07/03/2016
नमस्कार मित्रो
8 मार्च 2016 को भौमवती अमावस शतभिषा नक्षत्र है ।
आज आपको एक प्रयोग की विधि बताना चाहता हूँ। यह प्रयोग कई सालो मे किसी खास महूर्त में ही किया जा सकता है। इस प्रयोग के लिए आपको कुछ सामान चाहिए जो इस प्रकार है , भोजपत्र, गोरोचन ,लाख, कुमकुम , सिन्दूर, कपूर , केसर , लाल gel pen .
भोजपत्र थोडा बड़ा ले ले। अब इस भोजपत्र पर केसर को भीगो कर लेप करें जिस से भोजपत्र पीला हो जाये। अब बाकी सामान मिला कर स्याही बनालें , इस स्याही में gel pen को कलम की तरह डूबा कर दुर्गा जी के 108 नाम लिखें। कोशिश करे की आप इसको 8 मार्च को दोपहर 12 बजे लिखना शुरू करें साथ ही साथ आप इसका 108 बार पाठ भी कर लें। इसके बाद यह यंत्र अपने पूजा स्थल पर, दूकान पर , office में स्थापित कर लें। इसके प्रयोग से अपार धनलक्ष्मी प्राप्त होती है।
ॐ श्री दुर्गायै नमः
श्री दुर्गाष्टोत्तरशात्नामस्त्रोत्रं
ईश्वर उवाच
शतनाम प्रवक्ष्यामि श्रुणुष्व कमलानने
यस्य प्रसादमात्रेण दुर्गा प्रीता भवेत् सती।।
ॐ सती साध्वी भवप्रीता भवानी भवमोचनी
आर्या दुर्गा जया चाद्या त्रिनेत्रा शूलधारिणी ।।
पिनाकधारिणी चित्रा चंडघंटा महातपाः
मनो बुद्धिरहंकारा चित्तरूपा चिता चितिः ।।
सर्वमंत्रमयी सत्ता सत्यानंदस्वरूपिणी
अनंता भाविनी भाव्या भव्याभव्या सदागति: ।
शाम्भवी देवमाता च चिन्ता रत्नप्रिया सदा
सर्वविद्या दक्षकन्या दक्षयज्ञविनाशिनी ।।
अपर्णानेकवर्णा च पाटला पाटलावती
पट्टाम्बरपरिधाना कलमंञ्जीररंजिनि ।।
अमेयविक्रमा क्रूरा सुंदरी सुरसुन्दरी
वनदुर्गा च मातङ्गी मतंगमुनिपूजिता ।।
ब्राह्मी माहेश्वरी चैन्द्रि कौमारी वैष्णवी तथा
चामुंडा चैव वाराही लक्ष्मीश्च पुरुषाकृति: ।।
विमलोत्कर्षिणी ज्ञाना क्रिया नित्या च बुद्धिदा
बहुला बहुलप्रेमा सर्ववाहनवाहना ।।
निशुम्भशुम्भहननी महिषासुरमर्दिनि
मधुकैटभहंत्री च चण्डमुण्डविनाशिनी ।।
सर्वासुरविनाशा च सर्वदानवघातिनी
सर्वशास्त्रमयी सत्या सर्वास्त्रधारिणी तथा ।।
अनेकशस्त्रहस्ता च अनेकास्त्रस्य धारिणी
कुमारी चैक कन्या च कैशोरी युवती यति:।।
अप्रौढा चैव प्रौढ़ा च वृद्धमाता बलप्रदा
महोदरी मुक्तकेशी घोररूपा महाबला ।।
अग्निज्वाला रौद्रमुखी कालरात्रितपस्विनी
नारायणी भद्रकाली विष्णुमाया जलोदरी ।।
शिवदूती कराली च अनंता परमेश्वरी
कात्यायिनी च सावित्री प्रत्यक्षा ब्रह्मवादिनी ।।
इस यंत्र को लिख कर फ्रेम करवा लें। फिर नित्य इसके सामने ऊपर क्लिक पाठ करें। माँ दुर्गा जी की असीम कृपा होगी। जय माता की