Ayurveda Divya

Ayurveda Divya Ayurveda is considered a lifestyle more than a medicinal practice. Leading an Ayurvedic lifestyle is a guarantee for long and healthy life.

At Divya Ayurveda we believe that choosing only herbs is not the best way to provide holistic health solutions, but also the knowledge, expertise and experience that matter most in developing the right formulations and applying those approaches . Ayurvedic products are made using the best of nature, and hence, they are safe and free of side effects.

डायबिटीज में पपीता खाना चाहिए या नहीं?डायबिटीज के मरीजों के लिए खाद्य पदार्थों को चुनना बड़ा मुश्किल काम हो सकता है। ऐसे ...
17/08/2022

डायबिटीज में पपीता खाना चाहिए या नहीं?
डायबिटीज के मरीजों के लिए खाद्य पदार्थों को चुनना बड़ा मुश्किल काम हो सकता है। ऐसे में हमेशा एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही किसी भी फल या खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए डायबिटीज के मरीज पपीते का सेवन तो कर सकते हैं लेकिन इससे पहले कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। टाइप 1 डायबिटीज वाले मरीजों को हमेशा हाई फाइबर फूड्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। इससे उनके शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम रहता है। पपीते में फाइबर की उच्च मात्रा होती है जिसका सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर, लिपिड और इंसुलिन का स्तर संतुलित रहता है। यूएसडीए के अनुसार एक कप ताजा पपीता खाने पर हम लगभग 11 ग्राम शुगर का सेवन करते हैं।

ऐसे मरीज जो टाइप 1 डायबिटीज से ग्रसित हैं वे रोजाना सीमित मात्रा में पपीते का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा ग्लाइसेमिक इंडेक्स में भी पपीते का स्कोर 60 होता है इसलिए इसके सेवन से शरीर में ब्लड शुगर तेजी से नहीं बढ़ता है। पपीते का शरीर पर हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव हो सकता है इसके अलावा इसमें मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखने का काम करते हैं। जो लोग टाइप 2 डायबिटीज से ग्रसित हैं वे भी पपीते का सेवन कर सकते हैं लेकिन इसकी अधिक मात्रा का सेवन बहुत नुकसानदायक माना जाता है। पपीता में सेहत के लिए फायदेमंद कई पोषक तत्व पाए जाते हैं इसमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की पर्याप्त मात्रा होती है। पपीता खाने से पाचन तंत्र बेहतर होता है और इसका सेवन मेटाबॉल्जिम को बेहतर बनाने का काम करता है। पपीता में यूएसडीए के मुताबिक ये पोषक तत्व मौजूद होते हैं।

जब टाइप 2 डायबिटीज रोगी स्टेविया का सेवन करने के बाद भोजन करते हैं, तो ग्लूकोज लेवल बढ़ता नहीं है। हालांकि, लाभ होने के ...
10/08/2022

जब टाइप 2 डायबिटीज रोगी स्टेविया का सेवन करने के बाद भोजन करते हैं, तो ग्लूकोज लेवल बढ़ता नहीं है। हालांकि, लाभ होने के बाद भी स्टीविया के कुछ नुकसान (Side Effects of Stevia) होते हैं, जिसे इस्तेमाल करने से पहले जरूर जान लें।
स्‍टीविया की पत्तियों में एंटीऑक्‍सीडेंट जैसे फ्लेवोनॉएड्स, टैनिन, कैफेइक एसिड (Caffeic acid) आदि मौजूद होते हैं। साथ ही इसमें आयरन, प्रोटीन, फाइबर, पोटैशियम, मैग्‍नीशियम, सोडियम, विटामिन ए, सी भी काफी अधिक मात्रा में होती है। ये सभी पोषक तत्‍व हमारी सेहत को कई तरह से लाभ पहुंचाते हैं।
यदि आप स्टीविया की दवा या पाउडर का सेवन अधिक मात्रा में प्रतिदिन करने लगते हैं, तो आपको चक्कर और सिर दर्द की समस्या हो सकती है। स्टीविया की पत्तियों का अधिक सेवन पुरुषों-महिलाओं में बांझपन की समस्या को भी बढ़ा सकती है।
प्रेग्नेंसी में किसी भी महिला को खानपान में खास सावधानी (Stevia ke Nuksan in Hindi) बरतनी चाहिए। यदि आप किसी तरह की दवाओं का सेवन लगातार करते हैं, तो इसका अधिक सेवन शरीर में गलत रिएक्शन कर सकता है। साथ ही ये पत्तियां एलर्जी की समस्या को भी बढ़ा सकती हैं।

अमरूद के पत्ते का उपयोग – How to Use Guava Leaves in Hindiअमरूद के पत्ते का इस्तेमाल आप त्वचा और स्वास्थ्य के लिए कर सकत...
05/08/2022

अमरूद के पत्ते का उपयोग – How to Use Guava Leaves in Hindi
अमरूद के पत्ते का इस्तेमाल आप त्वचा और स्वास्थ्य के लिए कर सकते हैं। यह तो आप ऊपर दिए गए अमरूद के पत्तों के फायदे से जान ही चुके हैं। अब बात करते हैं कि इन फायदों के लिए अमरूद के पत्ते का उपयोग किस तरह से करना है।

अमरूद के पत्ते का आप काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
अमरूद का प्रयोग चाय बनाने के लिए किया जा सकता है।
अमरूद के पत्तों को आप पेस्ट बनाकर त्वचा में लगा सकते हैं।
अमरूद के पत्ते के पेस्ट को तेल में मिलाकर आप इस्तेमाल कर सकते हैं।
अमरूद के पत्तों को पकाने के बाद ठंडा करके फेस टॉनिक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
आप इसका इस्तेमाल किसी भी वक्त कर सकते हैं।
अमरूद के पत्ते के नुकसान – Side Effects of Guava Leaves in Hindi
अमरूद के पत्तों में भरपूर औषधीय गुण होने की वजह से इसके नुकसान काफी कम है। बस ध्यान रखें कि आप इसका सेवन अत्यधिक मात्रा में न करें, क्योंकि अधिक मात्रा हर किसी चीज की हानिकारक होती है।

अमरूद के पत्तों में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव होता है, जो उच्च रक्तचाप के स्तर को कम करने में मदद करता है ऐसे में इसके अधिक सेवन से आपका रक्तचाप जरूरत से ज्यादा कम हो सकता है और आपको कमजोरी महसूस हो सकती है।
गर्भवतियां इसका सेवन कर सकती हैं या नहीं यह स्पष्ट नहीं है, इसलिए गर्भवतियों को इसके सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

सहजन की सब्जी में कौन सा विटामिन मिलता है?इसमें विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होती हैं, जो मुक्त कणों के खिलाफ काम...
01/08/2022

सहजन की सब्जी में कौन सा विटामिन मिलता है?
इसमें विटामिन सी और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होती हैं, जो मुक्त कणों के खिलाफ काम करती हैं। हाई ब्लड शुगर लेवल व्यक्तियों में डायबिटीज के विकास को जन्म देता है। डायबिटीज, बदले में, हृदय की समस्याओं और शरीर में अंग क्षति का कारण बन सकता है। इससे बचने के लिए ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रण में रखना अच्छा होता है।
आप चाहें तो सहजन का इस्तेमाल सब्जी बनाकर या उबालकर कर सकते हैं. इसके अलावा इसे पानी में अच्छी तरह उबालकर इस पानी को पीना भी फायदेमंद रहता है. अगर आपको सांस लेने में दिक्कत है तो भी सहजन का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद रहेगा. सहजन का सूप पीना सबसे अधिक फायदेमंद होता है.
लो ब्‍लड प्रेशर के रोगियों को भी सहजन का सेवन करने से बचना चाहिए। डायबिटीज रोगियों के लिए सहजन काफी फायदेमंद होता है, लेकिन इसका अधिक सेवन करने से यह आपको शुगर लेवल बढ़ा सकती है। ऐसी स्थिति में ध्यान रखें कि सहजन का सेवन लिमिट से ज्यादा ना करें। या फिर सहजन का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर की सलाह लें।

इंसुलिन एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां चबाकर आप काफी हद तक अपना शुगर कंट्रोल कर सकते हैं. इंसुलिन प्लांट्स का आयुर्वेद मे...
27/07/2022

इंसुलिन एक ऐसा पौधा है जिसकी पत्तियां चबाकर आप काफी हद तक अपना शुगर कंट्रोल कर सकते हैं. इंसुलिन प्लांट्स का आयुर्वेद में काफी महत्व है. इसका वैज्ञानिक नाम कोक्टस पिक्टस है और इसे क्रेप अदरक, केमुक, कुए, कीकंद, कुमुल, पकरमुला और पुष्करमूला जैसे नामों से भी जाना जाता है. स्‍वाद में इसकी पत्तियों का टेस्ट खट्टा होता है.

बेलपत्र खाने के एक नहीं हैं कई फायदे, डायबिटीज कंट्रोल से लेकर पेट को स्वस्थ रखने तकबेलपत्र एंटीऑक्सीडेंट और पौष्टिक तत्...
25/07/2022

बेलपत्र खाने के एक नहीं हैं कई फायदे, डायबिटीज कंट्रोल से लेकर पेट को स्वस्थ रखने तक

बेलपत्र एंटीऑक्सीडेंट और पौष्टिक तत्वों से भरपूर होता है। विटामिन ए, विटामिन सी, राइबोफ्लोबिन, कैल्शियम, पोटैशियम, फाइबर, विटामिन बी1, बी6, बी12 आदि प्रकार की जरूरी चीजें इसमें होती हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक

बेल के पत्ते ब्लड शुअगर कंट्रोल करने में सहायक माने जाते हैं। इसमें भारी मात्रा में लैक्सटिव गुण पाए जाते हैं, जो पर्याप्त इंसुलिन बनाने में सहायक होते हैं। इस कारण ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं। इसका सेवन आयुर्वेदाचार्य से सलाह लेकर कर सकते हैं।

कब्ज दूर करने में मददगार
अगर कब्ज की समस्या है तो बेल के पत्ते खाएं। बेल के पत्तों को को हल्का नमक और काली मिर्च के साथ चबाने से कब्ज से राहत मिल सकती है। ऐसा कहा जाता है कि यह आंत से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करता है।

पाचन शक्ति बढ़ाए
बेल पेट को साफ करने का काम करता है। इसमें लैक्सेटिव प्रोपर्टीज होती हैं जो डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करती हैं। अगर आपको पाचन संबंधित समस्याएं हैं तो बेल या बेल क पत्तों को सेवन करें।

घटते-बढ़ते ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है सौंफ, डायबिटीज में सौंफ के सेवन के आसानडायबिटीज के मरीज इस ...
21/07/2022

घटते-बढ़ते ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती है सौंफ, डायबिटीज में सौंफ के सेवन के आसान
डायबिटीज के मरीज इस तरह करें सौंफ का सेवन
सौंफ की चाय
एक गिलास पानी में 2-3 चम्मच सौंफ के बीज डालें और इसे रातभर के लिए भीगने दें।
सुबह इस पानी को किसी बर्तन में पलट लें और 8-10 मिनट तक उबालें।
जब सौंफ वाला पानी उबलकर लगभग आधा हो जाए तो इसे आंच से उतार लें।
अब, इस मिश्रण को छान लें और गर्मा-गर्म पीएं।
कुछ लोग गर्मियों के मौसम में सौंफ वाले पानी को बिना उबाले भी पीना पसंद करते हैं और यह तरीका भी लाभकारी माना जाता है।

शुगर कंट्रोल करने में कारगर है इस आटे की रोटीमल्टीग्रेन आटा बनाने के लिए सबसे पहले एक किलो गेहूं, चना 50 ग्राम, मक्का 50...
19/07/2022

शुगर कंट्रोल करने में कारगर है इस आटे की रोटी
मल्टीग्रेन आटा बनाने के लिए सबसे पहले एक किलो गेहूं, चना 50 ग्राम, मक्का 50 ग्राम, जौ 50 ग्राम, रागी 25 ग्राम, सोयाबीन 25 ग्राम, बाजरा 25 ग्राम, ज्वार 25 ग्राम चाहिए.

Ayurveda is considered a lifestyle more than a medicinal practice. Leading an Ayurvedic lifestyle is a guarantee for lon...
15/07/2022

Ayurveda is considered a lifestyle more than a medicinal practice. Leading an Ayurvedic lifestyle is a guarantee for long and healthy life. Ayurvedic products are made using the best of nature, and hence, they are safe and free of side effects. You don’t necessarily require a doctor’s permission to consume Ayurvedic medicines unless you are suffering from chronic illnesses or allergies.

15/07/2022
अतिबला के फायदे (Benefits of Atibala)1. बवासीर के लक्षणों को कम करता है अतिबलाअतिबला के बीजों में बवासीर के लक्षणों को क...
13/07/2022

अतिबला के फायदे (Benefits of Atibala)
1. बवासीर के लक्षणों को कम करता है अतिबला
अतिबला के बीजों में बवासीर के लक्षणों को कम करने वाले खास गुण पाए जाते हैं। इनका सेवन करने से घाव जल्दी ठीक होने लगता है और दर्द भी कम हो जाता है, जो बवासीर में बेहद उपयोगी है।
2. अतिबला से लाएं शुगर के स्तर को सामान्य
अतिबला शरीर में जाकर एक एंटीडायबिटिक कंपाउंड का काम करता है। इसके पत्तों का सेवन करने से शरीर इंसुलिन बनाने के लिए उत्तेजित हो जाता है जिससे रक्त में शर्करा का स्तर कम हो जाता है।
अतिबला के नुकसान (Side effects of Atibala)
इस्तेमाल करने से यह शरीर में विषाक्त प्रभाव पैदा कर सकता है और इससे निम्न स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं -
पेट में दर्द होना
सिर में दर्द
सीने में जलन
उल्टी या मतली
गर्भवती या अन्य रोगियों को अतिबला से कुछ अलग व गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
अतिबला का उपयोग कैसे करें (How to use Atibala)
काढ़ा बनाकर
पत्तों के चूर्ण को गर्म पानी के साथ
पत्तों के रस को गर्म पानी के साथ
जड़,छाल या पत्तों का लेप त्वचा पर लगाकर
हालांकि, आपको किस प्रकार और कितनी मात्रा में अतिबला का इस्तेमाल करना चाहिए, इस बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

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