Astro Shashwat Sharma

Astro Shashwat Sharma Consultant Vedic Astrologer l Palmist l Face Reader
✨Guiding lives through Vedic wisdom ✨ He has analysed more than 10000+ of horoscope chart.

Shashwat sharma is a vedic astrologer having a experience more than 7+ years. His practical experience and remedies for problems like marriage issues, health issues, love and relationships, job and business have helped many people to solve their problems. Even his advice related to the selection of right education and higher education has helped many to choose the right and successful path. Also he is a great motivational guide and has helped many people who are emotionally weak and has less confidence to make them focus and achieve their aim. His service to the filed of astrology is remarkable over the period of time . Only For Personal Astrological Consultation and inquiry, WhatsApp with your name and Astrological service required.Don't msg for free consultation.Consultation fee is Rs 501/- valid only for one time. for Different services see in service section of page.

20/10/2025
नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का स्नेहपूर्वक स्वागत करता हूँ. आज कार्तिक मास, वि...
20/10/2025

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का स्नेहपूर्वक स्वागत करता हूँ.

आज कार्तिक मास, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, कृष्ण पक्ष, सोमवार. तिथि चतुर्दशी 03:44 पी एम तक, उसके पश्चात अमावस्या. नक्षत्र हस्त 08:17 पी एम तक, उसके पश्चात चित्रा. नित्य योग वैधृति 02:35 ए एम, अक्टूबर 21 तक, उसके बाद विष्कम्भ. करण शकुनि 03:44 पी एम तक, फिर चतुष्पाद 04:47 ए एम, अक्टूबर 21 तक, उसके बाद नाग

1) आज के प्रमुख पर्वों का सार
लक्ष्मी पूजा, दीपावली, चोपड़ा पूजन, शारदा पूजा, काली पूजा, दीपमालिका, कमला जयंती, नरक चतुर्दशी, केदार गौरी व्रत, तमिल दीपावली. आज का संध्या काल दीप, जप और संकल्प सिद्धि के लिए अत्यंत फलदायी

2) लक्ष्मी पूजा का महत्व और सरल विधि
समृद्धि, स्थिर धन, सौभाग्य और गृह लक्ष्मी की कृपा हेतु आज का प्रदोष से रात्रि काल सर्वोत्तम
स्थान और तैयारी. पूजा स्थान स्वच्छ रखें, तिजोरी या कैश बॉक्स के पास दीप सजाएँ, रोली हल्दी अक्षत से स्वस्तिक बनाकर चावल की ढेरी पर श्रीयंत्र अथवा लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित करें, कुबेर और गणेश जी का आसन भी साथ रखें
दीप और आवाहन. घी का मुख्य दीप प्रज्वलित करें, चारों दिशाओं में तिल तेल के छोटे दीप रखें, ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः बोलकर आवाहन करें
पूजन क्रम. गणेश वंदना 21 जप. लक्ष्मी आवाहन पुष्प अर्पण. श्रीयंत्र या चित्र पर केसर या इत्र का अर्घ्य. इत्र, हल्दी, कुंकुम, चावल, पंचमेवा या खीर फल नैवेद्य. कमल या सफेद पुष्प अर्पित करें
स्तोत्र और जप. श्री सूक्त एक पाठ, कनकधारा स्तोत्र या लक्ष्मी अष्टोत्तर, मंत्र ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 108 जप, कुबेर मंत्र ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय नमः 27 जप
संपुट संकल्प. घर परिवार की ऋद्धि सिद्धि, व्यवसाय वृद्धि और ऋण मुक्ति का संकल्प लें, अंत में आरती और क्षमा प्रार्थना

3) चोपड़ा पूजा और शारदा पूजा
नए खाता बही, डायरी, स्टैम्प, कैलकुलेटर, लैपटॉप या पेन को लाल कपड़े पर रखें, रोली हल्दी से स्वस्तिक बनाएँ, शुद्ध घी का दीप लगाएँ
श्री गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती का नाम लिखें, शुभ लाभ, ऋद्धि सिद्धि लिखकर काली स्याही से प्रथम प्रविष्टि करें, मिठाई नैवेद्य कर आरती करें
वाद्य, पुस्तकें और औजारों पर रोली अक्षत चढ़ाकर ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः 108 जप करें

4) काली पूजा का महत्व और सरल विधि
अमावस्या रात्रि में शक्ति साधना, भय नाश, नज़र दोष शमन और ग्रहबाधा शांति हेतु उत्तम
माँ काली के समक्ष नींबू, नारियल, काले तिल, गुड़ और लाल या काले पुष्प अर्पित करें, तिल तेल का दीप जलाएँ
मंत्र ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 जप, काली चालीसा या कवच का एक पाठ, अंत में प्रसाद और शांति प्रार्थना

5) नरक चतुर्दशी का संकेत
उषःकाल अभ्यंग स्नान का योग. तिल तेल से अभ्यंग करके बेसन हल्दी उबटन से स्नान करें, मुख्य द्वार पर तिल तेल का दीप रखें, पाप भय नाश और स्वास्थ्य दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है

6) केदार गौरी व्रत और तमिल दीपावली
केदार गौरी व्रत से दाम्पत्य सौहार्द, सिद्धि और शिव कृपा प्राप्त होती है. शिवलिंग पर जल दूध और बिल्वपत्र से अभिषेक करें, ॐ नमः शिवाय जप करें
तमिल दीपावली पर प्रातः अभ्यंग स्नान, नए वस्त्र, दीपदान और धन्वंतरि स्मरण के साथ लक्ष्मी पूजन किया जाता है

7) दीपमालिका और कमला जयंती
घर के दरवाजे, खिड़की, तुलसी और पूजा स्थान पर दीपों की पंक्तियाँ सजाएँ, अंधकार और दारिद्र्य का नाश माना गया है
कमला जयंती पर महाविद्या कमला की आराधना करें. मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलवासिन्यै नमः 108 जप, स्थिर लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद

8) आज के शुभ समय का उपयोग
अभिजित मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:28 पी एम में निर्णायक कार्य और लेनदेन
विजय मुहूर्त 01:59 पी एम से 02:45 पी एम में अटके कार्य आगे बढ़ाएँ
अमृत काल 01:40 पी एम से 03:26 पी एम में जप, दान और संकल्प सिद्धि

9) आज के अशुभ समय में सावधानी
राहुकाल 07:50 ए एम से 09:15 ए एम में नए आरंभ न करें
आडल योग 06:25 ए एम से 08:17 पी एम तक दुविधा और अस्थिरता दे सकता है, संवेदनशील निर्णय सायं के बाद लें
दिशा शूल पूर्व. पूर्व दिशा यात्रा आवश्यक हो तो दही चीनी या गुड़ सौंफ ग्रहण कर, श्री गणेश का स्मरण कर प्रस्थान करें

10) आज के नक्षत्र की विशेषता
हस्त 08:17 पी एम तक कौशल, दस्तावेज, डिजाइन, संचार, मरम्मत और सूक्ष्म कार्य में सफलता. अतिसूक्ष्मता से बचें
चित्रा 08:17 पी एम के बाद सृजन, ब्रांडिंग, आर्किटेक्चर, मेकओवर, सज्जा और प्रतिष्ठा संबंधी कार्य अनुकूल. अहं से दूर रहें

11) आज के विशेष मंत्र जाप
नक्षत्र हस्त में ॐ सवित्रे नमः 27 बार, चित्रा में ॐ त्वष्ट्रे नमः 27 बार
वार सोमवार ॐ नमः शिवाय 108 बार, ॐ सोमाय नमः 108 बार
तिथि चतुर्दशी में महामृत्युंजय मंत्र 21 या 108 बार, अमावस्या में ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 बार या ॐ पितृभ्यो नमः 27 बार
कार्तिक मास विशेष ॐ दामोदराय नमः 108 बार, दामोदराष्टकम का पाठ, तुलसी पूजन और दीपदान

12) संध्या पूजा का सरल क्रम
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, पूजा स्थान पर घी और तिल तेल दोनों के दीप जलाएँ, शुद्ध संकल्प लें
गणेश वंदना ॐ गं गणपतये नमः 21 जप
लक्ष्मी पूजन श्री सूक्त एक पाठ, ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 108 जप, कुबेर मंत्र 27 जप
काली पूजा ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 जप, काली चालीसा
शिव आराधना ॐ नमः शिवाय 108 जप, बिल्वपत्र अर्पण
अंत में आरती, शांति पाठ ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

13) घर में उपलब्ध सामग्री से आसान उपाय
मुख्य द्वार पर एक घी और एक तिल तेल का दीप रखें, तिजोरी के पास 11 मिनट घी का दीप
चावल की डिब्बी पर केसर या हल्दी का तिलक करें, एक लौंग तिजोरी में रखें
नमक और कपूर का कटोरा दक्षिण पश्चिम में रखें, नकारात्मकता कम होगी
तुलसी के पास दीप जलाएँ, खीर या गुड़ चना का नैवेद्य लक्ष्मी और नारायण को अर्पित करें
व्यवसाय स्थल पर लाल कपड़े पर स्वस्तिक बनाकर खाता बही रखकर एक मिष्ठान अर्पित करें

14) विशेष शाबर मंत्र सरल और प्रभावी
उद्देश्य लक्ष्मी स्थिरता, नज़र और बाधा शमन
मंत्र ॐ आदेश गुरु गोरखनाथ जी, लक्ष्मी आयो, दरिद्र टारो, काज सिद्ध करियो, फुरो मन्त्र
विधि संध्या समय पूर्वाभिमुख पीले आसन पर बैठें, एक घी या तिल तेल का दीप जलाएँ, सामने स्टील या तांबे के पात्र में स्वच्छ जल रखें, मंत्र का 108 जप करें, अंत में जल पर तीन बार श्वास फूँकें, थोड़ा जल अपनी तिजोरी और मुख्य द्वार पर छिड़कें, शेष पूजा स्थान में अर्पित करें, यह क्रम 7 या 11 दिवस रखें, नियम और श्रद्धा से शीघ्र फल दिखाई देता है

15) योग और करण का संकेत
वैधृति में जल्दबाजी और असंतुलन से बचें, शांत मन से निर्णय लें
शकुनि में रणनीति और योजना, चतुष्पाद में स्थिरता और दीर्घकाल कार्य, नाग में गूढ़ और रिसर्च कार्य सफल

16) दिन की कार्ययोजना
प्रातः राहुकाल से पूर्व सामान्य कार्य करें, राहुकाल में नए आरंभ न करें
दोपहर अमृत काल और अभिजित में वित्तीय और दस्तावेजी कार्य करें
सायं आडल योग के उपशांत होते ही लक्ष्मी पूजन, चोपड़ा पूजा, काली पूजा और दीपमालिका करें

इस पोस्ट को अपने सभी ग्रुप और मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत. ग्रुप में और सदस्य जोड़ें

जिस किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना हो, कुंडली अनुसार वैदिक उपाय, मंत्र उपचार, सिद्ध रत्न उपरत्न जैसे पुखराज, नीलम, ओपल, माणिक, मोती, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया उचित रेट पर उपलब्ध हैं, सिद्ध रुद्राक्ष, सिद्ध यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, शुक्र मणि, घर की सुख शांति के यंत्र, या किसी भी व्यक्तिगत समस्या जैसे शारीरिक, मानसिक, हीलिंग के लिए भी संपर्क कर सकते हैं. हर हर महादेव. आपका Astro Shashwat Sharma

हमारे विशेष Diwali Workshop whatsapp ग्रुप में जुड़कर इस पर्व के उपलक्ष में किए जाने वाले प्रभावशाली, प्राचीन और सिद्ध, दुर्लभ उपायों का लाभ अवश्य उठाएँ

https://chat.whatsapp.com/BUmlVolwKyOLoaQVuavRbq?mode=ems_copy_t

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का स्नेहपूर्वक स्वागत करता हूँ. आज कार्तिक मास, वि...
19/10/2025

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का स्नेहपूर्वक स्वागत करता हूँ.

आज कार्तिक मास, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, कृष्ण पक्ष, रविवार. तिथि त्रयोदशी 01:51 PM तक, उसके पश्चात चतुर्दशी. नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी 05:49 PM तक, उसके बाद हस्त. नित्य योग इन्द्र 02:05 AM, अक्टूबर 20 तक, उसके बाद वैधृति. करण वणिज 01:51 PM तक, उसके बाद विष्टि 02:45 AM, अक्टूबर 20 तक, उसके बाद शकुनि

1) आज के मुख्य पर्व और योग का सार
काली चौदस का प्रभाव आज दोपहर 01:51 PM के बाद चतुर्दशी लगते ही संध्या और रात्रि में फलदायी. हनुमान पूजा आज उग्र बाधा शमन और सुरक्षा हेतु अत्यंत शुभ. मासिक शिवरात्रि आज रात्रि चतुर्दशी में रुद्रोपासना के लिए श्रेष्ठ. भद्रा 01:51 PM से 02:45 AM तक, इस दौरान मंगल कार्य टालें. विडाल योग 06:24 AM से 05:49 PM तक उग्र, आडल योग 05:49 PM से 06:25 AM, अक्टूबर 20 तक भ्रम और अस्थिरता देने वाला. सर्वार्थ सिद्धि योग आज रविवासर के साथ उत्तराफाल्गुनी और हस्त दोनों में बन रहा है, अमृत सिद्धि योग रविवार के साथ हस्त में 05:49 PM के बाद फलप्रद

2) काली चौदस महत्व और सरल विधि
यह नरक चतुर्दशी के रूप में पाप और भय नाश, सुरक्षा, नकारात्मकता के शमन और शक्ति साधना का दिन माना जाता है
संध्या काल में घर की चौखट पर तिल तेल का दीप प्रज्वलित करें, उसमें काले तिल अवश्य डालें
माँ काली की प्रतिमा या चित्र के समक्ष नींबू, नारियल, गुड़ और काले तिल अर्पित करें, लाल या काले पुष्प चढ़ाएँ
मंत्र जप करें ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 बार, संभव हो तो काली चालीसा या काली कवच का पाठ करें
यदि चतुर्दशी प्रातः तक व्यापक हो तो प्रातः अभ्यंग स्नान करें तिल तेल से शीश से पाँव तक तेल लगाकर बेसन हल्दी से उबटन करें और मंद जल से स्नान करें

3) हनुमान पूजा का महत्व और विधि
काली चौदस पर हनुमान आराधना से भूत प्रेत बाधा, डर, नजर और उग्र ग्रह प्रभाव शांत होते हैं, साहस और ऊर्जा मिलती है
शुद्ध स्नान कर श्री हनुमान जी को चमेली तेल और सिंदूर का चोला अर्पित करें, गुड़ चना या बूंदी का नैवेद्य रखें, तिल तेल का एक दीप अवश्य जलाएँ
मंत्र जप करें ॐ हनुमते नमः 108 बार, हनुमान चालीसा एक पाठ, इच्छानुसार बजरंग बाण या सुंदरकांड के कुछ दोहे
कार्य आरंभ से पूर्व दाहिने हाथ पर लाल या काला सूत बाँधें और श्री राम का स्मरण करें

4) मासिक शिवरात्रि रात्रि साधना
रात्रि में शिवलिंग पर जल दूध और काले तिल मिश्रित जल से अभिषेक करें, बिल्वपत्र अर्पित करें
ॐ नमः शिवाय 108 बार, महामृत्युंजय मंत्र 21 या 108 बार, रुद्राष्टाध्यायी का अंश पाठ करें
चार प्रहर में थोड़ी थोड़ी पूजा करने से विशेष फल मिलता है, अंत में आरती और शांति पाठ करें

5) भद्रा, विडाल और आडल योग का प्रभाव
भद्रा 01:51 PM से 02:45 AM तक. विवाह, गृह प्रवेश, नए सौदे, शुभ कार्य आरंभ न करें. शत्रुजयी प्रयास, ऋण वसूली, अनुशासनात्मक निर्णय, कोराप्लायंस जैसे कठोर कार्य उपयुक्त. उपाय के तौर पर गणेश पूजन कर काले तिल का दान करें और तिल तेल का दीप जलाएँ
विडाल योग 06:24 AM से 05:49 PM. उग्र स्वभाव का योग, संवेदनशील निर्णय टालें. भैरव वंदना, हनुमान चालीसा और काले तिल का दीप करने से तीक्ष्णता संतुलित होती है
आडल योग 05:49 PM से 06:25 AM. मन में अस्थिरता और दुविधा दे सकता है, इस समय में नए आरंभ न करें. शांत जप, ध्यान, समीक्षा और सुधार कार्य श्रेष्ठ

6) सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग
सर्वार्थ सिद्धि योग आज रविवासर के साथ उत्तराफाल्गुनी और हस्त में बन रहा है, धन, कार्यसिद्धि, प्रतिष्ठा और दीर्घकाल लाभ हेतु अनुकूल. किंतु भद्रा, विडाल, आडल में शुभ आरंभ न करें, इन योगों का लाभ पूजा, योजना और दस्तावेजी तैयारी से लें
अमृत सिद्धि योग 05:49 PM से हस्त के साथ, दीर्घकाल सफलता, उपचार, करियर स्थिरता और सौदे की नींव रखने में सहायक. संध्या पूजा, मंत्र जप और शुभ संकल्प के लिए उत्तम

7) शुभ और अशुभ समय का उपयोग
अभिजित मुहूर्त 11:43 AM से 12:29 PM निर्णायक हस्ताक्षर, पेमेंट रिलीज, महत्वपूर्ण बैठकें करें
विजय मुहूर्त 02:00 PM से 02:45 PM अटके कार्य आगे बढ़ाएँ
अमृत काल 09:59 AM से 11:44 AM जप, दान और संकल्प सिद्धि
राहुकाल 04:22 PM से 05:47 PM नए कार्य आरंभ टालें, बैकएंड और समीक्षा कार्य करें
दिशा शूल पश्चिम, पश्चिम की यात्रा आवश्यक हो तो दही चीनी या गुड़ चना ग्रहण कर श्री हनुमान का स्मरण करके निकलें

8) आज के नक्षत्र की विशेषता
उत्तराफाल्गुनी 05:49 PM तक सेवा, अनुबंध, स्थायी संबंध, दीर्घकाल योजना, प्रशासन और परोपकार हेतु अनुकूल, वाणी में विनम्रता रखें
हस्त 05:49 PM के बाद कौशल, हस्तकला, डिजाइन, दस्तावेज, संचार, मरम्मत और फाइन ट्यूनिंग में सफलता, अति सूक्ष्मता से उलझाव न बढ़ाएँ

9) आज के मंत्र जाप
नक्षत्र मंत्र उत्तराफाल्गुनी में ॐ अर्यमणे नमः 27 बार, हस्त में ॐ सवित्रे नमः 27 बार
वार रविवार ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः 108 बार या ॐ आदित्याय नमः 108 बार
तिथि त्रयोदशी में ॐ नमः शिवाय 108 बार, चतुर्दशी में महामृत्युंजय मंत्र 108 या 21 बार
कार्तिक मास विशेष ॐ दामोदराय नमः 108 बार, दामोदराष्टकम का पाठ और तुलसी पूजन

10) संध्या पूजा का सरल क्रम
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, पूजा स्थान पर घी या तिल तेल का दीप और धूप जलाएँ, आज की पूजा कुटुम्ब कल्याण और सुरक्षा हेतु संकल्प लें
गणेश वंदना ॐ गं गणपतये नमः 21 बार
काली चौदस विशेष ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 बार, काली चालीसा का एक पाठ
हनुमान आराधना ॐ हनुमते नमः 108 बार, हनुमान चालीसा, बूंदी या गुड़ चना नैवेद्य
शिव आराधना महामृत्युंजय 21 या 108 बार, ॐ नमः शिवाय 108 बार, बिल्वपत्र अर्पण
अंत में सूर्य के 12 नाम या आदित्य हृदय स्तोत्र के श्लोक, शांति पाठ ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

11) घर में उपलब्ध सामग्री से आज के सरल उपाय
मुख्य द्वार पर तिल तेल का एक दीप जलाएँ, दीप में काले तिल अवश्य डालें
नमक और कपूर का कटोरा दक्षिण पश्चिम कोने में रखें, नकारात्मकता कम होगी
पीपल को जल अर्पित कर दूर से प्रणाम करें, स्पर्श न करें, काले तिल या उड़द का छोटा दान करें
तिजोरी के पास घी का दीप 11 मिनट रखें, चावल की डिब्बी पर केसर या हल्दी का छोटा तिलक करें
रात्रि में 14 दीपक घर के अलग अलग कोनों में रख सकते हैं, सुरक्षा और प्रकाश का भाव बढ़ता है

12) विशेष शाबर मंत्र सरल विधि
उद्देश्य नज़र बाधा और उग्र ग्रह जनित कष्ट का शीघ्र शमन
मंत्र ॐ आदेश गुरु गोरखनाथ जी, काली शक्ति सहाय, हनुमान रक्षा कर, भय बाधा टार, काज सिद्ध कर, फुरो मन्त्र
विधि चतुर्दशी संध्या या रात्रि में पूर्वाभिमुख बैठकर एक तिल तेल का दीप और सामने स्वच्छ जल का पात्र रखें, मंत्र का 108 बार जप करें, अंत में जल पर तीन बार श्वास फूँकें, थोड़ा जल अपने ऊपर छिड़कें, शेष जल मुख्य द्वार और पूजा स्थल पर छिड़क दें, चाहें तो दाहिने हाथ में काला सूत नौ गाँठ लगाकर बाँधें, यह क्रम 7 या 11 दिवस करें, कल्याण भावना अनिवार्य है

13) दिन की कार्य योजना
09:59 AM से 11:44 AM अमृत काल में पूजा जप और आवश्यक कॉल करें
11:43 AM से 12:29 PM अभिजित में निर्णायक कार्य निपटाएँ
01:51 PM से भद्रा प्रारम्भ, शुभ आरंभ टालें, कठोर कार्य करें
05:49 PM के बाद हस्त में अमृत सिद्धि योग के साथ संध्या पूजा, काली चौदस और मासिक शिवरात्रि साधना करें
04:22 PM से 05:47 PM राहुकाल में नए कार्य आरंभ न करें

इस पोस्ट को अपने सभी ग्रुप और मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत. ग्रुप में और सदस्य जोड़ें

जिस किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना हो, कुंडली अनुसार वैदिक उपाय, मंत्र उपचार, सिद्ध रत्न उपरत्न जैसे पुखराज, नीलम, ओपल, माणिक, मोती, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया उचित रेट पर उपलब्ध हैं, सिद्ध रुद्राक्ष, सिद्ध यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, शुक्र मणि, घर की सुख शांति के यंत्र, या किसी भी व्यक्तिगत समस्या जैसे शारीरिक, मानसिक, हीलिंग के लिए भी संपर्क कर सकते हैं.

हर हर महादेव.
आपका
Astro Shashwat Sharma

हमारे विशेष Diwali Workshop whatsapp ग्रुप में जुड़कर इस पर्व के उपलक्ष में किए जाने वाले प्रभावशाली, प्राचीन और सिद्ध, दुर्लभ उपायों का लाभ अवश्य उठाएँ

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ. आज कार्तिक मास, विक्रम...
18/10/2025

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ.
आज कार्तिक मास, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, कृष्ण पक्ष, शनिवार. तिथि द्वादशी 12:18 पी एम तक, उसके पश्चात त्रयोदशी. नक्षत्र पूर्वाफाल्गुनी 03:41 पी एम तक, उसके बाद उत्तराफाल्गुनी. नित्य योग ब्रह्म 01:48 ए एम, अक्टूबर 19 तक, उसके बाद इन्द्र. करण तैतिल 12:18 पी एम तक, फिर गर 01:02 ए एम, अक्टूबर 19 तक, उसके बाद वणिज

1) रमा एकादशी पारण. व्रत का पारण आज सूर्योदय के बाद और 12:18 पी एम से पहले करें. तुलसी मिश्रित जल से पारण करें, श्री हरि को तुलसी दल और नैवेद्य अर्पित करें, ॐ नमो नरायणाय का जप करें

2) शनि त्रयोदशी. आज त्रयोदशी और शनिवार का मेल शनि कृपा हेतु उत्तम. काले तिल, सरसों तेल, काला कपड़ा, उड़द दाल का दान शुभ. पीपल के नीचे या शनि देव को सरसों तेल का दीपक जलाएँ, नीला अंजन या काजल का दान भी हितकर. शनि मंत्र ॐ शं शनैश्वराय नमः 108 बार, दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें

3) धनतेरस. आज धन्वंतरि जयंती भी मानी जाती है. घर दुकान की सफाई, दीपप्रज्वलन, नए पात्र या धातु का शुभ क्रय, धन लक्ष्मी स्थिरता हेतु संकल्प. श्री धन्वंतरि का मंत्र ॐ नमो भगवते धन्वंतरये नमः 108 बार जपें, हल्दी कुंकुम अक्षत से पूजन करें, धन की अलमारी के पास घी का दीप जलाएँ, अभिजित या विजय मुहूर्त में खरीदी श्रेष्ठ मानी जाएगी

4) यम दीपम. संध्या के समय घर के मुख्य द्वार के बाहर दक्षिण दिशा की ओर तिल के तेल का एक दीपक जलाएँ, उसमें काले तिल डालें, दीप रात भर जलने दें. महामृत्युंजय मंत्र 21 बार या ॐ यमाय नमः 108 बार जप कर परिवार की दीर्घायु का आशीर्वाद माँगें

5) यम पंचक प्रारम्भ. आज से अमावस्या तक के पाँच दिवस संयम और सतर्कता के माने गए हैं. क्रोध, जल्दबाजी, जोखिम भरे कार्य, अनावश्यक यात्रा, धारदार औजारों का असावधान प्रयोग टालें. दान, दीपदान, पितृ स्मरण, गौ सेवा और जप से कल्याण बढ़ता है

6) शनि प्रदोष व्रत. संध्या के प्रadosh काल में शिव शंकर का पूजन करें. शिवलिंग पर जल दूध काले तिल मिश्रित जल से अभिषेक, ॐ नमः शिवाय 108 बार, महामृत्युंजय मंत्र 21 बार, साथ में शनि मंत्र 108 बार. सरसों तेल का एक दीप शनि देव को, बिल्वपत्र और काले तिल का नैवेद्य अर्पित करें

7) विडाल योग. 03:41 पी एम से 06:24 ए एम, अक्टूबर 19 तक विडाल योग. विवाह, गृह प्रवेश, नए शुभ आरंभ टालें. विधि अनुशासन, बाधा निवारण, कर्ज वसूली, नियमन और रणनीति में यह योग सहायक. उपाय में हनुमान चालीसा का पाठ, भैरव स्मरण, काले तिल का दीप

8) आज के शुभ समय का उपयोग. अभिजित 11:43 ए एम से 12:29 पी एम निर्णायक कार्य, दस्तावेज, पेमेंट रिलीज. विजय 02:00 पी एम से 02:46 पी एम अटके कार्य आगे बढ़ाएँ. अमृत काल 08:50 ए एम से 10:33 ए एम जप, दान, संकल्प सिद्धि

9) आज के अशुभ समय में सावधानी. राहुकाल 09:15 ए एम से 10:40 ए एम नए आरंभ टालें, बैकएंड समीक्षा करें. दिशा शूल पूर्व, पूर्व की यात्रा आवश्यक हो तो दही चीनी या गुड़ सौंफ लेकर, श्री हनुमान का स्मरण कर निकलें

10) आज के नक्षत्र की विशेषता. पूर्वाफाल्गुनी 03:41 पी एम तक कला, सज्जा, ब्रांडिंग, पब्लिक रिलेशन, रिलेशनशिप सुधार, आनंद और सृजनात्मकता अनुकूल, विलास और अनावश्यक खर्च में संयम रखें. उत्तराफाल्गुनी 03:41 पी एम के बाद संकल्प सिद्धि, अनुबंध, दीर्घकाल योजना, सेवा और साझेदारी स्थिर करने के लिए श्रेष्ठ, वाणी में विनय रखें

11) आज के योग और करण का संकेत. ब्रह्म योग से अध्ययन, योजना, नई रूपरेखा, स्क्रिप्ट और पॉलिसी बनाना सफल. रात्रि में इन्द्र योग से नेतृत्व, अधिकार और प्रस्तुति प्रभावी. तैतिल करण में नियमित कार्य निपटाएँ, गर करण में सुदृढ़ निर्णय, वणिज करण में व्यापारिक वार्ताएँ

12) आज के विशेष मंत्र जाप. नक्षत्र अनुसार पूर्वाफाल्गुनी में ॐ भगाय नमः 27 बार, उत्तराफाल्गुनी में ॐ अर्यमणे नमः 27 बार. वार शनिवार ॐ शं शनैश्वराय नमः 108 बार और ॐ हनुमते नमः 108 बार. तिथि अनुसार द्वादशी में ॐ नमो नारायणाय 108 बार, त्रयोदशी में ॐ नमः शिवाय 108 बार या महामृत्युंजय 21 बार. कार्तिक मास विशेष ॐ दामोदराय नमः 108 बार, दामोदराष्टकम का पाठ

13) संध्या पूजा का सरल क्रम. स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें, पूजास्थल पर घी का दीप और धूप जलाएँ, संकल्प लें. गणेश वंदना ॐ गं गणपतये नमः 21 बार. शिव पूजन महामृत्युंजय या ॐ नमः शिवाय जप. श्री हरि लक्ष्मी पूजन ॐ नमो नारायणाय और ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 108 बार, श्री सूक्त या लक्ष्मी अष्टोत्तर. धनतेरस पर श्री धन्वंतरि मंत्र जप और नया पात्र जल हल्दी अक्षत सिक्का रखकर पूजन. यम दीप बाहर प्रज्वलित कर दीर्घायु का प्रार्थना. अंत में शांति पाठ ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

14) घर में उपलब्ध सामग्री से आसान उपाय. मुख्य द्वार पर घी या तिल तेल का दीप जलाएँ, शाम को तुलसी दीपक अवश्य. काले तिल और तेल का छोटा दान शनि हेतु. पीपल को जल चढ़ाकर तीन परिक्रमा करें, शनिवार को स्पर्श न करें केवल प्रणाम. धनतेरस पर एक नया स्टील का पात्र लें, उसमें जल हल्दी अक्षत और एक सिक्का रखकर पूजास्थल में रखें. नमक और कपूर का कटोरा दक्षिण पश्चिम में रखें. उड़द दाल या काली तिल का दान करें. लक्ष्मी स्थिरता हेतु चावल पर केसर का तिलक कर तिजोरी में एक लौंग रखें

15) विशेष शाबर मंत्र सरल विधि. उद्देश्य नज़र, आकस्मिक बाधा और शनि जनित कष्ट का शीघ्र शमन
मंत्र. ॐ आदेश गुरु गोरखनाथ जी, यम भय हर, शनि दोष टर, धन लक्ष्मी भर, काज सिद्ध कर, फुरो मन्त्र
विधि. संध्या में पूर्वाभिमुख पीले आसन पर बैठें, एक तिल तेल या घी का दीप जलाएँ, स्टील या तांबे के पात्र में स्वच्छ जल रखें, मंत्र का 108 बार जप करें, अंत में जल पर तीन बार श्वास फूँककर थोड़ा जल अपने ऊपर छिड़कें, शेष जल मुख्य द्वार और पूजा स्थान पर छिड़क दें, यह क्रम 11 दिवस रखें, श्रद्धा और नियम से त्वरित कृपा दिखाई देती है

16) दिनचर्या सुझाव. 08:50 ए एम से 10:33 ए एम अमृत काल में पूजन जप और महत्त्वपूर्ण कॉल. 11:43 ए एम से 12:29 पी एम अभिजित में निर्णायक कार्य. 12:18 पी एम से पहले रमा एकादशी पारण. दोपहर बाद रचनात्मक कार्य, 03:41 पी एम के बाद अनुबंध और दीर्घकाल योजना. संध्या में यम दीपम, धनतेरस पूजन और शनि प्रदोष व्रत

इस पोस्ट को अपने सभी ग्रुप और मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत. ग्रुप में और सदस्य जोड़ें

जिस किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना हो, कुंडली अनुसार वैदिक उपाय, मंत्र उपचार, सिद्ध रत्न उपरत्न जैसे पुखराज, नीलम, ओपल, माणिक, मोती, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया उचित रेट पर उपलब्ध हैं, सिद्ध रुद्राक्ष, सिद्ध यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, शुक्र मणि, घर की सुख शांति के यंत्र, या किसी भी व्यक्तिगत समस्या जैसे शारीरिक, मानसिक, हीलिंग के लिए भी संपर्क कर सकते हैं. हर हर महादेव. आपका Astro Shashwat Sharma

हमारे विशेष Diwali Workshop whatsapp ग्रुप में अवश्य जुड़ें और इस पर्व के उपलक्ष में किए जाने वाले प्रभावशाली, प्राचीन और सिद्ध, दुर्लभ उपायों का लाभ उठाएँ

https://chat.whatsapp.com/BUmlVolwKyOLoaQVuavRbq?mode=ems_copy_t

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ. आज कार्तिक मास, विक्रम...
17/10/2025

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ.

आज कार्तिक मास, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, कृष्ण पक्ष, शुक्रवार. तिथि एकादशी 11:12 ए एम तक, उसके पश्चात द्वादशी. नक्षत्र मघा 01:57 पी एम तक, उसके पश्चात पूर्वाफाल्गुनी. नित्य योग शुक्ल 01:49 ए एम 18 अक्टूबर तक, उसके बाद ब्रह्म. करण बालव 11:12 ए एम तक, उसके बाद कौलव 11:42 पी एम तक, उसके बाद तैतिल

1) आज के विशेष पर्व और योग
रमा एकादशी. लक्ष्मी नारायण की कृपा प्राप्ति, दरिद्रता नाश, घर परिवार में समृद्धि. आज एकादशी व्रत रखें, श्री हरि का पूजन करें, तुलसी दल अर्पित करें, रात्रि में विष्णु नामस्मरण करें. पारण कल द्वादशी में प्रातः संकल्प मुक्त कर तुलसी जल से करें
गोवत्स द्वादशी. 11:12 ए एम के बाद द्वादशी आरंभ होने पर गौमाता और वत्स का पूजन करें, हरी घास, गुड़, चने, रोटी खिलाएँ, आज गोरस का सेवन न करें. गौ आराधना से संतति सुख, अन्न पूर्णता और ऋण शमन का योग बनता है
तुला संक्रान्ति. सूर्य तुला राशि में प्रवेश. संतुलन, व्यापार, न्यायबुद्धि और सौंदर्य भाव सक्रिय. पुण्य कर्म में स्नान दान, तिल गुड़, वस्त्र, अन्न, दीपदान श्रेष्ठ. सूर्य को जल में रोली कुंकुम, अक्षत डालकर अर्घ्य दें, आदित्य हृदय स्तोत्र के श्लोक पढ़ें
गण्ड मूल. मघा के कारण 06:23 ए एम से 01:57 पी एम प्रभाव प्रबल, दिन भर अवशिष्ट तरंगें रह सकती हैं. पितृ स्मरण, गणेश पूजन, शिवाभिषेक से शांति मिलेगी
ज्वालामुखी योग. 06:22 ए एम से 10:35 ए एम उग्रता का प्रभाव. अग्नि और विद्युत से सावधानी रखें, ताप आवेग में निर्णय न लें, आवश्यक हो तो गणेश वंदना कर निकले

2) आज के शुभ और अशुभ समय का प्रयोग
अभिजित मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:29 पी एम. निर्णायक कार्य, अनुबंध, महत्वपूर्ण कॉल करें
विजय मुहूर्त 02:01 पी एम से 02:46 पी एम. अटके काम आगे बढ़ाएँ, प्रतिस्पर्धा में पहल लें
अमृत काल 11:26 ए एम से 01:07 पी एम. जप, ध्यान, दान, संकल्प सिद्धि के लिए उत्तम
राहुकाल 10:40 ए एम से 12:06 पी एम. नए कार्य आरंभ न करें. आवश्यक हो तो गणेश स्मरण कर गुड़ चना अर्पित कर आगे बढ़ें
दिशा शूल पश्चिम. पश्चिम दिशा की यात्रा से पूर्व दही चीनी का थोड़ा सेवन करें, श्री हनुमान का स्मरण कर प्रस्थान करें

3) आज के नक्षत्र की विशेषता
मघा 01:57 पी एम तक. पितृ कृपा, नेतृत्व, पद प्रतिष्ठा, परंपरा से जुड़े निर्णय अनुकूल. अहं और दिखावे से बचें, बड़ों का आशीर्वाद लें, पितृ तर्पण या दीपदान करें
पूर्वाफाल्गुनी 01:57 पी एम के बाद. सृजनशीलता, कला, सज्जा, ब्रांडिंग, पब्लिक रिलेशन, विवाह चर्चा, साझेदारी और रिलेशन सुधार के लिए अच्छा. विलास और खर्च में संतुलन रखें

4) आज के लिए विशेष मंत्र जाप
नक्षत्र मंत्र. मघा में ॐ पितृभ्यो नमः 27 बार. पूर्वाफाल्गुनी में ॐ भगदेवाय नमः 27 बार
वार शुक्रवार. ॐ शुं शुक्राय नमः 108 बार. श्री लक्ष्मी को पीला या सफेद पुष्प अर्पित करें
तिथि एकादशी. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 108 बार. रमा एकादशी हेतु ॐ श्रीं रामाय नमः 108 बार या श्री राम जय राम जय जय राम 108 बार
कार्तिक विशेष. ॐ दामोदराय नमः 108 बार, दामोदराष्टकम का पाठ, तुलसी पूजन और दीपदान

5) संध्या पूजा का सरल क्रम
स्नान कर पीले या सफेद आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर बैठें, घी का दीप और धूप जलाएँ, शुद्ध संकल्प करें
गणेश वंदना. ॐ गं गणपतये नमः 21 बार
श्री हरि और लक्ष्मी उपासना. ॐ नमो नारायणाय 108 बार, ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 108 बार, इच्छा अनुसार श्री सूक्त या लक्ष्मी अष्टोत्तर का पाठ
रमा एकादशी विशेष. दामोदराष्टकम का पाठ, विष्णु सहस्रनाम से 12 नामों का जप
नैवेद्य. तुलसी जल, गुड़, चना, फल. अंत में शांति पाठ ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

6) घर में उपलब्ध सामग्री से आज के सरल उपाय
गोवत्स द्वादशी. घर के द्वार पर घी का दीप जलाकर गौमाता के चित्र या प्रतीक के आगे गुड़ और आटा की लोई अर्पित करें
तुला संक्रान्ति. एक तांबे के लोटे में जल रोली अक्षत डालकर सूर्य को अर्घ्य दें, तिल गुड़ का दान करें
गण्ड मूल शांति. शिवलिंग पर कच्चा दूध जल और काले तिल की धार चढ़ाएँ, गणेश को दूर्वा चढ़ाकर 11 लड्डू के स्थान पर एक गुड़ का टुकड़ा अर्पित करें
घर की सौम्यता. नमक और कपूर का छोटा कटोरा दक्षिण पश्चिम कोने में रखें, संध्या को तुलसी दीपक जलाएँ
वित्त संतुलन. पीली दाल या हल्दी का छोटा दान करें, शुक्र के लिए सफेद मिठाई का एक नैवेद्य लगाएँ

7) विशेष शाबर मंत्र सरल विधि
उद्देश्य नज़र बाधा शमन और लक्ष्मी स्थिरता
मंत्र. ॐ आदेश गुरु गोरखनाथ जी, लक्ष्मी स्थिर कर, दरिद्रता हर, काज सिद्ध कर, फुरो मन्त्र
विधि. संध्या में स्नान के बाद पीले आसन पर पूर्वाभिमुख बैठें. एक घी का दीप जलाएँ. साफ जल से भरा स्टील या तांबे का पात्र सामने रखें. मंत्र का 108 बार जप करें. अंत में जल पर तीन बार श्वास फूँकें, थोड़ा जल अपने ऊपर छिड़कें, शेष जल मुख्य द्वार और पूजास्थान पर छिड़क दें. यह क्रम 11 दिवस रखें. नियमितता और श्रद्धा से शीघ्र फल मिलता है

8) आज की दिनचर्या सुझाव
06:22 ए एम से 10:35 ए एम ज्वालामुखी योग में अग्नि विद्युत से सावधानी, शांत रहें, अनावश्यक बहस टालें
10:40 ए एम से 12:06 पी एम राहुकाल में नए आरंभ न करें, समीक्षा और बैकएंड कार्य करें
11:43 ए एम से 12:29 पी एम अभिजित में निर्णायक काम निपटाएँ
11:12 ए एम के बाद गोवत्स द्वादशी पूजन करें
02:01 पी एम से 02:46 पी एम विजय मुहूर्त में अटके कार्य आगे बढ़ाएँ
01:57 पी एम के बाद पूर्वाफाल्गुनी में रचनात्मक और रिलेशन आधारित कार्य करें

9) सतर्कता और अनुशंसा
गण्ड मूल प्रभाव में संयम से बोलें, माता पिता और गुरु का आशीर्वाद लेकर कार्य आरंभ करें
पश्चिम दिशा यात्रा से पूर्व दही चीनी का सेवन और हनुमान स्मरण करें

इस पोस्ट को अपने सभी ग्रुप और मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत. ग्रुप में और सदस्य जोड़ें

जिस किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना हो, कुंडली अनुसार वैदिक उपाय, मंत्र उपचार, सिद्ध रत्न उपरत्न जैसे पुखराज, नीलम, ओपल, माणिक, मोती, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया उचित रेट पर उपलब्ध हैं, सिद्ध रुद्राक्ष, सिद्ध यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, शुक्र मणि, घर की सुख शांति के यंत्र, या किसी भी व्यक्तिगत समस्या जैसे शारीरिक, मानसिक, हीलिंग के लिए संपर्क कर सकते हैं. हर हर महादेव. आपका Astro Shashwat Sharma

हमारे विशेष Diwali Workshop whatsapp ग्रुप में जुड़कर इस पर्व के उपलक्ष में किए जाने वाले प्रभावशाली, प्राचीन और सिद्ध, दुर्लभ उपायों का लाभ अवश्य उठाएँ

https://chat.whatsapp.com/BUmlVolwKyOLoaQVuavRbq?mode=ems_copy_t

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ. आज कार्तिक मास, विक्रम...
16/10/2025

नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ. आज कार्तिक मास, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, कृष्ण पक्ष, बृहस्पतिवार. तिथि दशमी 10:35 ए एम तक, उसके पश्चात एकादशी. नक्षत्र अश्लेषा 12:42 पी एम तक, उसके पश्चात मघा. नित्य योग शुभ अगले दिवस 02:11 ए एम तक, उसके पश्चात शुक्ल. करण विष्टि 10:35 ए एम तक, फिर बव 10:49 पी एम तक, उसके बाद बालव

1) भद्रा और ज्वालामुखी योग
भद्रा अर्थात विष्टि करण 06:22 ए एम से 10:35 ए एम तक. इसी समय ज्वालामुखी योग भी सक्रिय माना जाता है. इस अवधि में गृह प्रवेश, विवाह, नए सौदे, यात्रा आरंभ, जमीन की रजिस्ट्री, मंगल कार्य टालें. यह समय उग्र कर्म, ऋण वसूली, शत्रुजयी प्रयास, अनुशासनात्मक निर्णय, कोर्ट सम्बंधी फाइलिंग के लिए उपयोगी माना गया है. अग्नि और विद्युत से सावधानी रखें, अनावश्यक वाद विवाद, तेज गति, कटिंग या जोखिम भरे काम न करें. यदि इसी समय कार्य अनिवार्य हो तो गणेश पूजन करें, केसर या हल्दी का तिलक लगाएँ, गुरु मंत्र का 11 जाप करें, छोटे दीपक में गाय के घी का दीप जलाकर श्री हरि के समक्ष सफल व सुरक्षित कर्म का संकल्प करें

2) गण्ड मूल का प्रभाव
आज चंद्र अश्लेषा से मघा में है, अतः गण्ड मूल प्रभाव पूरे दिन. भावना तीव्र, निर्णय में जल्दबाजी, वाणी में तीखापन, ईर्ष्या और शंका बढ़ सकती है. शोध, हीलिंग, संहिताओं के अध्ययन, गूढ़ विषय, कोड डिबगिंग, रणनीति और ड्यू डिलिजेंस जैसे कार्य अनुकूल. उपाय के रूप में शिवलिंग पर जल दुग्ध मिश्रित अभिषेक करें, काले तिल जल में प्रवाहित करें, श्री गणेश को दूर्वा अर्पित करें. जिनका जन्म नक्षत्र अश्लेषा या मघा है वे आज संयम रखें, वाणी मधुर रखें, माता पिता और गुरु का आशीर्वाद लेकर कार्य आरंभ करें. पितृ कृत्य या पितृ स्मरण संध्या में अवश्य करें

3) विडाल योग का विशेष ज्ञान
विडाल योग आनंदादि योगों में उग्र श्रेणी का माना जाता है. शुभ संस्कार, विवाह, गृह प्रवेश, नए व्यवसाय आरंभ के लिए वर्ज्य. शत्रुदमन, विधि अनुपालन, दोष निवारण, अनुशासन और अड़चनों को काटने वाले कर्म में सहायक. यदि किसी दिन विडाल योग बन रहा हो तो हनुमान चालीसा का एक पाठ, श्री भैरव को नमन, सरसों और गुड़ का नैवेद्य, और काले तिल से दीपदान करने से कटुता कम होती है. आज नित्य योग शुभ है, रात्रि में शुक्ल, अतः विडाल का प्रभाव आज नहीं

4) आज के शुभ और अशुभ समय का सदुपयोग
अभिजित मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:29 पी एम. महत्वपूर्ण हस्ताक्षर, मीटिंग, संबंध सुधार, इंटरव्यू की प्रस्तुति के लिए अत्यंत अनुकूल
विजय मुहूर्त 02:01 पी एम से 02:47 पी एम. अटके कार्य आगे बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा में बढ़त लेने, साहसिक किन्तु शिष्ट निर्णय के लिए अच्छा
अमृत काल 11:03 ए एम से 12:42 पी एम. मंत्र सिद्धि, दान, दीपदान, ईश्वर आराधना, ध्यान के लिए श्रेष्ठ
राहुकाल 01:32 पी एम से 02:58 पी एम. नए कार्य आरंभ, खरीद, यात्रा शुरुआत टालें. आवश्यक हो तो श्री गणेश का स्मरण कर एक लड्डू का नैवेद्य दें और फिर निकलें
दिशा शूल दक्षिण. दक्षिण यात्रा आवश्यक हो तो केसर या हल्दी का तिलक लगाकर, थोड़ी सी गुड़ चना का सेवन कर, श्री हनुमान का स्मरण करके निकलें

5) आज के नक्षत्र की विशेषता
अश्लेषा 12:42 पी एम तक. नागतत्व की तीक्ष्ण बुद्धि, पैठ, कूटनीति, शोध, हीलिंग, औषध निर्माण, डेटा सिक्योरिटी, इंटर्नल ऑडिट के लिए अनुकूल. ईर्ष्या, आवेश, और शब्दों के डंक से बचें. नाग देवता की वंदना कल्याणकारी
मघा 12:42 पी एम के बाद. पितृ कृपा, नेतृत्व, विरासत, रॉयल्टी, चेयर और अथॉरिटी से जुड़े कार्यों के लिए अच्छा. अहं और दिखावे से बचें. पितरों का स्मरण, दादी दादा या कुलदेवता के चरणों में प्रणाम शुभ

6) आज के लिए मंत्र जाप
नक्षत्र आधारित. अश्लेषा काल में मंत्र जप करें. ॐ सर्पदेवताभ्यो नमः 27 बार. मघा काल में. ॐ पितृभ्यो नमः 27 बार
वार गुरुवार. ॐ बृं बृहस्पतये नमः 108 बार. पीला पुष्प अर्पित करें
तिथि आधारित. 10:35 ए एम से एकादशी के प्रभाव में. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय 108 बार. संभव हो तो व्रत और संयम रखें
कार्तिक मास विशेष. दीपदान, तुलसी पूजन, श्री हरि. ॐ नमो नारायणाय 108 बार, या दामोदराष्टकम का पाठ

7) संध्या पूजा क्रम सरल
स्नान कर पीले आसन पर पूर्व या उत्तर की ओर बैठें, एक देशी घी का दीप और धूप जलाएँ
संकल्प लें कि आज के कर्म शुद्ध और सफल हों, घर परिवार के कल्याण के लिए पूजा कर रहा हूँ
गणेश वंदना. ॐ गं गणपतये नमः 21 बार
गुरु और श्री हरि की उपासना. ॐ बृं बृहस्पतये नमः 51 बार, ॐ नमो नारायणाय 108 बार, या विष्णु सहस्रनाम का एक अंश
स्तोत्र पाठ. श्री विष्णु सहस्रनाम से केशव आदि 12 नाम, श्री गुरु स्तोत्र, या दामोदराष्टकम. समय हो तो हनुमान चालीसा
नैवेद्य. गुड़, चना, पीला फल, जल. अंत में शांति पाठ. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः

8) घर में उपलब्ध सामग्री से आज के आसान उपाय
रसोई में पहली अग्नि को गुड़ घी का भोग दें, अग्नि तत्व शांत रहेगा, ज्वालामुखी योग का प्रभाव कम होगा
नमक और कपूर का छोटा कटोरा दक्षिण पश्चिम कोने में रखें, नकारात्मकता कम होती है
पीली दाल या हल्दी का दान करें, गुरु कृपा बढ़ती है
शिवलिंग पर कच्चा दूध, जल, काले तिल की धार चढ़ाएँ, गण्ड मूल दोष शांतिमय होता है
घर के मुख्य द्वार पर घी का छोटा दीप संध्या में 11 मिनट रखें, आर्थिक स्थिरता और सौम्यता आती है

9) विशेष शाबर मंत्र सरल और सर्वसुलभ
उद्देश्य सुरक्षा, नज़र और बाधा शमन
मंत्र. ॐ आदेश गुरु गोरखनाथ जी, सब बाधा हरो, राखो साहा, काज सिद्ध करो, फुरो मन्त्र
विधि. प्रातः स्नान के बाद या संध्या में पीले आसन पर पूर्व की ओर बैठें, एक घी का दीप जलाएँ, सामने तांबे या स्टील के पात्र में स्वच्छ जल रखें, मंत्र का 108 बार जप करें, अंत में उसी जल पर तीन बार फूँक मारें, थोड़ा जल अपने ऊपर छिड़कें, शेष जल घर के मुख्य द्वार पर और पूजा स्थान में छिड़क दें. यह क्रम 11 दिवस करें. श्रद्धा और नियम सबसे बड़ा सिद्धि कारक है

10) दिन की कार्य योजना संक्षेप
06:22 ए एम से 10:35 ए एम भद्रा और ज्वालामुखी योग में नए शुभ कार्य टालें, केवल आवश्यक या उग्र कर्म करें
11:03 ए एम से 12:42 ए एम अमृत काल में पूजा, जप, मीटिंग और महत्वपूर्ण कॉल लें
11:43 ए एम से 12:29 ए एम अभिजित में निर्णायक कार्य करें
01:32 पी एम से 02:58 पी एम राहुकाल में आरंभ न करें, समीक्षा और बैकएंड कार्य ठीक
02:01 पी एम से 02:47 पी एम विजय मुहूर्त में अटके काम आगे बढ़ाएँ

इस पोस्ट को अधिक से अधिक अपने सभी ग्रुप और मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्. ग्रुप में और सदस्य जोड़ें

जिस किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना हो, कुंडली अनुसार वैदिक उपाय, मंत्र उपचार, सिद्ध रत्न उपरत्न जैसे पुखराज, नीलम, ओपल, माणिक, मोती, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया उचित रेट पर उपलब्ध हैं, सिद्ध रुद्राक्ष, सिद्ध यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, शुक्र मणि, घर की सुख शांति के यंत्र, या किसी भी व्यक्तिगत समस्या जैसे शारीरिक, मानसिक, हीलिंग के लिए भी संपर्क कर सकते हैं. हर हर महादेव. आपका Astro Shashwat Sharma

हमारे विशेष Diwali Workshop whatsapp ग्रुप में अवश्य जुड़ें और इस पर्व के उपलक्ष में किए जाने वाले प्रभावशाली, प्राचीन और सिद्ध, दुर्लभ उपाय का लाभ उठाएँ

Address

Dehra Dun

Opening Hours

Monday 11am - 5pm
Tuesday 11am - 5pm
Wednesday 11am - 5pm
Thursday 11am - 5pm
Friday 11am - 5pm
Saturday 11am - 5pm
Sunday 11am - 5pm

Telephone

+919997530882

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Astro Shashwat Sharma posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to Astro Shashwat Sharma:

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram