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  & BARTAN❗ #किस_धातु_के_बर्तन_में_खाना_बनाने_से_स्वास्थ्य_पर_क्या_प्रभाव_पड़ता_है ❓ सोना👎सोना एक गर्म धातु है। सोने से ब...
03/10/2021

& BARTAN❗

#किस_धातु_के_बर्तन_में_खाना_बनाने_से_स्वास्थ्य_पर_क्या_प्रभाव_पड़ता_है ❓


सोना👎

सोना एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है।

चाँदी👎

चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती है इसके पात्र में भोजन बनाने और करने से दिमाग तेज होता है, आँखों स्वस्थ रहती है, आँखों की रौशनी बढती है और इसके अलावा पित्तदोष, कफ और वायुदोष को नियंत्रित रहता है।

कांसा👎

काँसे के बर्तन में खाना खाने से बुद्धि तेज होती है, रक्त में शुद्धता आती है, रक्तपित शांत रहता है और भूख बढ़ाती है। लेकिन काँसे के बर्तन में खट्टी चीजे नहीं परोसनी चाहिए खट्टी चीजे इस धातु से क्रिया करके विषैली हो जाती है जो नुकसान देती है। कांसे के बर्तन में खाना बनाने से केवल 3 प्रतिशत ही पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

तांबा👎

तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से व्यक्ति रोग मुक्त बनता है, रक्त शुद्ध होता है, स्मरण-शक्ति अच्छी होती है, लीवर संबंधी समस्या दूर होती है, तांबे का पानी शरीर के विषैले तत्वों को खत्म कर देता है इसलिए इस पात्र में रखा पानी स्वास्थ्य के लिए उत्तम होता है. तांबे के बर्तन में दूध नहीं पीना चाहिए इससे शरीर को नुकसान होता है।

पीतल👎

पीतल के बर्तन में भोजन पकाने और करने से कृमि रोग, कफ और वायुदोष की बीमारी नहीं होती। पीतल के बर्तन में खाना बनाने से केवल 7 प्रतिशत पोषक तत्व नष्ट होते हैं।

लोहा👎

लोहे के बर्तन में बने भोजन खाने से शरीर की शक्ति बढती है, लोहतत्व शरीर में जरूरी पोषक तत्वों को बढ़ता है। लोहा कई रोग को खत्म करता है, पांडू रोग मिटाता है, शरीर में सूजन और पीलापन नहीं आने देता, कामला रोग को खत्म करता है, और पीलिया रोग को दूर रखता है. लोहे के पात्र में दूध पीना अच्छा होता है।

स्टील👎

स्टील के बर्तन नुक्सान दायक नहीं होते क्योंकि ये ना ही गर्म से क्रिया करते है और ना ही अम्ल से. इसलिए नुक्सान नहीं होता है. इसमें खाना बनाने और खाने से शरीर को कोई फायदा नहीं पहुँचता ।

एलुमिनियम👎

एल्युमिनिय बोक्साईट का बना होता है। इसमें बने खाने से शरीर को सिर्फ नुक्सान ही होता है। यह आयरन और कैल्शियम को सोखता है इसलिए इससे बने पात्र का किसी भी रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए। इससे हड्डियां कमजोर होती है. मानसिक बीमारियाँ होती है, लीवर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचती है। उसके साथ साथ किडनी फेल होना, टी बी, अस्थमा, दमा, बात रोग, शुगर जैसी गंभीर बीमारियाँ होती है। एलुमिनियम के प्रेशर कूकर से खाना बनाने से 87 प्रतिशत पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं।

मिट्टी👎

मिट्टी के बर्तनों में खाना पकाने से ऐसे पोषक तत्व मिलते हैं, जो हर बीमारी को शरीर से दूर रखते हैं । इस बात को अब आधुनिक विज्ञान भी साबित कर चुका है कि मिट्टी के बर्तनों में खाना बनाने से शरीर के कई तरह के रोग ठीक होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर भोजन को पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाना है तो उसे धीरे-धीरे ही पकना चाहिए। भले ही मिट्टी के बर्तनों में खाना बनने में वक़्त थोड़ा ज्यादा लगता है, लेकिन इससे सेहत को पूरा लाभ मिलता है।
दूध और दूध से बने उत्पादों के लिए सबसे उपयुक्त हैं मिट्टी के बर्तन। मिट्टी के बर्तन में खाना बनाने से पूरे 100 प्रतिशत पोषक तत्व मिलते हैं। और यदि मिट्टी के बर्तन में खाना खाया जाए तो उसका स्वाद और मजा अलग ही है।
जो और किसी धातु के बर्तन मे नही ,इसलिए दही तो मिट्टी के बर्तन मे ही जमाये और गर्मीयों मे फ्रीज़ की जगह मटके का ही पानी पीना चाहिए I

#लेख_पढ़ने_के_लिए_धन्यवाद.I

 #मेथी #मेथी-पानीकई बीमारियों को आसानी से दूर कर देता है मेथी का पानी, पढ़ें इसके 5 फायदेमेथी के बीज सेहत के लिए बहुत फा...
30/09/2021

#मेथी
#मेथी-पानी

कई बीमारियों को आसानी से दूर कर देता है मेथी का पानी, पढ़ें इसके 5 फायदे

मेथी के बीज सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। मेथी के छोटे-छोटे दाने भी कई बीमारियों की अचूक दवा हैं। इसके दानों को पानी में भिगोने से उनकी न्यूट्रीशनल वैल्यू कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए मेथी के बजाय इसका पानी पीना ज्यादा फायदेमंद होता है। वहीं मेथी के बीजों को तड़का लगाने या फिर चूर्ण के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं कि मेथी का पानी किस तरह हमें बीमारियों से दूर रखता है।

1. एक गिलास पानी में एक चम्म्च मेथी दाना को रातभर ढंक कर रख दें और सुबह इसे छानकर खाली पेट पिएं। रोजाना ऐसा करने से आपका वजन जादुई तरीके से कम होगा और आप पा सकेंगे छरहरी काया।

2. शुगर के मरीजों के लिए यह तरीके बेहद कारगर है। रोजाना इस पान का सेवन करने से शुगर की समस्या जल्दी की हल हो जाएगी और रक्त में शर्करा का स्तर कम होगा।

3. जोड़ों में दर्द के लिए भी मेथी का पानी एक अचूक इलाज है। आम तौर पर भी दर्द से राहत के लिए मेथी का सेवन किया जाता है और ठंड में मेथी के लड्डू बनाए जाते हैं।

4. ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या है, तो मेथी का पानी आपके लिए बेहद मददगार है। यह ब्लडप्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करेगा और इससे जुड़ी अन्य समस्याओं को भी हल करेगा।

5. कोलेस्ट्रॉल कम करना हो या फिर कैंसर जैसी बीमारी से सुरक्षा, मेथी का पानी एक सरल लेकिन प्रभावशाली नुस्खा है। इतना ही नहीं, यह आपके बालों और त्वचा के लिए भी बेहद फायदेमंद है।

       👌👍🏻🙏🏿
29/09/2021

👌👍🏻🙏🏿

 #पेट रोगपेट में गैस, अफारा, पेट-दर्द, हाज़मा शक्ति कमजोर होना, कब्ज, पाचन क्रिया का दुरुस्त न होना, Upper GIT, Lower GIT...
28/09/2021

#पेट रोग
पेट में गैस, अफारा, पेट-दर्द, हाज़मा शक्ति कमजोर होना, कब्ज, पाचन क्रिया का दुरुस्त न होना, Upper GIT, Lower GIT

पेट की बीमारियों का खानदानी नुस्खे का राज़ कलमबद्ध किया जा रहा है
#नुस्खा
भुना जीरा- 50ग्राम
अजवायन- 50 ग्राम
सोंठ- 50 ग्राम
काली मिर्च- 50 ग्राम
हींग भुनी हुई- 50 ग्राम
काला जीरा - 50ग्राम
सेंधा नमक- 50 ग्राम
पिपली- 50 ग्राम

उपरोक्त मिश्रण का 400 ग्राम पाउडर बना के 300 ग्राम काली हरड़ (घी में भून के) और 300 ग्राम मीठा सोडा
सब को मिला ले और पाउडर बना कर डिब्बे में बंद कर के रख ले

सेवन विधि- खाना खाने के बीच मे या खाने के बाद अपने बलाबल के अनुसार 1/2 से 1 चम्मच मौसम अनुसार जल के साथ सेवन करें

नोट:- हींग बढ़िया जाँच कर विश्वस्त व्यक्ति से ले
अगर किसी कारणवश आप ये नुस्खा न बना पाए तो हम से तलब करें

खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा ये जानना बहुत जरुरी है।🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹हमने रोटी खाई,हमने दाल खाई,हमन...
28/09/2021

खाना खाने के बाद पेट मे खाना पचेगा या खाना सड़ेगा ये जानना बहुत जरुरी है।
🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹
हमने रोटी खाई,हमने दाल खाई,हमने सब्जी खाई, हमने दही खाया लस्सी पी , दूध,दही छाझ लस्सी फल आदि।
ये सब कुछ भोजन के रूप मे हमने ग्रहण किया
ये सब कुछ हमको उर्जा देता है और पेट उस उर्जा को आगे ट्रांसफर करता है।
पेट मे एक छोटा सा स्थान होता है जिसको हम हिंदी मे कहते है "अमाशय" उसी स्थान का संस्कृत नाम है "जठर"।

उसी स्थान को अंग्रेजी मे कहते है
"epigastrium"

ये एक थेली की तरह होता है और यह जठर हमारे शरीर मे सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि सारा खाना सबसे पहले इसी मे आता है।

ये बहुत छोटा सा स्थान हैं इसमें अधिक से अधिक 350GMS खाना आ सकता है।
हम कुछ भी खाते सब ये अमाशय मे आ जाता है।

आमाशय मे अग्नि प्रदीप्त होती है उसी को कहते हे"जठराग्न"।
ये जठराग्नि है वो अमाशय मे प्रदीप्त होने वाली आग है । ऐसे ही पेट मे होता है जेसे ही आपने खाना खाया की जठराग्नि प्रदीप्त हो गयी।
यह ऑटोमेटिक है,जेसे ही अपने रोटी का पहला टुकड़ा मुँह मे डाला की इधर जठराग्नि प्रदीप्त हो गई।
ये अग्नि तब तक जलती हे जब तक खाना पचता है।

अब अपने खाते ही गटागट पानी पी लिया और खूब ठंडा पानी पी लिया।

और कई लोग तो बोतल पे बोतल पी जाते है।

अब जो आग (जठराग्नि) जल रही थी वो बुझ गयी।

आग अगर बुझ गयी तो खाने की पचने की जो क्रिया है वो रुक गयी।

अब हमेशा याद रखें खाना जाने पर हमारे पेट में दो ही क्रिया होती है,

एक क्रिया है जिसको हम कहते हे "Digestion" और दूसरी है "fermentation"
फर्मेंटेशन का मतलब है सडना
और डायजेशन का मतलब हे पचना।

आयुर्वेद के हिसाब से आग जलेगी तो खाना पचेगा,खाना पचेगा तो उससे रस बनेगा।

जो रस बनेगा तो उसी रस से मांस,मज्जा,रक्त,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र और अस्थि बनेगा और सबसे अंत मे मेद बनेगा। ये तभी होगा जब खाना पचेगा। यह सब हमें चाहिए। ये तो हुई खाना पचने की बात।

अब जब खाना सड़ेगा तब क्या होगा..? खाने के सड़ने पर सबसे पहला जहर जो बनता है वो हे यूरिक एसिड (uric acid ) कई बार आप डॉक्टर के पास जाकर कहते है की मुझे घुटने मे दर्द हो रहा है, मुझे कंधे-कमर मे दर्द हो रहा है

तो डॉक्टर कहेगा आपका यूरिक एसिड बढ़ रहा है आप ये दवा खाओ, वो दवा खाओ
यूरिक एसिड कम करो।

और एक दूसरा उदाहरण खाना

जब खाना सड़ता है, तो यूरिक एसिड जेसा ही एक दूसरा विष बनता है जिसको हम कहते हे
LDL (Low Density lipoprotive)
माने खराब कोलेस्ट्रोल (cholesterol )

जब आप ब्लड प्रेशर(BP) चेक कराने डॉक्टर के पास जाते हैं तो वो आपको कहता है (HIGH BP )

हाई-बीपी है आप पूछोगे कारण बताओ?

तो वो कहेगा कोलेस्ट्रोल बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ है।

आप ज्यादा पूछोगे की कोलेस्ट्रोल कौनसा बहुत है ?

तो वो आपको कहेगा LDL बहुत है |

इससे भी ज्यादा खतरनाक एक विष हे
वो है VLDL (Very Low Density lipoprotive) ये भी कोलेस्ट्रॉल जेसा ही विष है।

अगर VLDL बहुत बढ़ गया तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता खाना सड़ने पर और जो जहर बनते है उसमे एक ओर विष है जिसको अंग्रेजी मे हम कहते है triglycerides

जब भी डॉक्टर आपको कहे की आपका "triglycerides" बढ़ा हुआ हे तो समज लीजिए की आपके शरीर मे विष निर्माण हो रहा है।

तो कोई यूरिक एसिड के नाम से कहे,कोई कोलेस्ट्रोल के नाम से कहे, कोई LDL VLDL के नाम से कहे समझ लीजिए की ये
विष हे और ऐसे विष 103 है। ये सभी विष तब बनते है जब खाना सड़ता है।

मतलब समझ लीजिए किसी का कोलेस्ट्रोल बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे ध्यान आना चाहिए की खाना पच नहीं रहा है , कोई कहता हे मेरा triglycerides बहुत बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट मे डायग्नोसिस कर लीजिए आप ! की आपका खाना पच नहीं रहा है।

कोई कहता है मेरा यूरिक एसिड बढ़ा हुआ है तो एक ही मिनिट लगना चाहिए समझने मे की खाना पच नहीं रहा है।

क्योंकि खाना पचने पर इनमे से कोई भी जहर नहीं बनता।

खाना पचने पर जो बनता है वो है मांस,मज्जा,रक्त ,वीर्य,हड्डिया,मल,मूत्र,अस्थि

और

खाना नहीं पचने पर बनता है यूरिक एसिड, कोलेस्ट्रोल
,LDL-VLDL|

और यही आपके शरीर को रोगों का घर बनाते है !

पेट मे बनने वाला यही जहर जब
ज्यादा बढ़कर खून मे आते है ! तो खून दिल की नाड़ियो मे से निकल नहीं पाता और रोज थोड़ा थोड़ा कचरा जो खून मे आया है इकट्ठा होता रहता है और एक दिन नाड़ी को ब्लॉक कर देता है जिसे आप heart attack कहते हैं !

तो हमें जिंदगी मे ध्यान इस बात पर देना है
की जो हम खा रहे हे वो शरीर मे ठीक से पचना चाहिए और खाना ठीक से पचना चाहिए इसके लिए पेट मे ठीक से आग (जठराग्नि) प्रदीप्त होनी ही चाहिए| क्योंकि बिना आग के खाना पचता नहीं हे और खाना पकता भी नहीं है।

महत्व की बात खाने को खाना नहीं खाने को पचाना है। आपने क्या खाया कितना खाया वो महत्व नहीं हे।

खाना अच्छे से पचे इसके लिए वाग्भट्ट जी ने सूत्र दिया !!

"भोजनान्ते विषं वारी"
🔹🔹🔸🔸🔹🔹
(मतलब खाना खाने के तुरंत बाद पानी पीना जहर पीने के बराबर
है )

इसलिए खाने के तुरंत बाद पानी कभी मत पिये!

अब आपके मन मे सवाल आएगा कितनी देर तक नहीं पीना ???

तो 1 घंटे 48 मिनट तक नहीं पीना !

अब आप कहेंगे इसका क्या calculation हैं ??

बात ऐसी है !

जब हम खाना खाते हैं तो जठराग्नि द्वारा सब एक दूसरे मे मिक्स होता है और फिर खाना पेस्ट मे बदलता हैं है !

पेस्ट मे बदलने की क्रिया होने तक 1 घंटा 48 मिनट का समय लगता है ! उसके बाद जठराग्नि कम हो जाती है !

(बुझती तो नहीं लेकिन बहुत
धीमी हो जाती है )

पेस्ट बनने के बाद शरीर मे रस बनने की परिक्रिया शुरू होती है !

तब हमारे शरीर को पानी की जरूरत होती हैं ।

तब आप जितना इच्छा हो उतना पानी पिये !!

जो बहुत मेहनती लोग है (खेत मे हल चलाने वाले ,रिक्शा खीचने वाले पत्थर तोड़ने वाले)

उनको 1 घंटे के बाद ही रस बनने
लगता है उनको घंटे बाद
पानी पीना चाहिए !

अब आप कहेंगे खाना खाने के पहले कितने मिनट तक पानी पी सकते हैं ???

तो खाना खाने के 45 मिनट पहले तक आप पानी पी सकते हैं !

अब आप पूछेंगे ये मिनट का calculation ????

बात ऐसी ही जब हम पानी पीते हैं
तो वो शरीर के प्रत्येक अंग तक जाता है !

और अगर बच जाये तो 45 मिनट बाद मूत्र पिंड तक पहुंचता है !

तो पानी - पीने से मूत्र पिंड तक आने का समय 45 मिनट का है !

तो आप खाना खाने से 45 मिनट पहले ही पाने पिये ! पानी ना पीये खाना खाने के बाद। इसका जरूर पालण करे !
🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹🔸🔹🔹

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