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मुख्यमंत्री: १३वर्षप्रधानमंत्री: ११ वर्षघोटाले: 0संपत्ति: 0परिवारजनो को पद का लाभ दिलाया: 0सबसे बड़ा "आरोप": कट्टर देशभक...
10/07/2025

मुख्यमंत्री: १३वर्ष
प्रधानमंत्री: ११ वर्ष
घोटाले: 0
संपत्ति: 0
परिवारजनो को पद का लाभ दिलाया: 0
सबसे बड़ा "आरोप": कट्टर देशभक्त

यह देश का एकमात्र नेता है जिसकी संपत्ति बढ़ी नहीं, घटी है।

गुजरात छोड़ते समय १२वर्षों का वेतन दान कर दिया।
अब अपनी इकलौती संपत्ति भी राष्ट्र को समर्पित कर दी।

ऐसे त्यागी, तपस्वी, राष्ट्र्सेवक पर पूरे देश को गर्व है।

न ऐसा नेता पहले था, न आगे होगा....

ऐसे युग पुरूष को कोटि-कोटि धन्यवाद 🙏💐🌹🙏

पूर्वजन्म के विविध पुण्य अथवा पाप कर्म के फलस्वरूप इस जन्म में मानव को सुख तथा दु:खों की प्राप्ति होती है। पूर्व जन्म के...
10/12/2023

पूर्वजन्म के विविध पुण्य अथवा पाप कर्म के फलस्वरूप इस जन्म में मानव को सुख तथा दु:खों की प्राप्ति होती है। पूर्व जन्म के पाप अथवा पुण्य कर्मों का ज्ञान जन्मकुण्डली 📜 के माध्यम से ही होता है।

जन्मकुण्डली 📜 में जन्म के समय के आकाश में विराजमान ग्रह-नक्षत्रों🪐 की स्थिति का रेखाचित्र वर्णित रहता है। उस जन्म-समय के अनुसार प्राप्त ग्रहयोगों के माध्यम से गुण और दोषों की समीक्षा की जाती है। पितृ दोष मुख्य रूप से एक पितृ-श्राप है। योग्य व विद्वान् ज्योतिषी जन्मकुण्डली को देखकर इस पितृदोष के बारे में बता सकते हैं।

इस दोष के कारण जीवन में बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे- बाल्यकाल में रोग🤒, शिक्षा📖 में रूकावट, शिक्षा में मन ना लगना, युवावस्था में विभिन्न विषयों के प्रति आसक्ति तथा व्यसन में संलग्नता, योग्यता के अनुरूप नौकरी💼 ना मिलना,अथक प्रयास और संघर्ष करने के बाद भी जीवन का निर्वाह साधारण रूप से होना तथा विवाह में विलम्ब, विवाह के उपरान्त सन्तान प्राप्ति में बाधा, घर-परिवार👪 में कलह, बिना अपराध के न्यायालय🧑‍⚖️‍📝 के द्वारा कारावास आदि का दण्ड तथा पारिवारिक सदस्यों की असमय रोग, विष, आत्महत्या अथवा दुर्घटना🤕 आदि विभिन्न कारणों से मृत्यु होना अथवा असाध्य रोगों से ग्रसित होकर लम्बे समय तक बिस्तर पर पड़े रहना आदि अनेक प्रकार के विषय हैं।

इस पूजा के दौरान पितृ गायत्री मंत्र का जाप किया जाता है और आपके पितरों की शान्ति के लिए प्रार्थना🙏 की जाती है। विधि पूर्वक इस पूजा को संपन्न करने से वंशवृद्धि होती है और आपकी आने वाली 7 पीढ़ियों का उद्धार होता है।

Vedic Stone सुनिश्चित करता है की
✔️संकल्प में आपके नाम और गोत्र का उच्चारण किया जाएगा।
✔️विधि पूर्वक विद्वान् पुजारी द्वारा पूजा को संपन्न किया जाएगा।
Astrologer Dr Ram Swaroop Sharma
+91 99100 39586/ 7678253888

धन्यवाद 🙏🏽

!! पितृ पक्ष मे इन 3 चीजों को कभी ना खरीदें !!अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए पितृ पक्ष का समय विशेष महत...
01/10/2023

!! पितृ पक्ष मे इन 3 चीजों को कभी ना खरीदें !!
अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए पितृ पक्ष का समय विशेष महत्व रखता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति पितृपक्ष के दौरान अपने पितरों के नाम पर दान और तर्पण करता है, उसे अपने पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है।
कहा जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितर अपने परिवार से मिलने धरती पर आते हैं और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी यह समय बहुत लाभकारी माना जाता है।
साल 2023 में पितृपक्ष 29 सितंबर से लेकर 14 अक्टूबर, 2023 तक है। हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को पितृ पक्ष का आरंभ हाेता है और अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को इसका समापन होता है।
पंचांग के अनुसार 29 सितंबर की दोपहर 03 बजकर 29 मिनट पर भाद्रपद पूर्णिमा है और अश्विन माह की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी।
हिंदू धर्म में पितृ पक्ष को लेकर कई नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करने से पितर प्रसन्न होते हैं। इस समय नई वस्तुओं की खरीदारी करना अशुभ माना जाता है और नया वाहन या नया घर खरीदने आदि जैसे शुभ कार्य भी वर्जित होते हैं। अब तक आपने यही सुना होगा कि पितृपक्ष में कोई भी शुभ काम नहीं करते हैं या नई वस्तुओं की खरीदारी करना भी इस समय वर्जित होता है लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि पितृपक्ष के दौरान 3 चीज़ों की खरीदारी बिल्कुल वर्जित है।
शास्त्रों में पितृपक्ष यानी श्राद्ध के दिनों में सरसों का तेल, नमक और झाड़ू न खरीदने की सलाह दी गई है। अगर आप श्राद्ध के दिनों में इन तीनों में से कोई भी एक चीज़ खरीदते हैं, तो आपको ‘त्रिदोष’ लग सकता है। आगे जानिए कि पितृपक्ष में इन 3 चीज़ों को खरीदने से क्यों मना किया जाता है।
• झाड़ू: वैदिक ज्योतिष में झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। जिस घर में साफ-सफाई रहती है, वहां पर मां लक्ष्मी वास करती हैं और अगर आप श्राद्ध में झाड़ू खरीदते हैं, तो इससे आपको धन की हानि हो सकती है।
• सरसों का तेल: सरसों के तेल को शनि देव का प्रतीक माना गया है और शनि देव की दृष्टि बहुत तीक्ष्ण मानी जाती है। इस वजह से पितृपक्ष के दौरान सरसों का तेल खरीदने से मना किया जाता है।
• नमक: शास्त्रों में नमक को तीक्ष्ण वस्तुओं में रखा गया है इसलिए इसे श्राद्ध में नमक खरीदने से मना किया गया है।
पितृ पक्ष के नियमों को लेकर इस बात का भी ध्यान रखें कि आप श्राद्ध में इन 3 चीज़ों को अपने उपयोग के लिए नहीं खरीद सकते हैं लेकिन अगर आप अपने पितरों के लिए सरसों के तेल और नमक का दान करना चाहते हैं, तो उसके लिए कोई मनाही नहीं है। आप श्राद्ध में नए कपड़े खरीद कर भी दान कर सकते हैं। पितृपक्ष में दान करने से पितर जल्दी प्रसन्न होते हैं।
शास्त्रों के अनुसार पितृपक्ष में झाड़ू, नमक और सरसों का तेल खरीदने से त्रिदोष लग सकता है और आपको बता दें कि त्रिदोष का संबंध अकाल मृत्यु, अपमृत्यु और रोग मृत्यु से होता है। जिस व्यक्ति की मृत्यु अचानक से हो जाती है या जो अपनी आयु पूरी नहीं कर पाता है, उसे अकाल मृत्यु कहते हैं। इसके अलावा जिस व्यक्ति की हत्या की गई हो, उसे भी अकाल मृत्यु की श्रेणी में रखा जाता है।
जिन लोगों की मृत्यु किसी बीमारी की वजह से होती है, उसे रोग मृत्यु कहा जाता है और दुर्घटना जैसे कि पानी में डूबने या ऊंचाई से गिरने की वजह से मृत्यु होने काे अपमृत्यु कहते हैं।
पितृपक्ष के दौरान निम्न उपाय करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है:
• श्राद्ध में सोमवार के दिन व्रत रखें और भूखे और जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाएं।
• मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर जाकर बजरंगबली को चोला चढ़ाएं।
• श्राद्ध में पिंडदान करने का भी बहुत महत्व है। इससे आपके पितरों को जल्दी शांति मिलती है।
• इस समय दान करने से पितर प्रसन्न होते हैं। आप अपनी क्षमता के अनुसार जरूरतमंद और गरीब लोगों को दान दे सकते हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख ज़रूर पसंद आया होगा। अगर ऐसा है तो आप इसे अपने अन्य शुभचिंतकों के साथ ज़रूर साझा करें।
धन्यवाद!
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वैसे तो ब्राह्मणों ने जातियाँ बनाई नहीं हैं !!  ये खुद समय के साथ अपने आप बन गई हैं !!  लेकिन, मान लिया कि उन्होंने ही ब...
24/08/2022

वैसे तो ब्राह्मणों ने जातियाँ बनाई नहीं हैं !!
ये खुद समय के साथ अपने आप बन गई हैं !!
लेकिन, मान लिया कि उन्होंने ही बनाई है तो फायदा किसका हुआ ??

पहले के जमाने मे कमाने खाने के लिए सरकारी नौकरी तो होती नहीं थी।।

*ब्राह्मणों ने पूरा फर्नीचर व्यवसाय बढ़ई को दिया !
*रियल सेक्टर कुम्हार को दिया !
लेदर का व्यवसाय चर्मकार को दिया !
*डिलिवरी का व्यवसाय भी चर्मकार को दिया !
*दूध का व्यवसाय यादव को दिया !
*टेक्सटाइल का दर्जी को दिया !
हथियार का व्यवसाय लुहार को दिया !
*बर्तन का ठठेरे को दिया !
*पत्तल का बारी को दिया !
*सूप का धरिकार को दिया !
*चूड़ी व्यवसाय मलिहार को दिया !
*मीट का खटीक को दिया !
* फूल का माली को दिया !
*तेल का व्यवसाय तेली को दिया !

जिससे सबको रोजगार मिला !

इन सारे सम्मानित व्यवसाइयों को आज संविधान ने पिछड़ा अछूत बना दिया है !

*क्षत्रियों को वो काम दिया जिससे जवानी में औरतें विधवा और बच्चे अनाथ हो जाते हैं। जो कोई भी नहीं करना चाहेगा !!

अपने लिए भिक्षा माँगना और अध्यापन रखा !

आखिर सब व्यवसाय जिससे भारत पूरी दुनियाँ मे सोने की चिड़िया था।।

*ब्राह्मणों ने क्षत्रियों के हिस्से में बलिदान दिया और स्वयं ब्राह्मणों के हिस्से में भिक्षाटन आया तो फिर उन्होंने जाति व्यवस्था में अन्याय कैसे किया ???????

सोचिएगा जरूर की जातिवाद मनुस्मृति की उपज है या ......
*अंग्रेजों की देन देश पर थोपे गये संविधान की ..

!! भगवान विष्णु की असीम कृपा दिलाएंगे ये राशिनुसार उपाय !! सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। एकादश...
12/04/2022

!! भगवान विष्णु की असीम कृपा दिलाएंगे ये राशिनुसार उपाय !!
सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान निर्धारित है। इस साल में पड़ने वाली तमाम एकादशी तिथियों में एक होती है कामदा एकादशी 2022 (Kamada Ekadashi 2022)। कहते हैं इस दिन का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन के तमाम दुख और कष्ट दूर होने लगते हैं। इसके साथ ही कामदा एकादशी का व्रत और पूजन करने से भगवान विष्णु व्यक्ति के जीवन की सभी अधूरी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। यही वजह है कि इस एकादशी का एक नाम फलदा एकादशी (Falda Ekadashi) भी है।
कामदा एकादशी 2022: शुभ मुहूर्त
12 अप्रैल, 2022 (मंगलवार)
कामदा एकादशी पारणा मुहूर्त: 13:38:42 से 16:12:07 तक 13, अप्रैल को
अवधि: 2 घंटे 33 मिनट
हरि वासर समाप्त होने का समय: 11:01:23 पर 13, अप्रैल को
कामदा एकादशी महत्व
चैत्र मास के शुक्ल पक्ष को कामदा एकादशी मनाई जाती है। इस एकादशी के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो कोई भी व्यक्ति कामदा एकादशी का व्रत करता है उसके जीवन से सभी कष्ट और परेशानियां दूर हो जाते हैं। साथ ही यह व्रत व्यक्ति के तन और मन को संतुलन करता है। इसके अलावा अधूरी मनोकामना को पूरा करने के लिए भी यह बेहद ही उपयुक्त माना गया है।
कामदा एकादशी व्रत विधि
एकादशी का व्रत निर्जला किया जाता है।
• ऐसे एकादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु की पूजा करें।
• इस दिन की पूजा में भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, आम, खरबूजे, दूध और पेड़ा आदि अर्पित करें।
• इस दिन की पूजा में ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें।
• इसके अलावा यदि मुमकिन हो इस दिन मंदिर जाकर किसी पुजारी को या फिर जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन करा कर उन्हें अपनी यथाशक्ति अनुसार दक्षिणा दें।
हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि कोई भी व्रत हमेशा दान पुण्य के बाद ही पूरा किया जाता है। ऐसे में कोशिश करें एकादशी के अगले दिन जरूरतमंद लोगों को दान दें और उसके बाद ही अपने व्रत का पारण करें।
कामदा एकादशी के दिन राशि अनुसार अवश्य करें यह उपाय
• मेष राशि: इस दिन शुद्ध घी में सिंदूर मिलाकर इसे भगवान विष्णु के समक्ष दीपक जलाएं।
• वृषभ राशि: भगवान श्री कृष्ण को माखन का भोग अर्पित करें।
• मिथुन राशि: भगवान वासुकीनाथ को मिश्री का भोग अर्पित करें।
• कर्क राशि: दूध में हल्दी मिलाकर भगवान नारायण को अर्पित करें।
• सिंह राशि: भगवान मदन गोपाल को गुड़ का भोग लगाएं।
• कन्या राशि: भगवान वेणु गोपाल को तुलसी पत्र अर्पित करें। (हालांकि यहां इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी कभी भी एकादशी तिथि के दिन ना तोडें। आप चाहें तो पूजा से 1 दिन पहले तुलसी के पत्ते तोड़ कर रख सकते हैं और फिर इसे अगले दिन पूजा में शामिल कर सकते हैं।)
• तुला राशि: भगवान विष्णु को मुल्तानी मिट्टी का लेप लगाएं।
• वृश्चिक राशि: भगवान राधेश्याम को दही में शहद मिलाकर अर्पित करें।
• धनु राशि: भगवान नन्द गोपाल को चने का प्रसाद चढ़ाएं।
• मकर राशि: भगवान गोविंद को लौंग इलाइची का तांबूल चढ़ाएं।
• कुंभ राशि: भगवान नारायण को नारियल मिशरी चढ़ाएं।
• मीन राशि: भगवान विष्णु को केसर का तिलक लगाएं।
सुख समृद्धि के लिए इस दिन कर लें इनमें से कोई भी एक उपाय
• यदि आपके विवाह में दिक्कतें आ रही है तो कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के समक्ष हल्दी की दो साबुत गांठे चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी परेशानी जल्दी ही दूर होगी।
• कामदा एकादशी के दिन जरूरतमंद लोगों को चने की दाल और मिठाई का दान करें। ऐसा करने से आपके जीवन में खुशहाली आएगी।
• जीवन में तरक्की प्राप्त करना चाहते हैं तो कामदा एकादशी के दिन ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का 108 बार स्पष्ट उच्चारण पूर्वक जप करें।
• भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दिन की पूजा में भगवान विष्णु को पीले गेंदे का फूल चढ़ाएं।
• कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में मोर पंख या मुकुट चढ़ाएं। ऐसा करने से आपके दुःख-दर्द दूर होंगे और सुख समृद्धि का वरदान मिलेगा।
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