Guru Ayurveda

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स्वस्थस्य स्वास्थ्य रक्षणं, आतुरस्य विकार प्रशमनं च।

अर्थात: स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा और रोगी के रोग का शमन ही आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य है।

आयुर्वेद के मार्ग पर चलें और जीवन में संतुलन, स्वास्थ्य व सुख की अनुभूति करें।

🌱 गुरु आयुर्वेद 🌱

11/07/2025

🌿 आयुर्वेदिक ऑफर -ग्रुप सदस्य हेतु 2 दिन के लिए 🌿

🗓️12 और 13 जुलाई 2025

🌿गुरु आयुर्वेद परिवार की ओर से
इन तीन दिनों में पाएं सभी प्रमुख आयुर्वेदिक उत्पादों पर सीधी 15% की छूट!

🌿प्रीमियम समूह से जुड़े सदस्यों को मिलेगी अतिरिक्त 3% की विशेष छूट!
(कुल छूट: 18%)

🌿छूट में शामिल औषधियाँ 🌿

🌱 शुगरी चूर्ण
🌱 शुगरी कैप्सूल
🌱 शुगरी प्लस चूर्ण
🌱 अर्शयामृत (बवासीर, भगंदर फ़िस्टूला हेतु अत्यंत लाभकारी सिरप)
🌱 श्याम पेटामृत चूर्ण
🌱 शुगरी प्लस कैप्सूल
🌱 स्वर्णप्राशन
🌱 शतधौत घृत
🌱 देसी वियाग्रा कैप्सूल
🌱 देसी वियाग्रा प्लस कैप्सूल
🌱 पौरुषवर्धक किट (कैप्सूल व तेल सहित)
🌱 पौरुषवर्धक चूर्ण
🌱स्वप्नदोष कैप्सूल
🌱 श्याम केशामृत तेल
🌱 श्यामधारा (हमारा बनाया अमृतधारा ड्रॉप्स)
🌱 योगेन्द्र केश तेल
🌱 श्याम दंतमंजन
🌱 डोडा पनीर
🌱 अश्वगंधादी चूर्ण
🌱 श्याम अस्थमा काढ़ा
🌱 बवासीर किट
🌱शुद्ध च्यवनप्राश
🌱 जोड़ों का दर्द / सर्वाइकल / सायटिका किट
🌱 शुद्ध शिलाजीत
🌱 श्याम हृदयामृत काढ़ा
🌱 गॉल ब्लैडर किट
🌱 किडनी स्टोन किट
🌱 थायरॉइड किट
🌱 अश्वगंधा टेबलेट
🌱 शुद्ध त्रिफला चूर्ण
🌱 श्याम कासामृत (खांसी की आयुर्वेदिक सिरप)
🌱 त्रिफला टेबलेट
🌱किडनी फेल किट (इससे लाभ मिले रोगी की रिपोर्ट्स भेजता रहता हूँ इसपर कोई ऑफर नहीं )
🌱सिद्ध मकरध्वज स्वर्ण युक्त
🌱वजन घटाने की किट
🌱आयुर्वेदिक गर्भ निरोध कैप्सूल
🌱 श्याम लीवरामृत कैप्सूल (हेपेटाइटिस ए,बी,सी और लीवर फेल में रामबाण, लिवर ट्रांसप्लांट से बचाया है इस दवा से )

शहद (प्रति किलो)
(शहद के रेट कम करके लिखे हैं इसपर 15% नहीं है )
1.सरसों का शहद ₹850
2.नीम शहद ₹750
3.देसी मक्खी शहद ₹850
4.जंगली शहद ₹850
5.जामुन शहद ₹850
6.अजवायन शहद ₹900
7.लिची शहद ₹900
8. सौंफ शहद ₹1150
9.सूरजमुखी ₹1150
10.कश्मीरी मल्टी ₹1350 11.हिमाचल मल्टी ₹1300
12.वन तुलसी शहद ₹1350
13.कश्मीरी एकेसिया ₹1450

🌿शहद में बना गुलकंद 400 gm
दालचीनी, इलाइची फ्लेवर =₹750

🌿इसके अलावा यदि आपके रोग अनुसार, किसी विशेष रोग हेतु दवा बनानी पड़ी, तो उस पर भी मिलेगी 15% की छूट!🌿


🚨विशेष 🚨
🔥बवासीर की एक खुराक में ही समाप्त करने वाली औषधि मुफ्त दी जा रही है केवल डिलीवरी देनी होगी

🔥हमारी विशेष बवासीर फ़िस्टूला फिशर की सिरप भी उपलब्ध है इस बार

🔥बुजुर्ग जिसका कोई नहीं हैं उनको दर्द की दवा मुफ्त मिलेगी

🔥लीवर के गंभीर रोग हेतु शक्तिशाली कैप्सूल सफल प्रयोग के साथ इस बार जोड़ा गया है

🔥जोड़ो के दर्द हेतु नई शक्तिशाली गोली बना ली गई है

🔥पेट रोग संबंधित एक शक्तिशाली और बिना आदत लगने वाला चूर्ण श्याम पेटामृत भी आ गया है

🔥हमने श्यामधारा भी बना ली है जो अमृतधारा का स्वनिर्मित रूप है ।

🌿यह ऑफर सिर्फ दो दिन के लिए मान्य है
12 जुलाई 2025 (शनिवार)
13 जुलाई 2025 (रविवार)

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जल्दी करें और इस विशेष छूट का लाभ उठाएं।

🌱 गुरु आयुर्वेद 🌱

🌿लिवर रोगी में मात्र 1 माह में आश्चर्यजनक सुधार🌿मैं आज आपसे अपने एक ऐसे रोगी की कहानी साझा करना चाहता हूँजिसने आयुर्वेद ...
08/07/2025

🌿लिवर रोगी में मात्र 1 माह में आश्चर्यजनक सुधार🌿

मैं आज आपसे अपने एक ऐसे रोगी की कहानी साझा करना चाहता हूँजिसने आयुर्वेद के नियमों और औषधियों का ईमानदारी से पालन कर सिर्फ 1 महीने में अपने लिवर को पुनर्जीवित कर दिया

विनय जी पिछले कई वर्षों से शराब का सेवन कर रहे थे। धीरे-धीरे उनकी सेहत गिरने लगी थकान, आँखों का पीलापन, अपच और कमजोरी जैसे लक्षण बढ़ते गए
जब उन्होंने मुझसे संपर्क किया, तब मैंने LFT करवायाऔर रिपोर्ट देखकर मैं भी चिंतित हो गया।

पहली रिपोर्ट दिनांक 31-05-2025

Total Bilirubin: 3.15 (बहुत अधिक)
SGOT 83.10 (तीन गुना अधिक)
SGPT37.13 (सामान्य से ऊपर)
Alkaline Phosphatase206.2 (दोगुना)
यह रिपोर्ट साफ बता रही थी कि उनका लिवर गंभीर रूप से विषाक्त और क्षतिग्रस्त हो चुका है।
मैंने उन्हें स्पष्ट कहा अब भी समय हैशराब पूरी तरह छोड़िएऔर आयुर्वेद शुरू करें

हमने उन्हें एक यकृतपुनर्निर्माण हेतु औषध दीसाथ ही सख्त परहेज़
❌ शराब पूर्ण त्याग
❌ तला-भुना मसालेदार भोजन बंद
✅ घर का ताजा हल्का भोजन
✅ दिनचर्या नियमित
✅ और मानसिक शांति के लिए योगप्राणायाम

दूसरी रिपोर्ट दिनांक 05-07-2025

Total Bilirubin 1.08
SGOT 24.75
SGPT 22.61
Conjugated Bilirubinघटकर 0.36
Alkaline Phosphatase थोड़ा बढ़ा 263.2 जो अब केवल निगरानी योग्य है।

🌿मात्र एक माह में SGOT और SGPT पूरी तरह सामान्य, और Bilirubin में 65% से अधिक सुधार।

मैं आप सबसे यही कहूँगा
औषधियाँ तो एक भाग हैं,पर सबसे बड़ी औषधि है अनुशासन
🌿 विनय जी ने एक दिन भी शराब की ओर नहीं देखा
🌿 हर औषध समय से ली
🌿 और आयुर्वेदिक परहेज़ों का पूरा पालन किया

आज जब लोग "लिवर फेलियर" जैसे शब्द सुनते ही डर जाते हैं एलोपैथिक दवाओं से थक चुके होते हैं
तब आयुर्वेद उन्हें आशा का एक नया दीपक देता है।

🌿 मुझे गर्व है कि विनय जी जैसे रोगी ने आयुर्वेद पर पूर्ण आस्था जताई और आज उनका लिवर लगभग सामान्य है।🌿

🌿दोनों रिपोर्ट संलग्न हैं ताकि कोई इसे कोरी बात न माने।

अगर कोई अपने या अपने परिजनों के लिवर रोग को लेकर चिंतित है तो यह सच्ची कहानी उनके लिए एक प्रेरणा बन सकती है।
📞7042699044
🌿गुरु आयुर्वेद 🌿























आयुर्वेद
#जागरूकता
#रोगमुक्त_भारत

05/07/2025

🌿 अर्श / बबासीर 🌿
रोग परिचय – इसमें गुदाद्वार पर मस्से फूल जाते हैं। मलद्वार की नसें फूल जाने से वहाँ की त्वचा कठोर (सख्त) सी हो जाती है और अंगूर की भांति एक-दूसरे से जुड़े हुए मस्सों के गुच्छे उभर आते हैं। इनमें रक्त बहता है, तब खूनी बवासीर कहलाती है। इसमें अत्यन्त तीव्र जलन व पीड़ा होती है। रोगी का उठना-बैठना मुश्किल हो जाता है।

✅ उपचार
🌿 एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़कर उसमें शीरा 2 छोटे चम्मच डालकर खूब घोटकर सेवन करना लाभप्रद है।

🌿 नागकेशर तथा खूनखराबा – दोनों को सम मात्रा में पीसकर तथा कपड़े से छानकर 1-2 माशा की मात्रा में ताजे पानी से दिन में 3-4 बार प्रयोग करायें। बबासीर का रक्त शर्तिया रुक जाता है। यही औषधि यदि हरे धनिये के रस या अनार के मीठे रस से सेवन कराई जाये तो अत्यन्त ही प्रभावशाली हो जाती है।

🌿 रीठे का छिलका जलाया हुआ तथा सफेद कत्था 1-1 तोला को मिलाकर पीसकर चूर्ण बनाकर सुरक्षित रख लें। इस योग को 3-3 माशा की मात्रा में सुबह-शाम मक्खन या मलाई के साथ सेवन कराना खूनी बबासीर में लाभप्रद है।

🌿 भाँग के पत्ते, बिनौले के बीजों की गिरी, रसौत (प्रत्येक 3 माशा) लेकर गुलाब के अर्क में पीसकर मस्सों पर लगाना अतीव गुणकारी है।

🌿 रीठे का छिलका जलाया हुआ, बकायन के बीजों की गिरी, सफेद कत्था प्रत्येक 1 तोला, लौह भस्म 6 माशा – सभी को मैदा की भांति सूक्ष्म पीसकर 1 माशा की मात्रा में 1 छटांक मक्खन में मिलाकर सुबह-शाम सेवन करायें। बबासीर का अत्यन्त सफल योग है। बबासीर का रक्त शीघ्रता से बंद हो जाता है।

🌿 हरड़ पीसकर और कपड़े से छानकर पानी में लेप बनाकर (एक ग्राम लेप में) 2 रत्ती अफीम तथा चौथाई गुनी वैसलीन मिलाकर मरहम बना लें। इसको मस्सों व गुदा के अंदर लगाने से दर्द, जलन, खुजली व रक्त आने को आराम आ जाता है। हरड़ का चूर्ण फाँकना भी लाभप्रद है।

🌿 नींबू का रस निकालकर साफ कपड़े से छानकर बराबर मात्रा में मूंगफली का तेल भली प्रकार फेंटकर ड्रॉपर या ग्लिसरीन सिरिंज से 2-3 छोटे चम्मच भरकर रात को सोते समय एक सप्ताह निरन्तर गुदा में डालना (प्रवेश कराना) बबासीर में अत्यन्त ही गुणकारी है।
इसी प्रकार ऑलिव ऑयल (जैतून का तेल) 1 औंस की मात्रा में एनीमा की भाँति गुदा में प्रवेश कराना लाभप्रद है। जैतून का तेल उपलब्ध न होने पर मूंगफली के तेल का भी प्रयोग कर सकते हैं।
इसी प्रकार शार्क लीवर ऑयल या कॉड लिवर ऑयल (मछली का तेल) का प्रयोग करना भी गुणकारी है।
इसी प्रकार ग्लिसरीन में ठंडा पानी भरकर (4-5 औंस की मात्रा में) दिन में 2-4 बार प्रयोग कराना लाभकारी है।

🌿 विटामिन 'E' ऐलोपैथी दवा – ईवियॉन या विटियोलीन कैप्सूल को ब्लेड से काटकर इसका तेल मस्सों पर मलने से सूजन, जलन, कब्ज दूर हो जाती है तथा निरन्तर प्रयोग से मस्से सूख जाते हैं।

🌿 बबासीर के मस्से सूज जाने, उनमें दर्द व खुजली होने पर उबलते पानी में साफ कपड़ा डुबोकर व निचोड़कर मोटी गद्दी बनाकर लेटने (लेट जाने) से तुरन्त कष्ट कम हो जाते हैं।
इसी प्रकार उबलते पानी के बर्तन में थोड़ा सा सतासीन का तेल डालकर बेंत वाली कुर्सी पर बैठकर (कपड़े निकालकर नंगे होकर बैठें) तथा कुर्सी के चारों ओर मोटा कपड़ा या कम्बल लपेट कर भाप से मस्सों पर सिंकाई करना अत्यन्त ही लाभप्रद है।

🌿 किसी बर्तन में पानी भरकर उसमें चुम्बक डालकर रात भर पड़ा रहने दें, दिन को चुम्बक निकाल लें। इसे 1-2 औंस ताजे पानी में मिलाकर दिन में 3-4 बार पिलाना भी बबासीर में लाभप्रद है।
इसी प्रकार तिलों के तेल में 2-3 दिन तक चुम्बक (मैग्नेट) डुबोकर रख देने से उसमें भी चुम्बक की शक्ति आ जाती है। यह तेल बबासीर के मस्सों, जोड़ों के दर्द व सूजन तथा हर प्रकार के दर्द में मालिश करने हेतु उपयोगी है।

🌿 जब भी पेशाब (मूत्र) करने जाएँ – अपना मूत्र अंजुलि में भरकर बबासीर के मस्सों को धो लिया करें। दो माह के निरन्तर इस प्रयोग से बबासीर की हमेशा के लिए विदाई हो जायेगी।

🌿 कुचला को मिट्टी के तेल में घिसकर मस्सों पर लगाने से मस्से सूख जाते हैं।

🌿 पीली राल 50 ग्राम लेकर बारीक पीस लें। इसे प्रतिदिन 6 ग्राम की मात्रा में 125 ग्राम दही में मिलाकर सेवन करना खूनी बबासीर का अचूक इलाज है। एक सप्ताह सेवन करें। मात्र 2-3 दिन में रक्त आना बंद होता है।

🌿 नागकेशर और मिश्री – दोनों सम मात्रा में लेकर सूक्ष्म पीसकर चूर्ण बनाकर रखें। इसकी 6 ग्राम की मात्रा को 125 ग्राम दही में मिलाकर सेवन कराने से सभी प्रकार की अर्श (बवासीर) में लाभ होता है।

🌿 अमरबेल का स्वरस 50 ग्राम में काली मिर्च (5 नग) का चूर्ण मिलाकर खूब घोटकर नित्य प्रातःकाल सेवन कराने से खूनी-बादी दोनों ही प्रकार की बबासीर में 3 दिन में ही लाभ होता है।

🌿 कचूर का महीन चूर्ण 1 ग्राम की मात्रा में नित्य सुबह-शाम जल के साथ सेवन कराने से मात्र 14 दिन में ही बवासीर में लाभ होता है।

🌿 नीम के बीज की गिरी का तेल 2 से 5 बूँद शक्कर के साथ खाने या कैप्सूल में भरकर निगलने से (थोड़े दिनों में ही) खूनी या बादी – दोनों ही प्रकार की बवासीर में लाभ हो जाता है।

🌿 चार-पाँच मूली के कंद में से ऊपर का सफेद रेशा तथा पत्तों को अलग करके शेष कंद को कूटकर रस निकाल लें। फिर इस रस को 6 ग्राम की मात्रा में लेकर घी मिलाकर नित्य प्रातःकाल सेवन कराने से रक्तार्श दूर हो जाता है तथा शुष्कार्श में भी लाभ होता है।

🌿 कमल केशर 3 ग्राम, नागकेशर 3 ग्राम, शहद 3 ग्राम तथा मक्खन 6 ग्राम – सभी को मिलाकर प्रतिदिन सेवन करना रक्तज बवासीर में लाभप्रद है।

🌿 करेलों का अथवा करेले के पत्तों का रस 20 ग्राम में 10 ग्राम मिश्री मिलाकर प्रतिदिन सवेरे 7 दिन पीने से रक्तज अर्श ठीक हो जाता है।

🌿 प्याज के महीन-महीन टुकड़े करके धूप में सुखा लें। सूखे टुकड़ों में से 10 ग्राम प्याज लेकर घी में तलकर, बाद में एक ग्राम तेल और 20 ग्राम मिश्री मिलाकर नित्य सवेरे सेवन करना अर्श में लाभप्रद है।

🌿 ग्वार के पत्तों का अर्क प्रातः व सायं 25-25 मि.ली. (गर्मी में मिश्री के अनुपान से, बरसात में काली मिर्च से तथा जाड़ों में फीका) पीने से खूनी-बादी दोनों ही प्रकार के बवासीर में लाभ होता है।

🌿 काले तिल लें, उन्हें धोकर छाया में आधा सुखा लें (फरहरे करें)। तदुपरांत तवे पर घी डालकर धीमी अग्नि से भूनकर उतार लें। फिर उन्हें ठंडा करके समभाग बूरा मिलाकर 3-3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम सेवन कराने से रक्तार्श में विशेष लाभ होता है।

🙏 आयुर्वेद सम्मत यह उपाय अनुभवी वैद्यों द्वारा प्रयुक्त व प्रमाणित हैं। संयम, नियमितता और आहार-विहार पर नियंत्रण रखें।
📞7042699044
🌿 गुरु आयुर्वेद🌿





02/07/2025

🌿मासिक धर्म सम्बन्धी कष्ट का एक अनुभूत प्रयोग🌿

🌿ये अनुभव हमारी एक माताजी का है आप लोगो से भी साझा कर रहा हूँ🌿

🌿जिस दिन मासिक स्त्राव (माहवारी) प्रारम्भ हुआ है उस दिन से अजवायन
का काढ़ा बनाकर ले। दो कप पानी में साफ किया हुआ दो चम्मच भर अजवायन डालकर धीमी आग पर उबलने के लिए रख दे। जब पानी एक कप रह जाए तो इसमें स्वाद के अनुसार गुड़ (गुड़ पुराना अधिक अच्छा रहता है) डालकर थोड़ा उबालकर छान लें और इस अजवायन के काढ़े की सुबह एक मात्रा और शाम ऐसी एक मात्रा तीन दिन तक लें। इस प्रकार कुल छः खुराके लेने के बाद यह काढ़ा बन्द कर दें, अगले मास तक के लिए। अगले मास पुनः मासिक धर्म प्रारम्भ होने पर रोगिणी को ऐसा लगेगा कि पिछले मास की अपेक्षा इस बार उसकी मासिक धर्म सम्बन्धी तकलीफों में कुछ राहत अवश्य मिली है। इस महीने भी पिछले महीने की तरह पुनः अजवायन का काढ़ा लेने की प्रक्रिया दोहराये। हर मास रोगिणी अपनी शारीरिक पीड़ा में बहुत राहत महसूस करने लगेगी। इस प्रकार रोगिणी का मासिक प्रतिमास नियमित एवं सामान्य होता चला जाएगा।

मासिक धर्म का समय पर न आना, कष्ट से आना, एवं अचानक रूक- रूक कर आना आदि मासिक धर्म सम्बन्धी समस्त शिकायतें इस प्रयोग से दूर हो जाती हैं।🌿

📞7042699044

🌿गुरु आयुर्वेद 🌿

#गुरु_आयुर्वेद



01/07/2025

🌿 फाइलेरिया (हाथीपांव) का आयुर्वेदिक उपचार 🌿

🌿फाइलेरिया, जिसे आयुर्वेद में श्लीपद कहा गया है, एक जटिल रोग है जिसमें अंगों, विशेषकर पैरों में असामान्य सूजन आ जाती है। यह रोग वात व कफ दोषों की विकृति से उत्पन्न होता है।🌿

🌿 उपाय🌿
🌿 छोटी हरड़ (हरितकी) को अरंडी के तेल (कैस्टर ऑयल) में हल्का भून लें।
🌿 इस भुनी हुई हरड़ को प्रातः खाली पेट चबा कर या गुनगुने जल से निगलें।
🌿 इसके तुरंत बाद 25 मिली शुद्ध गौमूत्र सेवन करें। (गौमूत्र ताजे देशी गौवंश का होना चाहिए)

🌿 यह योग शरीर से संचित वात व कफ दोषों को संतुलित करता है, सूजन को कम करता है और रक्त व लसीका तंत्र को शुद्ध करता है।

यह प्रयोग लगातार 21 से 40 दिन तक करें या जब तक लाभ स्पष्ट रूप से दिखने लगे।
🌿 गंभीर अवस्था में वैद्य की देखरेख में प्रयोग करें।

🌿गर्भवती महिला, मासिक धर्म के समय, या अति दुर्बल व्यक्ति इसे न लें।
उच्च रक्तचाप, हृदय रोग या अन्य रोग हो तो पहले वैद्य से परामर्श लें।
गौमूत्र हमेशा ताजे और स्वस्थ देशी गाय का होना चाहिए।

🌿 अतिउत्तम परिणाम हेतु साथ में ये आयुर्वेदिक अनुशासन अपनाएं🌿

🌿नमक व खटाई का सीमित सेवन करें
भारी, तले हुए व वातवर्धक भोजन से परहेज करें
त्रिफला चूर्ण रात में सेवन करें (शरीर को अंदर से साफ़ रखने हेतु)
पंचकर्म (विशेषतः विरेचन व बस्ती कर्म) वैद्य के अनुसार करवाना लाभदायक रहेगा
🌿नियमित प्रयोग व संयमित जीवनशैली से हाथीपांव जैसे रोग भी जड़ से ठीक हो सकते हैं। आयुर्वेद में समाधान है भरोसा करें, परिणाम मिलेगा। 🌿

📞7042699044
🌿गुरु आयुर्वेद 🌿



#गुरु_आयुर्वेद

30/06/2025

कुछ महीने पहले की बात है...
मैं एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने गाँव गया था। वहाँ एक पुराना दोस्त मिला चेहरे पर मुस्कान तो थी, लेकिन आँखों में एक अजीब सी थकान दिख रही थी
थोड़ी देर बाद जब अकेले में बात हुई तो बोल पड़ा
"भाई काफ़ी दिनों से पथरी की तकलीफ है... न दिन चैन है, न रात नींद। डॉक्टर कहते हैं ऑपरेशन ही रास्ता है...
इतना कहते-कहते उसकी आँखें भीग गईं
मैं कुछ पल चुप रहा... फिर याद आया एक पुराना आयुर्वेदिक नुस्खा जो मेरे नानाजी ने कभी मुझे बताया था।

मैंने उससे कहा
एक बार इसे आज़मा कर देख...
तीन चीज़ें लेनी हैं

1️⃣ जवाखार जिसे यवक्षार भी कहते है – 7 ग्राम
2️⃣ कलमी शोरा – 7 ग्राम
3️⃣ सुहागा (शुद्ध) – 7 ग्राम

इन्हें मिलाकर बारीक चूर्ण बना ले, फिर 1-1 ग्राम की 21 पुड़ियाँ तैयार कर।

अब हर सुबह खाली पेट इसे कुल्थी के काढ़े के साथ लो
कुल्थी की दाल 6 ग्राम, एक गिलास पानी में उबालकर जब एक चौथाई पानी बच जाए, वही काढ़ा बनता है।

उसने बिना एक दिन छोड़े उस नुस्खे को अपनाया।

करीब एक महीने बाद उसका फोन आया आवाज़ कांप रही थी, लेकिन इस बार खुशी सेभाई... पथरी गल गई।
डॉक्टर बोले अब कुछ भी ऑपरेशन की ज़रूरत नहीं। तेरा वो देसी नुस्खा जैसे जीवनदान दे गया...

अगर आप भी किसी को इस दर्द से गुज़रते देखें...
तो ये नुस्खा ज़रूर बताएं।
शायद किसी की ज़िंदगी फिर मुस्कुरा उठे।

मैंने यही उपाय एक मित्र को भी बताया जिसने इस दवा से ना जाने कितनी लोगो की पथरी निकाली।

🌿वैद्य योगेन्द्र पाराशर🌿

26/06/2025

🌿एक अच्छा उपाय याद आया सोचा अपने गुरु आयुर्वेद परिवार से साझा कर लूँ 🌿

नागकेशर तथा खून खराबा दोनों को सम मात्रा में पीसकर तथा कपड़े से छानकर 1-2 माशा की मात्रा में ताजा पानी से दिन में 3-4 बार प्रयोग करायें। बवासीर का रक्त शर्तिया रुक जाता है। यही औषधि यदि हरे धनिये के रस या अनार के मीठे रस से सेवन कराई जाये तो अत्यन्त ही प्रभावशाली हो जाती है।

वैद्य योगेन्द्र पराशर

✅ चरबी घटाने का रामबाण आयुर्वेदिक उपाय (मोटापा नाशक चूर्ण) ✅🌿 औषधि निर्माण विधि 🌿  सभी सामग्री को बराबर मात्रा में लेकर ...
17/06/2025

✅ चरबी घटाने का रामबाण आयुर्वेदिक उपाय (मोटापा नाशक चूर्ण) ✅

🌿 औषधि निर्माण विधि 🌿
सभी सामग्री को बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें:

🌱 त्रिफला – 100 ग्राम
🌱 गुग्गुल शुद्ध – 100 ग्राम
🌱 विधारा मूल – 100 ग्राम
🌱 चित्रक मूल – 100 ग्राम
🌱 सोंठ – 100 ग्राम
🌱 पिपली – 50 ग्राम
🌱 काली मिर्च – 50 ग्राम
🌱 वायविडंग – 50 ग्राम
🌱 लौकी के सूखे बीज – 50 ग्राम

*सेवन विधि*:
सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले 5 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।

🌿 अन्य घरेलू उपाय 🌿

🌱 तुलसी के 3–5 पत्ते + 2 काली मिर्च सुबह खाली पेट
🌱 गुनगुने पानी में नींबू + शहद (⚠️ *डायबिटिक रोगी शहद न लें*)
🌱 त्रिफला चूर्ण 5 ग्राम रात को
🌱 हफ्ते में एक दिन फलाहार उपवास

🥗 क्या खाएं 🥗
🌱 हल्का व सुपाच्य भोजन
🌱 गेहूं + चने के आटे की रोटी
🌱 हरी सब्ज़ियाँ, फल, सलाद
🌱 त्रिफला क्वाथ या ग्रीन टी
🌱 लौकी/तोरी सप्ताह में 3 बार

🚫 क्या न खाएं 🚫
❌ तली चीज़ें, पिज़्ज़ा, बर्गर, मिठाइयाँ
❌ दूध-दही एक साथ न लें
❌ भोजन के बाद तुरंत न सोएँ

🌱गुरु आयुर्वेद🌱

#मोटापा_नाशक #चरबी_घटाएं #आयुर्वेदिक_उपचार #गुरु_आयुर्वेद ें #स्वस्थ_रहो #आयुर्वेदिकचूर्ण #घरेलूनुस्खे

🌿 लहसुन: घरेलू रोगों में चमत्कारी उपयोग 🌿🔶 1. हृदय रोग में लाभकारी🌱 रोज सुबह खाली पेट 1-2 कच्ची लहसुन की कलियाँ गुनगुने ...
06/06/2025

🌿 लहसुन: घरेलू रोगों में चमत्कारी उपयोग 🌿

🔶 1. हृदय रोग में लाभकारी
🌱 रोज सुबह खाली पेट 1-2 कच्ची लहसुन की कलियाँ गुनगुने पानी से लें।
🌱 यह कोलेस्ट्रॉल को घटाता है और ब्लड प्रेशर नियंत्रित करता है।

🔶 2. जोड़ों का दर्द और गठिया
🌱 लहसुन को तिल के तेल में भूनकर गुनगुना करके दर्द वाले स्थान पर मालिश करें।
🌱 दर्द, सूजन और जकड़न में आराम मिलता है।

🔶 3. पाचन समस्या (गैस, कब्ज, अपच)
🌱 1 चम्मच लहसुन का रस + चुटकी भर सैंधव नमक गुनगुने पानी के साथ लें।
🌱 इससे गैस, अपच और भूख की कमी में राहत मिलती है।

🔶 4. सांस की तकलीफ, खांसी व बलगम
🌱 2 लहसुन की कलियाँ पीसकर 1 चम्मच शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार लें।
🌱 यह कफ निकालता है और सांस लेने में आसानी करता है।

🔶 5. त्वचा रोग (खुजली, फोड़े-फुंसी)
🌱 लहसुन का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं।
🌱 यह संक्रमण कम करता है और त्वचा साफ करता है।

🔶 6. आंतों के कीड़े
🌱 सुबह खाली पेट 2 कच्ची लहसुन की कलियाँ चबाएं।
🌱 इससे पेट के कीड़े समाप्त होते हैं।

🔶 7. मधुमेह (शुगर)
🌱 1 चम्मच लहसुन रस + कुछ बूँद करेला रस मिलाकर सेवन करें।
🌱 यह ब्लड शुगर नियंत्रित करने में मदद करता है।

🔶 8. कमज़ोरी और नपुंसकता
🌱 1 चम्मच लहसुन का रस + आधा चम्मच गाय का घी + मिश्री मिलाकर लें।
🌱 इससे शारीरिक शक्ति और पुरुषों की कमजोरी में लाभ होता है।

🔶 9. कान का दर्द या मवाद
🌱 लहसुन को सरसों के तेल में गर्म करके छान लें और गुनगुना करके 2-2 बूंद कान में डालें।
🌱 इससे कान दर्द और मवाद में राहत मिलती है।

🌿 बहुत अधिक मात्रा में लहसुन न लें।
🌱 जिन लोगों को पेट में जलन या गर्मी की शिकायत हो, वे सीमित मात्रा में ही लें।
🌱 कोई रोग पुराना हो तो चिकित्सक की सलाह जरूर लें।

🌿गुरु आयुर्वेद 🌿

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02/06/2025

🌿त्वचा का रंग निखारने का आयुर्वेदिक उपाय जो क्रीमों को भी फेल कर दे 🌿

🌱 यदि आप प्राकृतिक रूप से चेहरे की रंगत निखारना चाहते हैं तो यह आयुर्वेदिक उपाय आपके लिए रामबाण सिद्ध हो सकता है। यह नुस्खा त्वचा को पोषण देकर उसे अंदर से उजला बनाता है।

🌿 सामग्री 🌿

बकुला (बाकला) बीज – 50 ग्राम
चना दाल – 50 ग्राम
गोंद कतीरा – 25 ग्राम
बादाम – 25 ग्राम

🌿 विधि🌿
🌱 उपरोक्त सभी चीजों को अच्छी तरह सुखाकर महीन चूर्ण बना लें।
🌱 इसे छानकर किसी कांच की शीशी में सुरक्षित रखें।

🌿 उपयोग विधि🌿

प्रतिदिन रात को आधा चम्मच चूर्ण लेकर थोड़ा सा पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं।
इस पेस्ट को चेहरे पर अच्छी तरह लगाएं।
इसे कम से कम 3 घंटे तक लगा रहने दें या फिर रातभर भी रख सकते हैं।
सुबह हल्के गुनगुने पानी से चेहरा धो लें।
🌿 लाभ🌿
🌱 चेहरे की रंगत प्राकृतिक रूप से निखरती है।
🌱 त्वचा कोमल, चमकदार और युवा बनी रहती है।
🌱 सात दिनों में ही असर दिखाई देने लगता है।

🌿इस उपाय के साथ नींद पूरी लें, पानी भरपूर पिएं और तैलीय भोजन से बचें।

यदि क़ब्ज़, गैस बदहज़मी रहती हो तो रात्रि एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का गुनगुनेजल या दूध से सेवन करे।

🌿
त्रिफला आयुर्वेदिक दुकान से ले अथवा हमारा स्वनिर्मित त्रिफला भी मंगवा सकते हैं 🌿

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🌱 गुरु आयुर्वेद 🌱

🌿माँ के दूध की कमी – आयुर्वेदिक रामबाण समाधान🌿🌱1️⃣ शतावरी-मिश्री-जीरा चूर्णशतावरी – 30 ग्रामसफेद जीरा – 30 ग्राममिश्री –...
29/05/2025

🌿माँ के दूध की कमी – आयुर्वेदिक रामबाण समाधान🌿

🌱1️⃣ शतावरी-मिश्री-जीरा चूर्ण
शतावरी – 30 ग्राम
सफेद जीरा – 30 ग्राम
मिश्री – 60 ग्राम
👉 तीनों को बारीक पीसकर चूर्ण बना लें।
📌 सेवन विधि: 5–10 ग्राम चूर्ण हल्के गर्म गाय के दूध के साथ सुबह-शाम सेवन कराएं।

🌱2️⃣ सौंफ-शतावरी-चना योग
शतावरी – 5 ग्राम
सौंफ – 5 ग्राम
👉 चूर्ण बनाकर माँ को खिलाएं।
📌 ऊपर से 30 ग्राम चने को 250 मि.ली. गाय के दूध में 6 घंटे भिगोकर, दूध छानकर पिलाएं।

🌱3️⃣ बादाम-सौंफ-मिश्री योग
भुनी हुई सौंफ – 200 ग्राम
बादाम की गिरी – 200 ग्राम
सफेद जीरा – 100 ग्राम
मिश्री – 500 ग्राम
👉 सभी को मिलाकर बारीक चूर्ण बना लें।
📌 सेवन विधि: 1-1 चम्मच चूर्ण, सुबह-शाम गाय के गुनगुने दूध के साथ सेवन कराएं।

🌱4️⃣ छोटी इलायची योग
सफेद जीरा – 20 ग्राम
छोटी इलायची के दाने – 10 ग्राम
खीरा व कद्दू के बीज – 5-5 ग्राम
👉 सभी को पीसकर 8 भाग करें।
📌 1 भाग सुबह और 1 शाम, गाय के दूध के साथ सेवन कराएं।

🌱5️⃣ शतावरी पाक विधि
शतावरी चूर्ण को उचित मात्रा में लेकर गाय के दूध में पकाएं।
📌 गुनगुना करके पीने से बलवर्धन और दूध बढ़ाने में लाभ होता है।

🌱6️⃣ स्तनों पर बाह्य प्रयोग
अरण्ड के पत्तों को गरम कर छातियों पर बाँधें
या अरण्ड के तेल से हल्के हाथों से मालिश करें
या पत्तों को पानी में उबालकर उसमें कपड़ा भिगोकर गर्म सेंक दें।

🌿आहार संबंधी सुझाव🌿

देसी गाय का दूध, घी, नारियल, साग, भिंडी, मूँग दाल
मीठा स्वाद, संतुलित नमक
पर्याप्त नींद और मानसिक शांति आवश्यक

🌿 नियमित सेवन से 7–10 दिनों में स्पष्ट लाभ दिखाई देता है। ये सभी योग माँ और शिशु दोनों के लिए हितकारी हैं।

🌱गुरु आयुर्वेद🌱

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झड़ते बाल, सफेदी और गंजेपन का आयुर्वेदिक समाधान – कारण व उपचार(PCOS, थायरॉइड, एलोपेसिया सहित सभी कारणों को ध्यान में रखक...
27/05/2025

झड़ते बाल, सफेदी और गंजेपन का आयुर्वेदिक समाधान – कारण व उपचार

(PCOS, थायरॉइड, एलोपेसिया सहित सभी कारणों को ध्यान में रखकर)

क्या आपके बाल भी...

तेज़ी से झड़ रहे हैं?
सफेद हो रहे हैं या गंजापन दिखने लगा है?
एलोपेसिया, तनाव या PCOS से बाल उड़ने लगे हैं?
तो यह आयुर्वेदिक समाधान आपके लिए है – पूरी तरह घरेलू, प्राकृतिक और शुद्ध।

✅ बाल झड़ने के प्रमुख कारण
🌿 कमजोर पाचन, गैस व कब्ज
🌿 रक्त में अशुद्धि (रक्त दोष)
🌿 नींद की कमी, चिंता और मानसिक तनाव
🌿 विटामिन D, B12, Zinc, Iron की कमी
🌿 बार-बार हेयर डाई, रंग और रासायनिक शैंपू का प्रयोग
🌿 देर रात तक जागना और असमय भोजन
🌿 हार्मोन गड़बड़ी (PCOS, थायरॉइड, एंड्रोजन अधिकता)
🌿 मासिक धर्म की अनियमितता
🌿 अनुवांशिक कारण
🌿 एलोपेसिया (Autoimmune रोग)
🌿 लंबे समय तक कोई बीमारी या दवा
🌿 प्रसव के बाद बाल झड़ना

✅ अंदर से पोषण देने वाला चूर्ण (Hair Strength Formula)
(सभी चूर्ण 50-50 ग्राम):

आंवला
भृंगराज
त्रिफला
गोखरू
अश्वगंधा
मुलेठी
सेवन विधि:
1 चम्मच सुबह खाली पेट + 1 चम्मच रात को सोते समय
गुनगुने पानी या गाय के दूध के साथ
(कम से कम 90 दिन लें)

✅ तेल जो बालों की जड़ों में जान फूंके:
सामग्री:

नारियल तेल – 250 मि.ली.
भृंगराज – 20 ग्राम
ब्राह्मी – 10 ग्राम
आंवला – 10 ग्राम
नीम पत्ते – 10 नग
मेथी – 1 चम्मच
तुलसी – 10 पत्ते
कपूर – 2 टुकड़े (तेल ठंडा होने पर डालें)
बनाने की विधि:
तेल में सब जड़ी-बूटियाँ डालकर धीमी आंच पर पकाएं
गाढ़ा होने पर छान लें और कांच की शीशी में भरें

प्रयोग:
रात को सोने से पहले सिर की जड़ों में मालिश करें
सुबह आयुर्वेदिक शैंपू से धो लें

✅ रक्त और त्वचा शुद्ध करने वाला रस
आंवला रस – 30 मि.ली.
एलोवेरा रस – 10 मि.ली.
गुनगुना पानी – 1 गिलास
प्रयोग: सुबह खाली पेट, लगातार 90 दिन
✅ डैंड्रफ और खुजली के लिए घरेलू Hair Mask
2 चम्मच दही
1 चम्मच नींबू रस
½ चम्मच त्रिफला चूर्ण
प्रयोग: सप्ताह में एक बार सिर की त्वचा पर लगाएं, 30 मिनट बाद धो लें
✅ आहार और जीवनशैली
पथ्य (क्या खाएं):

आंवला, गाजर, चुकंदर
भिगोए हुए बादाम, खजूर, अखरोट
देसी गाय का दूध व घी
ताजे फल, हरी सब्जियाँ, साफ जल
अपथ्य (क्या न खाएं):

तला-भुना, तीखा, अधिक चाय-कॉफी
केमिकल शैंपू, हेयर डाई
देर रात जागना, दिन में सोना
अत्यधिक मानसिक तनाव
विशेष उपचार – “श्याम केशामृत तेल” से
➡️ 30+ आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ
➡️ झड़ते, सफेद होते, और गंजे बालों में लाभकारी
➡️ खुजली, डैंड्रफ, सिर की गर्मी में भी असरदार
➡️ पूर्णतः रसायन रहित, प्राकृतिक, सुरक्षित

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