30/10/2025
कभी सोचा है—हम रोज़ भगवान से माँगते तो हैं,
पर कभी उनसे जुड़ने की कोशिश करते हैं क्या?
धर्म का मतलब सिर्फ मंदिर में सिर झुकाना नहीं होता,
धर्म का मतलब है—अपने भीतर की रोशनी को जगाना।
भगवान को खुश करने के लिए दीपक जलाना जरूरी नहीं,
कभी किसी के दिल का अंधेरा मिटा दीजिए—वही असली पूजा है।जब आपका मन पवित्र होता है,तो आपकी ऊर्जा ब्रह्मांड तक जाती है।वो ऊर्जा आपको वैसा ही लौटा देती है —अगर आपने प्रेम दिया,तो प्रेम लौटेगा।अगर आपने भय फैलाया,तो भय ही लौटेगा।यही कर्म का चक्र है।ब्रह्मांड गवाह है हर उस भावना का जो आपके भीतर उठती है।