14/08/2025
आज़ादी के मायने .!!!
हमसब भारत देश वासियों को आज़ादी के दिन पर अनंत शुभकामनाएं ,
क्यों हुए , कैसे हुए हम पराधीन से स्वाधीन , बस यही किस्से बार-२ ना दोहरायें ।
🌺आज़ाद होकर भी हम क्यूँ नयी-२ बेड़ियों में यूँ ही बंधते जा रहें हैं ,
स्वरूप ही बदला है ग़ुलामी का , पर शिकंजे
तो हम पर कसते जा रहें हैं ।
🌺संस्कारों की , विचारों की, उल्टी गंगा ही बहने लगी है ,
मेरी लाइफ - मेरी लाइफ कह -२ कर जिंदगी हर तरफ़ बँटने लगी है ।
🌺ना मन की बातें कहना और सुनना , सभ्यता और संस्कृति को भाषण कहना ,
सही उम्र बीतने पर भी शादी ना करना ,
संतति पोषण को बोझ मानना ,
सोशल मीडिया पर हर पल active रहना ,
मोबाइल और इंटरनेट को भगवान समझना
🌺धूल और धुएँ के ग़ुबार में ,प्रदूषण की मार से , कुड़े ,प्लास्टिक कचरे के पहाड़ देखना ,
अपार जनसंख्या का मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना ,
ग़रीब का और ग़रीब , अमीर का और अमीर बन जाना ,,,,,
🌺ग़र यही आज़ादी के मायने हैं तो …..
आओ सोचें, जाने , माने और तोड़ ही डालें,
इन नयी गुलामी की जंजीरों को ,
हम सब कर सकतें हैं , कर ही लेंगे ,
कर्तव्य बोध कर , लक्ष्य मान कर ,
एक बार फिर सोने की चिड़िया बनने का प्रण ,,—-दृढ़ इच्छा से बार- बार दोहरायें
हम सब भारत देशवासियों को आज़ादी के दिन की अनंत शुभकामनाएँ -२।
क्यों हुए , कैसे हुए हम पराधीन से स्वाधीन
बस यही किस्से बार-२ ना दोहरायें ।
जय हिन्द ।( Dr. Indu Sharma Ayu.)