुर्वेद ने हजारों वर्षों पहले “तुलना रहित” कहा था, लेकिन आज भी बहुत से लोग इसकी वास्तविक शक्ति को नहीं पहचानते।

🌱 यह क्या करती है?
तनाव और चिंता को कम करती है

कॉर्टिसोल (तनाव हार्मोन) को घटाती है

पाचन तंत्र की रक्षा करती है

मस्तिष्क और आंतों के बीच संबंध को फिर से सक्रिय करती है

नर्वस सिस्टम को रीसेट करती है

जबकि आजकल लोग अश्वगंधा के पीछे भाग रहे हैं, तुलसी एक पूर्ण और संतुलित जड़ी-बूटी है, जो आपको सिर्फ शांत नहीं करती, बल्कि भीतर से पुनर्स्थापित करती है।

🕉️ प्राचीन आयुर्वेद में तुलसी का महत्व
करीब 3,000 साल पहले, आयुर्वेदिक वैद्यों ने तुलसी को “अतुलनीय” कहा था।
वे इसे स्पष्टता (clarity), मानसिक संतुलन, और शारीरिक पुनःस्थापन के लिए उपयोग करते थे – जब दुनिया को तनाव हार्मोन का नाम तक नहीं पता था।

अब आधुनिक विज्ञान भी इसे स्वीकार करने लगा है।

🧠 तुलसी कैसे काम करती है?
तुलसी की विशेष बात ये है कि:

यह नींद की दवा जैसी नींद नहीं लाती

यह आपके मस्तिष्क और आंत के बीच संवाद को बेहतर करती है, वैगस नर्व (vagus nerve) के माध्यम से

इसी कारण तुलसी:

मूड, पाचन और मानसिक स्पष्टता – सभी को एक साथ सुधारती है

⚙️ तुलसी कैसे काम करती है – वैज्ञानिक दृष्टिकोण से
1. तनाव प्रबंधन:
HPA Axis (हाइपोथैलेमिक-पिट्यूटरी-एड्रेनल सिस्टम) के माध्यम से कॉर्टिसोल को संतुलित करती है

2. पाचन सुरक्षा:
आंतों की सूजन को कम कर पेट को मजबूत बनाती है

3. डिटॉक्स समर्थन:
लिवर एंज़ाइम्स को सक्रिय करके तनाव से बने विषैले तत्वों को बाहर निकालती है

4. मस्तिष्क पर प्रभाव:
न्यूरोइन्फ्लेमेशन (Neuroinflammation) कम करती है जो कि ब्रेन फॉग, थकान और मूड स्विंग्स से जुड़ा होता है

डोपामिन और GABA जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को संतुलित करती है, जो मानसिक शांति, ध्यान और प्रेरणा के लिए जरूरी हैं

📊 वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं?
क्लिनिकल स्टडीज़ के अनुसार तुलसी:

चिंता और तनाव को घटाती है

सुबह के कॉर्टिसोल लेवल को कम करती है

मानसिक क्षमता (कॉग्निटिव फ़ंक्शन) को बेहतर करती है

नींद की गुणवत्ता में सुधार करती है

एक स्टडी में तो 39% तक तनाव लक्षणों में कमी देखी गई।

🔎 क्या आप तुलसी से लाभ ले सकते हैं?
अगर आपको अक्सर ऐसा महसूस होता है:

तनाव तो है पर शरीर थका हुआ

खाने के बाद मानसिक थकावट

बिना कारण चिंता

रात को तो अलर्ट रहते हैं, पर दिन में फोकस नहीं कर पाते

तो तुलसी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है।

🧪 व्यक्तिगत अनुभव
मैंने खुद तुलसी का उपयोग उन मरीजों पर किया है जो लंबे समय तक बर्नआउट से जूझ रहा थे।

नींद गायब

एकाग्रता शून्य

तनाव चरम पर

सिर्फ 2 हफ्तों में:

गहरी नींद आने लगी

अनहेल्दी चीज़ों की क्रेविंग बंद

मन शांत लेकिन शरीर सुस्त नहीं

✅ तुलसी का सुरक्षित उपयोग कैसे करें?
अगर आप तनाव, थकान या मानसिक पुनर्प्राप्ति के लिए तुलसी लेना चाहते हैं:

रूप (Form): कैप्सूल या चाय

खुराक (Dose): 300–600 mg प्रतिदिन

समय (Timing): सुबह या दोपहर

अवधि (Duration): कम से कम 10–14 दिन नियमित रूप से लें

आइए एक तुलसी का पौधा आज ही अपने आंगन में लगाएं।
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02/06/2025

Celebrating my 5th year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉

हन्सराज पहाड़ो तथा झरनों के पास पनपने वाली ब्लैक फर्न की प्रजाति हैं। बेहद नमी वाले स्थान पर ही विकसित होती हैं। इसकी पत...
03/09/2024

हन्सराज
पहाड़ो तथा झरनों के पास पनपने वाली ब्लैक फर्न की प्रजाति हैं। बेहद नमी वाले स्थान पर ही विकसित होती हैं। इसकी पत्तियाँ गहरी हरी और तना काला चमकीला होता हैं |
हंसराज झीलों और नमी वाले स्थान पर पनपते हैं जहां धूप कम आती हो.....
हंसराज की पत्तियाँ हँस के पंजों के आकार की होती हैं इसलिए इसे हंसराज या हँसपदी भी कहते हैं...
ये हल्की जड़े लिय होता हैं और पौधे की लम्बाई डेढ़ से दो फुट होती हैं l
इसका पौधा काई प्रजाति का होता हैं और तासीर भी शीतल होती हैं अगर इसकी पत्तियाँ तने से हटा दो तो तना बाल सा लगता हैं यह आपको कुआं, खाइ पर भी देखने को मिल जाएगा ये एक दुर्लभ पौधा हैं....
यह पथरीली जगह पर होता हैं यह पीलिया, पेट दर्द को ठीक करता हैं.... जब इसकी पत्तियाँ हरी होती हैं तो इसकी तासीर ठण्डी और सूखने पर गर्म हो जाती हैं इसकी पत्तियों का चूर्ण बनाकर शहद के साथ खाने से दमा और खासी में फायदा करता हैं सीने में रुका हुआ कफ दूर करता हैं.
बालों की समस्या हो तो इसके चूर्ण को तिल के तेल में पकाकर लगाने से लाभ होता हैं|

हृदय के लिय हितकारी हैं, पेट की गन्दगी दूर करता हैं..... स्त्रियों को मासिक धर्म में दिक्कत हो तो भी इसका चूर्ण फायदेमन्द हैं, जले पर चोट पर और फोड़े फुंसी और सूजन पर इसकी पत्ती का लेप फायदेमन्द हैं बहुत....

हंसराज का उपयोग आयुर्वेदिक ही नहीं यूनानी दवा बनाने में भी काम आता हैं |
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गणतंत्र दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई,💐 जय श्री राम जय स्वामीनारायण🙏🙏
26/01/2024

गणतंत्र दिवस की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई,💐 जय श्री राम जय स्वामीनारायण🙏🙏

01/01/2024

जानिए सर्दी में च्यवनप्राश के 10 लाभ च्यवनप्राश का सेवन वैसे तो सेहत के लिए बहुत गुणकारी है, लेकिन सर्दी के दिनों में इस...
24/12/2023

जानिए सर्दी में च्यवनप्राश के 10 लाभ

च्यवनप्राश का सेवन वैसे तो सेहत के लिए बहुत गुणकारी है, लेकिन सर्दी के दिनों में इसका प्रयोग बहुत ही लाभदायक होता है। आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को मिलाकर बनाया गया च्यवनप्राश कई तरह की बीमारियों से आपको बचाता है, और आपको स्‍वस्‍थ रखता है । जानिए च्यवनप्राश के यह 10 लाभ -

1 सर्दी के दिनों में च्यवनप्राश का सेवन करना, शरीर में गर्माहट पैदा कर ठंड के दुष्प्रभावों से बचाता है। इसके अलावा च्यवनप्राश खाने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है और बीमारियां दूर रहती हैं।

2 सर्दी, खांसी, फ्लू और कफ हो जाने पर च्यवनप्राश खाना फायदेमंद होता है। सर्दी में प्रतिदिन सुबह और शाम के समय च्यवनप्राश खाने से सर्दी से पैदा होने वाली बीमारियां नहीं होती।

3 पाचन से जुड़ी परेशानियों में च्यवनप्राश बहुत फायदेमंद है, इसे रोजाना खाने से पाचन की सभी परेशानियां खत्म हो जाती हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है।

4 च्यवनप्राश में आंवला और अन्य जड़ी बूटियां होती है, जो आपके शरीर को विटामिन और मिनरल्स देता है और इससे आपकी क्रियाशीलता में वृद्धि‍ होती है साथ ही सेक्स पावर भी बढ जाती है।

5 अगर आपके बाल सफेद हो रहे हैं, तो च्यवनप्राश खाना आपके लिए एक बेहतरीन उपाय है। रोजाना च्यवनप्राश खाना आपके सफेद होते बालों को भी काला करने की क्षमता रखता है। इससे नाखून भी मजबूत होते हैं।

6 सर्दी में खांसी होना आम बात है, लेकिन अगर आप पुरानी खांसी से भी परेशान हैं, तो च्यवनप्राश जरूर खाएं। इससे आपको खांसी से मुक्‍ित मिल जाएगी। इसके अतिरिक्‍त च्यवनप्राश आपके हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाता है।

7 छोटे बच्चों में होने वाली कई समस्याएं सिर्फ च्यवनप्राश खाने से दूर हो सकती हैं। सर्दी के कारण भी बच्चे सेहत से जुड़ी परेशानियों से जूझते हैं। च्यवनप्राश का नियमित सेवन बच्चों को अंदरूनी शक्ति देता है।

8 महिलाओं के लिए भी च्यवनप्राश खाना बहुत लाभकारी है। अगर माहवारी नियमित नहीं हो रही हो, तो नियमित च्यवनप्राश का सेवन आपको मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं से दूर रखता है।

9 बच्चे हों या बड़े, नियमित च्यवनप्राश का सेवन दिमाग की सक्रियता को बढ़ाता है और एकाग्रता में वृद्धि‍ करता है। इससे मानसिक तनाव में कमी आती है और दि‍माग स्वस्थ रहता है।

10 यह शरीर के आंतरिक अंगों की सफाई तक हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने में मदद करता है। इसके अलावा यह रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित रखने में मददगार है।

🙏🏻🙏🏻💐💐🕉🕉आंवलें के लाभ-विटामिन-सी से भरपूर आंवला, आंखों, बालों और त्वचा के लिए तो फायदेमंद है ही, इसके यह 10 अनमोल फायदे ...
19/12/2023

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आंवलें के लाभ-

विटामिन-सी से भरपूर आंवला, आंखों, बालों और त्वचा के लिए तो फायदेमंद है ही, इसके यह 10 अनमोल फायदे बिल्कुल अमृत के समान हैं। अगर आप नहीं जानते आंवले के यह फायदे, तो जरूर जानिए ..

1) डायबिटीज के मरीजों के लिए आंवला बहुत काम की चीज है। पीड़ि‍त व्यक्ति अगर आंवले के रस का प्रतिदिन शहद के साथ सेवन करे तो बीमारी से राहत मिलती है।
2) एसिडिटी की समस्या होने पर आंवला बेहद फायदेमंद होता है। आंवले का पाउडर, चीनी के साथ मिलाकर खाने या पानी में डालकर पीने से एसिडिटी से राहत मिलती है। इसके अलावा आंवले का जूस पीने से पेट की सारी समस्याओं से निजात मि‍लती है।
3) पथरी की समस्या में भी आंवला कारगर उपाय साबित होता है। पथरी होने पर 40 दिन तक आंवले को सुखाकर उसका पाउडर बना लें, और उस पाउडर को प्रतिदिन मूली के रस में मिलाकर खाएं। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में पथरी गल जाएगी।
4) रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर, प्रतिदिन आंवले के रस का सेवन करना काफी लाभप्रद होता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, और खून की कमी नहीं होने देता।

5) आंखों के लिए आंवला अमृत समान है, यह आंखों की रौशनी को बढ़ाने में सहायक होता है। इसके लिए रोजाना एक चम्मच आंवला के पाउडर को शहद के साथ लेने से लाभ मिलता है और मोतियाबिंद की समस्या भी खत्म हो जाती है।
6) बुखार से छुटकारा पाने के लिए आंवले के रस में छौंक लगाकर इसका सेवन करना चाहिए, इसके अलावा दांतों में दर्द और कैविटी होने पर आंवले के रस में थोड़ा सा कपूर मिला कर मसूड़ों पर लगाने से आराम मिलता है।
7) शरीर में गर्मी बढ़ जाने पर आंवला सबसे बेहतर उपाय है। आंवले के रस का सेवन या आंवले को किसी भी रूप में खाने पर यह ठंडक प्रदान करता है। हिचकी तथा उल्टी होने की पर आंवले के रस को मिश्री के साथ दिन में दो-तीन बार सेवन करने से काफी राहत मिलेगी

8) याददाश्त बढ़ाने में आंवला काफी फायदेमंद होता है। इसके लिए सुबह के समय आंवला के मुरब्बा गाय के दूध के साथ लेने से लाभ होता है, इसके अलावा आप प्रतिदिन आंवले के रस का प्रयोग भी कर सकते हैं।
9) चेहरे के दाग-धब्बे हटाकर उसे खूबसूरत बनाने के लिए भी आंवला आपके लिए उपयोगी होता है। इसका पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा साफ, चमकदार होती है और झुर्रियां भी कम हो जाती हैं।
10) बालों को काला, घना और चमकदार बनाने के लिए आंवले का प्रयोग होता है, इसके पाउडर से बाल धोने या फिर इसका सेवन करने से बालों की समस्याओं से निजात मिलती है।*🦚🍃🌱🍁🌷🌿🕉️🕉️🙏

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"मखाना" संस्कृत के दो शब्द मख व अन्न से बना है। मख का मतलब यज्ञ होता है। अर्थात यज्ञ में प्रयुक्त होने वाला अन्न। जीवन क...
15/12/2023

"मखाना" संस्कृत के दो शब्द मख व अन्न से बना है। मख का मतलब यज्ञ होता है। अर्थात यज्ञ में प्रयुक्त होने वाला अन्न। जीवन काल से लेकर मृत्यु के बाद भी मखाना मिथिलांचल वासियों से जुड़ा रहता है। मखाने की खेती पूरे मिथिलांचल में होती है। दरभंगा में उत्पन्न होने वाला मखाना उत्तम कोटि का माना जाता है। मखाने कमल के बीजों की लाही है। मखाना को देवताओं का भोजन कहा गया। पूजा एवं हवन में भी यह काम आता है। इसे आर्गेनिक हर्बल भी कहते हैं। क्योंकि यह बिना किसी रासायनिक खाद या कीटनाशी के उपयोग के उगाया जाता है। मखाना बल, वाजीकर एवं ग्राही है। मखाना पोषक तत्वों से भरपूर एक जलीय उत्पाद है। मखाना स्वास्थ्य के लिये भी काफी फायदेमंद है। मखाने के बीज किडनी और हृदय के लिये लाभप्रद हैं।

मखाने में 9.7 प्रतिशत आसानी से पचनेवाला प्रोटीन, 76 प्रतिशत कार्बोहाईड्रेट , 12.8 प्रतिशत नमी, 0.1 प्रतिशत फैट, 0.5 प्रतिशत मिनरल लवण, 0.9 प्रतिशत
फॉस्फोरस एवं 1.4 मिलीग्राम आयरन पदार्थ मौजूद होता है। इसमें औषधीय गुण भी होते है। साथ ही मखाने में
कैल्शियम, अम्ल और विटामिन बी भी पाया जाता है।

यह शीघ्रपतन से बचाता है, वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा को बढ़ाने में मदद करता है जिससे कामेच्छा बढ़ जाती है। इसके अलावा यह महिलाओं में बांझपन को भी दूर करने में मदद करता है।

डायबिटीज रोगियों के लिए फायदेमंद
डायबिटीज चयापचय विकार है, जो उच्च रक्त शर्करा के स्तर के साथ होता है। इससे इंसुलिन हार्मोंन का स्राव करने वाले अग्न्याशय के कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। लेकिन मखाने मीठा और खट्टा बीज होता है। और इसके बीज में स्टार्च और प्रोटीन होने के कारण यह
डायबिटीज के लिए बहुत अच्छा होता है।

बढ़ती उम्र को रोकता है: एंटी-एजिंग गुण
मखाने में बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने की क्षमता होती है। मखाना एंटी-एजिंग के साथ एंटी-आक्सीडेट से भी भरपूर होता हैं जो उम्र को रोकने में सहायता करता है। जिस वजह से आप लंबे समय तक जवां बने रहते हो।
झुर्रियां और बालों का सफेद होना भी मखाने से कम हो जाते हैं।

किडनी को मजबूत बनाये
मखाने का सेवल किडनी और दिल की सेहत के लिए फायदेमंद है। फूल मखाने में मीठा बहुत कम होने के कारण यह स्प्लीन को डिटॉक्सीफाइ करने, किडनी को मजबूत बनाने और ब्लड का पोषण करने में मदद करता है। साथ ही मखानों का नियमित सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है।

दिल की बीमारी में मखाना
मखाने में एस्ट्रीजन गुण होते हैं जो आपको दिल के रोगों से बचाता है। मखाना दिल की सेहत के लिए किसी औषधि से कम नहीं है।

दर्द से छुटकारा दिलाय
मखाना कैल्शियम से भरपूर होता है इसलिए जोड़ों के दर्द, विशेषकर अर्थराइटिस के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है। साथ ही इसके सेवन से शरीर के किसी भी अंग में हो रहे दर्द जैसे से कमर दर्द और घुटने में हो रहे दर्द से आसानी से राहत मिलती है।

पाचन में सुधार करे
मखाना एक एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण, सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा आसानी से पच जाता है। बच्चों से लेकर बूढे लोग भी इसे आसानी से पचा लेते हैं। इसका पाचन आसान है इसलिए इसे सुपाच्य कह सकते हैं। इसके अलावा फूल मखाने में एस्ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मदद करता है। मखानों को देसी घी में भूनकर खाने से दस्त जैसे रोग से छुटकारा पाया जा सकता है।

अन्य लाभ
मखाने के सेवन से तनाव कम होता है और नींद अच्छी आती है। रात में सोते समय दूध के साथ मखाने का सेवन करने से नींद न आने की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा मखानों का नियमित सेवन करने से शरीर की कमजोरी दूर होती है और हमारा शरीर सेहतमंद रहता है। मखाने में मौजूद प्रोटीन के कारण यह मसल्स बनाने और फिट रखने में मदद करता है।
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मुंह के छालों का उपचारमुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। ल...
10/12/2023

मुंह के छालों का उपचार

मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना मुहाल हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। संतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान-मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है। आइए हम आपको मुंह के छालों से बचने के लिए घरेलू उपचार बताते हैं।

मुंह के छालों से बचने के घरेलू उपचार–
1- शहद में मुलहठी का चूर्ण मिलाकर इसका लेप मुंह के छालों पर करें और लार को मुंह से बाहर टपकने दें।
2- मुंह में छाले होने पर अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उनका रस चूसना चाहिए।
3- छाले होने पर कत्था और मुलहठी का चूर्ण और शहद मिलाकर मुंह के छालों पर लगाने चाहिए।
4- अमलतास की फली मज्जा को धनिये के साथ पीसकर थोड़ा कत्था मिलाकर मुंह में रखिए। या केवल अमलतास के गूदे को मुंहमें रखने से मुंह के छाले दूर हो जाते हैं।
5- अमरूद के मुलायम पत्तों में कत्था मिलाकर पान की तरह चबाने से मुंह के छाले से राहत मिलती है और छाले ठीक हो जाते हैं*🦚🍃🌱🍁🌷🌿🕉️🕉️🙏

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