Guru Ayurveda

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स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं च।

अर्थात: स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा और रोगी के रोग का शमन ही आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य है।

आयुर्वेद के मार्ग पर चलें और जीवन में संतुलन, स्वास्थ्य व सुख की अनुभूति करें।

🌱 गुरु आयुर्वेद 🌱

13/09/2025

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🗓️13,14 और 15 सितंबर 2025

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*केशामृत तेल 100 ml + केशामृत शैम्पू 100 ml कॉम्बो में उपलब्ध ₹998 ऑफर मूल्य*

*जोडरक्षक टेबलेट + जोडरक्षक तेल ऑफर मूल्य ₹600*

*देसी वियाग्रा कैप्सूल + पौरुषवर्धक तेल*
*एक माह हेतु ऑफर मूल्य ₹1800*

*देसी वियाग्रा प्लस कैप्सूल +*पौरुषवर्धक तेल*
*एक माह हेतु ऑफर मूल्य ₹2100*

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🌿छूट में शामिल दवाएँ🌿

🌿मूल्य बिना डिस्काउंट के है 🌿

🌱 शुगरी चूर्ण-₹800
🌱 शुगरी कैप्सूल-₹900
🌱 शुगरी प्लस चूर्ण-₹900
🌱 शुगरी प्लस कैप्सूल-₹900
🌱 श्याम केशामृत तेल-₹850/100ml
🌱श्याम केशामृत लिक्विड शैम्पू ₹200 ml ₹650
🌱 स्वर्णप्राशन-₹1100
🌱पेटामृत चूर्ण -₹350
🌱 शतधौत घृत-₹850
🌱 देसी वियाग्रा कैप्सूल-₹2100
🌱 देसी वियाग्रा प्लस कैप्सूल-₹2400
🌱 पौरुषवर्धक किट (कैप्सूल व तेल और चूर्ण सहित)-₹3500
🌱 पौरुषवर्धक चूर्ण-₹700
🌱अस्थमा काढ़ा ₹1500 एक माह
🌱 योगेन्द्र केश तेल-₹480/100ml
🌱 श्याम दंतमंजन-₹210/100gm
🌱 डोडा पनीर ₹400 आधा किलो
🌱 अश्वगंधादी चूर्ण-₹500 आधा किलो
🌱शुद्ध च्यवनप्राश ₹800/kg
🌱 नीम शहद ₹800 किलो
🌱स्वनिर्मित भगवतधारा ₹40/2ml
🌱 बवासीर किट- ₹1500 महीना
🌱 जोड़ों का दर्द / सर्वाइकल / सायटिका किट- ₹3000 महीना
🌱 श्याम जोड़ रक्षक टेबलेट ₹600 महीना
🌱सिद्ध मकरध्वज स्वर्ण युक्त 60 गोली ₹1600 (ऑफर के बाद का मूल्य)
🌱 शुद्ध शिलाजीत- ₹450/ 10gm
🌱 श्याम हृदयामृत काढ़ा- ₹1400 महीना
🌱 गॉल ब्लैडर किट- ₹3100 महीना
🌱 किडनी स्टोन किट- ₹2500 महीना
🌱 थायरॉइड किट- ₹2400 महीना
🌱 अश्वगंधा टेबलेट - ₹200/ 60 टैबलेट
🌱 शुद्ध त्रिफला चूर्ण - ₹500 / आधा किलो
🌱 त्रिफला टेबलेट - ₹180/ 60 टैबलेट

🌿इसके अलावा यदि आपके रोग अनुसार, किसी विशेष रोग हेतु दवा बनानी पड़ी, तो उस पर भी मिलेगी 15% की छूट!🌿

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🌱 गुरु आयुर्वेद 🌱

स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं च।

अर्थात: स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा और रोगी के रोग का शमन ही आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य है।

आयुर्वेद के मार्ग पर चलें और जीवन में संतुलन, स्वास्थ्य व सुख की अनुभूति करें।

🌱 गुरु आयुर्वेद 🌱

🌿 उच्च रक्तचाप व मानसिक तनाव का मेरा अनुभूत योग🌿यह योग उच्च रक्तचाप, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, हृदय की कमजोरी, मानसिक तनाव, ...
07/09/2025

🌿 उच्च रक्तचाप व मानसिक तनाव का मेरा अनुभूत योग🌿

यह योग उच्च रक्तचाप, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, हृदय की कमजोरी, मानसिक तनाव, घबराहट, बेचैनी और अनिद्रा में लाभकारी है।

🔸 सामग्री (70–80 गोलियों हेतु)
रस सिन्दूर – 1 ग्राम
जहरमोहरा पिष्टी – 1 ग्राम
अकीक पिष्टी – 2 ग्राम
मुक्ताशुक्ति भस्म – 2 ग्राम
स्वर्णमाक्षिक भस्म – 2 ग्राम
लोह भस्म – 2 ग्राम
तबस्सीर – 5 ग्राम
सर्पगन्धा – 10 ग्राम
ज्योतिष्मति – 5 ग्राम
वच– 5 ग्राम
जटामांसी – 10 ग्राम
अश्वगन्धा – 10 ग्राम
पिप्पलीमूल – 3 ग्राम
सुक्श्मैला बीज – 5 ग्राम
ब्राह्मी – 5 ग्राम
शंखपुष्पी – 5 ग्राम
अर्जुन छाल – 8 ग्राम

कुल मिश्रण लगभग 40–45 ग्राम होगा, जिससे 70–80 गोलियाँ बनेंगी

🔸 बनाने की विधि
सभी औषधियों को बारीक चूर्ण करें।
भस्म और पिष्टी को अलग से महीन कपड़े से छान लें।
सबको मिलाकर खरल में रखें और गुलाबजल या ब्राह्मी रस डालकर 3–4 घंटे तक मर्दन करें।
मिश्रण चिकना हो जाए तो चने के दाने जितनी (लगभग 250 mg) गोलियाँ बना लें।
छाया में सुखाकर काँच की शीशी में भरकर सुरक्षित रखें।

🔸 सेवन विधि
1 गोली प्रातः1 गोली सायं
गुनगुने दूध अथवा गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

(70–80 गोली = लगभग 35–40 दिन की खुराक)

🔸 लाभ
उच्च रक्तचाप नियंत्रित करता है
रक्त में वसा (कोलेस्ट्रॉल) घटाता है और हृदय को बल देता है
घबराहट, बेचैनी और मानसिक तनाव दूर करता है
मस्तिष्क को शान्त करता है, उत्तेजना व चिड़चिड़ापन घटाता है
अनिद्रा मिटाकर गहरी नींद लाता है
हृदय व मस्तिष्क की कार्यक्षमता बढ़ाता है

🔸 परहेज़ और नियम
नमक का सेवन कम करें
तैलीय, मसालेदार व जंक फूड से बचें
प्रतिदिन प्राणायाम करें – अनुलोम विलोम, भ्रामरी, नाड़ी शोधन
क्रोध और तनाव से बचें
सात्त्विक आहार लें और पर्याप्त नींद करें

🌿 यह योग रसौषधि युक्त है, अतः निर्माण व सेवन सदैव अनुभवी वैद्य की देखरेख में ही करें

🌿बनी बनाई ₹600 की 60 गोली डिलीवरी मिलाकर 🌿

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🌿गुरु आयुर्वेद🌿



65 वर्षीय श्रीमती सरोज रानी जी की दोनों किडनी खराब बताई गई थींडॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि अब सिर्फ डायलिसिस ही एक विकल...
05/09/2025

65 वर्षीय श्रीमती सरोज रानी जी की दोनों किडनी खराब बताई गई थीं
डॉक्टरों ने साफ कह दिया था कि अब सिर्फ डायलिसिस ही एक विकल्प है
हर बार उनकी रिपोर्ट और भी खराब आती जा रही थीजिससे परिवार गहरे तनाव और चिंता में था।
जब वे आयुर्वेद की शरण में आईं उस समय Creatinine काफी ज़्यादा था।
लेकिन नियमित आयुर्वेदिक औषधि और परामर्श से केवल 15 दिन में रिपोर्ट में बड़ा बदलाव दिखा

➡ Creatinine घटकर 7.68 से 5.6
➡ Urea घटकर 122 से 70
रिपोर्ट देखते ही परिवार के चेहरे पर बरसों बाद सुकून और खुशी लौटी
उनकी आँखों में उम्मीद की चमक थी।

आयुर्वेद में सब संभव है आवश्यकता है इसका प्रचार और प्रसार एलोपैथी जितना आज भी नहीं है

यदि आप इस पोस्ट को अन्य समूह आदि में भेजते है तो क्या पता किसी का जीवन बच जाए अथवा नहीं भी करेंगे तो प्रतिदिन कितने ही लोग इस रोग से तड़प रहे है कुछ और तड़पते ही रहेंगे 🌿🕉️

‎ 🌱गुरु आयुर्वेद🌱
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🌱 गुरुआयुर्वेदा🌱

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🌿चर्म रोग में एक अनुभव मिला 🌿बात तीन चार महीने पुरानी है जैसा की आप सब को पता है हम प्रमाणिक आयुर्वेदिक पोस्ट समूह में स...
03/09/2025

🌿चर्म रोग में एक अनुभव मिला 🌿

बात तीन चार महीने पुरानी है
जैसा की आप सब को पता है हम प्रमाणिक आयुर्वेदिक पोस्ट समूह में साझा करते रहते है हमारे ही समूह में एक भारतीय सेना में कार्यरत फौजी भाईसाहब है उन्होंने समूह की चर्म रोग वाली पोस्ट किसी जरूरतमंद को आगे भेज दी जिसे मोहिनी जी (आयु 52 वर्ष
गांव मल्हीपुर, राजस्थान) ने पढ़ा और उस पोस्ट के अनुसार स्वयं का इलाज शुरू किया और परहेज कड़ाई से किया
और परिणाम आप सभी के सामने है
मात्र तीन माह में त्वचा का रंगरूप ही बदल गया।

इस पोस्ट में हर महीने अनुसार इनकी फोटो साझा कर रहे हूँ

आयुर्वेद में असीम शक्ति है
आवश्यकता है समूह में मिल रहे मुफ्त ज्ञान को समझने की।

जहाँ अधिक पैसा लगे वही इलाज अच्छा हो ऐसा नहीं होता ।
आयुर्वेद को अपनाकर तो देखिए

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🌿दाद (फंगल इंफेक्शन) का आयुर्वेदिक समाधान🌿🌿 दाद क्या है?दाद एक प्रकार का त्वचा रोग है, जिसे आयुर्वेद में कुष्ठ रोग की श्...
30/08/2025

🌿दाद (फंगल इंफेक्शन) का आयुर्वेदिक समाधान🌿

🌿 दाद क्या है?
दाद एक प्रकार का त्वचा रोग है, जिसे आयुर्वेद में कुष्ठ रोग की श्रेणी में माना गया है। यह त्वचा पर लाल, गोलाकार चकत्तों के रूप में फैलता है जिनमें खुजली, जलन और कभी-कभी पपड़ी भी बनती है। कारण – अस्वच्छता, पसीना आना और गंदगी, दूषित आहार, अत्यधिक खट्टा, मीठा व तैलीय भोजन,
धूल-मिट्टी, संक्रमण, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता, अधिक तनाव और असंयमित दिनचर्या।

🌿औषधि योग
नीम पत्तों का चूर्ण25ग्राम
हरिद्रा चूर्ण 25ग्राम
त्रिफला चूर्ण 25ग्राम
खदिर चूर्ण 25 ग्राम
मंजीष्ठा चूर्ण 25 ग्राम

सभी को मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें।

2–3 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम गुनगुने जल के साथ लें।

✅ यह चूर्ण रक्त को शुद्ध करता है, त्वचा रोगों को दूर करता है और दाद-खुजली को जड़ से मिटाता है।

🌿 सहायक औषधि
☘️ पंचतिक्त घृत गुग्गुलु 2–2 गोली दिन में दो बार
☘️ खदिरारिष्ट 15–20मल बराबर जल के साथ, दिन में 2 बार
☘️ नीम घन वटी 1–1 गोली दिन में दो बार
☘️ मंजीष्ठा चूर्ण 2 ग्राम शहद के साथ, दिन में 2 बार

🌿बाहरी उपाय
☘️ नीम के पत्तों को उबालकर उस पानी से स्नान करें
☘️हल्दी और सरसों के तेल का लेप दाद वाली जगह पर लगाएँ
☘️ नारियल तेल में कपूर मिलाकर प्रभावित स्थान पर दिन में 2–3 बार लगाएँ

🚫 परहेज
❌ तैलीय, मसालेदार और फास्ट फूड
❌ बहुत अधिक खट्टा, दही व अचार
❌ गंदगी और पसीने से भरे कपड़े पहनना
❌ खुजली वाली जगह पर नाखून न चलाएँ

✅ जीवनशैली सुझाव
✔ प्रतिदिन स्नान करें और शरीर को स्वच्छ रखें
✔ ढीले व सूती कपड़े पहनें
✔ अधिक पानी पिएँ और रक्त शुद्ध करने वाले फल-सब्ज़ियाँ खाएँ (जैसे – गाजर, खीरा, नींबू)
✔ प्राणायाम और ध्यान से मानसिक तनाव कम करें

🌿 नियमित 2–3 माह तक आयुर्वेदिक औषधि और उचित आहार-विहार से दाद की समस्या जड़ से समाप्त हो जाती है और त्वचा स्वस्थ व साफ बनी रहती है।

🌿गुरु आयुर्वेद 🌿

📞 7042699044

नीरज जी ने कुछ दिन पहले WhatsApp पर पूछा था की बवासीर में खून आ रहा है उन्हें दो आयुर्वेदिक दवा बतायी सेवन करने के दो दि...
30/08/2025

नीरज जी ने कुछ दिन पहले WhatsApp पर पूछा था की बवासीर में खून आ रहा है उन्हें दो आयुर्वेदिक दवा बतायी
सेवन करने के दो दिन के अंदर ही खून आना बंद हो गया और अब हर प्रकार से ठीक है।

आयुर्वेद में ऐसे ही हर रोग का इलाज संभव है

🌿🌿जय आयुर्वेद🌿🌿

📞070426 99044

28/08/2025

🌿हाइपर थाइरोइड का एक अनुभव 🌿

एक महिला को पिछले साल हाइपोथायरोडिज्म की समस्या होती है जिसमे TSH लेवल 6.7 तक हो जाता है जो सामान्य से कुछ अधिक है
अंग्रेज़ी डॉक्टर के पास जाते हैं तो सुबह खाने हेतु पहले 50 mcg फिर 75 mcg की प्रातः खाली पेट खाने के लिए थायरोनॉर्म (hypothyrodism की दवा ) दे दी जाती है जो जीवन भर खाने को कहा जाता है
कुछ महीने खाने के बाद लगने लगा क्या ये जीवन भर करना पड़ेगा फिर आता है आयुर्वेद, पहले टेस्ट करवाया जाता है तो TSH हल्का बढ़ा आता है क्युकी अंग्रेज़ी दवा चल रही होती है

फिर इन्हें दो दो गोली कचनार गुगल और साथ में हमारी बनायी हुई थाइरोइड की दवा जिसमे गंडमाला कंडन रस , शंख भस्म , अब्रक भस्म, यशद भस्म, हरड़,बहेड़ा,आवला आदि दवा डाली जाती है
केवल तीन माह के प्रयोग से TSH लेवल में आगया और अब आयुर्वेदिक दवा भी बंद हो गई है

इस दवा के साथ खाने पीने में परहेज किया उन्होंने और दवा नियम से सेवन करी

जैसे ही उनसे रिपोर्ट प्राप्त होंगी आप सब से साझा करूँगा

ऐसी सच्चाई आप सब से साझा इसलिए की जाती है जिससे आप भी समझ पाए की आयुर्वेद में कितनी शक्ति है

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🌿 अर्जुन की छाल हृदय का रक्षक 🌿आयुर्वेद में अर्जुन वृक्ष को विशेष स्थान दिया गया है। इसकी छाल को हृदय रोगों का सबसे बड़ा...
28/08/2025

🌿 अर्जुन की छाल हृदय का रक्षक 🌿
आयुर्वेद में अर्जुन वृक्ष को विशेष स्थान दिया गया है। इसकी छाल को हृदय रोगों का सबसे बड़ा इलाज कहा गया है। प्राचीन वैद्य और आचार्यों ने इसे हृदयबल्य, रक्तशोधक और जीवनदायी औषधि बताया है।
🌿 अर्जुन छाल के प्रमुख गुण
रस (स्वाद): कषाय (कसैला)
गुण (स्वभाव): शीतल, रुक्ष, स्थिर
वीर्य (तासीर): शीत (ठंडी प्रकृति)
कर्म (मुख्य प्रभाव):
✔️ हृदयबल्य – हृदय को मजबूत करने वाला
✔️ रक्तस्तम्भक – रक्तस्राव रोकने वाला
✔️ व्रणरोपण – घाव जल्दी भरने वाला
✔️ मेदोहर – चर्बी कम करने वाला
✔️ रक्तशोधक – रक्त शुद्ध करने वाला
🌿 अर्जुन छाल के लाभ
1️⃣ हृदय रोगों में वरदान
दिल की धड़कन असमान्य होने पर संतुलन करता है।
हृदय की मांसपेशियों को मज़बूती देता है।
हार्ट अटैक की संभावना घटाता है।
धमनियों की चर्बी गलाता है।
ब्लॉकेज और उच्च रक्तचाप में कारगर।
2️⃣ रक्त व धमनियों के लिए लाभकारी
रक्त शुद्ध करता है।
थक्के बनने से बचाता है।
धमनियों की कठोरता कम करता है।
3️⃣ हड्डियों का रक्षक
हड्डियों की कमजोरी व फ्रैक्चर में लाभकारी।
बुजुर्गों में हड्डी घनत्व बनाए रखता है।
4️⃣ घाव व अल्सर में अमृत समान
घाव जल्दी भरता है।
मुँह के छाले व मसूड़ों से खून रुकता है।
पेट व आँतों के अल्सर में लाभकारी।
5️⃣ स्त्रियों के लिए विशेष
अत्यधिक मासिक धर्म नियंत्रित करता है।
गर्भाशय की कमजोरी व दर्द में लाभ।
6️⃣ अन्य लाभ
अधिक पसीना और दुर्गंध रोकता है।
अस्थमा, खाँसी और फेफड़ों की कमजोरी में उपयोगी।
तनाव व नींद की समस्या दूर करता है।
त्वचा को शीतलता व निखार देता है।
🌿 सेवन विधियाँ
🔹 अर्जुन छाल का काढ़ा – 5–6 ग्राम चूर्ण, 2 कप पानी, आधा रहने पर छानकर सुबह-शाम।
🔹 अर्जुन क्षीर पाक – 1 चम्मच छाल पाउडर, 1 कप दूध + 1 कप पानी, पानी सूखने तक पकाएँ।
🔹 अर्जुन चूर्ण – 3–6 ग्राम, गुनगुने पानी/दूध के साथ, दिन में 1–2 बार।
🔹 बाहरी उपयोग – घाव या सूजन पर लेप, क्वाथ से कुल्ला।
👉 यदि नियमित और सही विधि से लिया जाए तो यह हृदय रोगों के लिए अमृत समान है।

📞 हमारे वैद्य से बात करें: 7042699044
🌿 गुरु आयुर्वेद 🌿

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21/08/2025
13/08/2025

🌿 मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और बुखार का आयुर्वेदिक रामबाण घरेलू उपचार 🌿

मौसम परिवर्तन के समय शरीर की प्रतिकारक शक्ति (इम्यूनिटी) थोड़ी कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दीजुकाम, सिरदर्द और हल्का बुखार आम समस्या बन जाती है। आयुर्वेद में इसे ज्वर, प्रतिश्याय और शिरःशूल के अंतर्गत वर्णित किया गया है। नीचे दिए गए उपाय सरल, सुरक्षित और समय पर अपनाने पर अत्यंत लाभकारी हैं

🌿 मुख्य कारण
ठंडी हवा और धूल का सीधा संपर्क
देर रात तक जागना
अनियमित भोजन और पाचन दोष
अत्यधिक ठंडा या बासी भोजन

🌿 घरेलू उपाय
1️⃣ अदरक-तुलसी-काली मिर्च का काढ़ा
सामग्री
अदरक 1 इंच टुकड़ा (कुचला हुआ)
तुलसी पत्ते 7-8
काली मिर्च 4 दाने
गुड़ स्वादानुसार
पानी एक कप
विधि
सबको पानी में डालकर आधा रहने तक उबालें। गुनगुना गरम-गरम पिएं।

लाभ बलगम पतला करता है, सिरदर्द और ज्वर में राहत देता है।

2️⃣ हल्दी-दूध
रात को सोने से पहले एक कप गरम दूध में ½ चम्मच हल्दी डालकर पिएं।
लाभ: शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और गले की खराश दूर करता है।

3️⃣ भाप (स्टीम)
पानी में पुदीना या अजवाइन डालकर भाप लें।
लाभ -
नाक की बंदी खोलता है और बलगम को बाहर निकालता है।

4️⃣ गुनगुने पानी का सेवन
पूरा दिन केवल गुनगुना पानी पिएं, ठंडा पानी बिल्कुल न लें
लाभ: पाचन सुधरता है कफ का जमाव कम होता है।

5️⃣ नाक में तिल का तेल/अणु तेल
सुबह-शाम 2-2 बूंद नाक में डालें।
लाभ-ठंडी हवा से बचाव होता है और श्वसन मार्ग को नम बनाए रखता है।

🌿बासी, ठंडे व तैलीय भोजन से बचें।
शरीर को ढककर रखें, ठंडी हवा से सीधा संपर्क न हो🌿

पर्याप्त नींद लें और तनाव से दूर रहें।

📞7042699044
🌿गुरु आयुर्वेद 🌿

https://youtube.com/?si=7KmZ6AkIiUnqGT60

09/08/2025

🌸रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं सभी को 🌸

08/08/2025

🌿 पीलिया का आयुर्वेदिक समाधान 🌿

🌿 पीलिया क्या है?
पीलिया एक यकृत (लीवर) संबंधी रोग है जिसमें त्वचा, आंखें और मूत्र का रंग पीला हो जाता है। यह पित्त दोष के असंतुलन और रक्त में बिलीरुबिन की मात्रा बढ़ने के कारण होता है। कमजोरी, भूख न लगना, पीलापन, थकान, बुखार, और गहरे रंग का मूत्र इसके लक्षण हो सकते हैं।

🌿 कारण
आयुर्वेद के अनुसार, पीलिया “कामला” रोग के अंतर्गत आता है। इसके मुख्य कारण हैं -पित्त और रक्त दोष की वृद्ध, अधिक गरिष्ठ, तला-भुना भोजन, शराब या केमिकल युक्त दवाओं का सेवन, लीवर में सूजन या संक्रमण
मानसिक तनाव, नींद की कमी और अग्निमांद्य

🌿 पीलिया नाशक चूर्ण

🔸 पुनर्नवा चूर्ण 50 ग्राम
🔸 भृंगराज चूर्ण 50 ग्राम
🔸 चित्रक मूल चूर्ण 25 ग्राम
🔸 पित्तपापड़ा चूर्ण 25 ग्राम
🔸 त्रिफला चूर्ण 50 ग्राम
🔸 आमलकी चूर्ण 50 ग्राम
🔸 शुद्ध शिलाजीत 5 ग्राम
🔸 संजीवनी वटी 20 गोली

🌿 इन सभी को मिलाकर चूर्ण बना लें।

सेवन विधि
सुबह और शाम भोजन के बाद 1-1 चम्मच चूर्ण गुनगुने जल या शहद के साथ लें।

✅ यह चूर्ण यकृत को शुद्ध करता है, पित्त दोष संतुलित करता है और शरीर से विष व आम को बाहर निकालता है।

🌿 सहायक औषधि
☘️ आरोग्यवर्धिनी वटी 2-2 गोली सुबह-शाम
☘️ पुनर्नवा मंडूर 1-1 गोली दिन में दो बार
☘️ कुमारी आसव 20मल दिन में दो बार
☘️ शुद्ध भृंगराज रस 10मल दिन में दो बार
☘️ यकृत प्लिहारी लौह 125 मिली ग्राम दिन में दो बार

🌿 बाहरी उपाय
☘️ भृंगराज के पत्तों का रस 15मल सुबह खाली पेट लें
☘️ नीम व तुलसी के पत्तों का उबला जल दिनभर पीते रहें
☘️ गेहूं के ज्वार (गोधूम घास) का रस 30मल प्रतिदिन

🚫 परहेज
❌ तला-भुना, मसालेदार, अधिक तेल वाला भोजन
❌ दूध, मिठाई, मैदा, बासी खाना
❌ शराब, धूम्रपान, तनाव, देर रात तक जागना
❌ डिब्बाबंद व रसायन युक्त खाद्य पदार्थ

✅ जीवनशैली सुझाव
✔ ताजे फल, सब्जियां, मूंग दाल, दलिया का सेवन करें
✔ दिनभर गुनगुना जल पिएं
✔ सुबह प्राणायाम करें अनुलोम विलोम, कपालभाति
✔ समय पर भोजन और नींद लें

यदि पीलापन बढ़ता जा रहा हो, बुखार या उल्टी आ रही हो, तो तुरंत आयुर्वेदाचार्य से संपर्क कर नियमित इलाज शुरू करें।
कम से कम 2 से 3 माह तक नियमित सेवन करें, फिर जांच करवाएं।

🌿 गुरु आयुर्वेद 🌿
📞 7042699044

Address

A-19 Chanakya Place Part-1 Opp C-1 Janakpuri
Delhi
110059

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Tuesday 10:30am - 7pm
Wednesday 10:30am - 7pm
Thursday 10:30am - 8pm
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