20/10/2025
नमस्कार Shashwat Jyotish 555 परिवार, मैं Astro Shashwat Sharma आप सभी का स्नेहपूर्वक स्वागत करता हूँ.
आज कार्तिक मास, विक्रम संवत 2082 कालयुक्त, कृष्ण पक्ष, सोमवार. तिथि चतुर्दशी 03:44 पी एम तक, उसके पश्चात अमावस्या. नक्षत्र हस्त 08:17 पी एम तक, उसके पश्चात चित्रा. नित्य योग वैधृति 02:35 ए एम, अक्टूबर 21 तक, उसके बाद विष्कम्भ. करण शकुनि 03:44 पी एम तक, फिर चतुष्पाद 04:47 ए एम, अक्टूबर 21 तक, उसके बाद नाग
1) आज के प्रमुख पर्वों का सार
लक्ष्मी पूजा, दीपावली, चोपड़ा पूजन, शारदा पूजा, काली पूजा, दीपमालिका, कमला जयंती, नरक चतुर्दशी, केदार गौरी व्रत, तमिल दीपावली. आज का संध्या काल दीप, जप और संकल्प सिद्धि के लिए अत्यंत फलदायी
2) लक्ष्मी पूजा का महत्व और सरल विधि
समृद्धि, स्थिर धन, सौभाग्य और गृह लक्ष्मी की कृपा हेतु आज का प्रदोष से रात्रि काल सर्वोत्तम
स्थान और तैयारी. पूजा स्थान स्वच्छ रखें, तिजोरी या कैश बॉक्स के पास दीप सजाएँ, रोली हल्दी अक्षत से स्वस्तिक बनाकर चावल की ढेरी पर श्रीयंत्र अथवा लक्ष्मी जी का चित्र स्थापित करें, कुबेर और गणेश जी का आसन भी साथ रखें
दीप और आवाहन. घी का मुख्य दीप प्रज्वलित करें, चारों दिशाओं में तिल तेल के छोटे दीप रखें, ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः बोलकर आवाहन करें
पूजन क्रम. गणेश वंदना 21 जप. लक्ष्मी आवाहन पुष्प अर्पण. श्रीयंत्र या चित्र पर केसर या इत्र का अर्घ्य. इत्र, हल्दी, कुंकुम, चावल, पंचमेवा या खीर फल नैवेद्य. कमल या सफेद पुष्प अर्पित करें
स्तोत्र और जप. श्री सूक्त एक पाठ, कनकधारा स्तोत्र या लक्ष्मी अष्टोत्तर, मंत्र ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 108 जप, कुबेर मंत्र ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय नमः 27 जप
संपुट संकल्प. घर परिवार की ऋद्धि सिद्धि, व्यवसाय वृद्धि और ऋण मुक्ति का संकल्प लें, अंत में आरती और क्षमा प्रार्थना
3) चोपड़ा पूजा और शारदा पूजा
नए खाता बही, डायरी, स्टैम्प, कैलकुलेटर, लैपटॉप या पेन को लाल कपड़े पर रखें, रोली हल्दी से स्वस्तिक बनाएँ, शुद्ध घी का दीप लगाएँ
श्री गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती का नाम लिखें, शुभ लाभ, ऋद्धि सिद्धि लिखकर काली स्याही से प्रथम प्रविष्टि करें, मिठाई नैवेद्य कर आरती करें
वाद्य, पुस्तकें और औजारों पर रोली अक्षत चढ़ाकर ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः 108 जप करें
4) काली पूजा का महत्व और सरल विधि
अमावस्या रात्रि में शक्ति साधना, भय नाश, नज़र दोष शमन और ग्रहबाधा शांति हेतु उत्तम
माँ काली के समक्ष नींबू, नारियल, काले तिल, गुड़ और लाल या काले पुष्प अर्पित करें, तिल तेल का दीप जलाएँ
मंत्र ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 जप, काली चालीसा या कवच का एक पाठ, अंत में प्रसाद और शांति प्रार्थना
5) नरक चतुर्दशी का संकेत
उषःकाल अभ्यंग स्नान का योग. तिल तेल से अभ्यंग करके बेसन हल्दी उबटन से स्नान करें, मुख्य द्वार पर तिल तेल का दीप रखें, पाप भय नाश और स्वास्थ्य दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है
6) केदार गौरी व्रत और तमिल दीपावली
केदार गौरी व्रत से दाम्पत्य सौहार्द, सिद्धि और शिव कृपा प्राप्त होती है. शिवलिंग पर जल दूध और बिल्वपत्र से अभिषेक करें, ॐ नमः शिवाय जप करें
तमिल दीपावली पर प्रातः अभ्यंग स्नान, नए वस्त्र, दीपदान और धन्वंतरि स्मरण के साथ लक्ष्मी पूजन किया जाता है
7) दीपमालिका और कमला जयंती
घर के दरवाजे, खिड़की, तुलसी और पूजा स्थान पर दीपों की पंक्तियाँ सजाएँ, अंधकार और दारिद्र्य का नाश माना गया है
कमला जयंती पर महाविद्या कमला की आराधना करें. मंत्र ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं कमलवासिन्यै नमः 108 जप, स्थिर लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद
8) आज के शुभ समय का उपयोग
अभिजित मुहूर्त 11:43 ए एम से 12:28 पी एम में निर्णायक कार्य और लेनदेन
विजय मुहूर्त 01:59 पी एम से 02:45 पी एम में अटके कार्य आगे बढ़ाएँ
अमृत काल 01:40 पी एम से 03:26 पी एम में जप, दान और संकल्प सिद्धि
9) आज के अशुभ समय में सावधानी
राहुकाल 07:50 ए एम से 09:15 ए एम में नए आरंभ न करें
आडल योग 06:25 ए एम से 08:17 पी एम तक दुविधा और अस्थिरता दे सकता है, संवेदनशील निर्णय सायं के बाद लें
दिशा शूल पूर्व. पूर्व दिशा यात्रा आवश्यक हो तो दही चीनी या गुड़ सौंफ ग्रहण कर, श्री गणेश का स्मरण कर प्रस्थान करें
10) आज के नक्षत्र की विशेषता
हस्त 08:17 पी एम तक कौशल, दस्तावेज, डिजाइन, संचार, मरम्मत और सूक्ष्म कार्य में सफलता. अतिसूक्ष्मता से बचें
चित्रा 08:17 पी एम के बाद सृजन, ब्रांडिंग, आर्किटेक्चर, मेकओवर, सज्जा और प्रतिष्ठा संबंधी कार्य अनुकूल. अहं से दूर रहें
11) आज के विशेष मंत्र जाप
नक्षत्र हस्त में ॐ सवित्रे नमः 27 बार, चित्रा में ॐ त्वष्ट्रे नमः 27 बार
वार सोमवार ॐ नमः शिवाय 108 बार, ॐ सोमाय नमः 108 बार
तिथि चतुर्दशी में महामृत्युंजय मंत्र 21 या 108 बार, अमावस्या में ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 बार या ॐ पितृभ्यो नमः 27 बार
कार्तिक मास विशेष ॐ दामोदराय नमः 108 बार, दामोदराष्टकम का पाठ, तुलसी पूजन और दीपदान
12) संध्या पूजा का सरल क्रम
स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, पूजा स्थान पर घी और तिल तेल दोनों के दीप जलाएँ, शुद्ध संकल्प लें
गणेश वंदना ॐ गं गणपतये नमः 21 जप
लक्ष्मी पूजन श्री सूक्त एक पाठ, ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः 108 जप, कुबेर मंत्र 27 जप
काली पूजा ॐ क्रीं कालीकायै नमः 108 जप, काली चालीसा
शिव आराधना ॐ नमः शिवाय 108 जप, बिल्वपत्र अर्पण
अंत में आरती, शांति पाठ ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः
13) घर में उपलब्ध सामग्री से आसान उपाय
मुख्य द्वार पर एक घी और एक तिल तेल का दीप रखें, तिजोरी के पास 11 मिनट घी का दीप
चावल की डिब्बी पर केसर या हल्दी का तिलक करें, एक लौंग तिजोरी में रखें
नमक और कपूर का कटोरा दक्षिण पश्चिम में रखें, नकारात्मकता कम होगी
तुलसी के पास दीप जलाएँ, खीर या गुड़ चना का नैवेद्य लक्ष्मी और नारायण को अर्पित करें
व्यवसाय स्थल पर लाल कपड़े पर स्वस्तिक बनाकर खाता बही रखकर एक मिष्ठान अर्पित करें
14) विशेष शाबर मंत्र सरल और प्रभावी
उद्देश्य लक्ष्मी स्थिरता, नज़र और बाधा शमन
मंत्र ॐ आदेश गुरु गोरखनाथ जी, लक्ष्मी आयो, दरिद्र टारो, काज सिद्ध करियो, फुरो मन्त्र
विधि संध्या समय पूर्वाभिमुख पीले आसन पर बैठें, एक घी या तिल तेल का दीप जलाएँ, सामने स्टील या तांबे के पात्र में स्वच्छ जल रखें, मंत्र का 108 जप करें, अंत में जल पर तीन बार श्वास फूँकें, थोड़ा जल अपनी तिजोरी और मुख्य द्वार पर छिड़कें, शेष पूजा स्थान में अर्पित करें, यह क्रम 7 या 11 दिवस रखें, नियम और श्रद्धा से शीघ्र फल दिखाई देता है
15) योग और करण का संकेत
वैधृति में जल्दबाजी और असंतुलन से बचें, शांत मन से निर्णय लें
शकुनि में रणनीति और योजना, चतुष्पाद में स्थिरता और दीर्घकाल कार्य, नाग में गूढ़ और रिसर्च कार्य सफल
16) दिन की कार्ययोजना
प्रातः राहुकाल से पूर्व सामान्य कार्य करें, राहुकाल में नए आरंभ न करें
दोपहर अमृत काल और अभिजित में वित्तीय और दस्तावेजी कार्य करें
सायं आडल योग के उपशांत होते ही लक्ष्मी पूजन, चोपड़ा पूजा, काली पूजा और दीपमालिका करें
इस पोस्ट को अपने सभी ग्रुप और मित्रों के साथ अवश्य शेयर करें. ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत. ग्रुप में और सदस्य जोड़ें
जिस किसी व्यक्ति को अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाना हो, कुंडली अनुसार वैदिक उपाय, मंत्र उपचार, सिद्ध रत्न उपरत्न जैसे पुखराज, नीलम, ओपल, माणिक, मोती, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया उचित रेट पर उपलब्ध हैं, सिद्ध रुद्राक्ष, सिद्ध यंत्र, व्यापार वृद्धि यंत्र, शुक्र मणि, घर की सुख शांति के यंत्र, या किसी भी व्यक्तिगत समस्या जैसे शारीरिक, मानसिक, हीलिंग के लिए भी संपर्क कर सकते हैं. हर हर महादेव. आपका Astro Shashwat Sharma
हमारे विशेष Diwali Workshop whatsapp ग्रुप में जुड़कर इस पर्व के उपलक्ष में किए जाने वाले प्रभावशाली, प्राचीन और सिद्ध, दुर्लभ उपायों का लाभ अवश्य उठाएँ
https://chat.whatsapp.com/BUmlVolwKyOLoaQVuavRbq?mode=ems_copy_t